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मनुवादि इस देश की अमिरी से ही लंगटा लुचा से उचा बने हुए हैं

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मनुवादि इस देश की अमिरी से ही लंगटा लुचा से उचा बने हुए हैं एक जानकारी विडियो देख रहा था , जिसमे कही गई बाते यदि सत्य है कि इस कृषी प्रधान देश के आदिवासी क्षेत्रो में ग्यारह हजार लाख करोड़ की प्राकृति खनिज संपदा दर्ज है | जिसे लुटने के लिए विदेशी डीएनए के कबिलई मनुवादि और दुसरे भी विदेशी डीएनए के कबिलई लोग राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय लुटेरे बनकर लुट रहे हैं | जो स्वभाविक भी है क्योंकि ऐसे लोगो की कबिलई पुर्वजे अपनी लंगटा लुचा जिवन को उचा बनाने के लिए ही तो इस देश में लुटपाट करने और यहाँ के मुलनिवासियो को गरिब बीपीएल बनाने के लिए हजारो सालो से आते रहे हैं | जिनकी नई पिड़ी भी अपने कबिलई लुटेरे पिड़ियो की परजिवी विरासत को ही मुल रुप से अपना आदर्श मानकर आज भी जिन जिन देशो में प्राकृति खनिज संपदा का अंबार है वहाँ पर नजर गड़ाये हुए हैं | जिसके बारे में प्रयोगिक रुप से पता करनी हो तो इस कृषि प्रधान देश में जिन जिन क्षेत्रो में प्रकृति खनिज संपदा का अंबार है , वहाँ के मुलनिवासियो की गरिबी भुखमरी और पलायन वगैरा के बारे में विस्तार पुर्वक पता कर लें पता चल जायेगा कि लुटेरे लुटपाट करक