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भारत india चुनाव 2024

  भारत india चुनाव 2024 भारत इंडिया चुनाव में मनुवादि भाजपा गठबंधन भारत या मनुवादि कांग्रेस गठबंधन इंडिया किसे चुना जाय , या फिर मनुवादि गुलाम भारत या अंग्रेज गुलाम इंडिया चुना जाय ? मेरे विचार से तो गुलाम करने वाले मनुवादि और गुलाम करने वाले अंग्रेज से पुरी आजादी पाने के बजाय यदि किसी गुलाम करने वाले को ही फिर से गुलाम होने के लिये चुनना है, तो गुलाम भारत इंडिया चुनाव में भाजपा या कांग्रेस को एकतरफा सिर्फ एक गुलाम करने वाले को ही वोट करने के बजाय मनुवादि और अंग्रेज दोनो को उम्मिदवार बनाकर वोट करनी चाहिए,क्योंकि यदि गुलाम करने वाले को ही वोट करना है तो फिर एकतरफा कांग्रेस भाजपा को ही क्यों अंग्रेज को भी चुनावी उम्मीदवार बनाकर पक्ष विपक्ष वोट होने से चुनाव का परिणाम भी दो गुलाम करने वालो में मनुवादि या फिर अंग्रेज इन दोनो में कौन कम हानिकारक और कम खतरनाक है यह चुना जा सकेगा गुलाम बनाने वालो को ही सत्ता में बैठाने के लिए !   जिस चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल का बयान आया की उप

Only such people are called real professional Randa Randi! whether they do sex for money or for free

Only such people are called real professional Randa Randi! whether they do sex for money or for free ऐसे लोगों को ही असली पेशेवर रंडा रंडी कहा जाता है! चाहे वे पैसे के लिए सेक्स करें या मुफ्त में सच्चा प्यार के बारे में मेरा विचार पहले भी बता चूका हूँ कि "प्यार जुठन पत्तल में किया गया भोजन नही जिसमे कुत्ते कुत्तिया पलते हो , बल्कि प्रेम वह प्रसाद है जिसे हमेशा पवित्र रखा जाता है अपने जीवन साथी के लिए ! " जिसमे प्रसाद मैने मुलता किसे कहा है हर सच्चा प्रेमी को पता है ! जिसने भी सिर्फ अपने सच्चे प्यार के सिवा किसी और को अपना शरिर नही सौंपा है वही सच्चा प्यार है ! क्योंकि मेरा यह मानना है कि किसी से प्यार होने का सबसे बड़ा कारन किसी के साथ शारिरिक सुख भोगने के लिए अपनी मन पसंद का चुनाव करना होता है | जिसके साथ कोई प्यार करके शारिरिक रिस्ता बनाना चाहता है ! जिस विचार को मैं सत्य के तराजू में तौलकर बतला रहा हूँ , न की यह कह रहा हूँ कि सभी प्यार अपनी पसंद के साथ शारिरिक सुख भोगने के लिए ही होता है ! पर ज्यादेतर प्यार अपनी मन पसंद का चुनाव करके उसके साथ सेक्स करने के लिए ही होता है !

पैसे के लिए खुदको निच अथवा भ्रष्ट मत बनाओ

पैसे के लिए खुदको निच अथवा भ्रष्ट मत बनाओ पैसा तो रण्डा रण्डी भी कमा लेते हैं , सत्य इमानदारी अथवा इंसानियत कमाना सबसे बड़ी कमाई है ! इसलिए इंसान को पैसा को ज्यादे महत्व तबतक देना चाहिए ,जबतक कि उसके पास इतना न हो जाय की उससे खुदका भी पेट भर जाय और कोई घर आया मेहमान भी भुखा वापस न लौटे ! लेकिन जो लोग पैसा को इंसानियत और सत्य से भी ज्यादे महत्व देते हैं , उन्ही लोगो के चलते ही तो आज पुरी दुनियाँ में इतनी गरिबी भुखमरी है , और हर रोज पुरी दुनियाँ में गरिबी भुखमरी की वजह से हजारो लोग मर रहे हैं , और ये लोग अपने गांड़ के निचे पैसो का अंबार लगाकर दिन रात महंगे महंगे भोग विलास और झुठी शान में डुबे रहते हैं ! जिसमे बड़ौतरी होता रहे इसके लिये ही तो ये लोग झुठ बोलना ही नही न जाने क्या क्या नही करते हैं ! मसलन अभिनेता अमिताभ को ही ले लिया जाय जिसे मैं नायक नही मानता और न ही असल में भी अभिनेता का मतलब नायक होता है इतनी तो कम पढ़े लिखे लोगो को भी पता रहता है ! फिर भी न जाने कौन सी महानायक वाला सत्यकर्म देखकर अभिनेता अमिताभ को सदी का महानायक जैसे पुरुस्कार दे दिया गया ! जबकि दुनियाँ का सबसे बड़ा घोट

मनुवादि हिंदू नही है

मनुवादि हिंदू नही है  मनुवादि हिंदू नही है , उसके अंदर यहूदी dna है साबित हो चूका है ! जो हिंदू कब बने ? दरसल यूरेशिया से आये मनुवादियो ने इस देश को गुलाम करके इस देश के वेद पुराणो में भी कब्जा करके उसके साथ छेड़छाड़ करके अपना संविधान मनुस्मृति की रचना करके खुदको उच्च और इस देश के मुलनिवासियो को जिसे की उन्होने घर के भेदियो की सहायता से गुलाम बनाया उसे निच शूद्र अधम घोषित किया हुआ है , जो की स्वभाविक भी है | क्योंकि जो भी अविकसित इंसान जिसके अंदर इंसानियत का विकाश अबतक भी न होकर अब भी उसके अंदर खुंखार जानवर चोर लुटेरा कबिला  सोच कायम है , वह जब भी किसी को गुलाम बनाता है तो खुदको उच्च और अपने गुलामो को निच शूद्र अधम मानता ही है ! जैसे की गोरे भी अपने गुलामो को अपने से निचे मानते थे , तभी तो उन्होने खुदको उच्च जाति का कहने वाले गाँधी को भी निच समझकर लात मारकर रेल से बाहर फैंक दिया था , जब गाँधी गोरो के साथ सफर करने के लिए रेल में चहड़ा था ! जाहिर है गोरो के लिए चूँकि गाँधी भी उस समय एक गुलाम ही था , इसलिए गाँधी भी गोरो से निचे अथवा निच ही था जिसे अपने जैसा उच्च कभी नही मान सकते थे गोरे !

क्या मतलब है " ढोल, गंवार , शूद्र ,पशु ,नारी सकल ताड़ना के अधिकारी "

क्या मतलब है " ढोल, गंवार , शूद्र ,पशु ,नारी सकल ताड़ना के अधिकारी " जबतक मनुवादि अपनी गलती स्वीकार नही करेगा इसी तरह ही झुठी शान में डुबा रहेगा कि वह पुरी दुनियाँ में उच्च है , वह कैसे हो सकता है उसी नारी के योनी से पैदा होनेवाला शैतान सोचवाला ऐसा इंसान जिसे उनके मुताबिक ताड़न की जरुरत नही है यदि ताड़न का मतलब देखना होता है मान भी लिया जाय ! क्योंकि दुःखी तो सिर्फ नारी शूद्र और पशु होते हैं ये मनुवादि नही जो कि खुदको भगवान तक भी मानते रहे हैं ! जैसे उस राम को भगवान माना जाता है जिसके रामराज में प्रवेश के लिये सीता से जीते जी अग्नि परीक्षा लीया गया और रामराज में ही उसके साथ ऐसी ऐसी दुःखभरी घटना हुई की सीता जीते जी रोते हुए धरती में समा गयी और राजा राम भी प्रजा शंभूक के साथ भारी भेदभाव अन्याय अत्याचार बल्कि सिर्फ ज्ञान लेने पर उसकी हत्या करके खुद भी अपने रामराज से इतना दुःखी हुआ की जीते जी सरयू नदी में डूब गया ! ऐसा था रामराज जिसे दुनियाँ का कोई भी देश पसंद नही करेगा ! और करेगा तो उसे भी राम की तरह सरयू नदी में जीते जी डूबकर अपनी रामलीला समाप्त करना होगा ! अभी जो रामलीला हर सा

Manuwadi Governance and Education

  Manuwadi Governance and Education सरकारी स्कूल में पढ़ रहे ज्यादेतर तो गरिब और शोषित पीड़ित परिवार घर के बच्चो को इसलिए राजनीतिक गुलाम बनाया जा रहा है , क्योंकि गोरो से आजादी मिलने के बाद इस देश में जिन मनुवादियो की सत्ता में कब्जा है , वे इस देश को इसी तरह बचपन से ही पीड़ि दर पीड़ि छुवाछुत जैसे भेदभाव करते हुए गुलाम बनाते आ रहे हैं ! जिनके बच्चे पैदा होते ही उच्च और गुलाम के बच्चे निच हो जाते हैं ! हलांकि जिस तरह गोरो से आजादी मीलि उसी तरह एकदिन इन मनुवादियो से भी पुरी आजादी जरुर मिलेगी ! जिसकी झांकी किसी गुलाम के बच्चे द्वारा आजाद भारत का संविधान लिखना और देश विदेश में इतनी बड़ी बड़ी उच्च डीग्री हासिल करना भी कि ये खुदको सबसे उच्च कहने वाले विद्वान पंडित आजतक सायद ही किसी पीड़ि में गोरो के शासन से अबतक भी इतने सारे उच्च डीग्रि हासिल किये हो ! बल्कि गुलाम के बच्चे अब इनके बच्चे से प्यार मोहब्बत और शादियाँ भी कर रहे हैं | क्योंकि उनको भी अब धिरे धिरे समझ में आ रहा है कि उनके गुलाम बनाने वाले पूर्वज जाहिल और भक्षक की भूमिका हजारो सालो से निभाते आ रहे हैं | न कि वे किसी देश को गुलाम

Amitabh Bachchan On Freedom of Expression

Amitabh Bachchan On Freedom of Expression फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2022 के शुभारंभ में पहुंचे और इस अवसर पर अमिताभ बच्चन ने सेंसरशिप और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर जो अपना मत रखा है , जिसपर उन्होंने जो कहा है कि भारत में नागरिक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर प्रश्न उठाए जा रहे हैं "  जिसपर मेरे द्वारा भी इस बारे में मेरी अपनी राय जान लिया जाय की सदी का महानायक है कि सदी का महाखलनायक यह तो इस देश को असल नायको से पुरी आजादी मिलने के बाद ही पता चलेगा , जब दुनियाँ का सबसे बड़ा नहर पनामा नहर की तरह पनामा घोटाला जैसे नाम और बोफोर्स घोटाले से भी अमिताभ का नाम जो जुड़ा है उसकी पुरी सच्चाई सामने आयेगी ! क्योंकि गुलाम भारत में जिस तरह गुलाम करने वाले गोरे जजो की न्याय फैशले को पुरी तरह से सच नही माना जा सकता कम से कम गुलाम लोगो द्वारा उसी तरह सदी का महानायक तो कम से कम मुझ जैसे इस देश के मुलनिवासि अभिनेता अमिताभ को महानायक नही मान सकता ! बल्कि ये सदी के महान अभिनेता भी नही कहला सकते , क्योंकि उनसे भी महान अभिनेता मैं बहुत सारे अभिनेताओ और अभिनेत्रियों

rivate member's bill

  rivate member's bill गोरो की सत्ता में चाहे जो बिल लाया जाता , जिस तरह बिना आजादी आंदोलन के गोरो से आजादी नही मिल सकती थी , उसी तरह मनुवादियो की सत्ता में चाहे जो बिल लाया जाय , बिना आजादी आंदोलन के मनुवादियो से पुरी आजादी नही मिल सकती ! इसलिए इस देश के बहुसंख्यक मुलनिवासी चाहे वे जिस धर्म में मौजुद हो , वे एकजुट होकर मनुवादियो के खिलाफ चुनाव नही आजादी आंदोलन छेड़ें ! ताकि पुरी दुनियाँ को भी प्रयोगिक पता चले की यह देश अब भी गुलाम है , न की आजाद है  यह बता बताकर हर रोज इस देश के बहुसंख्यक मुलनिवासियों को गुलामी की वजह से विभिन्न प्रकार की समस्याओ से घेरकर हर रोज हजारो की संख्या में हत्या होता रहे !  हिटलर के द्वारा गैस चेंबरो में डालकर मौत के घाट उतारे जाने से जिन लोगो को भी लगता है कि इस प्रकार की हत्या करना कम से कम इंसानियत के नाते तो सही नही था , वे अपने भितर मौजुद उसी इंसानियत से इस सवाल का जवाब दे कि जिनके द्वारा गुलाम करके विभिन्न प्रकार की समस्याओ से घेरकर इस देश के बहुसंख्यक मुलनिवासियो को हर रोज हजारो की संख्या में मारा जा रहा है , वह क्या सही हो रहा हैं ? बल्कि हिटलर के

Freedom from whites was semi-final, now freedom from Manuvadis will be final freedom

गोरो से आजादी सेमिफाईनल थी जो अब मनुवादियो से आजादी फाईनल आजादी होगी यूरेशियन कबसे हिंदू बने ? वामन मेश्राम के द्वारा भी घुम घुमकर यह जानकारी बांटा जा रहा है कि यहूदियो और मनुवादियो का dna एक है ,जो रिपोर्ट यदि सत्य है तो यह भी सत्य पुरी दुनियाँ के सभी , कम से कम पढ़े लिखे लोगो को माननी ही होगी की यदि यहूदि हिंदू नही है , तो उसके ही dna का भाई मनुवादी कैसे हिंदू हुआ ! जाहिर है न तो मनुवादी हिंदू है , और न ही यहूदि हिंदू है ,बल्कि इस देश का मुलनिवासी मूल हिंदू है | जिन्हे गुलाम बनाकर मनुवादियो ने इस देश के साथ साथ इस देश का हिंदू धर्म को भी अपने कब्जे में कर रखा है ! और हिंदू धर्म को अपने कब्जे में लेकर उसमे मिलावट करके खुदको मुल हिंदू घोषित कर रखा है ! जो कि यदि इस विश्वगुरु कहलाने वाले देश में आकर यदि अबतक यूरेशिया से आये दरसल मुमकिन है , यहूदि का जो दूसरा कबिला पूरब की तरफ आकर लापता हुआ है , वह गुमसुदा कबिला और कोई नही बल्कि मनुवादि ही है | जिसे यदि इस कृषि प्रधान देश में आकर अबतक ज्ञान मिल गया हो और उसकी कबिलई बुद्धी का विकाश होकर सुझ बुझ का विकाश हो गया हो , तो निश्चित तौर पर उसे भ

If World War Two is incomplete freedom, then World War III is complete freedom

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  यदि द्वितीय विश्व युद्ध अपूर्ण स्वतंत्रता है, तो तृतीय विश्व युद्ध पूर्ण स्वतंत्रता है If World War Two is incomplete freedom, then World War III is complete freedom. विश्वभर के कई देशो को पिछले दो विश्वयुद्ध में अधुरी आजादी मिली थी , जिसमे से एक देश भारत भी था | जाहिर है यदि तीसरा विश्वयुद्ध हुआ तो इसबार पुरी आजादी मिलेगी | ऐसी आजादी जिसमे कहीं पर भी गुलाम करने वालो का भेदभाव शोषण अत्याचार शासन कायम नही रहेगा | जैसे कि इस समय भारत में जो मनुवादियो का भेदभाव शोषण अत्याचार शासन कायम है , वह समाप्त हो जाएगा | साथ साथ विश्वभर के सभी देशो से अधिक गरिबी भुखमरी भी जो इस देश में कायम है , वह भी समाप्त हो जाएगा | यह सब मुमकिन इसलिए हो पाएगा , क्योंकि भारत समेत विश्वभर के सभी अधुरे आजाद देशो को पुरी आजादी मिलने के बाद गुलाम करने वालो की दबदबा समाप्त हो जाएगी | जिसके कारन जाहिर है उनके द्वारा किए जा रहे लुटपाट और शोषण अत्याचार भी समाप्त हो जाएगा | और गुलाम करने वालो द्वारा लुटपाट शोषण अत्याचार समाप्त होने के बाद कोई धन संपदा से अमिर देश कभी भी फिर से गरिब नही होंगे | क्योंकि विश्वभर को पुरी आज