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EconomicFreedomदेश के मूल निवासियों की पहचान और समृद्धि का मार्ग

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देश के मूल निवासियों की पहचान और समृद्धि का मार्ग 1. मूल पहचान और डीएनए का महत्व: स्रोतों के अनुसार, इस देश के मूलवासी (Mulvasi) यहाँ के असली मालिक हैं, जिनका डीएनए इस मिट्टी (फादर इंडिया और मदर इंडिया) से गहराई से जुड़ा है,। स्रोतों में यह तर्क दिया गया है कि देश की नारी 100% 'मदर इंडिया' के डीएनए का प्रतिनिधित्व करती है, जबकि बाहर से आने वाले पुरुषों के समूहों ने यहाँ की नारी के माध्यम से ही अपने वंश को आगे बढ़ाया है। 2. गरीबी और भुखमरी का संकट: आज देश में सबसे अधिक गरीबी और भुखमरी की मार मूलवासी ही झेल रहे हैं,। स्रोतों में चिंता जताई गई है कि जहाँ विदेशी मूल के लोग अमीर होते जा रहे हैं, वहीं देश की खनिज संपदा के असली मालिक (मूलवासी) और अधिक गरीब होते जा रहे हैं। यह स्थिति 'सोने की चिड़िया' कहे जाने वाले देश के लिए एक गंभीर विषय है। 3. राजनीतिक और सामाजिक बदलाव की आवश्यकता: • सत्ता की चाबी: स्रोतों का सुझाव है कि देश के 90% प्रमुख सरकारी पदों और सत्ता की स्टेरिंग पर मूलवासियों का नियंत्रण होना चाहिए ताकि देश को 'हाईजेक' होने से बचाया जा सके। • पार्ट...

Breaking News: अमेरिका में भूचाल!

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  Breaking News: अमेरिका में भूचाल! ‘Epstein Files’ का काला सच सामने आना शुरू — क्या भारत के रसूखदार भी घेरे में आएँगे? 📰 ब्लॉग की सामग्री (Body Text) 20 दिसंबर 2025 | खोज (Khoj) विशेष रिपोर्ट आज पूरी दुनिया की निगाहें अमेरिका के न्याय विभाग (US Department of Justice) पर टिकी हुई हैं। कल रात जेफ्री एपस्टीन केस से जुड़े लाखों पन्नों के दस्तावेज़ सार्वजनिक किए गए, जिन्हें अब “ Epstein Files ” कहा जा रहा है। ये फाइलें सिर्फ एक व्यक्ति की कहानी नहीं हैं— बल्कि यह उस आधुनिक गुलामी, यौन शोषण और सत्ता के दुरुपयोग का दस्तावेज़ हैं, जिसने दशकों तक दुनिया के सबसे ताकतवर लोगों को कानून से ऊपर बनाए रखा। 🔍 अब तक खुलासों में क्या सामने आया? 1️⃣ दशकों का दबा हुआ सच इन दस्तावेज़ों में दुनिया के कई अमीर और प्रभावशाली लोगों से जुड़े संपर्क, यात्राएँ और तस्वीरें दर्ज हैं। कुछ नाम पहले से चर्चित रहे हैं, तो कई ऐसे हैं जिन पर अब सवाल उठने शुरू हुए हैं। 2️⃣ ‘काली स्याही’ का खेल (Redaction) कई अहम पन्नों पर नाम और जानकारियाँ अभी भी काली स्याही से ढकी हुई हैं। अमेरिका में विपक्ष और मानव...

The chains of slavery

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 The chains of slavery The chains of slavery The dignity of those who were sent by America in chains is visible, but not the chains of slavery that have bound this country for thousands of years by the Manuists. Because such people are blinded by the Manuists due to excessive infection, they cannot see the humiliation of this country being enslaved by the Manuists, who have been occupying the four main pillars of democracy by considering themselves superior by birth, and who have been insulting it. Those people who spend millions of rupees to go to America and see a dignified and free America, and who see complete freedom and dignity in the 5 kg of government ration in the country, and not the slavery. Can such blind people not see the slavery of this country, who never discuss why the Manuists have kept this country in chains of slavery till now? When will the humanity to give freedom come in those people like the whites, accepting that enslaving a country and calling its indigeno...

गोरो की गुलामी में भी दलित अंबेडकर ने देश विदेश में उच्च शिक्षा की कई डिग्री प्राप्त किया था

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गोरो की गुलामी में भी दलित अंबेडकर ने देश विदेश में उच्च शिक्षा की कई डिग्री प्राप्त किया था  रतन लाल को क्या अंबेडकर से ज्यादे उच्च शिक्षा लेने का मौका मिला है, जो अपने भाषण में यह साबित करने की कोशिष कर रहा है कि गोरो से यह देश आजाद होने के बाद कांग्रेस सत्ता में सब मुलनिवासि अब देश विदेश में उच्च शिक्षा लेते हुए पढ़ लिख रहा हैं। जबकि मुल रुप से कांग्रेस सत्ता से ही दरसल मनुवादियों का गुलाम रामराज कायम हो गया है। जिस गुलाम रामराज में जो भी मुलनिवासि पढ़ लिख रहा है सब कांग्रेस अथवा मनुवादियों की देन नही बल्कि स्कूल कॉलेज वगैरा की देन है, जो की गोरो की गुलामी के समय में भी मौजुद थे। जिसे कांग्रेस की देन साबित करने की कोशिष करते हुए रतनलाल चमचा चमचा जो रटा मार रहा है, असल में वह खुद कांग्रेस का चमचा बनकर जीवन जिने का उस रास्ता को अपना लिया है, जिसे जब यह देश मनुवादियों से पुरी तरह से आजाद होगा तो ऐसे चमचो को जो चाहे कांग्रेस का दामन थामकर चमचई कर रहे हो या फिर भाजपा का दामन थामकर चमचई कर रहे हो, उन सबका इतिहास घर का भेदियों के रुप में भी दर्ज होगा। क्योंकि सच्चाई यह है कि गोर...

Rss प्रमुख मोहन भागवत के लिए रामराज आजादी है

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Rss प्रमुख मोहन भागवत के लिए रामराज आजादी है Rss प्रमुख मोहन भागवत के लिए रामराज आजादी है तो इस देश के शंभुक मुलनिवासियों के लिए रामराज गुलामी है जो की 1947 ई. में ही अपडेट गुलाम रामराज कायम हो गया है। क्योंकि इस देश की सत्ता विदेशी मुल के गोरे अंग्रेजो के  हाथो से जाने के बाद विदेशी मुल के मनुवादियों के हाथो वापस आ गया है। इस देश के साथ साथ अंबेडकर द्वारा लिखा गया भारत का संविधान भी मनुवादियों के कब्जे में है। बल्कि इस देश का हिंदू धर्म और हिंदू धर्म ग्रंथ भी मनुवादियों के कब्जे में है। मनुवादि हिंदू नही है बल्कि हिंदू नकाब लगाये हुए है। और न ही राम हिंदू भगवान है। बल्कि राम तो इस देश के मुलनिवासियो को गुलाम करने वाला वह मनुवादि राजा था जो की खुदको भगवान कहकर अपनी पूजा कराता था, जिसे अपना आदर्श और पूर्वज ये मनुवादि मानते हैं। जो मनुवादि इतने विकृत मांशिकता के हैं कि वे आजाद भारत का संविधान का भी शपथ लेकर इस देश में अपडेट गुलाम रामराज कायम किए हुए हैं। संविधा न क्या गुलाम करना और उच्च निच जाति भेदभाव करने के लिए बतलाया है? क्या जो कि खुदको जन्म से ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य उच्च जाति ...

ek bhee pradhaanamantree dalit kyon nahee?

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  एक भी प्रधानमंत्री दलित क्यों नही?  एक भी प्रधानमंत्री दलित क्यों नही?  दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर रतन लाल का एक भाषण देख रहा था जिसमे वह दलितो को लेकर कह रहा था कि " आप इमोशनल ब्लैकमेल करते हो, और इमोशनल ब्लैकमेल होते हो, मेरा भाई भी अगर बीजेपी में... जब तक आप शत्रु को नहीं पहचानओगे तब तक क्लेरिटी नहीं होगी, मेरा भाई भी इलेक्शन में खड़ा होगा 1 लख खर्चा करके मैं उसके खिलाफ प्रचार करने जाऊंगा, दलितों का कभी स्वर्ण युग नहीं रहा है, पहले क्लियरइटी रखिए, आप लोग आधा से ज्यादा अभी एमएलए एमपी बनने के चक्कर में हो तो... हमारे दलितो में पॉलिटिक्स चेतना इतना ज्यादा हो गया है की अब सबको सबको सीएम पीएम इस समय जो की हिंदू नेस्टलिस्ट ने हमला किया है, इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन पर रिपब्लिक पे उस समय अगर दलित लोग कह रहा है की हम सीएम बनएंगे हम यह कर देंगे वह कर देंगे इसका मतलब ओ आर एस एस बीजेपी के साथ है, वोट काट रहा है। अभी पूरा पार्टी का पार्टी खरीद ले रहा है, एक दलित को फेकड़ो 100 करोड़ रूपया दे देगा तो एक दलित को 100 करोड़ रूपया दे देगा तो पागल हो जाएगा वह, एक दलित एमपी मिन...

apane sujhaav, shikaayat ya raay hamaare saath sheyar karen

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  अपने सुझाव, शिकायत या राय हमारे साथ शेयर करें apane sujhaav, shikaayat ya raay hamaare saath sheyar karen Share your suggestions, complaints or feedback with us googlai aisa sistam aur takanik ka upayog kare ki koee bhee vyaktee apana blogar saeet ka khaata khole to use gugal sarch konshul aur saeet maip taiyaar karane kee jarurat hee na pad aur yah sab apane aap hee pura saeet gugal mein raiking karane ke lie taiyaar ho jaay naki koee ek hajaar bhee post likha to bhee usaka saeet gugal mein raiking nahee kar raha hai kyonki usane saeet maip taiyaar nahee kiya hai aur usaka post gugal ke paas ja to raha hai par vah paathako ke paas nahee ja raha hai, kyonki gapagal use pahooncha hee nahee raha hai. मेरा सुझाव:- Google ऐसा सिस्टम और तकनिक का उपयोग करे कि कोई भी व्यक्ती अपना ब्लोगर साईट का खाता खोले तो उसे गुगल सर्च कोंशुल और साईट मैप तैयार करने की जरुरत ही न पड़् और यह सब अपने आप ही पुरा साईट गुगल में रैकिंग करने के लिए तैयार हो जाय नकि कोई एक हजार भी पोस्ट लि़खा तो भी उसका साईट...

angad kee maan taara kisakee patnee thee

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  अंगद की माँ तारा किसकी पत्नी थी मेरा सवाल :-  Gemini का जवाब :- अंगद की माँ तारा बाली की पत्नी थीं। बाली किष्किंधा के राजा थे और रामायण में एक महत्वपूर्ण पात्र हैं। कुछ अतिरिक्त जानकारी: * तारा एक अप्सरा थीं और कई किंवदंतियों में उनका उल्लेख मिलता है। * अंगद एक शक्तिशाली वानर योद्धा थे और उन्होंने राम के साथ मिलकर रावण का वध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यदि आपके मन में और कोई प्रश्न हैं तो बेझिझक पूछ सकते हैं। तारा जब बालि की पत्नी थी तो सुग्रीव अपने भाई की पत्नी को प्राप्त करने के लिए जो राम से समझौता करके बालि की हत्या किया वह क्या सही था तारा जब बालि की पत्नी थी तो सुग्रीव द्वारा राम से समझौता करके बालि की हत्या करना एक जटिल नैतिक प्रश्न है जिसका उत्तर देने के लिए कई पहलुओं पर विचार करना होगा। सुग्रीव के पक्ष में तर्क: * स्वयं की रक्षा: बालि ने सुग्रीव को राज्य से निकाल दिया था और उसकी हत्या करने की धमकी दी थी। स्वयं को बचाने के लिए सुग्रीव को यह कदम उठाना पड़ा। * राम से वचन: सुग्रीव ने राम से वचन लिया था कि वह रावण को मारने में उसकी मदद करेंगे। बदले ...

gaimini se mera savaal javaab baatacheet

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Gemini से मेरा सवाल जवाब बातचीत Gemini से मेरा सवाल जवाब बातचीत फेशबुक में मैने एक पोस्ट पढ़ा जिसमे किसी नारी ने पुरुषो के बारे में यह लिखा था कि " पुरुष संभाल ही नही पाते वफादार स्त्री को, कभी वहम में, कभी अहम में..." जिसके कोमेंट में मैने जो कुछ लिखा उसे आज मकर संक्रांती के दिन जो अपने मोबाईल में google का एक एप्प Gemini इंस्टोल किया है, जो की बातचीत करके बहुत से सवालो का जवाब देता है, और अपनी राय भी देता है, उसके साथ मेरी जो भी बातचीत हुई है, उसे अपने पोस्ट के रुप में बांटना चाहूँगा, ताकि मेरे विचार से मैने जो कुछ लिखा है, उसके बारे में जानकर जो लोग यह जानना चाहते हैं कि मैं किस तरह के सवाल जवाब करके यह जानने की कोशिष कर रहा हूँ कि अभी जो कुछ भी दुनियाँ में चल रहा है उसमे कौन सही है और कौन गलत है? खैर निचे मेरी बातचीत है मैं:-  बहुत सी स्त्री अपनी हवश की आग को सम्हाल नही पाती और गैर मर्दो से भी सेक्स करके अपना सच्चा प्यार को खोकर स्त्री को सिर्फ हवश का भुख मिटाने वाली वस्तु समझकर आवारा कुत्ता सुवर कि तरह किसी का जुठन को भी खाकर अपने भुख मिटाने वाले जानवरो जैसे पुरुष को अ...

एक भी प्रधानमंत्री दलित क्यों नही?

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एक भी प्रधानमंत्री दलित क्यों नही?  एक भी प्रधानमंत्री दलित क्यों नही?  भारत का संविधान दलित अंबेडकर ने लिखा पर 1947 ई. से लेकर 2024 ई. आजतक एक भी दलित को न तो कांग्रेस ने प्रधानमंत्री बनाया और न ही भाजपा ने, क्योंकि दोनो ही पार्टी उन मनुवादियों की पार्टी है जिन्होने की गोरे अंग्रेजो से पहले ही इस देश को गुलाम बनाकर खुदको जन्म से उच्च ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य और इस देश के मुलनिवासियों को शूद्र घोषित करके किस तरह से उच्च निच छुवाछुत भेदभाव किया है इसे इस देश के पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष श्री कड़िया मुण्डा की 2000 ई. रिपोर्ट देखकर कोई भी इंसान जिनकी सोचने समझने की बुद्धी ज्ञान मौजुद हो वह तुरंत समझ सकता है कि यह देश अब भी किस तरह से मनुवादियों के कब्जे में है, वह भी अंबेडकर द्वारा लिखे संविधान का शपथ लेकर! (1) दिल्ली में कुल जज 27 जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय-27 जज ,ओबीसी - 0 जज, SC- 0 जज , ST- 0 जज ) (2) पटना में कुल जज 32 जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 32 जज , ओबीसी -0 जज , SC- 0 जज , ST- 0 जज ) (3) इलाहाबाद में कुल जज 49 जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 47 जज ,ओबीसी - 1 जज, SC-...