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बाढ़ और सुखा में सरकार की बदइंतजामी का कहर आखिर कबतक

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आधुनिक डीजीटल सरकार की बाढ़ और सुखा इंतजाम ,गर्मी आती है तो प्यासे मरने के लिए छोड़ती है,और बारिस आती है तो बाढ़ में मरने के लिए छोड़ती है|जिसे सिर्फ प्राकृत कोप कहकर आखिर कबतक करोड़ो लोगो कि जिन्दगी को खतरे में छोड़ दी जाती रहेगी?गर्मी आती है तो सरकार खुद मानो दुध से भी महंगी मिलने वाली बोतल बंद पानी पीकर करोड़ो लोगो को प्यासे मरने के लिये छोड़ देती है|और जब पानी इकठा करने के लिए बारिस का मौसम आती है तो बाढ़ से मरने के लिए छोड़ देती है|जबकि यदि प्राकृत कोप बहुत से नागरिको को प्यासा और बाढ़ जैसे बुरे हालात में मौत दे रही है,तो फिर धन्ना कुबेरो और मंत्री उच्च अधिकारी वगैरा की मौत बाढ़ में बहकर या प्यासा रहकर क्यों नही होती है?जाहिर है यदि धन्ना कुबेरो और मंत्री उच्च अधिकारियो के लिये डीजिटल इंतजाम हो सकती है,तो बाकि भी उन लोगो के लिये हो सकती है जो की बाढ़ की वजह से और गर्मी में पानी की कमी की वजह से भारी तादार में हर साल मारे जाते आ रहे हैं|और फिर भी ये आधुनिक शाईनिंग और डीजिटल सरकार न तो साठ साल में ठीक से इंतजाम कर पाई और न ही साठ महिने में ही इंतजाम कर पायेगी|हाँ यदि बाढ़ का पान

4:11 AM हिन्दी में शुभ रात्रि और अंग्रेजी में Good morning!

रुगड़ा और खुखड़ी मेरा सबसे पसंदीता सब्जी है|  जो कि हर साल बारिस के मौसम में मिलती है|जिसकी प्रचुर मात्रा प्राचिन मगध क्षेत्र के शाल वृक्ष के हरे भरे पहाड़ी क्षेत्रो में मिलती है|खासकर झारखंड,पश्चिम बंगाल छत्तीशगढ़ वगैरा वे इलाके जहाँ पर प्राकृतित खनिज संपदा का भंडार भी प्रचुर मात्रा में पायी जाती है|रुगड़ा को शाकाहारी खशी भी कहा जाता है, जो कि सुनने में मुझे अच्छा नही लगता है|क्योंकि मैं शाकाहारी हूँ और वैसे भी रुगड़ा जमिन के निचे उगने वाली शुद्ध शाकाहारी सब्जी है|इसलिये इसके साथ खुनभरी मांस की पहचान को जोड़ना वैसे भी ठीक नही है|पर चूँकि पुजा के समय जो की बारह माह चलती ही रहती है,किसी न किसी प्राकृत पर्व त्योहार के रुप में,उन सभी पर्व त्योहारो में सबसे खास कुछ पर्व त्योहारो में मांस मछली की बिक्री हिन्दुस्तान में खासकर सावन में कम हो जाती है|जिस दौरान रुगड़ा सब्जी सबसे स्वादिस्ठ शाकाहारी सब्जी और सबसे किमती भी होती है|जो कि सुरु सुरु जब बाजार में आती है तो इसकी किमत मांसाहारी खशी से ज्यादे होती है|बल्कि खुखड़ी की किमत तो उससे भी ज्यादे रहती है|हलांकि खुखड़ी का आधुनिक रुप मश

लोकसभा चुनाव 2014 ई० में भाजपा द्वारा नारा दिया गया था "बहुत हुआ नारी पर वार,अपकीबार भाजपा सरकार

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लोकसभा चुनाव 2014 ई० में भाजपा द्वारा नारा दिया गया था "बहुत हुआ नारी पर वार,अपकीबार भाजपा सरकार" जिसके बाद भाजपा सरकार भारी बहुमत से चुनी गई है|वैसे "डीजिटल इंडिया" का नारा लगाकर चुनी गयी भाजपा सरकार अपकीबार ही नही,बल्कि 1999 ई० में भी साईनिंग इंडिया का नारा लगाकर चुनी गयी थी|जिसके बाद अटल के नेतृत्व में भाजपा सरकार अपना सेवा कार्यकाल पुरा करके जनता को खुश नही कर सकी और चुनाव हार गयी|जिससे पहले भाजपा की साईनिंग इंडिया सरकार दुबारा फिर से जीतकर आयेगी यैसी एग्जिट पोल मीडिया द्वारा की गयी थी|जिसे सही मानकर भाजपा ने अति उत्साहित होकर कई दलो से अपना गठबंधन तोड़कर समय से पहले ही चुनाव कराई और 2004 ई० के लोकसभा चुनाव में शाईनिंग इंडिया की भारी हार हो गई थी|जिसके बाद तो अटल बिहारी वाजपेयी फिर से देश का प्रधानमंत्री कभी बने ही नही|उसके बाद गरिबी हटाओ नारा लगानेवाली कांग्रेस सरकार फिर से बनी|बल्कि गरिब बीपीएल भारत में ही गरिबो की सरकार कहकर अपना पाँच साल का कार्यकाल पुरा करके लगातार फिर से कांग्रेस सरकार ही चुनी गई|जिसके बाद कांग्रेस हटाओ अथ

इस देश में रहकर और इस देश का खा पीकर इस देश और किसी धर्म की बुराई क्यों

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 इस देश में रहकर और इस देश का खाकर आखिर क्यों किसी नागरिक द्वारा रोज रोज इस कृषी प्रधान देश में मौजुद किसी धर्म की बदनामी करके अखंड हिन्दुस्तान की बदनामी की जा रही है|बल्कि कोई व्यक्ती दुसरे भी देश में रहकर और दुसरे देश का खाकर दुसरे धर्मो की बुराई क्यों करे?क्योंकि जिस प्रकार इस कृषी प्रधान देश में खुदको हिन्दुस्तानी कहने में सभी धर्म के लोग गर्व करते हैं,उसी तरह हो सकता है बहुत से लोग जो की इस देश के वासी हैं,वे किसी दुसरे देशो में बसकर और वहाँ की नागरिकता प्राप्त करके खुदको उस देश के वासी कहने में गर्व करते हैं|जो कि स्वभाविक भी है कि किसी व्यक्ती द्वारा जहाँ पर रहना उसे ज्यादे पसंद है,और जहाँ पर उनकी अन्न जल रोजी रोटी चलती है,उसी धरती को वह सबसे अधिक तारिफ भी करता रहता है|जैसे कि बचपन में ही गोद लिया बच्चा जन्म देनेवाले अपने असली माता पिता के बजाय गोद लेकर बड़ा करने वाले व्यक्तियो को अपना असली माता मानकर उसी का ही तारीफ दिन रात करता है|हलांकि अपनी इच्छा से दुसरे देशो में जाकर वहाँ की नागरिकता प्राप्त करने वाले  नागरिक किसी देश के द्वारा गोद नही लिये गये हैं ब