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दिसंबर, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Manuwadi Governance and Education

  Manuwadi Governance and Education सरकारी स्कूल में पढ़ रहे ज्यादेतर तो गरिब और शोषित पीड़ित परिवार घर के बच्चो को इसलिए राजनीतिक गुलाम बनाया जा रहा है , क्योंकि गोरो से आजादी मिलने के बाद इस देश में जिन मनुवादियो की सत्ता में कब्जा है , वे इस देश को इसी तरह बचपन से ही पीड़ि दर पीड़ि छुवाछुत जैसे भेदभाव करते हुए गुलाम बनाते आ रहे हैं ! जिनके बच्चे पैदा होते ही उच्च और गुलाम के बच्चे निच हो जाते हैं ! हलांकि जिस तरह गोरो से आजादी मीलि उसी तरह एकदिन इन मनुवादियो से भी पुरी आजादी जरुर मिलेगी ! जिसकी झांकी किसी गुलाम के बच्चे द्वारा आजाद भारत का संविधान लिखना और देश विदेश में इतनी बड़ी बड़ी उच्च डीग्री हासिल करना भी कि ये खुदको सबसे उच्च कहने वाले विद्वान पंडित आजतक सायद ही किसी पीड़ि में गोरो के शासन से अबतक भी इतने सारे उच्च डीग्रि हासिल किये हो ! बल्कि गुलाम के बच्चे अब इनके बच्चे से प्यार मोहब्बत और शादियाँ भी कर रहे हैं | क्योंकि उनको भी अब धिरे धिरे समझ में आ रहा है कि उनके गुलाम बनाने वाले पूर्वज जाहिल और भक्षक की भूमिका हजारो सालो से निभाते आ रहे हैं | न कि वे किसी देश को गुलाम

Amitabh Bachchan On Freedom of Expression

Amitabh Bachchan On Freedom of Expression फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2022 के शुभारंभ में पहुंचे और इस अवसर पर अमिताभ बच्चन ने सेंसरशिप और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर जो अपना मत रखा है , जिसपर उन्होंने जो कहा है कि भारत में नागरिक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर प्रश्न उठाए जा रहे हैं "  जिसपर मेरे द्वारा भी इस बारे में मेरी अपनी राय जान लिया जाय की सदी का महानायक है कि सदी का महाखलनायक यह तो इस देश को असल नायको से पुरी आजादी मिलने के बाद ही पता चलेगा , जब दुनियाँ का सबसे बड़ा नहर पनामा नहर की तरह पनामा घोटाला जैसे नाम और बोफोर्स घोटाले से भी अमिताभ का नाम जो जुड़ा है उसकी पुरी सच्चाई सामने आयेगी ! क्योंकि गुलाम भारत में जिस तरह गुलाम करने वाले गोरे जजो की न्याय फैशले को पुरी तरह से सच नही माना जा सकता कम से कम गुलाम लोगो द्वारा उसी तरह सदी का महानायक तो कम से कम मुझ जैसे इस देश के मुलनिवासि अभिनेता अमिताभ को महानायक नही मान सकता ! बल्कि ये सदी के महान अभिनेता भी नही कहला सकते , क्योंकि उनसे भी महान अभिनेता मैं बहुत सारे अभिनेताओ और अभिनेत्रियों

rivate member's bill

  rivate member's bill गोरो की सत्ता में चाहे जो बिल लाया जाता , जिस तरह बिना आजादी आंदोलन के गोरो से आजादी नही मिल सकती थी , उसी तरह मनुवादियो की सत्ता में चाहे जो बिल लाया जाय , बिना आजादी आंदोलन के मनुवादियो से पुरी आजादी नही मिल सकती ! इसलिए इस देश के बहुसंख्यक मुलनिवासी चाहे वे जिस धर्म में मौजुद हो , वे एकजुट होकर मनुवादियो के खिलाफ चुनाव नही आजादी आंदोलन छेड़ें ! ताकि पुरी दुनियाँ को भी प्रयोगिक पता चले की यह देश अब भी गुलाम है , न की आजाद है  यह बता बताकर हर रोज इस देश के बहुसंख्यक मुलनिवासियों को गुलामी की वजह से विभिन्न प्रकार की समस्याओ से घेरकर हर रोज हजारो की संख्या में हत्या होता रहे !  हिटलर के द्वारा गैस चेंबरो में डालकर मौत के घाट उतारे जाने से जिन लोगो को भी लगता है कि इस प्रकार की हत्या करना कम से कम इंसानियत के नाते तो सही नही था , वे अपने भितर मौजुद उसी इंसानियत से इस सवाल का जवाब दे कि जिनके द्वारा गुलाम करके विभिन्न प्रकार की समस्याओ से घेरकर इस देश के बहुसंख्यक मुलनिवासियो को हर रोज हजारो की संख्या में मारा जा रहा है , वह क्या सही हो रहा हैं ? बल्कि हिटलर के

Freedom from whites was semi-final, now freedom from Manuvadis will be final freedom

गोरो से आजादी सेमिफाईनल थी जो अब मनुवादियो से आजादी फाईनल आजादी होगी यूरेशियन कबसे हिंदू बने ? वामन मेश्राम के द्वारा भी घुम घुमकर यह जानकारी बांटा जा रहा है कि यहूदियो और मनुवादियो का dna एक है ,जो रिपोर्ट यदि सत्य है तो यह भी सत्य पुरी दुनियाँ के सभी , कम से कम पढ़े लिखे लोगो को माननी ही होगी की यदि यहूदि हिंदू नही है , तो उसके ही dna का भाई मनुवादी कैसे हिंदू हुआ ! जाहिर है न तो मनुवादी हिंदू है , और न ही यहूदि हिंदू है ,बल्कि इस देश का मुलनिवासी मूल हिंदू है | जिन्हे गुलाम बनाकर मनुवादियो ने इस देश के साथ साथ इस देश का हिंदू धर्म को भी अपने कब्जे में कर रखा है ! और हिंदू धर्म को अपने कब्जे में लेकर उसमे मिलावट करके खुदको मुल हिंदू घोषित कर रखा है ! जो कि यदि इस विश्वगुरु कहलाने वाले देश में आकर यदि अबतक यूरेशिया से आये दरसल मुमकिन है , यहूदि का जो दूसरा कबिला पूरब की तरफ आकर लापता हुआ है , वह गुमसुदा कबिला और कोई नही बल्कि मनुवादि ही है | जिसे यदि इस कृषि प्रधान देश में आकर अबतक ज्ञान मिल गया हो और उसकी कबिलई बुद्धी का विकाश होकर सुझ बुझ का विकाश हो गया हो , तो निश्चित तौर पर उसे भ