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लेखक और संस्थापक


मेरा नाम विजय नायक है|
https://khoj123.blogspot.com यह मेरा  ब्लॉग साइट है |
मेरा जन्म हिन्दुस्तान के एक गरिब किसान मजदूर परिवार में हुआ है|हलांकि हमारे बाप दादा सुरु से ही गरिब नही हैं|और न ही इस देश के सभी गरिब सुरु से ही गरिब हैं|क्योंकि जिस प्रकार ये सोने की चिड़ियाँ कहलाने वाला देश आज गरिब बीपीएल भारत भी कहलाता है,उसी तरह इस देश में करोड़ो लोग मिल जायेंगे जिनके पास जड़ से अमिरी होते हुए भी गरिब बीपीएल जिवन जिने को मजबूर हैं|क्योंकि उनके हक अधिकारो को छिना और कब्जा किया गया है|जैसे कि इस समृद्ध देश को हजारो सालो से लुटकर गरिब किया गया है | हजारो सालो तक मनुवादियो ने इस देश के मुलनिवासियो को दास दासी बनाकर इस देश को लंबे समय तक दासप्रथा की ओर ढकेला,और दो सौ से भी अधिक सालो तक गोरे अंग्रेजो ने इस देश को गुलामी में ढकेला | तो फिर पुरा विश्व के लोग जानते हैं कि जिस देश के पास दस से अधिक बड़ी नदी है,हजारो साल पहले ही विकसित की गई सिंधु घाटी सभ्यता संस्कृती है|और प्राकृत खनिज संपदा से लेकर दुनियाँ की सबसे अधिक अबादी और हजारो साल पहले ही विकसित किया हुआ गणराज्य है|जिसके रहते यह देश वैसे भी जड़ से कभी गरिब कहला ही नही सकता था,यदि इस अजाद देश को गुलाम बनाम और दासप्रथा की ओर ढकेलने वाले लोग बाहर से आकर देश में लुटपाट जैसे अन्याय नही करते|खैर वैसे तो जन्म मेरा गाँव अथवा ग्राम पंचायत में हुआ है,पर करिब पचीस छब्बीश सालो से शहर में रहता हुँ|इसलिए मैने गाँव और शहर दोनो ही तरह की जीवन को बहुत करीब से प्रयोगिक रुप से देखा और अनुभव किया है|जिसे महशुस करते हुए अपने भितर मौजुद अनुभव ज्ञान को बांटने और मानवता व पर्यावरण में संतुलित सुधार परिवर्तन लाने के लिए ही मैने जुलाई 2016 में ब्लॉगर की सुरुवात किया है|वैसे तो उससे बहुत पहले ही जबसे मुझे अपने भितर मौजुद कुछ खास आत्मज्ञान की प्राप्ती हुई है तबसे लेकर आजतक किसी न किसी माध्यम से ज्ञान बांटने में लगा हुआ हुँ|क्योंकि ज्ञान बांटने से बड़ता है और छिपाने से घटता है|जिसके बारे में मंथन करके मेरा मानना है कि असली ज्ञान किसी डिग्री में नही बल्कि भितर में मौजुद होती है|जो यदि न हो तो उच्च डिग्री हासिल करके भी बहुत से लोग बड़े बड़े अपराधो में लिप्त मिल जाते हैं|पर बिना डिग्री या फिर कम पढ़े लिखे लोग दुनियाँ में ऐसे बहुत सारे मिल जायेंगे जो अनपढ़ या कम पढ़ा लिखा होने के बावजुद भी अपने व्यक्तित्व विकाश करते करते दुसरो के लिए प्रेरणा भी बनते हैं | जो कम पढ़ा लिखा होकर भी अपने हुनर और व्यक्तित्व से बड़ी आविष्कार करने और बड़े महान कामो को भी अंजाम दे जाते हैं,जिसे उच्च डिग्री प्राप्त करके भी बहुत से लोग हासिल नही कर पाते हैं|बल्कि बड़ी बड़ी उच्च डिग्री हासिल करके भी दुनियाँ में अनगिनत लोग बेकार मिल जाते हैं,जो कि उच्च डिग्री हासिल करने के बावजुद भी ऐसा गलत कुछ कर जाते हैं,जिसे कोई अनपड़ या कम पढ़ा लिखा इंसान भी वैसी गलती करने से पहले बतला देता है कि वह काम कितना गलत है|जैसे कि विश्व में जितने भी बड़े बड़े भ्रष्टाचार जो की एक एक के द्वारा सैकड़ो हजारो करोड़ मोल की भी इसी देश में हुई है,जिसके बड़े बड़े लिस्ट देश और विदेश में भी मौजुद है|उन बड़े बड़े भ्रष्टाचारो के साबित होने पर एक भी किसी अनपढ़ व्यक्ती का नाम सायद ही उन बड़े बड़े भ्रष्टाचारियो की लिस्टो में मौजुद होगी|जिसका प्रमुख वजह मैं तो यही मानता हुँ कि ज्ञान की सत्य अग्नि धवक को प्राप्त करके जो भी व्यक्ती उस ज्ञान वरदान का गलत उपयोग करता है,वह किसी भस्मासुर की तरह ही उसी ज्ञान अग्नि में अपनी बुद्धी को भ्रष्ट करके सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी बन जाता है|जिसके बाद ज्ञान तप करके चाहे जितनी बड़ी डिग्री उसने हासिल किया हो,मैं तो ज्ञान वरदान का गलत उपयोग करके बड़े बड़े भ्रष्टाचार करने वालो को भितर से असली अज्ञानी मानता हुँ|जो कि ज्ञान वरदान का गलत उपयोग करके प्रकृत से मिली अनमोल बुद्धी को अप्रकृति रुप से भ्रष्ट कर चुके होते हैं|और मैं सबसे ज्ञानी इंसान उसे मानता हुँ,जिसे मानवता और प्रकृति को संतुलित करके सत्य की राह में जीना प्रयोगिक रुप से ज्यादे अच्छी तरह से आता है|जिस तरह के भितर से ज्ञानी इंसान अनपढ़ या कम पढ़ा लिखा होने के साथ साथ उच्च डिग्री वाला अमिर गरिब ग्रामीण शहरी यहाँ तक की पशु पक्षी पेड़ पौधा वगैरा कोई भी वह प्राणी हो सकता है,जिसे प्रकृति की सत्य बुद्धी है|जिसके लिए किसी उच्च डिग्री का होना अनिवार्य नही है|हाँ मैं डिग्री के मामले में विश्व के सभी इंसानो के पास कम से कम विश्व का इतिहास और भारत का इतिहास पढ़ने लिखने और जोड़ घटाव गुणा भागा वगैरा समान्य डिग्री जरुर सबके जिवन में होनी चाहिए इसे मैं जरुर अनिवार्य मानता हुँ|जिसकी जिम्मेवारी सरकार को पुरी तरह से जरुर निभानी चाहिए|जो सभी नागरिको को कम से कम पढ़ने लिखने और समान्य डिग्री भी अपने सेवा कार्यकाल में ही हासिल कराये|ताकि सभी नागरिक कम से कम पढ़ लिख सके और ज्ञान को लिखित तौर पर बांट भी सके|जैसे कि मैने यह ब्लॉग जो मानवता और पर्यावरण में कैसे संतुलन बना रहे और पुरे विश्व के सभी लोग कैसे सुख शांती और समृद्धी खुशहाल जिवन एक दुसरे का सुख दुःख में शामिल होकर व्यक्तीत कर सके,इसकी Khoj करने कराने  के लिए ही तैयार किया है|उसे सभी नागरिक पढ़ लिख सके और उसे बांट भी सके|जिसमे मैने ऐसी ज्ञान बांटने कि कोशिष किया है,जिससे की पुरी दुनियाँ के लोगो को मेरे विचार अनुसार क्या क्या Khoj और बदलाव सबसे पहले करनी चाहिए,उसके बारे में उचित ज्ञान बांटने कि कोशिष किया है|जिसे पढ़कर हो सकता है,मेरे द्वारा लिखी गयी बाते किसी पाठक को अच्छी न लगे,पर मुझे पुरा यकिन है कि वह भी यदि इस ज्ञान को कड़वा दवा समझकर अपने अंदर पी ले तो उसके भितर मौजुद यदि जरा सा भी भ्रष्ट आचरण मौजुद है मानवता और पर्यावरण को नुकसान करने वाली,वह भी उसके भितर से मिटते हुए जरुर महशुस होगी,खासकर यदि वह मेरे द्वारा बांटे गये ज्ञान को अपनी रोजमरा जिवन में शामिल करके जब भी कोई मन में मानवता और पर्यावरण संतुलन के प्रति मन में कोई सवाल आयेगा तो उसका उत्तर के रुप में मेरे द्वारा बांटे गए ज्ञान का कड़वा घुट पिकर उस सवाल का जवाब मेरे इस ब्लॉगर साईट में आकर और किसी पोस्ट को पढ़कर तलाशेगा|मुझे पुरा विश्वास है कि उसके उन तमाम सवालो का जवाब मेरे द्वारा बांटे गए ज्ञान में मिल जायेगा जो की मानवता और पर्यावरण संतुलन कायम को लेकर होगी|रही बात जिन लोगो को मेरे द्वारा बांटे गए ज्ञान में ज्यादेतर बाते अच्छी लग रही है,उन सबका मैं भितर से धन्यवाद करते हुए भविष्य में उनके बाकि करिबियो का भी स्वागत करता हुँ| जिन्हे वे मेरा इस साईट के बारे में बतलाकर मेरा ज्ञान पोस्ट जरुर बांटे|
Khoj123 का उद्देश्य:-
इस साईट का उद्देश्य जैसा कि मैने इससे पहले ही कुछ अपने बारे में बतलाया है कि मैं मानवता और पर्यावरण के प्रति सबसे अधिक गंभीर रहता हुँ|इसलिए इस साईट का भी उद्देश्य यही है कि यदि बांटे हुए ज्ञान और विचार को पुरी दुनियाँ न सही पर यदि सिर्फ ये विश्वगुरु और सोने की चिड़ियाँ कहलाने वाला देश के सभी नागरिक भी मेरे द्वारा बांटे गए ज्ञान को गंभीरता से लेकर उसपर अमल करते हुए उसे सबतक बांटे अथवा पहुँचाये,तो भी मुझे पुरा विश्वास है कि पुरी दुनियाँ में सुख शांती और समृद्धी कायम हो जायेगी|साथ साथ असंतुलित हुई मानवता और पर्यावरण भी संतुलित हो जायेगी|जो कि मेरे ख्याल से स्वभाविक है,यदि यह देश वाकई में कभी विश्वगुरु माना गया है|जहाँ पर बारह माह अनगिनत प्रकृत पर्व त्योहार के रुप में पर्यावरण की पुजा की जाती है|क्योंकि विश्वगुरु जबतक दुःख अशांती और गरिबी भुखमरी से संघर्ष करता रहेगा,तबतक पुरा विश्व कैसे सुख शांती और समृद्ध खुशहाल हो सकता है?जाहिर है मेरे द्वारा बांटे ज्ञान को यदि गंभीरता से लेकर उसपर अमल किया गया तो जल्द ही इस देश में वैसी सुख शान्ति और समृद्धी प्यार वापस लौट आयेगी,जैसे कि सायद विश्वगुरु और सोने कि चिड़ियाँ पहचान लेते समय थी|जो प्यार देश को गुलाम करने और दासप्रथा में ढकेलने वालो को मिलना सबसे ज्यादे  जरुरी है|जिन्हे हजारो सालो से धर्म की पुस्तक पढ़ाकर भी अबतक यह सत्यबुद्धी मिलने में रुकावट आती रही है कि गुलाम करने और छुवा छुत जैसे भेदभाव करने से प्यार अमन शांती फैलता है कि नफरत ? जिसे हजारो सालो से गुलामी और छुवा छुत का शिकार होनेवाले लोग यह समझाने की कोशिष कर रहे हैं  कि किसी को गुलाम करना लुटना और छुवा छुत , दासप्रथा में ढकेलना प्रेम प्यार नही है  | जो पुरी तरह से समझाने में कामयाब हो गए तो प्यार अथवा प्रेम से भी आगे कि अपडेट होगी|जिसके बाद निश्चित रुप से पुरे विश्व में भी सुख शांती (शान्ति) और समृद्धी कायम हो जायेगी,यैसा मुझे पुरा विश्वाश है|क्योंकि यदि विश्वगुरु सुख शांती और समृद्धी खुशहाल जिवन तो पुरे विश्व में भी खुशहाल जिवन|मैं अपने रोजमरा जिवन में शाकाहार जिवन व्यक्तीत कर रहा हुँ|और चूँकि मेरा ये मानना है कि सबमे कोई न कोई छोटी बुराई जरुर मौजुद होती है,जो मुझमे भी हो सकता है,इसलिए ये जरुरी नही कि मेरे द्वारा बांटे गए ज्ञान में सारी बाते अच्छी हो,जिसे भी मैं सुधारने का प्रयाश हर रोज करता ही रहता हुँ|और आगे भी मुझे जैसे जैसे ज्ञान अपडेट होती रहेगी मैं उन बुरी चीजो में सुधार करता ही रहुँगा, जिससे अच्छी कोई और हो सकती है|जैसे की प्रकृत ने भी इंसान के लिए पुँछ वाला इंसान से उसपर समय के साथ मानव का विकाश अपडेट करते करते पुँच्छ को हटाकर बिना पुँच्छ वाला इंसान के रुप में अच्छी से अच्छी बदलाव किए हैं,जो कि अब भी इंसान के शरिर में बहुत सारे बदलाव होना जारी है|बल्कि यदि प्रकृत भगवान से भी उपर कोई और मौजुद है,तो भी मैं उससे भी दुवा करना चाहुँगा कि इस पृथ्वी और सृष्टी को रचने वाले भगवान में भी यदि कोई बुराई मौजुद हो तो भगवान को भी बनाने वाले द्वारा उसमे भी खासकर इंसानो के लिए इंसान के भितर मौजुद भ्रष्ट आचरण में खास सुधार जल्दी से करायें|क्योंकि इस पृथ्वी में इंसान के लिए एक भगवान तो सारे धर्मो में मौजुद है,पर एक ही इंसान कई अलग अलग धर्मो को बनाकर आपस में ही धर्म के नाम से लड़ मर रहे हैं!इसलिए यदि भगवान से भी उपर कोई और मौजुद है,तो निश्चित तौर पर जल्दी से ऐसा कोई सुधार जरुर हो,जिससे की इंसान एक ही भगवान की पुजा करने के लिए कई अलग अलग धर्मो का उदय करके जो लड़ मर रहा है,वह सभी जगह बंद हो सके!पर सारे अलग अलग धर्म के अनुसार अलग अलग धर्म जरुर मौजुद है,पर सबका भगवान एक है|जिस एक भगवान से उपर कोई और मौजुद नही है|जिसे की सारे धर्मो के लोग अपना अपना धर्म छोड़कर एक साथ स्थिर अपना लें |इसलिए सारे धर्मो में जिसे भी जिव निर्जिव से लेकर सारी सृष्टी को रचने वाले के रुप में पुजा जाता है,और जिससे दुवा मांगी जाती है,उस एक भगवान से ही मेरी दुवा है कि मानवता और पर्यावरण में जल्द संतुलन कायम हो!और साथ साथ मेरी वह तमाम दुवा भी कबूल हो जो कबूल न होने कि वजह से इस ब्लॉग के जरिए मैं उसकी Khoj कर रहा हुँ|जिसकी सायद पुरे विश्व को सबसे अधिक तलाश है!जो अबतक न मिल पाने की वजह से पुरी दुनियाँ में सुख शांती और समृद्धी की कामना करने वाले लोगो की भिड़ मंदिर मस्जिद चर्च वगैरा पुजा स्थलो में बड़ती ही जा रही है|साथ साथ मेरा तो ये भी मानना है कि सुख शांती और समृद्धी वगैरा की Khoj अधुरी होने पर निराश होकर बहुत से लोग अपना धर्म भी बदल बदलकर एक धर्म से दुसरे धर्म फिर दुसरे से तीसरे धर्म बदल बदलकर उसकी Khoj कर रहे हैं,जिसकी सबको तलाश है!जो Khoj यदि आप मेरा ब्लॉग में आकर करना चाहते हैं,तो वाकई में आप सभी का स्वागत है!और जो लोग पहले से ही मेरे द्वारा बांटे गए ज्ञान को लेकर लाभ महशुस करते हुए यदि मुझे भी बांटे गए ज्ञान के बदले कोई दान दक्षिना योगदान के रुप में सहायता राशि के रुप में लाभ देने की जरुरत महशुस कर रहे हो,तो वे अपनी इच्छा और क्षमता अनुसार Paypal account में दे सकते हैं|जिस सहायता के लिए मैं आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद जरुर करना चाहुँगा!साथ साथ फिर से एकबार दुवा जरुर करना चाहुँगा कि मानवता और पर्यावरण संतुलित हो और पुरे विश्व में सुख शांती और समृद्धी खुशहाली जल्द कायम हो!"

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अंतिम बार संपादित : 11 नवंबर 2018



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