26 जनवरी 2018 आज के दिन 69 वाँ गणतंत्र दिवस में 68 वाँ के प्रधानमंत्री
26 जनवरी 2018 आज के दिन 69 वाँ गणतंत्र दिवस में 68 वाँ के प्रधानमंत्री के भाषन सुनने देखने से पहले या बाद में भी एकबार कम से कम पिच्छे मुड़कर प्रधानमंत्री बनने से पहले का दिया गया भाषन को जरुर पढ़ लिया जाय,ताकि ये अच्छी तरह से जाना जा सके की साठ साल बनाम साठ महिने का मौका मांगकर भारी बहुमत से सरकार बनने के बाद तब की कथनी अब की करनी में परिवर्तन करके भाषन दी जा रही है कि सिर्फ तब के दिये गए भाषन मन का अदला बदली हो गयी है?जो कि मानो अपना ही बुराई भी कर रहा हो और अपना बड़ाई भी कर रहा हो|जिसके बारे में और अधिक जानने के लिए आगे पढ़ते हैं की तब क्या क्या सेवा और विकाश करने की कथनी कही गयी थी जो अब करनी में परिवर्तित हुई कि नही?इसे जानने के लिए तब के भाषन को कोई चाहे तो इस लिखाई भाषन को देखा और सुना जा सकता हैं!जिसे मैं जब इस समय सरकार द्वारा खुद ही अपनी तारिफ कराने के लिए जो भारी राशि खर्च की जा रही है उसे सुनता देखता और पढ़ता हुँ तो मुझे ऐसा लगता है,जैसे की भाजपा सरकार तब की कांग्रेस सरकार की नही बल्कि अब की भाजपा सरकार अथवा खुद ही अपनी बुराई कर रही है!जो स्वभाविक भी है,क्यों