26 जनवरी 2018 आज के दिन 69 वाँ गणतंत्र दिवस में 68 वाँ के प्रधानमंत्री

26 जनवरी 2018 आज के दिन 69 वाँ गणतंत्र दिवस में 68 वाँ के प्रधानमंत्री के भाषन सुनने देखने से पहले या बाद में भी एकबार कम से कम पिच्छे मुड़कर प्रधानमंत्री बनने से पहले का दिया गया भाषन को जरुर पढ़ लिया जाय,ताकि ये अच्छी तरह से जाना जा सके की साठ साल बनाम साठ महिने का मौका मांगकर भारी बहुमत से सरकार बनने के बाद तब की कथनी अब की करनी में परिवर्तन करके भाषन दी जा रही है कि सिर्फ तब के दिये गए भाषन मन का अदला बदली हो गयी है?जो कि मानो अपना ही बुराई भी कर रहा हो और अपना बड़ाई भी कर रहा हो|जिसके बारे में और अधिक जानने के लिए आगे पढ़ते हैं की तब क्या क्या सेवा और विकाश करने की कथनी कही गयी थी जो अब करनी में परिवर्तित हुई कि नही?इसे जानने के लिए तब के भाषन को कोई चाहे तो इस लिखाई भाषन को देखा और सुना जा सकता हैं!जिसे मैं जब इस समय सरकार द्वारा खुद ही अपनी तारिफ कराने के लिए जो भारी राशि खर्च की जा रही है उसे सुनता देखता और पढ़ता हुँ तो मुझे ऐसा लगता है,जैसे की भाजपा सरकार तब की कांग्रेस सरकार की नही बल्कि अब की भाजपा सरकार अथवा खुद ही अपनी बुराई कर रही है!जो स्वभाविक भी है,क्योंकि भाजपा कांग्रेस दोनो की ही सरकारें एक दुसरे की पर्याय युक्त मानो क्लोन सरकारें हैं,जिसका प्रमाण तब और वर्तमान के हालात में बड़ी बड़ी भाषन और अश्वाशन देकर सत्ता में बैठने के बाद भी कोई खाश बदलाव नही हुए हैं ऐसे बुरे हालात को देखते हुए खुद ही आगे की भाषन को देख सुन और पढ़कर तलाश लिया जाय!

"भारत माता की! दोनो मुठी बंद करके पुरी ताकत से बुलाइये,भारत माता की! रउरे मन के जोहार!भगवान बिरसा मुण्डा की धरती को मैं प्रणाम करते हुए,इस धरती के वीर नायक,त्यागी तपस्वी,महापुरुष,और जिसकी श्रृंखला निरंतर बनी रही हैं,सिद्धो हो कान्हो हो,चाँद हो भैरो हो,ठाकुर विश्वनाथ साहदेव हो,शेख भिखारी जी हो,निलांबर जी की बात करे या पितांबर जी की,गणपत राय जी का पुण्य स्मरण करे,कितने कितने महापुरुष,जिन्होने इस भूमि को,अपने बलिदान से अपने त्याग तपस्या से,अपने समर्पन से सिंचित किया,ऐसी इस पवित्र भूमी को मैं सत सत वंदन करता हूँ!मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरनीय श्री राजनाथ सिंह जी,प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष डा० रविन्द्र राय जी,आदरनीय यशवंत सिन्हा जी,श्री कड़िया मुण्डा जी,श्री अर्जुन मुण्डा जी,रमापती राय त्रिपाठी जी,सौदान सिंह जी,रघुवर दास जी,सरयु राय जी,अभयकांत प्रशांत जी,प्रोफेशर दुखा भगत जी,यदुनाथ पांडे जी,लुईस मराण्डी जी,डा० दिनेशानंद गोस्वामी जी,श्रीमान पी एन सिंह जी,रामटहल चौधरी जी,मंच पर विराजमान सभी वरिष्ठ महानुभव,और विशाल संख्या में पधारे हुए,प्यारे भाइयो और बहनो,अगर विश्व के सामने झारखंड के पास,जो प्राकृतिक सम्पदा है,भू सम्पदा है,सामर्थवान मानव बल है,उसका व्यौरा दुनियाँ के आर्थिक पंडितो को दिया जाय,और अगर उनको पुछा जाय कि जिस राज्य के पाश इतनी अपार सम्पत्ती हो,उस राज्य की आर्थिक स्थिती क्या होगी,भाइयो बहनो मैं विश्वास से कहता हूँ,दुनियाँ के किसि भी पंडित के सामने,ये जानकारियाँ रखी जाय,तो जवाब एक ही आ जायेगा कि ये राज्य दुनियाँ के समृद्ध देशो की बराबरी में हो सकता हैं!दुनियाँ के समृद्ध देशो की बराबरी में हो सकता है,इतनी सम्पदा का ये राज्य गरिब क्यों है?अमिर राज्य की गोद में गरिबि क्यों पल रही है?इसका जवाब अजादी के बाद जिन्होने इस देश की बागडोर सम्हाली है,उस दल ने,उनके नेताओ ने,और उनकी सरकारो ने जवाब देना पड़ेगा,भाइयो बहनो देश अजाद हुआ तब से,अलग झारखंड की भावना,प्रबलता के साथ प्रकट होती रही,झारखंड के लोग अपने भाग्य का फैशला खुद करना चाहते थे,अपने सामर्थ का अपने शक्ती का उपयोग,अपने लोगो की भलाई के लिये करना चाहते थे,लेकिन पचास पचास साल तक दिल्ली की सल्तनत ने झारखंड की आवाज नही सुनी,झारखंड बनाने की मांग को ठुकरा दिया गया,कभी कभार उसे दबाया गया,दबोचा गया,भाइयो बहनो ये अटल बिहारी वाजपेयी थे,जिन्होने झारखंड की समान्य लोगो की भावनाओ को समझा,उनकी आशा आकांक्षाओ को समझा,और झारखंड राज्य का निर्माण हुआ,भाइयो बहनो हम अटल बिहारी वाजपेयी जी के सदा सर्वदा अभारी रहेंगे कि उन्होने हमे झारखंड दिया,अपना भाग्य अपने हाथो से बनाने का अवसर दिया,और मुझे विश्वास है मित्रो,जिन सपनो के साथ जिन उम्मिदो के साथ,वजपेयी जी ने झारखंड बनाने के लिये सोचा,उन उम्मिदो को हमे पुरा करना है,उस महापुरुष की आशा आकांक्षाओ को पुर्ण करने का हमे संकल्प करना है,और अटल जी के मन को आनंद तब आयेगा,जब हम उनके सपनो का झारखंड बना करके,उनके चरणो में प्रस्तुत करेंगे,तब जा करके उनके जिवन का सर्वाधित आनन्द होगा,भाइयो बहनो इतना सारा होने के बावजुद भी,झारखंड की गरिबी बड़ते ही जा रही है कारण क्या है?भाइयो बहनो मैं आपके सामने तीन राज्यो का उदाहरण देना चाहता हूँ,इन तीन राज्यो का निर्माण,वाजपेयी जी के हाथो से हुआ,मध्यप्रदेश से अलग छत्तीसगढ़ बना,बिहार से अलग झारखंड बना,उत्तर प्रदेश से अलग बदरीनाथ बना,उत्तराखंड बना!भाइयो बहनो जरा देश के पंडितो,इतना तो सोचो क्या कारन है कि तीन राज्य जिन्होने एक साथ जन्म लिया था,जिनकी कठिनाईयाँ सामान थी,क्या कारन है छत्तीसगढ़ विकाश की दौड़ में आगे निकल गया,झारखंड और उत्तराखंड पिछड़ गये, कारण क्या है,जबतक इस कारन को गंभिरता से नही सोचेंगे,तबतक आगे जाने का रास्ता नही मिलेगा,भाइयो बहनो छत्तीसगढ़ की जनता ने दिर्ग दृष्टी के साथ इस बात का फैशला किया कि विकाश के मार्ग पर आगे बड़ना है,विकाश ही समस्याओ का समाधान करेगा,विकाश ही नौजवान का भविष्य तय करेगा,विकाश ही गरिबो का कल्याण करेगा,और छत्तीसगढ़ की जनता ने वहाँ राजनितिक स्थिरता पैदा की,बार बार भारतीय जनता पार्टी को सेवा करने का मौका दिया,और उसका परिणाम ये आया कि आज छत्तीसगढ़,हिन्दोस्तान में विकाश की दौड़ पर नई उचाईयो को पार कर गया,अगर उत्तराखंड में,अगर झारखंड में,राजनितिक स्थिरता होती,इतना ही नही भारतीय जनता पार्टी की विकास की राजनिति का मार्ग अपनाया होता,तो आज झारखंड जैसा समृद्ध प्रदेश वहाँ के लोग गरिब न होते,गरिबो से लड़ाई लड़के गरिबी से मुक्ती प्राप्त करके झारखंड दस साल के भितर भितर नई उच्चाइयो को प्राप्त करने की स्थितियो को पार कर लेता,लेकिन भाइयो बहनो वो मौका खो चूके हम,मैं आज झारखंड के भाइयो बहनो को कहने आया हूँ,व्यक्ती के जिवन में उमर का तेरवी साल का पड़ाव बड़ा महत्वपुर्ण होता है,अपने परिवार में भी बेटा हो या बेटी उसका सर्वांगिक विकाश  तेरह से हठारह साल की उमर में होता है,ये बड़ी महत्वपुर्ण उमर होती है,माँ भी घर में चिखती हैं कभी कभी अरे पिछले महिने ही तो कपड़े लाये थे,इतनी देर में ही तुम्हारे कपड़े छोटे पड़ गए,पहले बच्चा दो रोटी खाता था अचानक छः रोटी आठ रोटियाँ खाना सुरु कर देता है, हुलिया बदल जाता है,कद बदल जाता है,सोच बदलने लगती है,दलिल करना सुरु करता है,तेरह से अठारह की उमर व्यक्ती के जिवन में भी अत्यंत महत्वपुर्ण होती है,भाइयो बहनो झारखंड ने भी, तेरह साल की उमर पुरी की है,अब झारखंड के जिवन में तेरह से अठारह की उमर का तपका अत्यंत महत्वपुर्ण तपका आ रहा है,और ऐसे समय झारखंड की भावनाओ को समझ करके उनका लालन पालन करने का सामर्थ रखने वाला,तेरह से अठारह की आने वाली इस कालखंड में,झारखंड को विकाश की नई उचाईयो पर ले जाने के लिये दिल्ली की मदत की जरुरत रहेगी,दिल्ली के सहयोग की जरुरत रहेगी,लेकिन आज जो लोग दिल्ली में बैठे हैं,जिन्होने पचास पचास साल तक, आपकी झारखंड की मांग को भी ठुकराया था,जो आपको स्वीकार करने को तैयार नही थे,क्या उनके भरोसे आने वाले तेरह से अठारह के महत्वपुर्ण वर्ष,आपका भला हो सकता है,पुरी ताकत से जवाब दो भला हो सकता हैं?दिल्ली में आज जो बैठे हैं उनपर भरोसा कर सकते हैं?इनके भरोसे आपका भाग्य बदल सकता हैं?इनके भरोसे नौजवानो का भविष्य बन सकता हैं?कतई नही बन सकता हैं भाइयो!और इसलिए झारखंड में 14 सीटें हैं,2014 में चुनाव है,14 में 14 की 14 सीटें राजनाथ सिंह जी के चरनो में हम दें और झारखंड का भाग्य निर्धारित करने की दिशा तय कर लें!मैं झारखंड वासियों से प्राथना  करता हूँ, ये 13 से 18 की उम्र को गंवाना मत! एक दिन भी बर्बाद होने मत देना,यही जो कालखंड होगा,जिस कालखंड में जो नीतियाँ बनेगी,जो दिशा तय होगी,जो गति निर्धारित होगी,वो झारखंड के सपनो को पुरा करने के लिए,एक मजबुत नींव का काम करेंगी,और इसलिए मैं आज झारखंड के भाग्य को बदलने के लिए,आपके सपनो के साथ जुड़ने  के लिए,आपकी धरती के साथ जुड़करके,मेरे आदिवासी भाइयो का कल्याण हो,दलित पीड़ित शोषितो का कल्याण हो,गरीबी के सामने जंग हो,वो जंग हम जीते,इन सपनो को हम पुरा करें,भाइयो बहनो मैं हैरान हुँ,क्या कारन हैं की जिस धरती पर एच०ई०सी०(हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन)का कारखाना,जो कभी बहुत गर्व किया जाता था,विकाश की धरोहर के रुप में माना जाता था,क्या कारन हुआ वो भी लड़खड़ा गया?बेरोजगारी का मंजर मंडराने लगा,क्यों?मुल कारण ये हैं भाईयों बहनो!न इनको विकाश की चिंता है,न इनको सुशासन की चिंता है,2001 में जब मुझे गुजरात का दाईत्व मिला तो हमारे यहाँ भी एक सरकारी पी०एस०यू०था,गुजरात स्टेट फर्टीलाइजर  कॉर्पोरेशन,और मेरी पहली मुलाकात में वहाँ के यूनियन वाले मिलने आये,बोले मोदी जी इतने साल नौकरी की ये पी०एस०यू०बंद हो रहा हैं,हम जाएँ तो जाएँ कहाँ,इस उम्र में हमे नौकरी कौन देगा,मैने कहा मुझे तीन वीक(सप्ताह)दे दीजिए,हम आपको रास्ता क्या हो सकता हैं उसकी चर्चा करेंगे,मैं नया नया था,पहला ही दिन था मुख्यमंत्री के नाते,भाइयों बहनो हिन्दुस्तान में पी०एस०यू०जो बनते हैं,देखते ही देखते वो लड़खड़ा जाते हैं,गिर पड़ते हैं,या तो उसको बेचने की नौबत आती हैं ,या तो उसको ताले लगाने की नौबत आती हैं,और लोग बेरोजगार हो जाते हैं,हमने कहा हम इन दो रास्तो पर नही चलेंगे हम तीसरा रास्ता अपनायेंगे,और हमने तय किया कि हमारे उस गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन को हम प्रोफेजिलेशन की ओर ले जाएंगे,टेक्नोलॉजी अप्रग्रेसन करेंगे, मैनेजमेंट में सुधार लायेंगे,फालतू खर्चो को कम करेंगे,और भाइयो बहनो मैं आज विश्वास के साथ कहता हूँ,वो लुड़का हुआ हमारा ये  पी०एस०यू०आज सबसे अधिक मुनाफा करने वाला पी०एस०यू०बन गया हैं,लोगो की रोजी रोटी की गारंटी हो गई,क्या देश में नही हो सकता हैं?हो सकता हैं,इरादे चाहिए सिर्फ वादे नही,और इरादे भी नेक चाहिए,नेक इरादे तब जा करके होता हैं|लेकिन न इनके पास इरादे हैं,न इनके पास इरादो में नैतिकता हैं|"भाइयों बहनो पुराने जमाने में हम कथा सुनते थे, पुराने जो अपने पुराण है उसमे आता था कि ऐसी ऐसी घटना घट रही थी, और अचानक एक आकाशवाणी हुई! और उस आकाशवाणी से ये ये संदेश सुनने को मिला, ऐसा हमारे पुराणो में बहुत कथा आती हैं|भाइयो बहनो इन दिनों अगर हम गौर से देखें, ऐसा ही चल रहा हैं! जो खुद जिम्मेवार हैं, ऐ परिस्थिति पैदा करने के लिए जो जिम्मेदार हैं, परिस्थिति से बाहर निकालने की जिनकी जिम्मेवारी हैं, देश की जनता ने जिनको बागडोर दी हैं,वे भी जैसे पुराने जमाने में आकाशवाणी हुआ करती थी, वैसे आकाशवाणी की तरह शब्दो को छोड़ देते हैं, कोई दाइत्व निभाने नही हैं, पत्रकारो को बुलाते हैं, और जैसे उनका कोई लेना देना नही, महंगाई से जिम्मेवारी नही, भ्रष्टाचार से उनकी जिम्मेवारी नही, अचानक आकाशवाणी करके छुप जाते हैं! भाइयों बहनो पुराणो में आकाशवाणी लोगो को सोचने के लिए मजबूर करती थी, आज के जमाने में आपकी आकाशवाणी, आपके छल कपट को प्रर्दशित करती हैं| जनता की आँख में धुल झोंकने का आपका प्रयास, साफ साफ दिखता हैं! आप मुझे बताये भाइयो बहनो,मंहगाई कम होनी चाहिए की नही होनी चाहिए? गरीब के घर में चुल्हा जलना चाहिए की नही जलना चाहिए? गरीब के बच्चो को रात को खाना मिलना चाहिए की नही मिलना चाहिए? क्या ऐ जिम्मेवारी सरकार की हैं की नही हैं? ऐ जिम्मेवारी दिल्ली सरकार की हैं की नही हैं? लेकिन ऐसे कह रहे हैं जैसे उनकी जिम्मेवारी नही हैं! और अभी तो कह दिया कि हमने मुख्यमंत्रियो को कह दिया हैं! मैं आज राँची की धरती पर मीडिया के मित्र गौर करें देश में महंगाई को लेकरके तूफान खड़ा हुआ, प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्रियो की मीटिंग बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा, तीन साल पहले मुख्यमंत्रियों की मीटिंग बुलाई गयी, उस मीटिंग में चर्चा हुई, आखिरकार प्रधानमंत्री ने कुछ कमीटियाँ बनाई, महंगाई कम करने के उपाय खोजने के लिए, एक कमीटि का चेयरमैन मुझे बनाया, मेरे साथ तीन और चीफ मिनिस्टर लगाये, वो तीनो चीफ मिनिस्टर यूपीए के और कांग्रेस के थे, हमने रिपोर्ट बनाई, रिपोर्ट दी, उनको रिपोर्ट दिए भी ढाई साल हो गए, और हमने कहा महंगाई कम करने के लिए ऐ 20 इनिसिटिप (पहल) लेनी चाहिए, और हमने उनको 62 एक्सट्रेबल (सुझाव) पोंइन्ट बताऐ, वो ड्राप मैं खुद प्रधानमंत्री को जा करके दे आया, प्रधानमंत्री जी ने कहा बहुत अच्छा काम हुआ हैं, लेकिन भाइयों बहनो ढाई साल हो जाए दिल्ली की सरकार जिसको लकवा मार गया हैं, महंगाई के उपायो के लिए अनेक सुझाव देने के बाद भी कोई काम नही किया उसने! कोई काम नही किया और आज आकाशवाणी हो रही हैं!मुख्यमंत्री ऐ करेंगे, मुख्यमंत्री वो करेंगे, भाइयों बहनो जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, भ्रष्टाचार के उनको इतने दाग लगे हैं, ऐ जो आकाशवाणी करने वाले हैं न,उनके शब्दो में अगर ईमानदारी है तो सबसे पहले ऐ झारखंड में भ्रष्टाचार कैसे पनपा हैं और कांग्रेस की गोद में पनपा हैं,उसका जवाब देना चाहिए उन्होने! भाइयों बहनो मैं हैरान हूँ ,झारखंड में इतनी वर्षा होती हैं, इतना पानी आता हैं परमात्मा की कृपा से,लेकिन झारखंड के लोगो को पीने का पानी उपलब्ध न होता हो,भाइयो बहनो इससे बड़ी दर्दनाक बात क्या हो सकती है?इससे बड़ी शर्म की बात क्या हो सकती है?आप मुझे कहिए भाइयों अजादी के इतने सालो के बाद आपको पीने का पानी मिलना चाहिए की नही मिलना चाहिए?जितना पानी पिने के लिए चाहिए उतना मिलना चाहिए की नही मिलना चाहिए?जो सरकारें आपको पीने का पानी तक न दे, किसान को खेत में पानी न मिले,वो सरकार और क्या भला कर सकती है भाइयों बहनो,भाइयो बहनो मेरे गुजरात में इतनी वर्षा नही होती हैं, मेरे यहाँ नदियाँ भी नही हैं, लेकिन क्या उन गरीब लोगो को पानी के लिए तरसते रखेंगे हमने रास्ता खोजा, हमने छोटे छोटे चेक डेम बनाये, लाखो की तादार में बनाये, बरसात की बूंद बुंद रोकने की कोशिश की, जलस्तर उपर लाये,पाइप लाइन से पानी ले जाने की व्यवस्थायें की, थैंक्यू दोस्तों थैंक्यू, और भाइयों बहनो गुजरात के हजारों गाँवो में कभी टैंकर से पानी जाता था,आज नलके में पानी पीने का मिल रहा हैं,ऐ झारखंड में भी हो सकता है,ऐ झारखंड में भी हो सकता है दोस्तों,और इसलिए मैं कहने आया हूँ  कि भाइयों बहनो अगर हम निर्धार  करें तो समस्याओं का समाधान कर सकते हैं,और मुझे याद हैं,यहाँ से हमारी एक कार्यकर्ता ने मुझे प्रभात खबर इस अखबार की कॉपियाँ भेजी थी,और सायद हफ्ते भर बहुत बारिकी से गुजरात में पानी का प्रबंधन कैसे हो रहा हैं,पानी बचाने की योजना कैसे हो रही हैं,उसका विस्तार से रिपोर्ट झारखंड की जनता की चरनो में रखा था,लेकिन भाइयो बहनो यहाँ की सरकारो को,कांग्रेस पार्टी को,दिल्ली में बैठी हुई सरकार को,लोगो की भलाई के लिए कुछ करना नही है,और उसी का परिणाम हैं की आज विकाश की स्थिति को स्वीकार नही करते,न ही उस दिशा में जाने का प्रयास करते हैं,थैंक्यू थैंक्यु मित्रो,थैंक्यू!अरे आपके प्यार के लिए मैं आपका भारी हूँ भाईयो बैठो!भाइयो बहनो आप मुझे बताइये लोग मुझे कभी कभी पुछते हैं,मोदी जी आपका विजन क्या हैं?हमे पुछते हैं,कोई मुझे बताये भईया कोयला झारखंड में हो,और बिजली बाहर से लानी पड़े,ये क्या विजन हैं क्या?अगर आज से सालो पहले समझ होती,यहाँ से काला कोयला ढोकर के बाहर ले जाने के बजाय,जहाँ कोयला हैं वही बिजली के कारखाने लगे होते तो देश के कोने कोने में बिजली ले जाना सरल हो जाता,और बिजली सारे झारखंड,पुरे हिन्दोस्तान को उजाला दे सके इतनी ताकत थी लेकिन आज वही झारखंड अँधेरे में डुबा हुआ है,भाइयो बहनो एक दृष्टी चाहिए,आप देखिये कोयले की खद्दानो पर ताले लगे हुए हैं,और इतना ही नही,सरकारो पर ऐसा अविश्वास हुआ है एक मुठीभर बालू भी नही उठा पाये ऐसी स्थिति पैदा कर दी गई हैं!कौन पाप कर रहे हैं ये?कोयले की चोरी कोयले का घोटाला,आज देश में 20 हजार मेगावॉट से ज्यादा बिजली के कारखाने कोयले की अभाव में बंद पड़े हैं!झारखंड में कोयले की खद्दानो का काम बंद पड़ा हैं,यहाँ नौजवान बेरोजगार हैं,वहाँ बिजली के कारखानो के कारण नौजवान बेरोजगार हैं,और बिजली के बिना लाखो कारखाने बंद होने के कारण पूरे देश की अर्थनीति चरमरा गई है,लेकिन न दिल्ली की सरकार को इसकी प्रवाह है,न दिल्ली की सरकार को इसकी चिंता है, और इसलिए भाइयो बहनो अगर हम देश के नौजवानो को रोजगार मिले,इसे प्राथमिकता देकरके विकाश की नई दिशा तय नही करेंगे, तो हमारी युवा शक्ती भारत की भाग्य विधाता नही बन पायेगी,हमारी युवा शक्ति भारत की निर्माता नही बन पायेगी,और इसलिए भाइयो बहनो नौजवान को रोजगार मिले, नौजवान को शिक्षा मिले,नौजवान के लिए स्किल डेवलेटमेंट का काम हो,उसपर हम जितना बल देंगे उतना ही हमारे नौजवानो को, झारखंड छोड़करके अड़ोस पड़ोस के राज्य में रोजी रोटी कमाने के लिए जाना नही पड़ेगा,और इसलिए भाइयो बहनो मैं आज आपसे कहने आया हूँ की आप अजादी के इतने सालो के बाद भी,जो न्यूनतम आवस्यकताओ की पूर्ति के अभाव में जीना पड़ रहा है,उसके सामने झारखंड एक बनकरके अपने सपनो को पुरा करने के लिये भारतीय जनता पार्टी को साथ दे,सहयोग दे,मैं आपको विश्वास दिलाने आया हूँ, झारखंड के भाग्य की निर्माण में भाजपा में दिल्ली की सरकार बनेगी,तो कभी हम कोताही नही बरतेंगे,कभी हम पीछे नही रहेंगे,ये विश्वास दिलाने के लिए मैं आया हूँ,भाइयो बहनो अब कांग्रेस पार्टी इस देश के लिए बोझ बन गई हैं!कांग्रेस स्वंयम देश के लिए संकट बन गई है,क्योंकि कांग्रेस जनता से कटी हुई हैं,जनता को क्या चाहिए,ये कांग्रेस पार्टी को,उनकी सरकारो को,उनके नेताओ को,उनकी मार्गदर्शको को,जनता की आवाज सुनाई नही देती है,वो जनता से कटे हुए लोग है,और इसलिए भाइयो बहनो समय की मांग है,हम जनता की अवाज को पहचाने,देश की जनता को विकाश चाहिए विभाजन नही चाहिए,देश की जनता को अवसर चाहिए राजनैतिक अवसरवादिता नही चाहिए,देश की नौजवान के हाथो में हुनर चाहिए उसे राजनैतिक हथकंडो की जरुरत नही है,देश के युवाओ को कौशल्य चाहिए देश के युवाओ को कौमवाद नही चाहिए,लोगो को रोजगार चाहिए राजनीतिक उठापटक नही चाहिए,लोगो को सुरक्षा चाहिए सांप्रदायिकता का जहर नही चाहिए,किसानो को बिजली चाहिए जातिवादी आश्वासन नही चाहिए, बुजुर्गो को सहारा चाहिए संघर्ष नही चाहिए,ऐ भाव को लेकरके,जन समान्य की आशा अकांक्षाओ की पूर्ती के लिए,हम कुछ करने का संकल्प करें,भाईयो बहनो ये आकाशवाणी करने वाले लोग न देश का भला कर सकते हैं,न देश की सपने पूरे कर सकते हैं,झारखंड के मेरे भाइयो बहनो ये ऐतिहासिक रैली हैं,मैं जरा हैलीकॉप्टर से देख रहा था, मिलो तक लोग कतार लगाकर आ रहे थे,पता नही अभी भी पहुँच पाये होंगे की नही पहुँच पाये होंगे, ये दृश्य अपने आप में देश के भविष्य की तस्वीर दिखा रहा हैं दोस्तो,और भाइयो बहनो मैं साफ देख रहा हुँ,2014 का चुनाव,ये चुनाव एक जन आंदोलन बन जायेगा जो कुशासन के खिलाफ जंग में परिवर्तित होगा,जो सुशासन के लिए नई सरकार को स्थापित करने का आधार बन जायेगा,और इसलिए भाइयो बहनो विकाश के मंत्र को लेकरके हम आगे बड़े,नौजवानो का भविष्य तय करें माताओं बहनो की सम्मान और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए विकाश के मार्ग पर ही चलना होगा,इसी शुभकामनाओं के साथ आपका बहुत बहुत धन्यवाद,फिर एकबार आप सबको जोहार!"

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