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मनुवादी छुवाछुत ढोंग पाखंड तंत्र मंत्र

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आज भी इस देश में करिब साड़े सात हजार ऐसी भाषा बोली जाती है,जिसकी कोई लिपी नही है|इसलिये उसे सिर्फ वेद(आवाज) बोली अथवा मुँह से बातचीत के जरिये ही व्यवहार में लाई जाती है|जैसे कि जब लिखाई पढ़ाई की खोज अथवा आविष्कार नही हुए थे, तो वेद (आवाज) पुराण (दिखलाई देने वाला चित्र वगैरा) ही ज्ञान बांटने का माध्यम था|जिसका भंडारन सुन देखकर पिड़ी दर पिड़ि सिर्फ याद करके इंसान की दिमाक में की जाती थी|जिस ज्ञान भंडारन से ही गुरु अथवा शिक्षको के द्वारा वेद पुराण का ज्ञान बांटा जाता था|जो वेद पुराण मंदिरो अथवा वेद पुराण के विद्यालयो में होती थी,जिसमे मनुवादियो ने कब्जा करके शुद्रो के लिए वेद पुराण का ज्ञान लेने में रोक लगा दिया था|जिसके लिए मनुवादियो का संविधान मनुस्मृती लागू होने के बाद ये नियम कानून लागू किए गए कि शुद्र यदि वेद सुने तो उसके कान में गर्म पिघला लोहा डाल दिया जाय और वेद बोले तो उसका जीभ काट दिया जाय|जिस तरह के इंसानियत कायम थी मनुवादियो की संविधान लागू होकर|साथ साथ ये भी नियम कानून लागू थी कि शुद्र अमिर नही बन सकता अथवा सारा धन दौलत पर मनुवादियो का अधिकार होगा|शुद्र सिर्फ सेवा करेगा म

इस आर्यावर्त धरती का सबसे आर्य अथवा छुवाछुत करने वाला श्रेष्ट प्राणी

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इस आर्यावर्त धरती का सबसे आर्य अथवा छुवाछुत करने वाला श्रेष्ट प्राणी के श्रेष्ट होने के बारे में जानने से पहले ये बात जरुर जान लें कि गोरो की शोषन अत्याचारो से अजादी पाने का कड़ी संघर्ष 1947 ई. में ही समाप्त हो गई है|क्योंकि गोरो की सत्ता इस देश से चली गई है|जिनसे अजादी मिलने के बाद अब मनुवादियो से अजादी पाने की संघर्ष लंबे समय से चल रही है|जिन मनुवादियो का शोषण अन्याय अत्याचार पीड़ा सहते हुए बहुसंख्यक चाहे जिस धर्म में मौजुद हो,उसकी बहुमत वोट से देश में अगर गोरो की गुलामी से अजादी मिलने के बाद भारी बहुमत की भाजपा सरकार आती है,तो भी मनुवादियो से अजादी नही मिलती है,और अगर भारी बहुमत से कांग्रेस सरकार आती है,तो भी मनुवादियो से अजादी नही मिलती है|आखिर क्यों जो लोग मनुवादियो से अजादी पाने के लिए गोरो से गुलाम होने से पहले से ही लंबे संघर्ष कर रहे हैं,उनको अबतक मनुवादियो की शोषन अत्याचार से पुरी अजादी अजाद भारत का संविधान लागू होकर भी नही मिल पा रही है?जिसका जवाब खोजने के बाद यही सत्य बात पता चलता है कि मनुवादियो से पुरी अजादी अबतक न मिलने का प्रमुख वजह मनुवादी पार्टियो का अबतक देश की

अँधेर नगरी चौपट मनुवादी राज

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भारत में चल रहे #MeToo अभियान में इनकी दुःख दर्द को भी शामिल किया जाय|जो इस समय तो मौजुद नही हैं शोसल मीडिया में,पर उनकी दुःख दर्द को समझने वाली जनता तो जरुर उनकी अवाज को भी अपनी अवाज कहकर उठा सकती है| #MeToo विष्णु ने जालंधर की पत्नी तुलसी का शोषन किया, #MeToo ब्रह्मा ने सरस्वती का शोषन किया,  #MeToo वृहस्पती ने अपने भाई की गर्भवती पत्नी ममता का शोषन किया ,#MeToo चंद्र ने अपने गुरु की पत्नी तारा का शोषन करके बुध को पैदा किया, #MeToo स्वर्ग का राजा इंद्र ने निचे धरती पर किसी एलियन कि तरह उतरकर गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या का बलात्कार किया | #MeToo इसके अलावे भी वेद पुराण रामायण महाभारत में शोषण अत्याचार की वह बहुत सारी कहानी दबी हुई है|जिसकी आरती उतारने के बजाय पोल खोल अभियान चले|क्योंकि वे सारी महिलायें भी कहीं न कहीं खास महिलायें कहलाती हैं|बाकि तो हर साल हजारो बलात्कार जिन महिलाओ के साथ हो रही है,वह तो ऐसी अभियान के लिए कमजोर महिलायें हैं,इसलिये उनके लिये #MeToo अभियान नही बल्कि मनुवादी सत्ता का खात्मे की अभियान चल रही है| क्योंकि उनके लिये तो लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो स

एकजुट होकर अपकीबार 85% मुलनिवासी सरकार मन में ठान लें चाहे जिस भी धर्म में मौजुद हो शोषित पिड़ित संघर्ष कर रहे मुलनिवासी

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इस देश के मुलवासियो द्वारा चाहे वे जिस भी धर्म में मौजुद हो उनके द्वारा भाजपा कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़कर या फिर भाजपा कांग्रेस को वोट डालकर कभी भी इस देश में मनुवादियो की दबदबा लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो से समाप्त नही हो सकती|जो बात सिर्फ मैं ही नही बल्कि भाजपा और कांग्रेस की सरन में जाने वाले मुलनिवासी नेता और मंत्री खुद तब कहते हैं जब भारी भेदभाव के चलते उनकी कुर्सी चली जाती है या फिर टिकट न मिलने का डर उन्हे सताता रहता है|जिससे पहले तक वे मनुवादियो के खिलाफ न खुलकर बोलते सुनते हैं,और न ही देखते हैं|जिस तरह के लोगो को मुलता अपने उपर बिल्कुल भी यकिन नही है कि वे कभी कांग्रेस भाजपा को हरा भी सकते हैं|वह भी ये जानते हुए कि यदि इस देश के मुलनिवासी जो चाहे जिस धर्म में भी मौजुद हो, जिनकी अबादी 85% है वे यदि एकबार भी यदि एकजुट होकर भाजपा कांग्रेस पार्टी छोड़कर किसी ऐसी पार्टी को वोट कर दे जिसका जन्म किसी मुलवासि के द्वारा हुआ है,और नेतृत्व भी मुलनिवासी के द्वारा ही हो रहा है,तो ये बात सौ प्रतिशत तय है कि अपने एग्जिट पोल में भाजपा कांग्रेस को पहला और दुसरा बतलाने वाले मनुवादी मीड

मनुवादी मीडिया अपने ढोंग पाखंड एग्जिटपोल में 85% मुलनिवासियो को 4% सीट मिलेगा दिखलाकर भ्रमित करके दरसल भाजपा कांग्रेस का वोट दलाली कर रही है

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मनुवादी एक्जिट पोल देखकर 85% मुलनिवासी जो चाहे जिस भी धर्म में मौजुद हो वे अपने आप को लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में अपना हक अधिकारो का अँगुठा कटते हुए जानकर निराश हतास बिल्कुल भी न होवे!क्योंकि उनकी दबदबा की सत्ता लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में जिसदिन भी आयेगी,उसदिन मनुवादियो को भी समझ में आ जायेगी कि इस समृद्ध देश में अबतक आधुनिक भारत,गरिबी हटाओ,और शाईनिंग इंडिया,डीजिटल इंडिया की भारी बहुमत सेवा पाकर भी बीपीएल भारत क्यों अबतक भरपेट अन्न जल के लिए भी तरस रही है|क्यों 15% अबादी 85% अबादी को शोषन अत्याचार करने में संकोच नही कर रही है?बल्कि मारने पिटने और छुवा छुत करने के बाद भी निश्चित होकर क्यों अबतक राज कर रही है?जिस तरह का निश्चित होकर कभी मुठीभर गोरे भी हिन्दु मुस्लिम के नाम से आपस में फुट डालकर राज कर रहे थे|मनुवादी तो 85%मुलवासियो को जो चाहे जिस धर्म में भी मौजुद हो उन्हे हजारो जातियों में बांटकर आपस में फुट डालकर राज कर रहे हैं|