टी०वी० अखबार की तरह सोशल मीडिया में भी अब गोदी मीडिया
टी०वी० अखबार की तरह सोशल मीडिया में भी अब गोदी मीडिया
टी० वी० अखबार की तरह सोशल मीडिया में भी अब गोदी मीडिया अपना पाँव पसार रहा है | जिसके लिए कांग्रेस और भाजपा के बिच समझौता हो गया है | भाजपा टी० वी० अखबार मीडिया और कांग्रेसी सोशल मीडिया में पाँव पसारकर चुनाव को भाजपा कांग्रेस खबरे चल रहा है | भाजपा शासन में भाजपा के गोदी मीडिया टी०वी० अखबार में चाटुकारिता करते रहेंगे और कांग्रेस के सोशल मीडिया में चाटुकारिता करते रहेंगे | जिसे समझे खासकर वे लोग जो कांग्रेस और भाजपा दोनो का भ्रष्ट शासन को देख चुके हैं | मुझे तो अब चुनाव से इस देश के मुलनिवासियो को सत्ता मिल जाएगी इसपर विश्वास ही नही रहा | क्योंकि यदि यह देश मनुवादियो द्वारा गुलाम है , जो कि बहुत से मुलनिवासि भी मानते हैं , और खुद आजाद भारत का संविधान लिखने वाले अंबेडकर ने भी कहा है कि एक गुलाम करने वाले से आजादी मिला तो दुसरे गुलाम करने वाले की हाथ में इस देश की सत्ता चला गया है | जिन्होने यह भी कहा कि जब आर्थिक और समाजिक हक अधिकारो को प्राप्त करने के लिए कोई संवैधानिक उपाय न बचा हो तब असंवैधानिक रास्ता उचित लगता है | जो कि गुलामी हालात में फिट बैठता है | और यदि पुरी आजादी मनुवादि साशन में संवैधानिक तरिके से हो रहे चुनाव से मुमकिन कभी सचमुच में मिल पाया , तो इसके लिए इतिहास मुझे माफ करे ! लेकिन यदि इस देश का इतिहास में मनुवादि शासन में चुनाव से इस देश के मुलनिवासियो को पुरी आजादी प्राप्त कभी नही हुआ तो मुलनिवासियो द्वारा आजादी आंदोलन में कम और चुनाव तैयारी में ज्यादे ध्यान देने की इतिहास को मैं कभी माफ नही कर सकूँगा | क्योंकि चुनाव में विश्वास करके गुलामी से पुरी आजादी पाने में किमती समय बर्बाद किया जा रहा है | वह भी यह सबकुछ जानते हुए कि अल्पसंख्यक मनुवादि बहुसंख्यक मुलनिवासियो के हक अधिकारो को छिनकर लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में अपनी बहुसंख्यक दबदबा कायम किए हुए हैं | जो कि संवैधानिक तरिके से लोकतंत्र के चारो स्तंभो में 90% बहाल हो ही नही सकते | और यदि किसी मुलनिवासि को लगता है कि मनुवादि शासन में यह सबकुछ पुर्ण रुप से संवैधानिक तरिके से हो रहा है , अथवा मनुवादि वाकई में इन सभी क्षेत्रो में सबसे अधिक काबिल होने की वजह से कायम हैं तो मैं इसके बारे में अपनी राय दुँगा कि मनुवादियो की उसी सबसे बड़ी टालेंट से मनुस्मृति लागु करके कभी मनुवादियो के पूर्वज शासन करते थे | जिनके वंसज आज आजाद भारत की रक्षा करने वाली पदो में भी 99% विराजमान हैं | जिसकी झांकी यह देख लिया जाय ! पुर्व लोकसभा उपाध्यक्ष कड़िया मुंडा की रिपोर्ट 2000 ई० के अनुसार पहले देश की राजधानी दिल्ली से ही सुरुवात की जाय!
(1) दिल्ली में कुल जज 27 जिसमे
ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय-27 जज ,ओबीसी - 0 जज, SC- 0 जज , ST- 0 जज )
(2) पटना में कुल जज 32
जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 32 जज , ओबीसी -0 जज , SC- 0 जज , ST- 0 जज )
(3) इलाहाबाद में कुल जज 49 जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 47 जज ,ओबीसी - 1 जज, SC- 1 जज ,ST- 0 जज )
(4) आंध्रप्रदेश में कुल जज 31 जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 25 जज , ओबीसी - 4 जज, SC- 0 जज ,ST- 2 जज )
(5) गुवाहाटी में कुल जज 15 जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 12 जज , ओबीसी - 1 जज, SC- 0 जज ,ST- 2 जज )
(6) गुजरात में कुल जज 33 जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 30 जज , ओबीसी - 2 जज, SC- 1 जज , ST- 0 जज )
(7) केरल में कुल जज 24
जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 13 जज ,ओबीसी - 9 जज, SC- 2 जज ,ST- 0 जज )
(8) चेन्नई में कुल जज 36 जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 17 जज , ओबीसी -16 जज, SC- 3 जज ,ST- 0 जज )
(9) जम्मू कश्मीर में कुल जज 12 जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय- 11 जज , ओबीसी - जज, SC-0 जज , ST- 1 जज )
(10) कर्णाटक में कुल जज 34
जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय जज 32 , ओबीसी - 0 जज, SC- 2 जज ,ST- 0 जज )
(11) उड़िसा में कुल -13 जज जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 12 जज , ओबीसी - 0 जज, SC- 1 जज ,ST- 0 जज )
(12) पंजाब-हरियाणा में कुल 26 जज
जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय - 24 जज ,ओबीसी - 0 जज, SC- 2 जज ,ST- 0 जज )
(13) कलकत्ता में कुल जज 37 जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 37 जज , ओबीसी -0 जज, SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
(14) हिमांचल प्रदेश में कुल जज 6
जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 6 जज ,ओबीसी - 0 जज, SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
(15) राजस्थान में कुल जज 24
जिसमे से ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 24 जज ,ओबीसी - 0 जज, SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
(16)मध्यप्रदेश में कुल जज 30 जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 30 जज ,ओबीसी - 0 जज, SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
(17) सिक्किम में कुल जज 2
जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 2 जज ,
ओबीसी - 0 जज ,
SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
(18) मुंबई में कुल जज 50 जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 45 जज , अोबीसी - 3 जज, SC- 2 जज , ST- 0 जज )
कुल मिलाकर 481 जज में से ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 426 जज , जबकि OBC के 35 जज ,SC के 15 जज ,ST के 5 जज शामिल हैं ! यह सब यदि गोरो से आजादी मिलने के बाद मनुवादि शासन कायम नही होता तो क्या मुमकिन हो पाता ?बजाय इसके कि मनुवादियो से पुरी आजादी पाने के लिए सिधे आजादी आंदोलन करने की तैयारी सबसे अधिक किया जाय ! जिसके लिए तैयारी मैं जितना हो सके अपनी तरफ से अपने विचार इस ब्लॉगर साइट के जरिए भी बांटकर कर रहा हूँ ! पर क्या करे मुझे इंटरनेट के बारे में इतना कुछ पता नही है कि अपने ब्लॉगर साइट को बेहत्तर से बेहत्तर बनाकर वहाँ तक ज्यादे से ज्यादे मुलनिवासियो को लाकर समझाने में कामयाबी हासिल कर सकू | जहाँ पर मैने तीन चार सौ पोस्ट तो लिखे हैं , पर उसे पढ़ने के लिए तीन चार मुलनिवासि भी रोज नही आ पा रहे हैं ! हो सकता है मेरे द्वारा लिखी बाते पसंद न आए पर एकबार तो सभी मुलनिवासि जिन्हे इंटरनेट चलाना आता हो वह मेरा ब्लॉगर के बारे में जाने तो सही ! जिसके लिए khoj123 सर्च करे सायद मेरा ब्लॉगर पता को जान जाए ! मैं यह विनती मुख्यता पैसा कमाने के लिए नही कर रहा हूँ , बल्कि अपने विचारो को ज्यादे से ज्यादे मुलनिवासियो को पढ़ाने के लिए कर रहा हूँ | क्योंकि मुझे विश्वास है कि मेरे द्वारा लिखे पोस्ट जो भी मुलनिवासि पुरा पढ़ लेगा उसे कम से कम यह तो पता जरुर चल जाएगा की मेरा विश्वास अब चुनाव से क्यों उठ गया है | पैसा तो मैं अबतक तीन चार सौ पोस्ट लिखकर उससे एक डॉलर भी नही कमा सका हूँ | जिसकी मुझे शिकायत नही , क्योंकि मेरा पोस्ट कोई पढ़ेगा ही नही तो मुझे पैसा गुगल क्यों देगा ? शिकायत तो मुझे सायद खुदसे है कि मैं दरसल गुगल को ठीक से अबतक समझ ही नही सका हूँ !
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