In order to bring about a balanced change in the humanity and environment of the whole world, I have given my views about politics, religion, Chunav Vagaira. पूरी दुनिया की मानवता और पर्यावरण में एक संतुलित बदलाव लाने के लिए, मैंने राजनीति, धर्म, सरकार चूनाव वगैरा के बारे में अपने विचार दिए हैं। pooree duniya kee maanavata aur paryaavaran mein ek santulit badalaav laane ke lie, mainne raajaneeti, dharm, choonav vagaira ke baare mein apane vichaar die hain.
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शनिवार, 28 जनवरी 2023
Only such people are called real professional Randa Randi! whether they do sex for money or for free
शनिवार, 14 जनवरी 2023
पैसे के लिए खुदको निच अथवा भ्रष्ट मत बनाओ
पैसे के लिए खुदको निच अथवा भ्रष्ट मत बनाओ
पैसा तो रण्डा रण्डी भी कमा लेते हैं , सत्य इमानदारी अथवा इंसानियत कमाना सबसे बड़ी कमाई है ! इसलिए इंसान को पैसा को ज्यादे महत्व तबतक देना चाहिए ,जबतक कि उसके पास इतना न हो जाय की उससे खुदका भी पेट भर जाय और कोई घर आया मेहमान भी भुखा वापस न लौटे ! लेकिन जो लोग पैसा को इंसानियत और सत्य से भी ज्यादे महत्व देते हैं , उन्ही लोगो के चलते ही तो आज पुरी दुनियाँ में इतनी गरिबी भुखमरी है , और हर रोज पुरी दुनियाँ में गरिबी भुखमरी की वजह से हजारो लोग मर रहे हैं , और ये लोग अपने गांड़ के निचे पैसो का अंबार लगाकर दिन रात महंगे महंगे भोग विलास और झुठी शान में डुबे रहते हैं ! जिसमे बड़ौतरी होता रहे इसके लिये ही तो ये लोग झुठ बोलना ही नही न जाने क्या क्या नही करते हैं ! मसलन अभिनेता अमिताभ को ही ले लिया जाय जिसे मैं नायक नही मानता और न ही असल में भी अभिनेता का मतलब नायक होता है इतनी तो कम पढ़े लिखे लोगो को भी पता रहता है ! फिर भी न जाने कौन सी महानायक वाला सत्यकर्म देखकर अभिनेता अमिताभ को सदी का महानायक जैसे पुरुस्कार दे दिया गया ! जबकि दुनियाँ का सबसे बड़ा घोटाला में एक पनामा घोटाला में अमिताभ का भी जो नाम है वह यदि सत्य साबित हो जाय तो इनको सदी का महानायक नही सदी का सबसे बड़ा घोटाला करनेवाला खलनायक तक कहा जाएगा ! जिस तरह के घोटालो का पुरा अंबार लगा हुआ है इस देश में भी ! जिसकी झांकी कोई भी गुगल सर्च करके पता कर सकता है कांग्रेस भाजपा के घोटालो का लिस्ट जानकर भी ! जिस तरह के लिस्टो के बारे में भी यदि सारा पोल खुलने लगे तो ये तो सिर्फ झांकी अथवा ट्रेलर है , पुरी दुनियाँ में जो कालाधन का अंबार काली गुफा में लगा हूआ है , जिसे खुल जा शिमशिम कहकर भ्रष्टाचारी दिन रात अपनी रहिसी दिखलाते रहते हैं , जिसकी वजह से ही पुरी दुनियाँ में गरिबी भुखमरी कायम है , उसके बारे में भी सत्यपोल खोलकर उसका सत्य फैशला भी सुनाया जाय तो सिर्फ इस देश में ही ऐसे बड़े बड़े भ्रष्टाचारियो की पुरी गैंग मौजुद है , जो इतिहास में कई कई अली बाबा चालिस चोर का कहानी वह भी सत्य पर आधारित रच रहे हैं ! जिनका पोल भविष्य में तब खुलेगा जब पुरी दुनियाँ में इंसानियत कायम होगी , और सभी चोरो का काली गुफा भी जब्त होगी खुल जा शिमशिम कहकर ! जिस गुफा की वजह से आज चारो तरफ गरिबी भुखमरी कायम है ! मसलन इस देश में ही जो की सोने की चिड़ियाँ तक कहलाता है इतना धन संपदा से भरपुर देश में भी आधुनिक भारत डीजिटल इंडिया गरिबी हटाओ का नारा आजादी से लेकर अबतक सुन सुनकर हजारो लोग हर रोज भुख से मर रहे हैं , और काली गुफा वाले अति खा खाकर और भोग विलास करके मर रहे हैं !
मनुवादि हिंदू नही है
मनुवादि हिंदू नही है
मनुवादि हिंदू नही है , उसके अंदर यहूदी dna है साबित हो चूका है ! जो हिंदू कब बने ? दरसल यूरेशिया से आये मनुवादियो ने इस देश को गुलाम करके इस देश के वेद पुराणो में भी कब्जा करके उसके साथ छेड़छाड़ करके अपना संविधान मनुस्मृति की रचना करके खुदको उच्च और इस देश के मुलनिवासियो को जिसे की उन्होने घर के भेदियो की सहायता से गुलाम बनाया उसे निच शूद्र अधम घोषित किया हुआ है , जो की स्वभाविक भी है | क्योंकि जो भी अविकसित इंसान जिसके अंदर इंसानियत का विकाश अबतक भी न होकर अब भी उसके अंदर खुंखार जानवर चोर लुटेरा कबिला सोच कायम है , वह जब भी किसी को गुलाम बनाता है तो खुदको उच्च और अपने गुलामो को निच शूद्र अधम मानता ही है ! जैसे की गोरे भी अपने गुलामो को अपने से निचे मानते थे , तभी तो उन्होने खुदको उच्च जाति का कहने वाले गाँधी को भी निच समझकर लात मारकर रेल से बाहर फैंक दिया था , जब गाँधी गोरो के साथ सफर करने के लिए रेल में चहड़ा था ! जाहिर है गोरो के लिए चूँकि गाँधी भी उस समय एक गुलाम ही था , इसलिए गाँधी भी गोरो से निचे अथवा निच ही था जिसे अपने जैसा उच्च कभी नही मान सकते थे गोरे ! जैसे की उस समय चाहे मुगल हो या यूरेशिया से आये मनुवादि सभी गुलाम गोरो से निचे पायदान में थे ! उसी तरह मनुवादियो के लिए भी इस देश के मुलनिवासि चूँकि गुलाम हैं , इसलिए निच शूद्र अधम हैं ! हाँ यदि यह देश पुरी तरह यदि आजाद होता और गुलाम करने वाले गोरो की तरह मनुवादि भी इस देश की सत्ता को छोड़कर इस देश के मुलनिवासियो को सत्ता सौंपकर आजाद भारत का संविधान पुरी तरह से लागू होकर कोई गुलाम करनेवाला इस देश की सत्ता में कायम नही होता तो आज इस देश में उच्च निच भेदभाव कायम नही रहता ! बल्कि यदि कायम भी रहता तो भेदभाव करने वाले सुधार घर में अपने भितर मौजुद उस मांशिक विकृति का सुधार कर रहे होते जिसपर की जबतक सुधार नही होगा तबतक इस देश ही नही बल्कि पुरी दुनियाँ में उच्च निच गोरा काला भेदभाव कायम रहेगा ! जिसे कायम करने वाले चाहे सुट बूट पहने या फिर चाँद और मंगल में खुदको ले जायं खुदको सबसे आधुनिक और सबसे उच्च विकसित मानव कहकर , असल में वे प्रकृतिक वैज्ञानिक समाजिक पारिवारिक सभी दृष्टी से सबसे अविकसित असल निच शूद्र अधम मानव हैं , जिसका विकाश होना ही सबसे अधिक जरुरी भी है ! बल्कि यदि इस पृथ्वी का भी विकास करना है तो इन विनाशकारी सोच वाले मानवो के भ्रष्ट बुद्धी विकाश करना होगा ! जिसमे अबतक भी किसी को गुलाम करनेवाला हैवानियत कायम है !
शनिवार, 7 जनवरी 2023
क्या मतलब है " ढोल, गंवार , शूद्र ,पशु ,नारी सकल ताड़ना के अधिकारी "
The chains of slavery
The chains of slavery The chains of slavery The dignity of those who were sent by America in chains is visible, but not the chains of slave...

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एक भी प्रधानमंत्री दलित क्यों नही? एक भी प्रधानमंत्री दलित क्यों नही? भारत का संविधान दलित अंबेडकर ने लिखा पर 1947 ई. से लेकर 2024 ई. आजतक...
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साक्षात मौजुद प्रकृति भगवान की पुजा हिन्दु धर्म में की जाती है , न कि मनुवादियो के पूर्वज देवो की पुजा की जाती है दरसल मनुव...
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तंबाकू धुम्रपान निषेध दिवस सरकार पुरे देश में मनाती है, और साथ साथ जनता भी मनाती है| पर फिर भी सरकार बिड़ी सिगरेट का उद्...