Only such people are called real professional Randa Randi! whether they do sex for money or for free



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ऐसे लोगों को ही असली पेशेवर रंडा रंडी कहा जाता है! चाहे वे पैसे के लिए सेक्स करें या मुफ्त में

सच्चा प्यार के बारे में मेरा विचार पहले भी बता चूका हूँ कि "प्यार जुठन पत्तल में किया गया भोजन नही जिसमे कुत्ते कुत्तिया पलते हो , बल्कि प्रेम वह प्रसाद है जिसे हमेशा पवित्र रखा जाता है अपने जीवन साथी के लिए ! " जिसमे प्रसाद मैने मुलता किसे कहा है हर सच्चा प्रेमी को पता है ! जिसने भी सिर्फ अपने सच्चे प्यार के सिवा किसी और को अपना शरिर नही सौंपा है वही सच्चा प्यार है ! क्योंकि मेरा यह मानना है कि किसी से प्यार होने का सबसे बड़ा कारन किसी के साथ शारिरिक सुख भोगने के लिए अपनी मन पसंद का चुनाव करना होता है | जिसके साथ कोई प्यार करके शारिरिक रिस्ता बनाना चाहता है ! जिस विचार को मैं सत्य के तराजू में तौलकर बतला रहा हूँ , न की यह कह रहा हूँ कि सभी प्यार अपनी पसंद के साथ शारिरिक सुख भोगने के लिए ही होता है ! पर ज्यादेतर प्यार अपनी मन पसंद का चुनाव करके उसके साथ सेक्स करने के लिए ही होता है ! और मैं पहला प्यार पहला सेक्स जिसके साथ अपनी मन पसंद चुनाव से किया जाता है , उसको मानता हूँ , इंसान जानवर चाहे किसी से भी हो ! क्योंकि चाहे क्यों न सुवर और कुत्ता से ही हो , जिसके साथ भी अपनी मन पसंद से पहला सेक्स किया वही उसका पहला प्यार है ! और मैं सच्चा प्यार उसे मानता हूँ जो कि सिर्फ एक के साथ तन मन का रिस्ता जोड़कर सारी जीवन एक के साथ ही बिता देने का तन मन समर्पित किया जाता है एक दुसरे को ! जो यदि कई के साथ हुआ तो उसे मैं आवारा कुत्ता कुत्तिया का झुठा और हवसी प्यार मानता हूँ ! जिसके बारे में इससे पहले बतला चूका हूँ ! 

जिससे आगे भी सच्चा प्यार के बारे में मेरा अपना खुदका पर्शनल विचार बतलाना चाहता हूँ कि जिसे कई के साथ सेक्स करने का हवस अथवा नशा चड़ चुका हो , जैसे की आवारा कुत्ता कुत्तिया को , वे कभी नही सच्चा प्यार कर सकते ! और न ही वे किसी सच्चे प्यार की मुल भावना की इज्जत करते हैं ! बल्कि अपना कुत्ता कुत्तिया वाला झुठा प्यार यदि धोखे और झुठ से संक्रमित कर देते हैं तो किसी को मानो अपने जैसा ही झुठा प्यार कहलवा देते हैं ! इसलिए ऐसे लोगो से यदि किसी को सच्चा प्यार हो जाता है , अथवा जिस इंसान को पहली बार सेक्स करने के लिए अपनी पसंद का चुनाव करने के लिए उसके प्रति आर्कषण हो जाता है तो वह मेरे लिए एकतरफा सच्चा प्यार है ! क्योंकि दुसरा चूँकि आवारा कुत्ता कुत्तिया है इसलिए वह पुर्ण रुप से सच्चा प्यार नही है ! बल्कि एकतरफा सच्चा प्यार करनेवाला भी किसी कुत्ता कुत्तिया वाला प्यार करने वाले से शारिरिक रिस्ता अथवा सेक्स करके वह भी झुठा प्यार से संक्रमित होकर उसका भी प्यार झुठा प्यार ही कहलायेगा यदि वह जानबुझकर की अगला कुत्ता कुत्तिया प्यार है , फिर भी उसके साथ शारिरिक रिस्ता के लिए राजी हो जाता है तो उसका भी प्यार झुठा प्यार ही कहलायेगा ! जैसे की यदि कोई जानबुझकर किसी वैश्या के साथ रण्डीबाजी अथवा रण्डाबाजी करता है तो वह भी रण्डी व रण्डा ही कहलायेगा ! भले क्यों न वह झुठी शान का साफ सुथरा मुखौटा लगा रखा हो ! ऐसे लोगो को सच्चा प्यार की तलास नही बल्कि हवस की तलास रहती है ! जिसकी पूर्ती कुत्ता कुत्तिया से भी हो जाती है ! अथवा कुत्ता कुत्तिया से भी उनकी शारिरिक भूख मिटे तो उनको कोई एतराज नही होता है ! ऐसे लोग ही असल पेशेवर रण्डा रण्डी कहलाते हैं ! चाहे वे सेक्स पैसे के लिए करते हो या फ्री में करते हो ! जिस तरह के हवसी लोग वविकसित परिवार समाज के लिए श्राप हैं ! जिन्हे पुरी दुनियाँ का देश मिलकर कहीं पर अलग से देश दे देना चाहिए ! यह मेरा पर्शनल विचार है , जिसे मैने बहुत मंथन करके सत्य का तराजू में तौलकर तय किया है !
जिससे आगे भी प्यार को लेकर मेरा यह भी विचार है कि सच्चा प्यार अपनी मन पसंद तलास में जिसके भी प्रति आर्कषण होता है , उसे ऐसे साथी की मन पसंद तलास रहती है , जो कि सिर्फ उसी को अपना मन पसंद चुनकर सिर्फ उसी को अपना तन मन समर्पित कर सके !  लेकिन जो लोग झुठा प्यार करते हैं , वे चूँकि आवारा कुत्ता कुत्तिया की तरह कई से सेक्स कर चूके होते हैं , इसलिए उन्हे अपनी तरफ से तो कभी सच्चे प्यार की तलास होगी ही नही , पर इनके झांसे में सच्चा प्यार करने वाले आने से वे भी झुठे प्यार का संक्रमण में आकर उसके साथ प्यार अथवा सेक्स करके झुठा प्यार कहला जाते हैं ! इसलिए सच्चा प्यार किस्मत वालो को ही नसीब होता है ! जिसमे प्रेमी प्रेमिका दोनो ही एक दुसरे को अपनी मन पसंद से चुनकर एक दुसरे के लिए सारा जीवन तन मन से हो जाते हैं !
जिस तरह का प्यार मैं भी करना चाहूँगा , और अपना मन पसंद उसी को चुनना चाहूँगा जो की मेरी तरह वर्जिन हो , और हम दोनो ही एक दुसरे को पसंद करके दोनो ही पहलीबार एक दुसरे के लिए समर्पित हो , वह भी जीवनभर के लिए ! जो कि मेरा मन पसंद ..? है यदि वह भी मेरी तरह वर्जिन है , और वह भी मुझे अपना मन पसंद चुनकर सारी जीवन सिर्फ मेरे साथ जीवन बिताना चाहती है ! तब मैं हम दोनो का प्यार को सच्चा प्यार मानुंगा नही तो हम दोनो में कोई एक भी यदि झुठा निकला तो हम दोनो का प्यार सच्चा नही बल्कि वह झुठा प्यार है , जिसे की मैं आवारा कुत्ता कुत्तिया प्यार से तुलना करता हूँ ! मैं और ..? में जो कोई भी पहले से ही शारिरिक रिस्ता बना चूका होगा उसका प्यार ऐसा झुठा और धोखेबाज प्यार होगा , जिसे की मैं आवारा कुत्ता कुत्तिया का प्यार मानता हूँ ! झुठा और धोखेबाज प्यार के लिए कई के साथ सेक्स करना समान्य बात होती है ! जिनका परिवार निर्माण भी ऐसे नाजायज औलादो से होता है , जिसमे की कुत्ता कुत्तिया इतने के साथ सेक्स कर चूके होते हैं कि कुत्तिया को अपने बच्चे का असली बाप कौन है पता नही चलता और कुत्ता को यह नही पता होता कि उसके कौन कौन औलाद और कितने औलाद सड़क मोहल्ले में घुम रहे हैं ! ऐसे कुत्ते कुत्तियो के प्रेम को मैं सच्चा प्रेम नही मानता ! और एक सर्वे के मुताबिक भी कहीं पर मैने एक खबर देखा था कि एकबार सर्वे किया गया था dna जाँचकर एक खास विकसित आधुनिक कहलाने वाले क्षेत्र में तो वहाँ के 70% औलादे किसी दुसरे मर्द की औलादे निकले थे ! अथवा असल बाप का औलाद के बजाय दुसरे का अथवा नाजायज औलादे थे ! जहाँ पर यह भी सर्वे हुआ था कि वहाँ के लोग शादी से पहले औसतन कम से कम आधा दर्जन से सेक्स पहले ही मना चुके होते हैं ! जिस तरह के ही तो लोग झुठा और धोखेबाज प्यार करते हैं ! जिनको तो कभी भी पारिवारिक रिस्ता जोड़ना ही नही चाहिए और सिर्फ आवारा कुत्ता कुत्तिया रण्डा रण्डी की तरह ही जीवन जीना चाहिए वह भी मेरा वश चले तो इससे पहले लिख चुका कि इनके लिए पुरी दुनियाँ का देश एकजुट होकर ऐसे कुत्ता कुत्तियो के लिए कोई अलग से देश दे देना चाहिए जहाँ पर कोई परिवार समाज न हो ! सिर्फ मानो मुर्गा मुर्गी भेंड़ बकरी वगैरा का मानो ऐसा फार्म हो जहाँ की ये सिर्फ ज्यादेतर तो जिससे मन करे इधर उधर कहीं भी हवस पूर्ति में ही डुबे हुए हो ! जैसे की मुर्गा मुर्गी डुबे रहते हैं यदि उनको एक जगह खुब सारा इकठा करके छोड़ दिया जाय ! जिस तरह का ही मु्र्गा मुर्गी भेड़ बकरी का भिड़ आधुनिकता के नाम से अब शहरो में होटल वगैरा खोलकर उसका विस्तार करते हुए कुत्ता कुत्तिया वाला झुठा और धोखेबाज प्यार का संक्रमण फैलाया जा रहा है ! जिसे मैं सही आधुनिकता नही मानता ! क्योंकि सही आधुनिकता अथवा सच्चा प्रेम के बारे में फिर से अपना सत्य विचार बतलाना चाहूँगा कि 
"प्यार जुठन पत्तल में किया गया भोजन नही जिसमे कुत्ते कुत्तिया पलते हो , बल्कि प्रेम वह प्रसाद है जिसे हमेशा पवित्र रखा जाता है अपने जीवन साथी के लिए ! " 

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