बदहाली और गरिबी भुखमरी
गरिबी हटाओ के नाम से सरकारी जन धन खाता और सरकारी राशन कार्ड धराकर भी हजारो की हर रोज गरिबी भुखमरी से मौत की कतार नोटबंदी में हुई मौत की कतार लिस्ट से भी ज्यादे बड़ी लिस्ट हर रोज भुखमरी और गरिबी से होनेवाली मौत की कतार लिस्ट बड़ते ही जा रही है|दुसरी तरफ मुठीभर धन्ना कुबेरो को छुट और माफी के रुप में इतनी बड़ी राशि की जिससे की किसी छोटे मोटे पुरे राज्य का बजट बन जाय, जिस छुट और माफी को हर साल पाने के लिए धन्ना कुबेरो की भी कतार कुछ इसी तरह ही बड़ते ही जा रही है|पर इन दोनो के बिच अमिरी गरिबी के साथ साथ छुट और माफी की भी दिवार कितनी बड़ी है, उसे खुद भी गहराई से मंथन करके समझने की कोशिष करते हुए उसे अपनी नजरिये से मैं अपना विचार सत्य ज्ञान के रुप में बांट रहा हुँ|जिसके बारे में पाठको द्वारा एक तस्वीर को भी झांकी के रुप में उसपर लिखी गयी कड़वा सत्य को देख पढ़कर समझकर मेरे भितर की विचारो को समझने की कोशिष की जा सकती है|जिसके बारे में मैं अपना विचार व्यक्त करके वर्तमान के अच्छे दिन आने के बारे में जाहिर है मेरी तरफ से तो कड़वा सत्य का ही उजागर करुँगा| जिसे मात्र पढ़कर मेरे ख्याल से किसी पाठक को कोई तकलिफ नही पहुँचनी चाहिए|खासकर यह जानते हुए कि इस सोने की चिड़ियाँ कहे जानेवाला अजाद देश में जहाँ पर दुनियाँ की सबसे अधिक समृद्ध खनिज संपदा और मानव बल का भी अपार ताकत मौजुद है, वहाँ की वर्तमान हालात इतने बुरे हैं कि भले जेल में भी अपराधी को करोड़ो रुपये की जिवन निगरानी और बिरयानी खिलाई जाती रही है जेड सुरक्षा से भी अधिक की सुरक्षा और महंगी खान पान देकर पर जेल से बाहर करोड़ो गरिबो की जिवन भुखमरी कुपोषन से मारे जाने की ऐसे बुरे दिन गुजर रहे हैं,जिसे तो मैं कहुँगा किसी अजाद नागरिक के लिए मौत सजा से कम नही है ऐसे किसी समृद्ध देश में गरिबी भुखमरी से मरना,वह भी किसी जनता सेवक के द्वारा वोट लेते समय बार बार जनता मालिक कहकर उसी गरिब जनता मालिक की कृपा से खुद तो मंत्री पद की शपथ लेकर देश की संसाधनो का भरपुर उपयोग करके अपने लिए गाड़ी बंगला और जेड सुरक्षा की सारी सुख सुविधा लेने की व्यवस्था हो,पर जनता मालिक जनता मालिक कहकर गरिब सेवा करते करते उसी सेवको के ही नेतृत्व में हर रोज अनगिनत नागरिको की गरिबी भुखमरी से मौत भी जारी है लंबे समय तक|और खासकर जहाँ पर आजतक एक भी सेवक मंत्री और उच्च अधिकारियो की मौत गरिबो की सेवा करते हुए भुखमरी और कुपोषन से न हुई हो,और जो मंत्री बनकर खुदको बार बार उस गरिब जनता मालिक का नौकर बतला रहे हो,जिसके मालिको की मौत हर रोज हजारो की संख्या में हो रहा हो और खुदको नौकर बतलाने वाला पाँच साल के बाद भी लाखो रुपये की पेंशन भी पाकर अपने गरिब जनता मालिक की अच्छे दिन लाने की सेवा के नाम से हर रोज गरिबी भुखमरी से अनगिनत की मौत अब भी जारी है| तो फिर गरिबी हटाओ कहकर अजादी से अबतक इस देश के नागरिको की औसतन उम्र से अधिक का समय बित चुकी है गोरो से अजादी मिले उसके बावजुद भी कई कई लाख बल्कि करोड़ गरिबो की मौत होकर जो अब दुनियाँ से ही हट गए हैं ,ऐसी आधुनिक भारत कर देने की साठ साल की आधुनिक भारत गरिबी हटाओ भाषन अश्वासन के बाद आई सरकार और आज की भी फिर एकबार साठ महिना साईनिंग इंडिया के बाद साठ साल बनाम साठ महिना भाषन अश्वासन देकर आई साईनिंग इंडिया का अपडेट डीजिटल इंडिया की सरकार में क्या अंतर आई है हर रोज गरिबी भुखमरी की मौत में?जिसे तो मैं कहुँगा आधुनिक भारत,गरिबी हटाओ और साईनिंग इंडिया डीजिटल इंडिया युक्त दोनो ही हालातो में गरिबी भुखमरी सिर्फ अपडेट होती रही है|क्योंकि आज भी तो गरिब जनता मालिक ही मर रहा है गरिबी भुखमरी से|या फिर अपकीबार की संसद सत्र में किसी मंत्री सेवक या उच्च अधिकारी की भी गरिबी भुखमरी से मौत हो गयी अपने गरिब जनता मालिक की सेवा करते करते,जिसकी आत्मा की शांती के वास्ते दो मिनट की मौन वर्त रखी जाय खबर लाईव संसद बहस देखते समय गरिब जनता मालिक को सुनने देखने को मिलने वाली है|जो गरिब जनता अपने बिच में मौजुद करोड़ो गरिब जनता मालिको में से ही हजारो की मौत गरिबी भुखमरी से हो रही है, इसकी खबर तो आंकड़ो के साथ देखता सुनता और पढ़ता ही रहता है| जिसे रोज ही बार बार पढ़ सुन और देखकर मुझे भी रहा नही गया इस बुरे हालात के बारे में अपनी विचार शोशल मीडिया में बांटने की और इस गरिब जनता मालिक के बुरे दिनो की झांकी के रुप में इसे पेश किया है|जिसके बारे में बहुत कुछ बतानी और लिखनी तो अभी बाकी है|जिसके बारे में सबकुछ जानकर भी ये गरिब जनता मालिक सिवाय किसी को अपनी कृपा से वोट करके मंत्री पद की शपथ दिलाकर एक झटके में ही चाहे क्यों न कोई कितना गरिब हो अमिरी सुख सुविधा की जिवन प्रदान करा सकता है, पर उस जनता मालिक की गरिबी जिवन को गरिबी हटाओ सेवा के नाम से जब अजादी समय पुरे देश की अबादी चालीस करोड़ थी उस समय आधुनिक भारत के नाम से लेकर गरिबी हटाओ और अब साईनिंग इंडिया के बाद डीजिटल इंडिया में सबके अच्छे दिन आने वाले हैं गरिबो की सेवा के नाम से वही चालीस करोड़ अबादी जितनी अबादी बीपीएल भारत,जिसमे भी हजारो हर रोज गरिबी भुखमरी से मारे जा रहे हैं, और अच्छे दिन है कि अबतक सिर्फ मुठिभर अबादी के हिस्से में ही लाये जा रहे हैं|जिनके लिये तो एक एक को हर साल इतनी माफी और छुट मिलती है कि उससे किसी छोटे मोटे राज्य की पुरी एक साल की बजट ही चल जाय|जिनके लिए तो हजारो करोड़ की कर्ज में भी भगोड़ा घोसित करके भी हजारो करोड़ की माफी लोरी सुनाकर विदेशी घी पीलाई जा रही है|जिस तरह की भेदभाव सेवा के बारे में प्रयोगिक जिवन के बारे में मंथन करता ये पिड़ित मन भी संघर्ष करते हुए गरिब जनता मालिक के ही बिच अपने भितर न जाने कितने ही गमो को छिपाकर हर रोज हजारो की तादार में गरिब मरते हुए जानकर भी सुख दुःख का लहर मार रहा है,जिसमे से उठी ये कड़वा सत्य किसी ऐसी भारी बदलाव सुनामी के बारे में भी बतला रहा है जो भविष्य में मेरा ये सत्य ज्ञान पढ़ने वाले पाठको को याद करने के लिए मजबुर करेगी की मैं क्या कहना चाह रहा था वर्तमान के इस बुरे दिनो के बारे में| जिसे भविष्यवाणी कहना नादानी होगी| जिस तरह की कड़वी सच्चाई के बारे में सत्य जानने वालो का मन एक जगह किसी सागर की तरह शांत पड़े योग मुद्रा में भी स्थिर पड़े पड़े पुरी दुनियाँ की चक्कर इतना लगाता रहता है कि जितना कोई हवा हवाई चक्कर भी पुरी दुनियाँ की कई बार लगाकर किसी सागर से ज्यादे इस जमिनी हकिकत की चक्कर नही लगा सकता|चाहे क्यों न वह जवानी से लेकर बुढ़ापा और बुढ़ापा से लेकर आगे की भी जिवन काट ले उस गरिबी भुखमरी सत्य के बारे में जानने की कोशिश आसमानी हवा हवाई ज्ञान से पुरी सत्य जानने की कोशिश करके उसे जड़ से मिटाने के लिए पुरी दुनियाँ की हवाई यात्रा कर ले|वह उसे कभी मिटा नही पायेगा जबतक की जमिनी हकिकत को जानकर जनता मालिक की सेवा के नाम से हक अधिकार उन्हे बिना भेदभाव के दिया नही जायेगा|और चुँकि इस देश में छुवा छुत भेदभाव करने वाले एक भी भ्रष्ट सोच इस जमिनी हकिकत की उदाहरन के तौर पर मौजुद रहेगी,तबतक कोई मेरे द्वारा लिखे गए इस विचार के बारे में जिसमे मैने बतलाया है कि सेवा के नाम से भी किस तरह की भारी भेदभाव हो रही है ,उसे झुठ बतलाने वाले तो उसदिन का इंतजार करे जब इस देश से छुवा छुत और उच्च निच की गंदगी फैलाने वाली भ्रष्ट बिमारी जो की दरवाजा बंद करके की जाती रही है|जिनमे से वे लोग ज्यादेतर नही होते जो खुले में झाड़ के पिच्छे और पेड़ के निचे मल मुत्र करने को लेकर आये दिन बदनाम हो रहे हैं देश बदनाम करने को लेकर|जबकि शारिरिक मल मुत्र गंदगी से भी ज्यादे की गंदगी अथवा अपने सर में मैला ढोने से भी बड़ी गंदगी छुवा छुत की गंदगी करने वालो के द्वारा छुवा छुत गंदगी हजारो सालो से झेलना जारी है|जिस छुवा छुत गंदगी के चलते शोषित मानो अपना सर का ताज सौंपकर अपने सर में मैला ढोकर भी बैठाते रहे हैं जन्म से उच्च विद्वान पंडित सुन सुनकर और कई बार तो उनकी पुजा करके आरती भी उतारी जाती रही है |जिस तरह की ही आरती भविष्य में भी कहीं न उतरवाने की प्लानिंग अपडेट छुवा छुत करके न चल रही हो|क्योंकि आजतक भी बहुसंख्यक पिड़ित समाज का सर में मैला ढोना और छुवा छुत का शिकार होना जारी है|जाहिर है गणतंत्र के चारो स्तंभो की उच्च पदो समेत सेवा में भी भारी भेदभाव जारी है इससे कोई इंकार नही कर सकता यदि उसे मेरा ये सत्य संदेश सत्य लगता हो|
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