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शुक्रवार, 29 मई 2020

New Jumla Congress urges BJP to apply ointments to corona and lockdown wounds to all families immediately ₹ 10000 / and ₹ 7500 per month for six months

New Jumla Congress urges BJP to apply ointments to corona and lockdown wounds to all families immediately ₹ 10000 / and ₹ 7500 per month for six months
न्यू जुमला कांग्रेस ने बीजेपी से आग्रह किया कि कोरोना और लॉकडाउन के घावों पर मरहम लगाने के लिए सभी परिवारों को तुरंत ₹ 10000 / / 7500 प्रति माह छह महीने के लिए दिया जाए
nyoo jumala kaangres ne beejepee se aagrah kiya ki korona aur lokadaun ke ghaavon par maraham lagaane ke lie sabhee parivaaron ko turant ₹ 10000 / / 7500 prati maah chhah maheene ke lie diya jae
कांग्रेस भाजपा के वचनो भाषणो और अश्वासनो को गरिब शोषित प्रजा मल मूत्र की तरह सोचकर रात में यदि सुने तो सुबह निकाले और दिन में सुने तो शाम में निकालें,क्योंकि नही निकालेंगे तो इनकी मल मूत्र भाषण अश्वासन और वचनो की झुठी गंदगी मन मोहकर इसी तरह दुःख पिड़ा दे देकर भी शासन करती रहेगी |
कांग्रेस ने जो भाजपा सरकार से आग्रह किया कि लॉकडाउन और कोरोना की घाव में मलहम लगाने के लिए तत्काल10000₹ व6महिना तक प्रति माह 7500₹ दे जो सिर्फ झुठी अश्वासन और भाषण है | दोनो कि मिली भगत है,इस देश के गरिब शोषित पिड़ितो का मन मोहने के लिए जो इनकी पुरानी रणनिती रही है राजनिती की !

शनिवार, 23 मई 2020

हथियार बनाने वाले उद्योग मौत के सौदागर बनते जा रहे हैं,जिसमे एक नाम कोरोना को भी जोड़ा जा रहा है

हथियार बनाने वाले उद्योग मौत के सौदागर बनते जा रहे हैं,जिसमे एक नाम कोरोना को भी जोड़ा जा रहा है
पुरी दुनियाँ में जो सबसे अधिक शक्तीशाली  हथियार बनाने या रखने की होड़ लगी हुई है , उसकी चिंता मानवता और पर्यावरण की चिंता करने वाले सभी लोगो को बड़ गई है | क्योंकि जिस तरह हथियारो की होड़ पुरे विश्व में लगी हुई है , उसे जानकर सभी विद्वान ये मानने लगे हैं कि हथियारो की अति उत्पादन की वजह से पुरी मानव जाती के साथ साथ पुरा पृथ्वी ही खतरे में है | जैसे कि यदि रक्षा के नाम से बनाये जा रहे किसी हथियार उद्योग में कोरोना को भी यदि सचमुच में हथियार की तरह इंसानो द्वारा ही तैयार करके पुरी दुनियाँ में आतंक फैलाने के लिये प्रयोगशाला में तैयार किया होगा तो निश्चित तौर पर कोरोना की वजह से पुरी दुनियाँ में जितनी तेजी से मौते हुई है , उतनी मौते हर दिन किसी आतंकवादियों से भी नही होती है | और बिल्कुल मुमकिन है कोरोना को अपनी ज्ञान का गलत इस्तेमाल करने वाले शैतान सोच के इंसानो द्वारा ही तैयार किया गया हो | जिस तरह के शैतान सोच मौत का सामान बनाने वाले उद्योगो का भी गलत इस्तेमाल निश्चित तौर पर अपनी फायदे के लिए कर रहे हैं | जिनकी अबादी विलुप्ती जैसी भली होती है पर मुठीभर शैतान भी बहुसंख्यक अबादी को अपनी शैतानी दिमाक का इस्तेमाल करके भारी नुकसान पहुँचाते हैं यह इतिहास गवाह है | जिन शैतानो की वजह से खुदको धरती का सबसे उत्तम प्राणी कहने वाला पुरी मानव जाती ही अपनी खुदकी मानो ऐसा मौत का सामान का उत्पादन कर रहा है यह सोचा जाने लगेगा खासकर जब ये मुठीभर शैतान हथियारो का गलत इस्तेमाल करेंगे और इल्जाम पुरी मानव जाती में आ जायेगी | बल्कि यदि कोरोना को इंसानो ने ही बनाकर पुरी दुनियाँ में मौत का आतंक फैलाया है तो यह इतिहास दर्ज हो भी चुका है | और साथ साथ अन्य हथियारो का भी गलत इस्तेमाल करके लाखो करोड़ो निर्दोश लोगो की जो मौते इतिहास में दर्ज हुई है , और अब हो रही है उसके बारे में चर्चा करके यह इतिहास भी दर्ज हो रहा है कि मानव जाती अपने बनाये खतरनाक विनाशकारी हथियार से एकदिन खुद तो खत्म होगा ही पर धरती में रह रहे बाकि भी जिव जंतुओं को विलुप्त करेगा | बल्कि कई तो विलुप्त भी हो चुके हैं , और कई विलुप्ती की कागार में हैं | जिन जिव जंतुओं का विलुप्त होने के सबसे बड़े कारनो में कहीं न कहीं इंसान भी एकदिन विलुप्त हो जायेगा यदि वह मौत का सामानो का उत्पादन में कमी न किया ! जो इंसान अपनी उन हथियारो की उत्पादन धिरे धिरे कम करके न के बराबर उत्पादन करे जिसका इस्तेमाल से भारी तबाही होती है | जैसे की परमाणु और हाड्रोजन बम जो इंसानो द्वारा ऐसा मौत का सामान उत्पादन किया जा रहा है , जिससे की मानो इंसान बम उत्पादन करके किसी अंडे दिए मुर्गी की तरह अपने निचे रखकर उसे सेक रहा है | जिससे चुजा निकलने का मतलब है पृथ्वी अंडे की तरह फटेगी और उसमे से ऐसा मौत का चुजा निकलेगा जिससे की मानव जाती लुप्त हो जायेगी | क्योंकि पुरी दुनियाँ में जो मौत के सामान का उत्पादन हो रहा है , उसका इस्तेमाल चाहे क्यों न अमन प्रेम सुख शांती कायम करने के नाम से युद्ध की जाती है , पर युद्ध की वजह से सबसे अधिक मौते निर्दोश लोगो की ही होती है | वैसे युद्ध में मारे गए रक्षक चाहे जिस देश का होता है  , वह अपने देश के लिये वीर रक्षक ही होता है , जिसकी मौत भी किसी देश के लिए निर्दोश की मौत ही कहलाती है | जिससे अच्छा तो युद्ध ही नही होती और चारो तरफ सिर्फ अमन प्रेम सुख शांती होती | जिससे की आपसी लड़ाई के लिए रक्षा के लिए हथियारो पर खर्च किया गया धन की बचत से गरिबी भुखमरी भी छु मंतर हो जाती , क्योंकि युद्ध के सामानो पर जितना धन पुरी दुनियाँ में हो रही है उतने में सिर्फ आधा धन भी यदि गरिबी भुखमरी दुर करने के लिए हर साल सिधे गरिबो के खाते में पहुँचाकर उनकी अपनी अपनी सबसे अधिक जरुरत के मुताबिक खर्च की जाती तो निश्चित तौर पर तब भी पुरी दुनियाँ से अबतक गरिबी भुखमरी कबका दुर हो गई होती | पर नही हो रहा है , क्योंकि युद्ध के सामानो का उत्पादन में भी बड़ौतरी हो रही है , और किसके पास कितना आधुनिक हथियार है , इसकी प्रतियोगिता में भी बड़ौतरी हो रहा है | जैसे की परमाणु बम बनाकर रखने का प्रतियोगिता हो रहा है कि किसके पास कितना परमाणु बम है ? जिसका परिणाम सामने है किसी देश के पास तो हजारो परमाणु बम मौजुद है जिसकी किमत इतनी होगी कि पुरी दुनियाँ के कई देशो की बजट बन जाय |बजाय इसके कि गरिबी भुखमरी दुर करने की प्रतियोगिता युद्ध स्तर पर चलती | दुसरी तरफ युद्ध के सामानो का गलत उपयोग करके हथियारो का अवैध व्यापार में भी इतनी बड़ौतरी हो रही है कि गोली बारुद का अवैध बाजार मानो अन्न साग सब्जी की बाजारो की तरह बड़ते जा रही है | जिन बाजारो से गोली बारुद खरिदने वाले पैसे वाले लोग हैं जिनके पास भले गरिबो को दान करने के लिए धन नही है पर मौत के सामानो को खरिदने के लिए भरपुर धन है | जाहिर है कोई गरिब मौत का सामान खरिदने के बारे में कभी सोचता नही है , और न ही वह आतंकवाद को बड़ावा देने जैसी कोई हरकत करता है , क्योंकि उसके पास अन्न रोटी के पैसे नही है तो वे इतने महंगे महंगे मौत का वह सामान कहाँ से खरिदेगा जिसका कि एक एक गोली इतना महंगा होता है कि सिर्फ एक गोली की किमत से किसी गरिब मजदूर का एकदिन का अच्छा खासा खाने पिने का इंतजाम हो जाय !  जितनी महंगी गोलियाँ और बंदुको का उद्योग भंडार पुरी दुनियाँ में इतनी ज्यादे हो रही है कि यदि उसके जगह अन्न धन रोटी होती तो पुरी दुनियाँ से गरिबी भुखमरी रातो रात गायब हो जाती | हलांकि मौत का आधुनिक सामान रक्षको के लिये सबसे अधिक बनाई जा रही है , पर रक्षको को जो मौत का सामान दिया जाता है , वह खुनी अपराधियों का मौत का घाट उतारने के लिये दिया जाता है | लेकिन मुझे पुरा विश्वास है उन मौत का सामानो से सबसे अधिक मौते निर्दोश लोगो की हो रही है | जिसके कारन अन्याय अत्याचार में बड़ौतरी हो रही है | जिसके साथ साथ भ्रष्टाचारियो द्वारा सुपारी देकर हथियारो का इस्तेमाल कराकर कालाधन का अंबार में भी बड़ौतरी हो रहा है | जिस कालाधन की वजह से अपराधो में भी बड़ौतरी हो रहा है | क्योंकि यदि खाली दिमाक शैतान का घर होता है तो भरा कालाधन शैतान का अवैध हथियार होता है | और मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि अगर पुरी दुनियाँ का कालाधन को कभी बरामद किया जाय और उसके जमाखोरो मुफ्तखोरो जिनका उस धन में कोई हक अधिकार नही है , लेकिन भी उसे दबाकर रखे हुए हैं , और उससे भोग विलाश भी कर रहे हैं और उसका गलत व खतरनाक इस्तेमाल भी कर रहे हैं | जिसके बारे में जड़ से पता लगाया जाय तो निश्चित तौर पर अपनी ईमानदारी को पानी की तरह बहाने वाले उन अमिरो का ही नाम आयेगा जो कि भले उस कालाधन को अपनी पुरी जिवन खर्च नही कर पाते हैं , और चुराकर जमा करके मर जाते हैं , पर फिर भी मरते दम तक उन्हे धन कमाई का ऐसा भ्रष्ठ नशा रहता है कि हर रोज चुराते और लुटते समय उन्हे सायद ही यह पता रहता है कि आखिर वे इतना सारा धन को मरने के बाद क्या करेंगे ? जो उनकी मौत के बाद न तो उनके साथ जाने वाली है , और न ही उनके पिच्छे छुटे उनके वसियतदार उन्हे खत्म करने वाले हैं | क्योंकि अक्सर कालाधन इकठा करने वालो के वसियतदार भी कालाधन से भोग विलाश जिवन जिनेवाले ऐसे लोग होते हैं जिन्हे भी कालाधन जमा करने का भ्रष्ट हुनर बचपन से ही सिखलाई जाती है , जिसके चलते वे अपने पिच्छे छुटे कालाधन का भंडार को खर्च करने के साथ साथ वे भी अपने विरासत में मिली भ्रष्ठ आचरण का इस्तमाल करते हुए उसमे बड़ौतरी करना जारी रखते हैं | और कालाधन का भंडारन करने वाले बड़े बड़े भ्रष्टाचारियो चोर लुटेरो में जिनका कोई वसियतदार ही नही होते हैं उनका धन तो उनके मरने के बाद मानो गुप्त खजाने को लेकर भागते समय डुबा हुआ पानी जहाज की तरह ऐसे सागर में पड़ा रह जाता है जिसे या तो खोजनेवाली सरकार में मौजुद भ्रष्टाचारी सबसे अधिक मिल बांटकर खाते हैं या फिर जिसे मिल जाय वह खाता है | इससे अच्छा तो ऐसे बड़े बड़े भ्रष्टाचारियों चोर लुटेरे जो अपनी कमाई का धन पुरी जिवन खर्च ही नही कर पाते हैं , और न ही उनके वसियतदार उनकी कमाई को खर्च कर पाते हैं , उनके अंदर यदि जरा सी भी सुधरने का मन अपनी भ्रष्ट जिवन में करता है तो अपनी लुटपाट चोरी का कालाधन काली गुफा को खुल जा सिमशिम कहते हुए गरिब मजदूरो को ज्यादे से ज्यादे लाभ हो ऐसी किसी क्षेत्र में अपनी अवैध कमाई को निवेश करके ही मरना चाहिये ताकि यदि उन्होने बड़े बड़े पाप किये हो जिससे की मरते समय भी उन्हे बहुत बड़ा बोझ लेकर अँतिम शांस लेने का अंदेशा उन्हे बार बार होता है उसमे थोड़ी बहुत कमी आ सके और गरिब मजदूर उन्हे इस बात के लिये उनके मरने के बाद याद करे कि कोई तो बड़ा भ्रष्टाचारी चोर लुटेरा था जिसे गरिब मजदूर भी नाम करते हैं ! नही तो फिर ज्यादेतर तो गरिब मजदूर किसी बड़े बड़े भ्रष्टाचारियों को गरिबो का खुन चुसने वाला मानते हैं | जिनका मानना है कि बड़े बड़े भ्रष्टाचारी गरिबो का खुन चुसकर अमिर से और अमिर बनते चले जाते हैं | और बहुत से बड़े बड़े भ्रष्टाचारी तो अपनी रोजमरा जिवन में गरिबो को मानो कुड़ा कचड़ा की तरह ही समझकर व्यवहार करते हैं | जो गरिबो को अपने आस पास नही देखना चाहते हैं | जिसकी वजह से सायद ही बड़े बड़े भ्रष्टाचारियों की सम्हारोह में कोई गरिब नजर आता है | जैसे की इस डीजिटल इंडिया सरकार की भी जितने भी Ac मंच वाले  अथवा डीजिटल सम्हारोह वाली विडियो यूट्यूब या फिर कहीं और पर भी मौजुद है उसमे कितने ऐसे विडियो मौजुद है जिसमे सरकार के भ्रष्ट मंत्री और भ्रष्ट अधिकारी किसी गरिब मजदूरो का हाल समाचार लेते हुए या उनसे मिलते हुए कतार लगात नजर आ रहे होते हैं ? ज्यादेतर तो धन्ना कुबेर या फिर मनुवादी मीडिया के लोग ही देश विदेश की यात्रा सम्हारोह में नजर आते हैं | जो की इतिहास में दर्ज हो रहा है बल्कि हो चुका है चाहे गरिबी हटाओ सरकार हो या फिर डीजिटल इंडिया सरकार हो ये दोनो ही विदेश यात्रा करते हुए और उन यात्राओ में हर साल जमकर खर्च करते हुए ज्यादेतर तो अमिरी माहौल में ही घुमते फिरते उठते बैठते नजर आयेंगे जो विडियो और फोटो इतिहास के रुप में दर्ज हो चूकि है उन रहिसी माहौल में बड़े बड़े भ्रष्टाचारियों का भी नाम दर्ज हो रहा है | जिसे आने वाली नई पिड़ी हर बार पिछली इतिहास को पलटते समय यह जानकारी लेगी कि जब गरिब बीपीएल भारत में करोड़ो लोग गरिबी रेखा से भी निचे स्तर का जिवन जी रहे थे उस समय ये अमिर आधुनिक डीजिटल सरकार किस तरह के लोगो से ज्यादेतर कतार लगाकर खड़ी नजर आती थी ? जिनके साथ गले मिलकर अपनी कैसी ऐतिहासिक विकाश कर रही थी ? ऐसा विकाश जिसमे आधुनिक भारत गरिबी हटाओ शाईनिंग इंडिया डीजिटल इंडिया जैसे नारा देकर गरिबी भुखमरी और बेरोजगारी दुर करने की बाते करके सरकार बनाकर मंत्री और प्रधानमंत्री सिर्फ अपनी अमिरी फोटो और विडियो ही सबसे अधिक सुट करते गए और अपना समय पुरा होने पर दुनियाँ से भी निकलते गए पर करोड़ो गरिबो की जिवन में उनकी बुरे हालात को वहीं का वहीं छोड़ गए | आज भी करोड़ो लोग गरिबी रेखा से भी निचे का जिवन स्तर में गुजारा कर रहे हैं | जिस बिच कई सरकार आई और चली गई कई मंत्री और प्रधानमंत्री आए और चले गए , बल्कि कई गुजर भी गए पर वे अपनी पुरे कार्यकाल में गरिबी भुखमरी का मंजर को देखते हुए सिर्फ ज्यादेतर तो अमिरो के बिच फोटो और विडियो सुट करके सायद यह सोचकर गुजर गए कि उनकी अमिरी फोटो या विडियो को देखकर आने वाली नई पिड़ी यह सोचेगी कि अमिरी फोटो में मंत्री और प्रधानमंत्री को देखकर नई पिड़ी ये सोचेगी कि बहुत विकाश हो रहा था | पर जैसा की हमे पता है कि सच्चाई कड़वी होती है जैसे कि आधुनिक भारत गरिबी हटाओ शाईनिंग इंडिया डीजिटल इंडिया को विकसित मनुवादी सरकार का कार्यकाल गलतफेमी में रहने वालो के लिए यह बात कड़वा लगेगी कि इस विकसित कार्यकाल में गरिबी रेखा से भी निचे का जिवन स्तर जिन करोड़ो लोगो के नाम इतिहास दर्ज हो चुका है | जिनके फोटो और विडियो भी यह साबित कर देंगे की इस समय किस तरह का विकाश हो रहा था ? वर्तमान के सरकार में मौजुद मंत्री प्रधानमंत्री और तमाम अधिकारी समेत तमाम नागरिक तो कई दसक बाद मर जायेंगे पर जो नई पिड़ी आयेगी वह तय करेगी की मनुवादी शासन में मरने वाले सेवक और जनता मालिक के बिच किस तरह का विकसित तालमेल चल रहा था ! ऐसा तालमेल जो कि सायद सबसे अमिरी और सबसे गरिबी के बिच रहता है ! जिस तालमेल के बारे में चर्चा जरुर होगी भविष्य में खासकर तब जब गरिबी और अमिरी के बिच जो बड़ी खाई बनते चली गई है उसके बारे में चर्चा होगी | फिलहाल तो इस बात पर भी चर्चा मुलनिवासियों की नई पिड़ी ठीक से नही कर पा रही है कि मनुवादी शासन में इस कृषि प्रधान देश और इस देश के मुलनिवासियों को सबसे अधिक नुकसान जो मनुवादी शासन में हो रहा है उसके बारे में पुरी दुनियाँ की मीडिया क्या सोचती है ? क्योंकि इस देश की मीडिया में भी मनुवादीयों का कब्जा है | 

शुक्रवार, 22 मई 2020

एक अभिनेत्री ने कई अभिनेता से और एक अभिनेता ने कई अभिनेत्री से काल्पनिक फिल्मो में जो सेक्स किये हैं वह रिल है न कि रियल

एक अभिनेत्री ने कई अभिनेता से और एक अभिनेता ने कई अभिनेत्री से काल्पनिक फिल्मो में जो सेक्स किये हैं  वह रिल है न कि रियल

हिंदू वेद पुराणो में मिलावट और छेड़छाड़ करने के बाद इस देश के मुलनिवासियों के पुर्वजो को मानव भक्षक असुर दानव बताकर कल्पना में अपने पुर्वजो को भगवान बताकर मनुवादीयों ने अपनी उच्च झुठी शान में खुदको डुबो लिया है , जिसकी वजह से भी उनकी भ्रष्ठ बुद्धी को सुधरने में हजारो सालो का समय लग रहा है | जबकि भ्रष्ठ बुद्धी में सुधार के लिए मनुवादीयों की  झुठी शान में बड़ौतरी के बजाय मनुस्मृति के विरोध में बड़ौतरी होनी चाहिए थी |

क्योंकि मनुवादीयों की झुठी उच्च शान दरसल बिमार भ्रष्ठ बुद्धी वाले अपने तारिफ के भुखे इंसानो के द्वारा दुनियाँ का सबसे बड़ा उच्च चर्चित बनने के बारे में मात्र किसी कल्पना या फिर सपना देखकर इस गलतफेमी में दिन रात डुबे रहना है कि उसके द्वारा कल्पना या सपना में सबसे बड़ा उच्च बनने का जो मिलावट और झुठी जानकारी हिंदू वेद पुराणो में छेड़छाड़ और मिलावट करके इतिहास में दर्ज किया गया है , उसे सभी लोग हमेशा सत्य मानते रहेंगे ! जिन्हे सत्य मानना मानो काल्पनिक फिल्मो और धारावाहिको में मौजुद काल्पनिक नायक नाईका को असली नायक नाईका उन अभिनेता अभिनेत्रियों को मानना है , जिनकी भी अपनी रियल जिवन होती है , न कि उनकी रियल जिवन में भी बिहड़ जंगलो में जब वे जाते होंगे तो किसी ओरकेस्ट्रा में बजने वाली म्यूजिक अपने आप बजने लगती होगी | और उसके साथ वे सुर मिलाते हुए एक गाने में कई किमती ड्रेस बदल बदलकर चमत्कारी जिवन जी रहे होंगे | जिनकी जिवन को फिल्मो में निभाये गए काल्पनिक नायक नाईका के काल्पनिक जिवन को सत्य मानने का मतलब रियल जिवन में अभिनय कर रहे अभिनेता या अभिनेत्री का अनेको काल्पनिक लोगो को अपना पहला प्यार या जिवन साथी बताकर अनेको से शारिरिक संबंध मनाना सत्य स्वीकारना है | वह भी खुद यह बतलाते हुए कि कई अलग अलग लोगो से सेक्स जो व्यक्ति फिल्म और धारावाहिको में किया है , वही नायक नाईका है | जिस सत्य के बारे में सबूत फिल्म और धारावाहिक विडियो है | जो सारे शारिरिक रिस्तो के विडियो सत्य है स्वीकारना होगा | जिसके बारे में झांकी देखनी हो तो चर्चित किसी एक अभिनेता या अभिनेत्री पर अधारित विडियो गाना अथवा मानो उस किसी एक अभिनेता या अभिनेत्री पर स्पेशल खास अधारित चित्रहार देखकर यह मान लिया जाय कि अलग अलग दर्जनो गाना में जो अलग अलग कई महिला या पुरुष अथवा अभिनेता अभिनेत्री के साथ विडियो में प्यार मोहब्बत या वैवाहिक रिस्तो पर जो गाना एक दुसरे से लिपटकर गाया गया है , वह सब काल्पनिक नही असल जिवन है | जबकि हमे पता है विडियो ऑडियो में मौजुद नायक नाईका काल्पनिक है | और उस काल्पनिक नायक नाईका का अभिनय कर रहे लोग असली जिवन जी रहे लोग हैं | जो साफ नजर भी आता है कि चित्रहार देखते समय एक ही अभिनेता या अभिनेत्री के द्वारा किसी नायक नाईका का भुमिका अदा करते समय कई के साथ यह गाना गाते हुए मिल जाते हैं कि " तु ही मेरा पहला प्यार है " जिस तरह के विडियो गाना एक अभिनेता या एक अभिनेत्री के द्वारा काल्पनिक भूमिका अदा करते समय कई अलग अलग अभिनेता अनेत्रियो से गाते और नाचते देखकर पता चल जाता है | क्योंकि चित्रहार देखने पर साफ पता चलता है कि एक ही अभिनेता या अभिनेत्री कई के साथ लिपटकर सबको तु ही मेरा पहला प्यार है ये सब गाना गया है | जो यदि सत्य होते तो एक अभिनेता ने कई अभिनेत्रियों से फिल्मो में सेक्स किया है और एक अभिनेत्री ने कई अभिनेता से और एक अभिनेता ने कई अभिनेत्री से काल्पनिक फिल्मो में सेक्स किये हैं | जो दरसल कथित अलग अलग कई पहला प्यार रिल है न कि रियल !

काल्पनिक फिल्म और धारावाहिक विडियो बनाने की कोशिष मनुवादियों द्वारा हिंदू वेद पुराणो में छेड़छाड़ करके देव को नायक और दानवो को खलनायक बनाकर की गई है | क्योंकि हिंदू वेद पुराणो में मनुवादियों के शासन के बारे में जो मुल असत्य दर्ज है , मानो वही असत्य आज की भी मनुवादी शासन में अपडेट होकर दर्ज हो रहा है | जिस मिलावट और छेड़छाड़ की गई वेद पुराणो को छानकर समझने की जरुरत उन सभी हिंदूओं को है जो अपना पुर्वज दानवो को मानते हैं | जैसे की आज की भी मनुवादी शासन में मनुवादी मीडिया द्वारा मिलावट की गई जानकारी को छानकर समझने की जरुरत है | 

क्योंकि सत्य में मिलावट और छेड़छाड़ वेद पुराण काल में नारद जैसे लोग करते थे , और आज भी नारद के जगह मनुवादी मीडिया नारद का जगह लेकर सत्य में मिलावट और छेड़छाड़ करने में लगी हुई है | तब नारद को शराब और कबाब देकर मनुवादीयों के पुर्वज इंद्रदेव शासन अपनी झुठी तारिफे करवाता था , और अब के समय में भी मनुवादी शासन लाखो करोड़ देकर अपनी शासन के बारे में झुठी तारिफे करवाते जा रहे हैं | 

जिन मनुवादीयों को यह गलतफेमी है कि वेद पुराणो में छेड़छाड़ करके जिस तरह मनुवादीयों के पुर्वज खुदको वेद पुराणो में भगवान बताकर आज के समय में भी अपनी मुर्तियों की पुजा करवाने में कामयाब हुए उसी तरह आज के भी मनुवादी सत्य में मिलावट और छेड़छाड़ करके कामयाब हो जायेंगे | जबकि उन्हे यह जरुर पता होना चाहिये की आज का वेद अथवा जुबान से निकली ध्वनी रिकॉर्ड हो रहा है और आज का पुराण अथवा मानो विडियो और तस्वीर भी रिकॉर्ड हो रहा है | जिसमे मनुवादी छेड़छाड़ यदि करेगा भी अथवा कर भी रहा है तो उस ऑडियो विडियो व तस्वीर का रिकॉर्ड को पुरी दुनियाँ की इंटरनेट दुनियाँ से कभी नही मिटा सकता | 

हलांकि वेद पुराणो में भी छेड़छाड़ और मिलावट करके भी मनुवादी सत्य को नही मिटा पाया है , बस उसे समझने वाले वेद पुराणो से खोजकर असल सत्य को निकालते जा रहे हैं | जैसे कि देवो ने सबसे अधिक भ्रष्टाचार किये हैं कि दानवो ने सबसे अधिक भ्रष्टाचार किये हैं ? इस सवाल का सत्य जवाब खोजा जा रहा है |  देवराज में सबसे अधिक सुख शांती और समृद्धी कायम थी की दानव राज में सबसे अधिक सुख शांती और समृद्धी कायम थी इसके बारे में भी मंथन करके समझदार खुद ही सत्य की खोज करने में लगे हुए हैं ! 

और जो खोज नही कर सकते हैं , उन्हे तो बलात्कारी भी आरती उतारकर पुजा करने वाला भगवान ही लगेगा और बार बार अपने सबसे बड़ा दुश्मन होते हुए भी जिवनदान देनेवाला हैवान लगेगा ! जिसके लिए ही तो मनुवादियों ने वेद पुराणो में छेड़छाड़ और मिलावट किया है | जैसा कि आज भी सत्य में मिलावट करना जारी है ! जिन मिलावट करने वालो को तो उनकी बुद्धी का विकाश के लिए मैं यही सलाह देना चाहुँगा कि अगर दानवो ने अपराध किये थे , जिसके चलते उन्हे सबसे बड़ा खलनायक यहाँ तक की नरभक्षी तक कहा गया है , उनके अपराधो और देवो द्वारा किये गए अपराधो को न्याय की तराजू में तौलकर किसने सबसे अधिक अपराध किये हैं ? उन्हे तौलकर यह सत्य तय किया जाय कि जिसने सबसे अधिक अपराध किये हैं , उसे बिलेन और जिसने कम अपराध किये हैं उसे हिरो तय कर लो ! क्योंकि याद रखना हिरो में भी कोई न कोई ऐसी बुराई जरुर होती है जो कि अपराधियों में भी होती है | दुनियाँ में कोई भी व्यक्ती बिना एक भी बुराई का न तो पहले कभी पैदा हुआ और न ही आज भी पैदा ले रहा है | बस यह तौलकर कौन नायक और कौन खलनायक तय किया जाता है कि किसमे सबसे अधिक अच्छाई मौजुद है ? जैसे कि देव और दानवो के कर्म और कुकर्मो के बारे में तौलकर मैने अपनी समझ से यह जाना है कि देव बिलेन थे और दानव हिरो ! हलांकि हिरो दानवो में कुछ दानव मेरी नजरो में भी हिरो नही कहलायेंगे पर देवो में तो बिलेनो की लंबी कतार नजर आती है जब मिलावट वेद पुराणो में मौजुद सत्य के बारे में खोज की जाती है | जिसमे कई देव की पुजा करने वाले पुजारी भी खुद यह बतलाते हुए मिल जायेंगे कि वे जिस देव की पुजा करते हैं उनमे कई देव ऐसे हैं जिन्होने किसी महिला का बलात्कार किया था और किसी के धन संपदा को लुटा और कब्जा भी किया है !
आज यदि किसी बलात्कारी की पुजा तो दुर यदि कोई उसे कड़ी सजा नही दिया जाय बल्कि छोड़ दिया जाय यह विचार भी रखेगा तो मुझे नही लगता कोई उसकी इस हरकत का समर्थन करके किसी बलात्कारी के पक्ष में आकर उसे सजा न हो ये बाते कहेगा !  जबकि वेद पुराणो में छेड़छाड़ और मिलावट करके बलात्कारियो की पुजा हो ऐसे महान बल्कि भगवान थे ऐसी जानकारी मिलावट और छेड़छाड़ करके वेद पुराणो में दर्ज की गई है | जिसमे सुधार मनुवादीयों का शासन समाप्त होगा उसके बाद ही पुरी तरह से हो पायेगा | जिससे पहले सुधार होना वैसा ही है जैसे की गोरो के शासन के समय में अजादी की लड़ाई लड़ने वालो को सजा न हो और गुलाम करने वालो को सजा हो ऐसी सुधार न्याय में होती !

मनुवादी के भितर मौजुद भेदभाव शोषण अत्याचार करने का जो लाईलाज बिमारी मौजुद है उसका इलाज में सबसे बड़ा रुकावट घर का भेदी है

मनुवादी के भितर मौजुद भेदभाव शोषण अत्याचार करने का जो लाईलाज बिमारी मौजुद है उसका इलाज में सबसे बड़ा रुकावट घर का भेदी है

वैसे तो मैने पहले ही अपने ट्वीट में अपना विचार रखा है कि सबसे बड़ा गुण्डा न०1,आतंकवादी न०1 कहो या फिर किसी भी बड़े अपराधी न० 1 कहो वह सब गुण किसी घर के भेदी में मौजुद होता है , जो यदि अन्याय अत्याचार करने वालो का साथ न दे तो अन्याय अत्याचार करने वाले किसी का शोषण करने के लिए शासन करना तो दुर एक झांठ (योनी लिंग में उगा बाल) भी नही उखाड़ सकते ! जिनसे निपटो विरोधी यू ही घुटने टेक देगा शोषित पिड़ितो के आगे !  क्योंकि घर का भेदी चूँकि घर का ही होता है , इसलिए उसे घर का सारा भेद मालुम रहता है | लेकिन चूँकि वह खोटा सिक्का अथवा मनुवादीयों की तरह कहीं न कहीं बुद्धी से भ्रष्ट होता है , इसलिए उनकी संगत उसी तरह के कमजोरी वालो से होने में कोई दिक्कत नही होती है | खोटा होने की वजह से उन्हे भी झुठी शान की जिवन जीना ही पसंद होता है | क्योंकि मन मुताबिक असली शान की जिवन के लायक न होने की वजह से उन्हे हमेशा शान में कमी महसुश होती है | जिसके चलते वे ताक में रहते हैं कि कोई उनके जैसा ही नालायक भेट हो जाय जिससे की संगत लगाकर अपनी झुठी शान की जिवन को प्रवान चड़ा दें | सायद इसलिए मनुवादी मानो इस देश में अपने लाईलाज बिमारी का इलाज करने आकर झुठी शान का भुखड़ घर के भेदियों से ही हाथ मिलकर मानो दो भ्रष्ट बुद्धी मिलकर भ्रष्ट बुद्धी का इलाज करने वाले डॉक्टरो को ही अपना गुलाम बना लिये हैं | और चूँकि घर के भेदि भी खोटे सिक्के होने की वजह से एक तरह से वे भी बिमार ही होते हैं , इसलिए घर का भेदि के साथ मिलकर मनुवादीयों की सत्ता इस देश में जबतक कायम रहेगी तबतक मनुवादीयों का इलाज होना नामुमकिन सा लगता है | क्योंकि दुश्मन सिर्फ कोई बाहरी होता है तो घर के लोग मिलकर उसका विनाश आसानी से कर सकते हैं , लेकिन दुश्मन यदि घर का भेदी हो तो उसका भी विनाश करने के बारे में सोचना पुरे घर के लिए बहुत कठिन हो जाता है | क्योंकि लड़ाई करते समय अपना खुन अपना होता है यह सिद्धांत काम करने लगता है | जिसके चलते मनुवादीयों में भी ऐसे बहुत से लोग मिल जायेंगे जिनके भितर इंसानियत जाग तो रही है , पर उनके भितर भी अपना खुन अपना होता है यह सिद्धांत काम करने की वजह से छुवा छुत शोषण अत्याचार करने वाले उनके अपने ही खुन के लोगो के खिलाफ आवाज मजबुती से नही उठा पाते हैं | जबकि शोषित पिड़ितो की तरह उन्हे भी पता है कि इस देश के लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में मनुवादी भेदभाव करके अन्याय अत्याचार कर रहे हैं , जो सबकुछ जानते हुए भी वे अपने ही खुन के खिलाफ मजबुत आवाज अपने परिवारो में कभी नही उठा पाते हैं | जो स्वभाविक है क्योंकि उनका जेनेटिक रिस्ता उन्हे ये सब कमजोरी प्रदान करता है | जो कमजोरी उन्हे अपने ही डीएनए के मनुवादीयों के खिलाफ मजबुती से विरोध करने में रोकता है | जिस रोक कि वजह से न तो वे मनुवादी सत्ता को उखाड़ फैकने में ज्यादे कुछ कर पायेंगे और न ही वे कोई संवर्ण बलात्कारी को फांसी दिलवा पायेंगे जैसे की कई मुलनिवासी को सजा दिलवाने में वे खास भुमिका अदा किये हैं | जिनके द्वारा मजबुती से अवाज उठाने में खास भूमिका अदा करने की वजह से बेरहमी से बलात्कार करने की जुर्म में सजा के तौर पर फांसी मिल चुकि है | जिन्हे फांसी हुआ और ऐसे बलात्कारियों को आगे भी फांसी हो इसका मैं भी पक्षधर हूँ | जिन अपराधियों के बारे में आयेदिन चर्चा जरुर होती रहती है , खासकर रांगा बिल्ला बलात्कारी और दिल्ली में हुए गंभीर बलात्कार को अंजाम देने वाले बलात्कारियों के बारे में  | क्योंकि वे संवर्ण नही थे इसलिए मनुवादी मीडिया भी इनके पापो को अच्छी तरह से चर्चा करके दिखाती रहती है |  पर मनुवादीयों के परिवार में जन्मे बलात्कारियों के बारे में खासकर मनुवादीयों के खास पुर्वज इंद्रदेव विष्णुदेव और ब्रह्मादेव जिन्होने भी बलात्कार किया था , उनके बारे में मनुवादी मीडिया में बहस क्यों नही चलती है ? जिनकी पुजा तक क्यों करते और करवाते हैं ये मनुवादीयों के बलात्कारी पुर्वज हिंदू भगवान हैं कहकर इसके बारे में बहस क्यों नही होती है ? और बलात्कारी कब से हिंदू भगवान बन गये इसपर भी बहस होनी चाहिए थी मनुवादी मीडिया में ? या फिर ये बहस इसलिए भी नही करते हैं क्योंकि इंद्रदेव ब्रह्मदेव और विष्णुदेव ने मासुम महिलाओ की इज्जत लुटा था उसे वे सायद चरित्रवान कर्म मानते हैं | जो यदि वाकई में मानते हैं जिसके चलते वे इन तीनो बलात्कारियों की पुजा करते हैं तो फिर शिव ने ब्रह्मा का सर क्यों काटा था , वृत्तासुर की पत्नी तुलसी ने विष्णुदेव को पत्थर बन जाने का श्राप क्यों दी थी , और अहिल्या के पति गौतम  ने इंद्रदेव को हजार योनी को घुँघरु की तरह अपने शरिर में टांगकर घुमने का श्राप क्यों दिया था ? जाहिर है ब्रह्मदेव विष्णुदेव और इंद्रदेव ने किसी महिला का इज्जत लुटने का अपराध किया था जिसकी सजा उन्हे भगवान से मिली थी | मनुवादी भी इस देश के मुलनिवासियों को गुलाम बनाकर भेदभाव शोषण अत्याचार और दुसरो के हक अधिकार को लुटने का अपराध कर रहे हैं , जिसकी भी सजा उन्हे भगवान से जरुर मिलेगा | क्योंकि जिन्हे वे भगवान कहकर पुजा करते और करवाते हैं , उन्हे भी अपराध करने पर सजा मिला है तो ये मनुवादी तो उनके अलग अलग रुप का काल्पनिक मूर्ति और तस्वीरो के सामने रोज नर मस्तक होते हैं |

शनिवार, 16 मई 2020

There was a lot of discrimination in Ramaraja with the civilian Shambhuk, and in Pandavaraj too, injustice and oppression was done to the people, so God punished Rama and the Pandavas as well

There was a lot of discrimination in Ramaraja with the civilian Shambhuk, and in Pandavaraj too, injustice and oppression was done to the people, so God punished Rama and the Pandavas as well.
नागरिक शंभुक के साथ रामराज में बहुत भेदभाव किया गया था, और पांडवराज में भी लोगों के साथ अन्याय और उत्पीड़न किया गया था, इसलिए भगवान ने राम और पांडवों को भी दंडित किया।

naagarik shambhuk ke saath raamaraaj mein bahut bhedabhaav kiya gaya tha, aur paandavaraaj mein bhee logon ke saath anyaay aur utpeedan kiya gaya tha, isalie bhagavaan ne raam aur paandavon ko bhee dandit kiya.

रामराज और पांडवराज के बारे में लंबे समय से यह झुठ बांटा जा रहा है कि रामराज और पांडवराज का नेतृत्व करने वाले शासको ने इतना सुख शांती और समृद्धी कायम किया था कि उनके ही आदर्शो में चलकर उन्ही की तरह प्रजा सेवा करते हुए उनकी पूजा करनी चाहिए | जो यदि महान शासक थे तो निश्चित तौर पर वर्तमान में भी जो मनुवादी शासन चल रहा है , उसका भी नेतृत्व करने वाले शासको को उनके जैसा ही महान शासक बनने के लिए उन्हे अपना पुज्यनीय मानकर राम की तरह जिते जी सरयू नदी में डुबना चाहिए या फिर पांडवो की तरह पहाड़ो से कुद जाना चाहिए | क्योंकि राम और पांडवो ने अपनी शासन के दौरान प्रजा को छोड़कर यही किया था | जिन्हे अपना आदर्श मानने वाले पांडवो की तरह मिल जुलकर एक पत्नी का रिवाज को आगे बड़ाने के बारे में ही सोचते होंगे | और साथ ही कई कई पत्नियों को रखने का रिवाज को भी आगे बड़ा रहे होंगे | जैसा कि रामायण महाभारत में मनुवादीयों के पुर्वज कई कई पत्नियाँ और पति रखते हुए नजर आते हैं | मसलन रामायण में राम के पिता के कई पत्नीयाँ थी और महाभारत में भी पांडवो के कई कई पत्नियाँ थी व पांडव के पिता के भी दो पत्नी थी | बल्कि पांडव तो कई अलग अलग बाप के औलाद थे | युधिष्ठिर धर्मदेव से जन्मा था , भीम वायुदेव से जन्मा था , अर्जुन इंद्रदेव से जन्मा था , और नकुल सहदेव अश्विनी और कुमार से जन्मे थे | क्योंकि इन सबके पिता पांडु अपनी पत्नी कुंती और माधुरी के साथ संभोग करने में सक्षम नही थे | क्योंकि उन्हे यह श्राप लगा था कि यदि वे किसी के साथ संभोग करेंगे तो संभोग अथवा सेक्स करते ही मर जायेंगे | जबकि कुंती को यह वरदान प्राप्त था कि वह किसी भी मर्द को बुलाकर उसके साथ सेक्स कर सकती है | जिस वरदान का प्रयोग कुंती ने कुंवारी समय में ही किया और सुर्यदेव को बुलाकर उसके साथ संभोग करके कर्ण को जन्म दी थी | पर कुंवारी गर्भवती बनने के बाद बदनामी से बचने के लिए वह कर्ण को जन्म देकर उसे नाव जैसा तैरने वाली टोकरी में डालकर नदी में बहा दी थी | हलांकि इस तरह के घटनाओं को मैं ज्यादेतर बलात्कारी मनुवादीयों द्वारा अपने पापो को छिपाने के लिए वेद पुराणो में ऐसी अपरिपक्त छेड़छाड़ करना मानता हूँ , जिसे बुद्धी का विकाश होने के बाद कोई भी इंसान तुरंत पकड़ लेगा कि कहाँ पर मुल गलती हुआ है | और कहाँ पर किसकी गलती को छिपाया जा रहा है ? जैसे की रावण की बहन सुर्पनखा को बिलेन बताकर लक्ष्मण के अपराध को छिपाने का प्रयाश किया गया है | पर चूँकि सत्य को करिब से जानने समझने से आसानी से पता चल जाता है कि सच क्या और झुठ क्या है , इसलिए कोई भी जानकार व्यक्ती मनुवादीयों के द्वारा किये गए मिलावट और छेड़छाड़ के बारे में ठीक से जानकारी इकठा करे तो झुठ को तुरंत पकड़ सकता है | जैसे कि ठीक से जानकारी सुर्पनखा के बारे में यदि जाने समझे तो सत्य सामने आ जायेगा | मसलन सुर्पनखा के बारे में यह जानना जरुरी है कि वह  रावण की एकलौती बहन और लंका सुंदरी थी , जिसके लिए कुँवारे राजकुमारो की लाईन लग जाती यदि वह विवाह के लिये राजी होती | पर चूँकि उसे किसी से प्रेम हो गया था , जिससे वह विवाह करना चाहती थी , जिसके लिये रावण तैयार नही था , इसलिये सुर्पनखा ने अपने पहले प्यार के साथ भागकर विवाह कर ली थी | पर वह उसके साथ ज्यादे दिनो तक पारिवारिक जिवन नही जी सकी और भरी जवानी में ही विधवा हो गयी थी | रावण उसकी विधवा विवाह के लिये भी उसे राजी करने की कोशिष किया पर वह अपने पहले प्यार के अलावे और किसी गैर पुरुष के बारे में सोच नही सकती कहकर वह अपने पति के चीता में सती होने जा रही थी , पर रावण और उसके बाकि भाईयो ने भी उसे रोका और समझाया कि अपने लिये न सही पर अपने भाईयो और अपने पति के प्रजा के लिए जियो कहकर उसे सती होने से रोककर विधवा हुई सुर्पनखा को एक समृद्ध क्षेत्र रावण ने दिया जहाँ पर सुर्पनखा अपनी प्रजा के साथ जिवन यापन कर रही थी | जिस विधवा सुर्पनखा के बारे में ढोंगी पाखंडी मनुवादियों ने यह कहानी बनाया है कि विधवा सुर्पनखा विवाहित और गुशैल लक्ष्मण जिसका गुस्सा हमेशा नाक में रहती थी , जिसके चलते राम ने भी और सीता ने उसको फटकार लगाया था उस लक्ष्मण के साथ विधवा सुर्पनखा अपनी हवश मिटाने के लिए रेप करने की कोशिष कर रही थी , जिसके चलते गुशैल लक्ष्मण ने अपनी इज्जत बचाने के लिए सुर्पनखा का नाक काटकर उसे लहु लुहान कर दिया था | जाहिर है ऐसी मिलावट और छेड़छाड़ करने की मनुवादीयों ने रिवाज सा बना लिया है , जिसे वे आज भी अपडेट करते रहते हैं | जिस तरह की गलती करने वाली रिवाजो को मनुवादीयों को और आगे नही बड़ानी चाहिए | और यदि बड़ाते रहना चाहिए इस जिद्द में मनुवादी अड़े हुए हैं , तो रामराज रामराज करने वाले संवर्ण क्या राम की तरह ही अपनी अपनी पत्नी के बारे में जरा सा भी शिकायत मिलने पर अग्नी परीक्षा सार्वजनिक तौर पर लेने की रिवाज को आगे बड़ा रहे हैं ? जिससे भी मन न भरे तो अपनी पत्नियों की शिकायत होने पर उसे गर्भवती अवस्था में मायके या अस्पताल के जगह राम की तरह घने जंगलो में भेज देते ताकि वे भी अपने अपने परिवारो के साथ राम की तरह रामराज कायम करके खुद तो जीते जी सरयू नदी में डुबते ही पर अपनी पत्नी को भी इतनी अधिक दुःख पीड़ा देते की वह भी जीते जी धरती में समा जाती | जिस तरह की जिवन रामराज और पांडवराज में मिलती है | जिनके शासन में प्रजा नर्कीय जिवन जीती है , और शासक भी नर्कीय जिवन जिते हैं | जैसे की पांडवराज में पांडव इतने अधिक पाप के भागीदार बनते हैं कि खुद भी जिते जी हिमालय से छलांग लगाकर नर्क चले जाते हैं | जिनका तो वल्ड रिकॉर्ड बनना चाहिए कि वे ऐसे पहले लोग थे जिन्होने हिमालय से छलांग लगाकर आत्महत्या किये थे | जो अपने कुकर्मो के चलते नर्क गये यह भी महाभारत में दर्ज है , जिसे न के बराबर बतलाया जाता है | जबकि जिन्हे सबसे बड़ा खलनायक बतलाया जाता है वे कौरव और रावण स्वर्ग जाने के बारे में जाने जाते है | जिसके चलते भी मनुवादी जिसे नायक बतलाते हैं उनकी तरह की जिवन जिने से उन्हे मानो साँप सुंघ जाता है |  क्योंकि उन्हे पता है कि यदि वे राम और पांडवो की तरह जिवन जिये तो उनकी पुजा होना तो दुर प्रजा द्वारा उनसे बातचीत भी नही किया जायेगा बल्कि अपराधी माने जायेंगे |  हलांकि शंभुक प्रजा का शोषण अत्याचार करने का अपराध तो पांडवराज और रामराज को अपना आदर्श मानकर वर्तमान के भी अपडेट मनुवादी राज में जरुर हो रहा है | जिस अपडेट मनुवादी राज के भी शासको की पुजा होगी भविष्य में ऐसी उमिद लगाकर यदि मनुवादीयों के द्वारा पाप दोहराया जा रहा है तो वर्तमान के मनुवादीयों को यह बात अपने मन में बैठा लेनी चाहिए की वर्तमान का इतिहास ऑडियो विडियो रिकॉर्ड होकर भी दर्ज हो रहा है | जिसे बदलकर उसके जगह कोई दुसरा ऑडियो विडियो दर्ज नही किया जा सकता |  जिसे आनेवाली नई पिड़ी देख सुनकर जरुर तय करेगी कि वर्तमान का मनुवादी शासन में मनुवादीयों द्वारा क्या क्या पाप हो रहा था | बाकि लिखावट और पिड़ी दर पिड़ी आगे बड़ने वाली अपडेट वेद पुराण की जानकारी तो है ही ! जिसके जरिये मनुवादीयों की कुकर्मो के बारे में जानकारी हमेशा के लिए मौजुद रहेगी | जो जानकारी रामायण महाभारत वेद पुराणो में भी दर्ज है , बस उसमे जो जानकारी मिलावट और छेड़छाड़ करके दर्ज की गई है , उसे समझने की जरुरत है | जैसे की वर्तमान में भी मनुवादी मीडिया द्वारा छेड़छाड़ तरके जो आधुनिक भारत और डीजिटल इंडिया के बारे में जानकारी दर्ज हो रही है , उसे भी अपनी सत्यबुद्धी का इस्तेमाल करके समझने की जरुरत है | जिसे न समझने वाले बहुत सारे शंभुक भी जिस तरह राम और पांडव भक्त बने हुए हैं , उसी तरह वर्तमान के भी शासको के भक्त बने रहेंगे और क्या पता वर्तमान के भी मनुवादी शासको का भविष्य में राम मंदिर की तरह ही उनकी भी मंदिर निर्माण होगा यदि और भी लंबे समय तक मनुवादी शासन समाप्प्त नही होगा | इसलिए अभी भी अँधभक्त बनने वाले शंभुक छोड़ दें अँधभक्ती करना और लग जायं अपने पुर्वजो के सुख शांती और समृद्धी कायम शासन को वापस लाने में ! जो तबतक नही आयेगी जबतक की अँधभक्ती होती रहेगी | और मनुवादी शासन को कायम रखने में विशेष सहयोग करने वाले घर का भेदी भी पैदा होते रहेंगे | 

शुक्रवार, 15 मई 2020

The shift of the peasants will surely come when the power of the Kabila Manuvadis who came from this agricultural country from Eurasia will go like Satan Alexander

#The shift of the peasants will surely come when the power of the Kabila Manuvadis who came from this agricultural country from Eurasia will go like Satan Alexander.
किसानों की पारी निश्चित रूप से तब आएगी जब इस कृषि देश से यूरेशिया से आए कबिला मनुवादियों की शक्ति शैतान सिकंदर की तरह जाएगी

किसानो की पारी जरुर आयेगी जिसदिन इस कृषि प्रधान देश से यूरेशिया से आए कबिलई मनुवादीयों की सत्ता हमेशा के लिए जाकर इस देश के मुलनिवासियों की सत्ता आयेगी | जिस मुलनिवासी सत्ता को लाने के लिए इस देश के बहुसंख्यक मुलनिवासी जो चाहे जिस धर्म में मौजुद हो , उन्हे ब्रह्मण तिलक के विचार कि '' ये तेली , तंबोली , कुर्मी , कुम्हार , चमार संसद में जाकर क्या हल चलाएंगे।'' हमेशा याद रहनी चाहिए | और साथ साथ ये भी याद रहनी चाहिए कि यूरेशिया से प्रवेश करके कबिलई मनुवादी हजारो सालो से इस कृषि प्रधान देश में जिनके साथ भेदभाव करते आ रहे हैं , उन सबके पुर्वज एक थे यह डीएनए प्रमाणित हो चुका है | जिन्हे इस कृषि प्रधान देश से यदि कबिलई मनुवादी शासन को जल्द खत्म करनी है तो अब किसानो को संसद में जाकर अपने हल में लगी लोहे से उस मनुवादी सरकार की गांड़ मारनी चाहिए जो गरिब और किसान की कथनी कहके सेवा करनी में गरिब और किसानो के लिए नाम मात्र का बजट बनाकर हजारो करोड़ के मालिक धन्ना कुबेरो को हर साल लाखो करोड़ रुपये का माफी और छुट देकर सबसे अधिक धन लुटाती है , पर चंद लाख कर्ज की वजह से आत्महत्या करने वालो किसानो से कर्ज वसुली के लिये जोर जबरजस्ती दबाव बनाने वाले ऐसे गुंडे भेजती है , जो अपनी गुंडागर्दी से किसी चंद लाख या चंद हजार रुपये की कर्ज में डुबे किसान को रोज रोज धमकी देकर आत्महत्या करवाते हैं | जिन किसानो के मरने के बाद मनुवादी सरकार में जो पाप लग रहा है उसे छिपाने और वोट के लिए समय समय पर अपडेट ढोंग पाखंड करती रहती है कि वह गरिब और किसानो के लिए मानो दुध की नदियाँ बहा रही है | जैसे की इस समय यह प्रचार प्रसार वायरल कर रही है कि अपकी बारी किसानो की पारी | जैसे कि " बहुत हुआ नारी पर वार , अबकी बार भाजपा सरकार " नारा देकर लगातार दो बार भारी बहुमत से बनी भाजपा सरकार बनने के बाद अब जब लाखो महिलाओं और बच्चियों का रेप हो चुका है | जिसकी रिपोर्ट ये सरकार ही हर साल खुद लाती है कि कथित बहुत हुआ नारी पर वार , अपकी बार भाजपा सरकार आकर हर साल कितने बलात्कार हो रहे हैं | जिन बलात्कारो के होने से कथित " बहुत हुआ नारी पर वार , अपकी बार भाजपा सरकार को अब नारा अपडेट करना पड़ रहा है | जिस सरकार के पुराने कथनी जो कि इंटरनेट सर्च मारने या फिर तब के अखबारो वगैरा को पढ़ने से सारी कथनी करनी पाप साफ नजर आता है कि मनुवादी सरकार की कथनी और करनी किसी ठग कंपनी से भी कहीं ज्यादे भ्रष्ठ है | जिस सरकार का करनी सिर्फ अपने प्रचार प्रसार करने और अपनी मनुवादी सत्ता कायम रखने में ज्यादे ध्यान देते रहना है | ताकि अपने प्रचार प्रसार के जरिये हमेशा ठगानेवाला तलाशा जाता रह सके | और जैसा कि हमे पता है कि दुनियाँ में चाहे पढ़े लिखे हो या फिर अनपढ़ , दोनो के बिच ठगाने वालो की कमी नही है | उदाहरन के तौर पर कई साल पहले जब मैं टी०वी० धारावाहिक वगैरा भी देखा करता था , उस समय किसी चैनल सायद सोनी टी०वी० पर क्राईम पेट्रोल देखा था , जिसमे एक ठग ढोंगी पाखंडी यह प्रचार प्रसार करता है कि वह दिवाली के दिन अपने चमत्कारी शक्ति से धन को डबल कर देता है | जिसपर विश्वास करके एक पढ़ा लिखा व्यापारी अपने सारा धन को उस ढोंगी पाखंडी के पास ले जाकर दे देता है | जिस व्यापारी को ढोंगी पाखंडी ने कहा सुटकेश में भरा धन देने के बाद आँख मुँदो मंत्र पड़ते ही धन डबल हो जायेगा ! जिसके बाद आँख मुँदकर अपने धन का डबल होने का इंतजार कर रहे व्यापारी का मडर करके सारा धन पर कब्जा कर लेता है | ये मनुवादी सरकार भी वोट और नोट बटोरने के लिए कुछ उसी तरह का चमत्कार करने का मंत्र उच्चारन अपडेट प्रचार प्रसार के समय करते रहती है |

बुधवार, 6 मई 2020

In Manuwadi Raj, it seems as if the fictional devil of the Hindi film chehre pe chehra is waiting for the correction or treatment of Blackstone, which is a waste of time

In Manuwadi Raj, it seems as if the fictional devil of the Hindi film chehre pe chehra is waiting for the correction or treatment of Blackstone, which is a waste of time

  • मनुवादी राज में मानो हिन्दी फिल्म चेहरे पे चेहरा का काल्पनिक शैतान ब्लेकस्टोन का सुधरने या फिर इलाज का इंतजार हो रहा हैं , जो सिर्फ समय की बर्बादी है

आधुनिक डीजिटल अपडेट मनुवादी राज का प्रमुख पक्ष विपक्ष पार्टी में गरिबी हटाओ नारा देनेवाली कांग्रेस करिब साठ सालो तक दिल्ली में बैठकर पुरे देश में शासन की है , लेकिन भी उसने गरिब बीपीएल के जिवन में गरिबी हटाने के लिए खजाना क्यों नही भर सकी ? सिर्फ खुद ही अमिर से और अधिक अमिर पार्टी क्यों बनती चली गई है ? भाजपा कांग्रेस दोनो के ही नेतृत्व में गरिबी हटना तो दुर गरिबी रेखा से भी निचे अथवा BPL दाग भी नही हट सकती , क्योंकि ये दोनो ही ढोंगी पाखंडी पार्टी हैं , जो दोनो एक दुसरे को मुक्त करने की बाते करके एक दुसरे में युक्त होती रहती है | जनता को गुमराह करते समय इन दोनो पार्टियों के नेताओ को पता रहता है कि वे यदि चुनाव हारेंगे तो भी उनके लिए पिच्छे के खास गुप्त दरवाजे खुले रहते हैं , जिससे अंदर घुसकर अपनी अधुरी इच्छाओं की पूर्ति होती रहती है | इन दोनो पार्टियों का एक दुसरे का विरोध करने से इन दोनो को कुछ खास नुकसान होने वाला नही है | क्योंकि इन दोनो के पास एक दुसरे की काली करतुतो की फाईले गुप्त तरिके से छिपाकर रखे हुए हैं | जैसे की हिन्दी फिल्म सोल्जर में दो गुटो की फाईले एक दुसरे के पास मौजुद रहती है | जिन दोनो गैंगो की खात्मा करने काल्पनिक फिल्म में तो एक काल्पनिक हिरो आता है , पर रियल जिवन में इन दोनो पार्टियों की पीड़ा से देश को मुक्त करने कौन हिरो आयेगा ? मैं तो कहता हूँ जनता को ही हिरो बनना होगा और कांग्रेस फाजपा की उस गुप्त राजनिती को समझनी होगी जिसके जरिये इन दोनो में चाहे जिसकी भी सरकार बनती है , पर सत्ता का लाभ दोनो को मिलते रहती है | जैसे की अभी भी दोनो पार्टियों को ही सबसे अधिक लाभ मिल रही है , और देश में दोनो पार्टियों की ही सरकार सबसे अधिक राज्यों में भी मौजुद है | जो दोनो पार्टि अपनी सरकार बनाने के लिए बाकि पार्टियों को सिर्फ मोहरा बनाकर इस्तेमाल करती रहती है | जैसे कि लंबे समय से गरिबी भुखमरी दुर करने और आधुनिक भारत शाईनिंग इंडिया डीजिटल इंडिया का नारा देकर भोली भाली गरिब जनता को गुमराह करती आ रही है | जिन भोली भाली जनता को अपनी झुठी और ढोंग पाखंड बातो में यकिन कराकर वोट के लिये अबतक इस्तेमाल करते आ रही है | इस्तेमाल नही करती तो आज गरिब बीपीएल भारत में करोड़ो लोग रोज भुखे पेट सोने को मजबूर न होते ! जबकि इन दोनो के प्रधान सेवक अपने सेवा कार्यकाल के दौरान खुदको गरिबो का सेवक बताकर किमती सुट बुट लगाकर विदेशी दौरे सबसे अधिक किये हैं | एक के तो विदेशो से कपड़े धुल के आते थे तो दुसरे का तो सोने से जड़ा इतना किमती सुट तैयार की गई थी कि यदि उसे बेचकर किसी गरिब को उसकी किमत दे दी जाती तो वह रातो रात लखपति करोड़पति बन जाता ! जिस तरह के किमती कपड़े पहनकर सेवा करने वाले सेवको को पता है कि यह देश गरिब नही है बल्कि गरिब वे लोग हैं जिन्हे इस देश की अमिरी का हक अधिकार नही दिया जा रहा है | सिर्फ उनके वोट से अमिरी सुख सुविधा लेकर सिर्फ सारी जिवन गरिबी हटाने का ढोंग पाखंड किया जाता है | जैसे की अभी की भी सरकार बहारो फुल बरसाओ करके ढोंग पाखंड ही तो कर रही है ! जिन दोनो ही पार्टियों की सरकारो को जो भी लोग देश की गरिबी भुखमरी दुर करने वाली सरकार समझकर वोट करते हैं या समर्थन करते हैं , उनको तो मैं यही कहना चाहूँगा कि आपलोग यदि कांग्रेस भाजपा को संजीव कुमार की एक फिल्म चेहरे पे चेहरा का किरदार शैतान ब्लेकस्टोन का सुधरने या फिर इलाज का इंतजार कर रहे हैं तो यह सिर्फ समय की बर्बादी है ! क्योंकि मनुवादीयों में जो भी लोग थोड़े बहुत अच्छे लोग हैं उनको शैतान ब्लेकस्टोन कभी भी उनकी मर्जी से सुधार करने देनेवाला नही है | इससे अच्छा होगा कि इस देश की उन पार्टियों को मौका दिया जाय जिनके भितर ब्लेकस्टोन शैतान मौजुद नही है लेकिन भी वे अबतक कतार लगाकर एक बार देश का नेतृत्व करने का इंतजार कर रही हैं | पर उन्हे एक दो राज्य का भी नेतृत्व करने का मौका नही मिल रही है | हलांकि देश में अब चुनाव नाम मात्र का हो रहा है , चुनाव रिजल्ट तो दरसल वह कठपुतली मशीन कर रही है जिसका रिमोट उस ब्लेकस्टोन शैतान के हाथो में है | जिनके लिए जनता का वोट नही बल्कि नोट ज्यादे मायने रखती है , भले चाहे उस नोट को वे अपने जिवित रहने तक खर्च करे या न करे पर नोट जमा जरुर करते रहना है | जिसे इकठा करने के लिए ये कुछ भी कर सकते हैं | खुदको भगवान बताकर प्रजा से अपनी पुजा भी करा सकते हैं !

The chains of slavery

 The chains of slavery The chains of slavery The dignity of those who were sent by America in chains is visible, but not the chains of slave...