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शुक्रवार, 22 मई 2020

एक अभिनेत्री ने कई अभिनेता से और एक अभिनेता ने कई अभिनेत्री से काल्पनिक फिल्मो में जो सेक्स किये हैं वह रिल है न कि रियल

एक अभिनेत्री ने कई अभिनेता से और एक अभिनेता ने कई अभिनेत्री से काल्पनिक फिल्मो में जो सेक्स किये हैं  वह रिल है न कि रियल

हिंदू वेद पुराणो में मिलावट और छेड़छाड़ करने के बाद इस देश के मुलनिवासियों के पुर्वजो को मानव भक्षक असुर दानव बताकर कल्पना में अपने पुर्वजो को भगवान बताकर मनुवादीयों ने अपनी उच्च झुठी शान में खुदको डुबो लिया है , जिसकी वजह से भी उनकी भ्रष्ठ बुद्धी को सुधरने में हजारो सालो का समय लग रहा है | जबकि भ्रष्ठ बुद्धी में सुधार के लिए मनुवादीयों की  झुठी शान में बड़ौतरी के बजाय मनुस्मृति के विरोध में बड़ौतरी होनी चाहिए थी |

क्योंकि मनुवादीयों की झुठी उच्च शान दरसल बिमार भ्रष्ठ बुद्धी वाले अपने तारिफ के भुखे इंसानो के द्वारा दुनियाँ का सबसे बड़ा उच्च चर्चित बनने के बारे में मात्र किसी कल्पना या फिर सपना देखकर इस गलतफेमी में दिन रात डुबे रहना है कि उसके द्वारा कल्पना या सपना में सबसे बड़ा उच्च बनने का जो मिलावट और झुठी जानकारी हिंदू वेद पुराणो में छेड़छाड़ और मिलावट करके इतिहास में दर्ज किया गया है , उसे सभी लोग हमेशा सत्य मानते रहेंगे ! जिन्हे सत्य मानना मानो काल्पनिक फिल्मो और धारावाहिको में मौजुद काल्पनिक नायक नाईका को असली नायक नाईका उन अभिनेता अभिनेत्रियों को मानना है , जिनकी भी अपनी रियल जिवन होती है , न कि उनकी रियल जिवन में भी बिहड़ जंगलो में जब वे जाते होंगे तो किसी ओरकेस्ट्रा में बजने वाली म्यूजिक अपने आप बजने लगती होगी | और उसके साथ वे सुर मिलाते हुए एक गाने में कई किमती ड्रेस बदल बदलकर चमत्कारी जिवन जी रहे होंगे | जिनकी जिवन को फिल्मो में निभाये गए काल्पनिक नायक नाईका के काल्पनिक जिवन को सत्य मानने का मतलब रियल जिवन में अभिनय कर रहे अभिनेता या अभिनेत्री का अनेको काल्पनिक लोगो को अपना पहला प्यार या जिवन साथी बताकर अनेको से शारिरिक संबंध मनाना सत्य स्वीकारना है | वह भी खुद यह बतलाते हुए कि कई अलग अलग लोगो से सेक्स जो व्यक्ति फिल्म और धारावाहिको में किया है , वही नायक नाईका है | जिस सत्य के बारे में सबूत फिल्म और धारावाहिक विडियो है | जो सारे शारिरिक रिस्तो के विडियो सत्य है स्वीकारना होगा | जिसके बारे में झांकी देखनी हो तो चर्चित किसी एक अभिनेता या अभिनेत्री पर अधारित विडियो गाना अथवा मानो उस किसी एक अभिनेता या अभिनेत्री पर स्पेशल खास अधारित चित्रहार देखकर यह मान लिया जाय कि अलग अलग दर्जनो गाना में जो अलग अलग कई महिला या पुरुष अथवा अभिनेता अभिनेत्री के साथ विडियो में प्यार मोहब्बत या वैवाहिक रिस्तो पर जो गाना एक दुसरे से लिपटकर गाया गया है , वह सब काल्पनिक नही असल जिवन है | जबकि हमे पता है विडियो ऑडियो में मौजुद नायक नाईका काल्पनिक है | और उस काल्पनिक नायक नाईका का अभिनय कर रहे लोग असली जिवन जी रहे लोग हैं | जो साफ नजर भी आता है कि चित्रहार देखते समय एक ही अभिनेता या अभिनेत्री के द्वारा किसी नायक नाईका का भुमिका अदा करते समय कई के साथ यह गाना गाते हुए मिल जाते हैं कि " तु ही मेरा पहला प्यार है " जिस तरह के विडियो गाना एक अभिनेता या एक अभिनेत्री के द्वारा काल्पनिक भूमिका अदा करते समय कई अलग अलग अभिनेता अनेत्रियो से गाते और नाचते देखकर पता चल जाता है | क्योंकि चित्रहार देखने पर साफ पता चलता है कि एक ही अभिनेता या अभिनेत्री कई के साथ लिपटकर सबको तु ही मेरा पहला प्यार है ये सब गाना गया है | जो यदि सत्य होते तो एक अभिनेता ने कई अभिनेत्रियों से फिल्मो में सेक्स किया है और एक अभिनेत्री ने कई अभिनेता से और एक अभिनेता ने कई अभिनेत्री से काल्पनिक फिल्मो में सेक्स किये हैं | जो दरसल कथित अलग अलग कई पहला प्यार रिल है न कि रियल !

काल्पनिक फिल्म और धारावाहिक विडियो बनाने की कोशिष मनुवादियों द्वारा हिंदू वेद पुराणो में छेड़छाड़ करके देव को नायक और दानवो को खलनायक बनाकर की गई है | क्योंकि हिंदू वेद पुराणो में मनुवादियों के शासन के बारे में जो मुल असत्य दर्ज है , मानो वही असत्य आज की भी मनुवादी शासन में अपडेट होकर दर्ज हो रहा है | जिस मिलावट और छेड़छाड़ की गई वेद पुराणो को छानकर समझने की जरुरत उन सभी हिंदूओं को है जो अपना पुर्वज दानवो को मानते हैं | जैसे की आज की भी मनुवादी शासन में मनुवादी मीडिया द्वारा मिलावट की गई जानकारी को छानकर समझने की जरुरत है | 

क्योंकि सत्य में मिलावट और छेड़छाड़ वेद पुराण काल में नारद जैसे लोग करते थे , और आज भी नारद के जगह मनुवादी मीडिया नारद का जगह लेकर सत्य में मिलावट और छेड़छाड़ करने में लगी हुई है | तब नारद को शराब और कबाब देकर मनुवादीयों के पुर्वज इंद्रदेव शासन अपनी झुठी तारिफे करवाता था , और अब के समय में भी मनुवादी शासन लाखो करोड़ देकर अपनी शासन के बारे में झुठी तारिफे करवाते जा रहे हैं | 

जिन मनुवादीयों को यह गलतफेमी है कि वेद पुराणो में छेड़छाड़ करके जिस तरह मनुवादीयों के पुर्वज खुदको वेद पुराणो में भगवान बताकर आज के समय में भी अपनी मुर्तियों की पुजा करवाने में कामयाब हुए उसी तरह आज के भी मनुवादी सत्य में मिलावट और छेड़छाड़ करके कामयाब हो जायेंगे | जबकि उन्हे यह जरुर पता होना चाहिये की आज का वेद अथवा जुबान से निकली ध्वनी रिकॉर्ड हो रहा है और आज का पुराण अथवा मानो विडियो और तस्वीर भी रिकॉर्ड हो रहा है | जिसमे मनुवादी छेड़छाड़ यदि करेगा भी अथवा कर भी रहा है तो उस ऑडियो विडियो व तस्वीर का रिकॉर्ड को पुरी दुनियाँ की इंटरनेट दुनियाँ से कभी नही मिटा सकता | 

हलांकि वेद पुराणो में भी छेड़छाड़ और मिलावट करके भी मनुवादी सत्य को नही मिटा पाया है , बस उसे समझने वाले वेद पुराणो से खोजकर असल सत्य को निकालते जा रहे हैं | जैसे कि देवो ने सबसे अधिक भ्रष्टाचार किये हैं कि दानवो ने सबसे अधिक भ्रष्टाचार किये हैं ? इस सवाल का सत्य जवाब खोजा जा रहा है |  देवराज में सबसे अधिक सुख शांती और समृद्धी कायम थी की दानव राज में सबसे अधिक सुख शांती और समृद्धी कायम थी इसके बारे में भी मंथन करके समझदार खुद ही सत्य की खोज करने में लगे हुए हैं ! 

और जो खोज नही कर सकते हैं , उन्हे तो बलात्कारी भी आरती उतारकर पुजा करने वाला भगवान ही लगेगा और बार बार अपने सबसे बड़ा दुश्मन होते हुए भी जिवनदान देनेवाला हैवान लगेगा ! जिसके लिए ही तो मनुवादियों ने वेद पुराणो में छेड़छाड़ और मिलावट किया है | जैसा कि आज भी सत्य में मिलावट करना जारी है ! जिन मिलावट करने वालो को तो उनकी बुद्धी का विकाश के लिए मैं यही सलाह देना चाहुँगा कि अगर दानवो ने अपराध किये थे , जिसके चलते उन्हे सबसे बड़ा खलनायक यहाँ तक की नरभक्षी तक कहा गया है , उनके अपराधो और देवो द्वारा किये गए अपराधो को न्याय की तराजू में तौलकर किसने सबसे अधिक अपराध किये हैं ? उन्हे तौलकर यह सत्य तय किया जाय कि जिसने सबसे अधिक अपराध किये हैं , उसे बिलेन और जिसने कम अपराध किये हैं उसे हिरो तय कर लो ! क्योंकि याद रखना हिरो में भी कोई न कोई ऐसी बुराई जरुर होती है जो कि अपराधियों में भी होती है | दुनियाँ में कोई भी व्यक्ती बिना एक भी बुराई का न तो पहले कभी पैदा हुआ और न ही आज भी पैदा ले रहा है | बस यह तौलकर कौन नायक और कौन खलनायक तय किया जाता है कि किसमे सबसे अधिक अच्छाई मौजुद है ? जैसे कि देव और दानवो के कर्म और कुकर्मो के बारे में तौलकर मैने अपनी समझ से यह जाना है कि देव बिलेन थे और दानव हिरो ! हलांकि हिरो दानवो में कुछ दानव मेरी नजरो में भी हिरो नही कहलायेंगे पर देवो में तो बिलेनो की लंबी कतार नजर आती है जब मिलावट वेद पुराणो में मौजुद सत्य के बारे में खोज की जाती है | जिसमे कई देव की पुजा करने वाले पुजारी भी खुद यह बतलाते हुए मिल जायेंगे कि वे जिस देव की पुजा करते हैं उनमे कई देव ऐसे हैं जिन्होने किसी महिला का बलात्कार किया था और किसी के धन संपदा को लुटा और कब्जा भी किया है !
आज यदि किसी बलात्कारी की पुजा तो दुर यदि कोई उसे कड़ी सजा नही दिया जाय बल्कि छोड़ दिया जाय यह विचार भी रखेगा तो मुझे नही लगता कोई उसकी इस हरकत का समर्थन करके किसी बलात्कारी के पक्ष में आकर उसे सजा न हो ये बाते कहेगा !  जबकि वेद पुराणो में छेड़छाड़ और मिलावट करके बलात्कारियो की पुजा हो ऐसे महान बल्कि भगवान थे ऐसी जानकारी मिलावट और छेड़छाड़ करके वेद पुराणो में दर्ज की गई है | जिसमे सुधार मनुवादीयों का शासन समाप्त होगा उसके बाद ही पुरी तरह से हो पायेगा | जिससे पहले सुधार होना वैसा ही है जैसे की गोरो के शासन के समय में अजादी की लड़ाई लड़ने वालो को सजा न हो और गुलाम करने वालो को सजा हो ऐसी सुधार न्याय में होती !

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