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शनिवार, 8 अगस्त 2020

राम मंदिर में किनके पुर्वजो की पूजा होगी जिन्हे शुद्र कहा गया है उनके पुर्वजो की या फिर जिन्हे ब्रह्मण , क्षत्रिय , वैश्य कहा गया है उनके पुर्वजो की ?

राम मंदिर में किनके पुर्वजो की पूजा होगी जिन्हे शुद्र कहा गया है उनके पुर्वजो की या फिर जिन्हे ब्रह्मण , क्षत्रिय , वैश्य कहा गया है उनके पुर्वजो की ?
पुरी दुनियाँ जानती है कि राम इस देश के मुलनिवासियों के पुर्वज नही है | फिर भी आखिर इस देश के मुलनिवासियों जिन्हे देव को अपना पुर्वज मानने वालो ने शुद्र निच घोषित करके हजारो सालो से छुवा छुत भेदभाव शोषण अत्याचार किया हैं , क्यों उन्हे भी राम से जोड़ा जाता है ? जबकि राम ने भी अपने रामराज में जिन्हे शुद्र निच कहा गया है , उस शंभुक की हत्या सिर्फ इसलिए कर दिया था , क्योंकि शंभुक ने शुद्र के लिये वेद ज्ञान मना रहने के बावजुद भी वेद ज्ञान ले लिया था | आखिर ये मनुवादी अपनी बेशर्मी त्यागकर कब इस बात पर शर्म करेंगे कि जिनके साथ वे भेदभाव शोषण अत्याचार हजारो सालो से करते आ रहे हैं , उन्हे भी अब अपनी स्वार्थपूर्ति के लिये जिन्हे वे शुद्र निच मानते हैं , उन्हे देव पुजक बताकर भी आजतक बेशर्म होकर भेदभाव शोषण अत्याचार क्यों करते रहते हैं | जिसे समझनी हो तो कोई भी अपने मन में एक सवाल करके पता कर सकता है कि मनुवादी जिस तरह खुदको देवो का वंशज मानते हैं , उसी तरह क्या वे उनको भी देवो का वंशज मानते हैं , जिन्हे वे शुद्र निच कहते हैं ? बिल्कुल नही ! क्योंकि मनुवादी जिन्हे शुद्र निच घोषित करके हजारो सालो से उनके साथ छुवा छुत भेदभाव शोषण अत्याचार करते आ रहे हैं उनके पूर्वजो को वे दानव असुर राक्षस कहते हैं | बल्कि इस कृषि प्रधान देश के मुलनिवासियों में आज भी बहुत सारे लोग मिल जायेंगे जिन्हे असुर कहा जाता है | जिन असुर दानव राक्षस की कोई बड़ी मंदिर बनाने और उन्हे भी भगवान मानकर मूर्ति स्थापित करके उनकी आरती उतारने के लिये राजि होंगे क्या मनुवादी ? जाहिर है मनुवादी अपने आपको भी इसी देश का मुलनिवासि कहलवाने के लिए यदि गलती से मानेंगे भी तो जिन्हे शुद्र निच कहा जाता है , वे सब एक हैं यह बात DNA से गलत साबित हो जायेगा | बल्कि गलत साबित हो चुका है कि जिन्हे शुद्र निच कहकर मनुवादी हजारो सालो से छुवा छुत भेदभाव शोषण अत्याचार करते आ रहे हैं , वे इस कृषि प्रधान देश के मुलनिवासी हैं , न कि यूरेशिया से आए यहूदि DNA के मनुवादी इस देश के मुलनिवासी हैं | क्योंकि साबित भी हो चुका है कि इस देश के मुलनिवासियों के DNA से मनुवादीयों का DNA नही मिलता है | क्योंकि मनुवादी यूरेशिया से आए कबिलई हैं | और जिन्हे मनुवादीयों ने शुद्र निच कहा है वे इस कृषि प्रधान देश के मुलनिवासी कृषक हैं | बल्कि मनुवादीयों का DNA कबिलई यहूदियो का DNA से मिलता है जो की स्वभाविक है | क्योंकि मुलता दोनो कबिलई हैं | फिर क्यों मनुवादी खुदको हिन्दु कहते हैं ? जबकि बहुत से मनुवादीयों को भी पता है कि हिन्दू शब्द उस सिन्धु से जुड़ा हुआ है जो सिन्धु घाटी सभ्यता संस्कृति से जुड़ा हुआ है | जबकि मनुवादीयों के अंदर कबिलई यहूदियो का DNA मौजुद है ! जिसके बावजुद भी अपनी स्वार्थपूर्ति के लिये मनुवादी अपने मरे हुए पुर्वज देवो को हिन्दु भगवान और खुदको हिन्दु बताकर अपने पुर्वज देवो की पुजा छल कपट और ब्रेनवाश करके इस देश के मुलनिवासियों से भी करा रहे हैं जो उनके वंशज नही हैं ? जबकि मनुवादीयों को अपने पुर्वजो की पुजा सिर्फ खुद करनी चाहिए न कि दुसरो को भी करानी चाहिए | क्योंकि पुरे विश्व में बहुत से लोग अपने पुर्वजो की पुजा सिर्फ खुद करते हैं न कि दुसरो को भी यह कहकर करने को कहते हैं कि तुम भी हमारे पुर्वजो की पुजा करो लाभ होगा | भारत में भी बहुत से मुलनिवासी खासकर आदिवासी अपने पुर्वजो की पुजा करते हैं , तो क्या मनुवादी भी आदिवासियों के साथ मिलकर आदिवासियों की पुर्वजो को भी अपनी बाप दादा मानकर उनकी पुजा उसी तरह करेंगे जैसे की वे अपने मरे हुए पुर्वज देवो की पुजा उनसे भी करा रहे हैं जिन्हे शुद्र निच कहकर हजारो सालो से वे छुवा छुत भेदभाव शोषण अत्याचार करते आ रहे हैं ? हलांकि मनुवादी अपने पुर्वज देवो की पुजा इस देश के मुलनिवासियों से करा रहे हैं इससे ज्यादे आश्चर्य नही होनी चाहिए जितना की हमे इस बात पर आश्चर्य होनी चाहिए कि जो कबिलई मनुवादी हजारो सालो से छुवा छुत भेदभाव शोषण अत्याचार करते आये हैं , उनकी पूजा करने के लिये भी कुछ लोग इतने भुखे हैं कि मनुवादीयों की बातो में आकर अपने ही मुलनिवासी परिवार का विनाश करने में लगे हुए हैं | जैसे कि मनुवादीयों की पार्टी से चुनाव लड़कर और समर्थन देकर मनुवादी सरकार बनाकर गोरो के जाने से लेकर अबतक अपने ही मुलनिवासी परिवार का विनाश करा रहे हैं | हलांकि ऐसे लोग इतने ब्रेनवाश किये हुए रहते हैं कि मानो वे भुल चुके हैं कि मनुवादी राज चल रहा है , जिससे इस देश के मुलनिवासियों को अजाद होना है |

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