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बुधवार, 15 जनवरी 2025

ek bhee pradhaanamantree dalit kyon nahee?

 

एक भी प्रधानमंत्री दलित क्यों नही? 

एक भी प्रधानमंत्री दलित क्यों नही? 




दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर रतन लाल का एक भाषण देख रहा था जिसमे वह दलितो को लेकर कह रहा था कि

" आप इमोशनल ब्लैकमेल करते हो, और इमोशनल ब्लैकमेल होते हो, मेरा भाई भी अगर बीजेपी में... जब तक आप शत्रु को नहीं पहचानओगे तब तक क्लेरिटी नहीं होगी, मेरा भाई भी इलेक्शन में खड़ा होगा 1 लख खर्चा करके मैं उसके खिलाफ प्रचार करने जाऊंगा, दलितों का कभी स्वर्ण युग नहीं रहा है, पहले क्लियरइटी रखिए, आप लोग आधा से ज्यादा अभी एमएलए एमपी बनने के चक्कर में हो तो... हमारे दलितो में पॉलिटिक्स चेतना इतना ज्यादा हो गया है की अब सबको सबको सीएम पीएम इस समय जो की हिंदू नेस्टलिस्ट ने हमला किया है, इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन पर रिपब्लिक पे उस समय अगर दलित लोग कह रहा है की हम सीएम बनएंगे हम यह कर देंगे वह कर देंगे इसका मतलब ओ आर एस एस बीजेपी के साथ है, वोट काट रहा है। अभी पूरा पार्टी का पार्टी खरीद ले रहा है, एक दलित को फेकड़ो 100 करोड़ रूपया दे देगा तो एक दलित को 100 करोड़ रूपया दे देगा तो पागल हो जाएगा वह, एक दलित एमपी मिनिस्टर को 100 करोड़ दे देगा तो वह पागल हो जाएगा,.. एजेंडा सबसे इंपोर्टेंट है, 1000 इशू लेकर लड़ोगे कभी नहीं जीतोगे, दीवार पर अगर सुराग करना होगा ना तो एक जगह ड्रिल मशीन रखना होता है, हम लोग कोई एजेंडा सेट नहीं कर रहे हैं,.. अगर मोदी जी यह कह रहा है कि 70 साल में क्या हुआ कुछ नहीं हुआ, अगर आप भी आप बात कर रहे हैं तो आपकी यह भाषा और संघ परिवार की भाषा एक से है, हम इतना महंगा स्वेटर स्वेटर पहनते हैं, देखो मेरा जैकेट भी मांगा है, मेरे दादा दादी तो मजदूर थे, तो एक ही दो जनरेशन में हमको फ्री शिक्षा मिला स्कॉलरशिप नौकरियां मिली, अब मिल रहा है क्या?.. हमारे लिए तो फ्री का एजुकेशन था, तीन-तीन नौकरियां मिलती थी, जाकर एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज मैं नाम लिखा हो तो 20 दिन में आ जाता था चिट्ठी, तो अगर आपकी भाषा से उसकी भाषा से मेल खाती है तो इसका मतलब है आपका पॉलिटिकल डीएनए में प्रॉब्लम है, बाबा साहब तो 1956 में ही परिनिर्वाण हो गए थे, तो अगर पब्लिक सेक्टर में स्कूल कॉलेज नहीं होती तो आप पढ़ते कहाँ पर पहले यह बताइए.. "

जिसे सुनकर मैं अपना विचार अपने एक कोमेंट में लिखा कि" रतन लाल को क्या अंबेडकर से ज्यादे उच्च शिक्षा लेने का मौका मिला है, जो अपने भाषण में यह साबित करने की कोशिष कर रहा है कि गोरो से यह देश आजाद होने के बाद कांग्रेस सत्ता में सब मुलनिवासि अब देश विदेश में उच्च शिक्षा लेते हुए पढ़ लिख रहा हैं। जबकि मुल रुप से कांग्रेस सत्ता से ही दरसल मनुवादियों का गुलाम रामराज कायम हो गया है। जिस गुलाम रामराज में जो भी मुलनिवासि पढ़ लिख रहा है सब कांग्रेस अथवा मनुवादियों की देन नही बल्कि स्कूल कॉलेज वगैरा की देन है, जो की गोरो की गुलामी के समय में भी मौजुद थे। जिसे कांग्रेस की देन साबित करने की कोशिष करते हुए रतनलाल चमचा चमचा जो रटा मार रहा है, असल में वह खुद कांग्रेस का चमचा बनकर जीवन जिने का उस रास्ता को अपना लिया है, जिसे जब यह देश मनुवादियों से पुरी तरह से आजाद होगा तो ऐसे चमचो को जो चाहे कांग्रेस का दामन थामकर चमचई कर रहे हो या फिर भाजपा का दामन थामकर चमचई कर रहे हो, उन सबका इतिहास घर का भेदियों के रुप में भी दर्ज होगा। क्योंकि सच्चाई यह है कि गोरो से आजादी मिलने के बाद यह देश मनुवादियों द्वारा फिर से गुलाम हो गया है, जिस गुलाम शासन कायम करने में जो भी मुलनिवासि गुलाम करने वाले मनुवादियों का साथ देगा अपडेट गुलाम रामराज कायम करने में उसका नाम घर के भेदि के रुप में दर्ज होगा। और जिसे यकिन नही है कि यह देश मनुवादियों से फिर गुलाम हो गया है, वह निचे मौजुद लोकसभा पूर्व उपाध्यक्ष कड़िया मुंडा की रिपोर्ट 2000 देख पढ़कर गुलामी के बारे में साक्षात जानकारी प्राप्त कर ले,जो जानकारी वैसे तो रतनलाल को पहले से ही अच्छी तरह से मालुम होगा ही, तो भी वह कांग्रेस का दामन थामकर चमचा चमचा कैसे कर रहा है यह जानते हुए की चाहे कांग्रेस हो या भाजपा दोनो ही मनुवादियों की पार्टी है।
(1) दिल्ली में कुल जज 27 जिसमे
ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय-27 जज ,ओबीसी - 0 जज, SC- 0 जज , ST- 0 जज )
(2) पटना में कुल जज 32
जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 32 जज , ओबीसी -0 जज , SC- 0 जज , ST- 0 जज )
(3) इलाहाबाद में कुल जज 49 जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 47 जज ,ओबीसी - 1 जज, SC- 1 जज ,ST- 0 जज )
(4) आंध्रप्रदेश में कुल जज 31 जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 25 जज , ओबीसी - 4 जज, SC- 0 जज ,ST- 2 जज )
(5) गुवाहाटी  में कुल जज 15 जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 12 जज , ओबीसी - 1 जज, SC- 0 जज ,ST- 2 जज )
(6) गुजरात में कुल जज 33 जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 30 जज , ओबीसी - 2 जज, SC- 1 जज , ST- 0 जज )
(7) केरल में कुल जज 24
जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 13 जज ,ओबीसी - 9 जज, SC- 2 जज ,ST- 0 जज )
(8) चेन्नई में कुल जज 36 जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 17 जज , ओबीसी -16 जज, SC- 3 जज ,ST- 0 जज )
(9) जम्मू कश्मीर में कुल जज 12 जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय- 11 जज , ओबीसी - जज, SC-0 जज , ST- 1 जज )
(10) कर्णाटक में कुल जज 34
जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय जज 32 , ओबीसी - 0 जज, SC- 2 जज ,ST- 0 जज )
(11) उड़िसा में कुल -13 जज जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 12 जज , ओबीसी - 0 जज, SC- 1 जज ,ST- 0 जज )
(12) पंजाब-हरियाणा में कुल 26 जज
जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय - 24 जज ,ओबीसी - 0 जज, SC- 2 जज ,ST- 0 जज )
(13) कलकत्ता में कुल जज 37 जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 37 जज , ओबीसी -0 जज, SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
(14) हिमांचल प्रदेश में कुल जज 6
जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 6 जज ,ओबीसी - 0 जज, SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
(15) राजस्थान में कुल जज 24
जिसमे से ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 24 जज ,ओबीसी - 0 जज, SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
(16)मध्यप्रदेश में कुल जज 30 जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 30 जज ,ओबीसी - 0 जज, SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
(17) सिक्किम में कुल जज 2
जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 2 जज ,
ओबीसी - 0 जज ,
SC- 0 जज ,ST- 0 जज )
(18) मुंबई  में कुल जज 50 जिसमे ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 45 जज , अोबीसी - 3 जज, SC- 2 जज , ST- 0 जज )
कुल मिलाकर 481 जज में से ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय 426 जज , जबकि OBC  के 35 जज ,SC  के 15 जज ,ST  के 5 जज शामिल हैं!जिसे जानकर कौन से मुलनिवासी को यह यकिन नही होगा कि यह देश मनुवादियों से फिर गुलाम हो गया है! 

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