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मार्च, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कांग्रेस भाजपा सरकार एक आधुनिक बीपीएल भारत दुसरा ऑनलाईन डिजिटल BPL इंडिया

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किसी मोबाईल एप्प जल्दी जल्दी अपडेट होने की तरह सरकार  के द्वारा बनाये गए नियम कानून में भी हमेशा सुधार और अपडेट होते रहते हैं|जिसमे पिछली कांग्रेस सरकार की निति आयोग को तो मानो वर्तमान की भाजपा सरकार द्वारा कांग्रेस मुक्त का नारा देकर निति आयोग को ही खत्म कर दिया है|जैसे की बहुत से एप्प खराब लगने पर उसे ऑनस्टाल कर दी जाती है|जिस भाजपा सरकार का मानना है कि उसे अपनी डीजिटल निति से काम करने के लिए कांग्रेस की निति आयोग की आवश्यकता नही है!लेकिन असल में भाजपा कांग्रेस कि सारी नितियो से और कांग्रेस के नेताओ से भी खुदको युक्त करके कांग्रेस सरकार के ही नितियो को अपनाकर जैसे कि विदेशो से सुट बुट धुलकर आने के बाद पहनने वाले भारत के पहले प्रधान सेवक नेहरु के नेतृत्व में सुरुवात हुए कांग्रेस की आधुनिक भारत की कॉपी करके दुसरे सुट बुट मोदी द्वारा देश की जनता को पश्चिमी सभ्यता संस्कृती कॉपी पेस्ट कराने की कोशिष हो रही है बिना गरिबी भुखमरी दुर किए ही डीजिटल इंडिया का नारा देकर|जो दरसल आधुनिक भारत नारा को ही अपडेट किया जा रहा है|जो यदि सचमुच में सही निकला तो फिर अजादी के समय पुरे देश की जितनी

अँग्रेजो द्वारा बनाये गए हजारो नियम कानून और न्यायालय आज भी देश सेवा और प्रजा सेवा करने के लिए उपलब्ध है

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 यदि जनता मालिक के बिच सिर्फ लंबे समय तक सत्ता में बैठे रहना ही बेहत्तर शासन करना है,फिर तो अँग्रेज दो सौ सालो से भी अधिक समय तक गुलाम देश में शासन किये हैं|जो न्याय की अदालत बैठाकर और सेवा करने की नियम कानून बनाकर जज भी बने थे|जिनके द्वारा बनाये गए हजारो नियम कानून और न्यायालय आज भी देश सेवा और प्रजा सेवा करने के लिए उपलब्ध है|जिन अँग्रेजो के शासन जितने समय तक चले थे,उतने समय तक तो कांग्रेस भी साशन नही कर सकी है| जिसे साठ साल में ही जनता ने भारी बहुमत से नकार भी दिया है|हलांकि बाकि भी बहुत सी पार्टी जनता द्वारा नकारी गयी है|जिसमे बहुजन समाज पार्टी को तो जनता ने एक भी सीट नही दिया है!जबकि बहुजन समाज पार्टी पिछले लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक वोट पाने के मामले में तीसरे स्थान में आई थी!जो कि प्रजा से भारी उम्मीद करके भाजपा कांग्रेस से भी ज्यादे लोकसभा सीट में चुनाव लड़ी थी|जिस पार्टी  को यदि 0 सीट भी दिया जाता है तो भी वह बिना केन्द्र की स्टेरिंग में आए उतनी गलत पार्टी नही कहलायेगी जितनी की भाजपा कांग्रेस देश की जिम्मेवारी एक से अधिक बार लेकर भी जनता द्वारा विश्वास करके वोट देने के

हिन्दुस्तान में हिन्दी अपनी माँ Mother India का दुध है और अँग्रेजी दुसरे की माँ का दुध है

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अँग्रेजो से देश अजाद हुए कई दसक बित चुके हैं,पर अबतक भी अँग्रेजो की अँग्रेजी भाषा ही सारे प्रमुख क्षेत्रो में अपनी दबदबा बनाई हुई है|बजाय इसके कि कोई इसी देश की भाषा को अपनी दबदबा बनानी चाहिए थी|देशी लोग देशी भाषा कहकर लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में देशी भाषा ही हावी रहनी चाहिए थी!जो न होकर चारो तरफ अंग्रेजी को बड़ावा देकर मानो ऐसा हालात पैदा किया जा रहा है,जैसे इस देश में सैकड़ौ देशी भाषा बोलने वाले सब विदेशी अँग्रेजी बोलना चाहते हैं,इसलिए अँग्रेजी को ज्यादे मान्यता दी गई है|अपने माता पिता की भाषा को ज्यादे मोल न देकर मानो अँग्रेजी को ही अपना माता पिता की भाषा मानकर ऐसे अँग्रेजी बड़बड़ाते हुए जताना चाहते हैं,जैसे रुस जपान चीन जर्मनी वगैरा देश जो की अपनी देशी भाषा को ही ज्यादे बड़ावा दिये हैं,उससे भी ज्यादे तरक्की हिन्दुस्तान में सभी कर लेंगे यदि देश के लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में सभी लोग अंग्रेजी बड़बड़ायेंगे!और  अँग्रेजी को ही देश में हमेशा दबदबा बनाये रखने देंगे|जिसे सारांश में कहुँ तो गोरो से अजादी जस्न अँग्रेजी से मनाई जा रही है|और अजाद रहने का पाठ अँग्रेजी से पढ़ाई

अजादी से अबतक एक भी प्रधानमंत्री दलित आदिवासी नही,जाहिर है जात पात छुवा छुत की राजनिती लंबे समय से कौन कर रहा है,पुरी दुनियाँ को ऐतिहासिक सत्य पता है

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आखिर देश की जनता मालिक को वोट देकर अपनी पसंद का सेवक और पार्टी चुनने का अधिकार क्यों दिया गया है?क्या सिर्फ गरिबी भुखमरी कुपोषन और तंगहाली जिवन जिने के लिए वोट का अधिकार दिया गया है?मैं ये सवाल उन लोगो से नही कर रहा हुँ जो अबतक की चुनी गई सरकार को दुबारा कभी नही चुने हैं,बल्कि उनसे कर रहा हुँ,जो एक ही पार्टी को कई बार देश का सेवक चुन रहे हैं,और भुगतना सबको पड़ रहा है!जैसे कि किसी परिवार में कुछ सदस्यो द्वारा सेवक चुनकर घर में बेहत्तर सेवा करने के लिए लगाया जाता है और वह सेवक बार बार खराब निकल जाता है|जिससे कि पुरा घर परिवार को भुगतना पड़ता है|खासकर गरिब बीपीएल सदस्य जिनमे से कई तो हर रोज भुखमरी कुपोषन से मर रहे हैं|जिनकी हालत को वे लोग क्या जाने जिन्होने कभी ये सोचा ही नही है कि उनकी गरिबी भुखमरी किसी और को चुनने से दुर भी हो सकती है|फिर भी क्यों सिर्फ एक दो तीन को ही अपनी खास पसंद मानकर अजादी से लेकर अबतक सबकी पसंद चुने ही जा रहे हैं!जो घटना बार बार दोहराते हुए देख देखकर ऐसा लगता है बाकियो के साथ मानो ऐसा भेदभाव हो रहा है जैसे इस देश में एक दो तीन जाती द्वारा खुदको उच्च घोषित करके

अजादी के इतने सालो बाद भी Poor india जनता मालिक और Digital india प्रधान सेवक के बिच ये कैसा Modern India,Freedom india और Shining india,अच्छे दिन वाली रिस्ता निभाई जा रही है

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 अजादी से लेकर अबतक देश में करोड़ो नागरिको के ऐसे बुरे दिन चल रहे हैं,जैसे कि मानो जब किसी नौकर को सेवा कराने के लिए उसकी हुनर के बारे में सुन या परखकर कोई मालिक उसे बड़ी उम्मीद से अपना सेवक चुनता है,और फिर भी देखने सुनने और परखने के आधार पर खुदको सबसे बेहत्तर सेवक बतलाने वाला कोई सेवक अपने मालिक की सेवा ठीक से नही कर पाता है,और न ही ठीक से वह अपने मालिक को कुछ बेहत्तर पोषन ही खिला पिला पाता है,और घर में सारा इंतजाम होते हुए भी उसका मालिक रोजमरा जिवन में भुखमरी कुपोषन से होकर गुजरता है,जबकि उसका नौकर खा खाकर अति खाने से प्रतिदिन मोटापा का शिकार होता जाता है,जिसकी पेट खा खाकर अति फुलते रहती है,जो मानो किसी गर्भवती महिला की तरह बच्चे को जन्म देने की तैयारी कर रहा होता है,तो समझो ऐसा नौकर भी गलत रास्ता चुना गया कहलायेगा और मालिक भी गलत कहलायेगा मालिक नौकर के बेहत्तर रिस्ते की मापदंड को लेकर|क्योंकि ऐसे बुरे हालत में नौकर को भी अपने मालिक की बेहत्तर सेवा करना ठीक से नही आ रहा होता है,बस मुँह बनाकर नाम के लिए नौकर बन गया है,और उसके उस मालिक को भी अपना बेहत्तर सेवक चुनने न

सावधान अली बाबा चालीस चोर अपडेट के बाद डीजिटल facebook डाटा चोर बनकर सोशल मीडिया में घुम रहे हैं!

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मैने पहले भी बोला था कि चुनाव में अब डीजिटल तरिके से मशिनरी चीजो का गलत इस्तेमाल करके चोर लुटेरे चुनाव को भी भारी प्रभावित कर रहे हैं|जिसमे कांग्रेस भाजपा का नाम सबसे उपर आ रहा है|जो कि एक दुसरे को सबसे भ्रष्ट पार्टी बतलाकर समय समय पर हमेशा ही मीडिया बहस में आमने सामने होते रहते हैं|इन दोनो में ही कोई डाटा की चोरी डीजिटल तरिके से करा रही है,इस आरोप में दोनो ही एक दुसरे को प्रमुख डाटा चोर बतला रहे हैं|जिसमे से एक तो आधुनिक भारत में कम्प्यूटर लाने का श्रे ऐसे लेती रही है,जैसे कम्प्यूटर की खोज कांग्रेस ने ही पहले भारत में कराई थी,फिर पुरी दुनियाँ में कम्प्यूटर निर्यात होने लगी|दुसरी डीजिटल इंडिया का श्रे लेकर बुलेट ट्रेन लाने का अब ऐसा माहौल बना रही है,जैसे कि बुलेट ट्रेन का आविष्कार भाजपा सरकार ही करने जा रही है|इन दोनो ही पार्टियो को आधुनिक भारत और डीजिटल इंडिया बड़बड़ाते रहने का सुरु से ही मानो ऐसी बिमारी है,जैसे की ये दोनो न हो देश और संसद में तो कोई भी पार्टी देश में ऐसी विकाश कर ही नही सकती, जिससे की पश्चिमी देशो को टक्कर दी जा सके आधुनिक और डीजिटल विकाश में!जो यदि सत्य होता तो

बलात्कार का English में मतलब Ravishment,Extortion,Enforcement,Constraint,Coercion,Violation होता है

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बलात्कार का English में मतलब Ravishment,Extortion,Enforcement,Constraint,Coercion,Violation होता है ,जिसका मुल भावनात्मक मतलब अनपढ़ रहकर भी समझा जा सकता है,पर बलात्कारियो को आखिर क्यों नही समझ में आता है यदि अभी श्राप देने के बाद वाकई में श्राप लग जाती,तो फिर निश्चित ही इंद्र को जो श्राप सजा मिली थी वही सजा न जाने कितनो को वर्तमान की रोजमरा जिवन में भी मिल जाती|और वे सभी भी हजार योनी को किसी घुंघरु की तरह अपने हवशी शरीर में टांगकर घुम रहे होते|जो कि श्राप मुक्त होने से पहले खुदको किसी नारी के पास दुबारा ले जाना तो दुर किसी पुरुष के पास भी अपना श्रापित शरिर दिखलाना नही चाहते|और साथ साथ देश ही नही पुरी दुनियाँ बलात्कारी मुक्त घोषित हो जाती|जो की वर्तमान में बलात्कारी सजा पाकर वापस सुधार घर से बाहर निलकर बहुत से बलात्कारी द्वारा बलात्कार करने की हवशी पाप करने की घटना बार बार दोहराई जा रही है|जिसके चलते हवशी बलात्कारियो के द्वारा जेल और अदालत आना जाना लगा रहता है|जिन बलात्कारियो के बारे में हर रोज यह रिपोर्ट आती ही रहती है कि आज कौन से देश में कितने बलात्कार हुए?और फिर इस देश में तो

Skill india के बजाय पहले से ही पढ़े लिखे और हुनरमंद को रोजगार तो मिले

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भारी बहुमत की सरकार आने से पहले लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा ने देश के बेरोजगार नागरिको की वोट पाने के लिए अपने चुनावी नारो में "बहुत हुआ रोजगार का इंतजार,अपकीबार भाजपा सरकार" जैसे नारा देते और दिलवाते हुए अपने चुनावी वादो में भाषन अश्वाशन करते हुए यह कही गई थी कि यदि भाजपा को जिताया गया तो हर साल दो करोड़ बेरोजगारो को रोजगार मिलेगी|जिसके बाद सरकार बनाकर भाजपा पिछले चार सालो से इस देश की सत्ता में बैठी हुई है|जिसे जनता ने भारी बहुमत से चुनकर दिल्ली की गद्दी पर बिठाया है 2014 में उच्ची आसमान पर चड़ाकर|लेकिन उसके बाद चार साल के कार्यकाल में सबके अच्छे दिन लाने वाला कोई ऐसा कार्य जमिनी स्तर पर नही दिखलाई दे रही है कि यह विश्वाश किया जा सके कि भाजपा द्वारा साठ सल बनाम साठ महिने का अवसर मांगकर भारी बहुमत से सत्ता में बैठने के बाद जिस तरह का नेतृत्व पिछले लगभग चार साल से शासन चल रहा है,उसमे बचा अब एक साल में सबके अच्छे दिन आ जायेंगे!

Goood morning india!रोजमरा जिवन में अमिर गरिब दोनो को ही सुख शांती और समृद्धी चाहिए

ज्ञान बांटने से बड़ता है और छिपाने से घटता है| आज मैं आप सबको सुबह सुबह एक लिंक भेज रहा हुँ,जो हो सके तो अपने साथ साथ आप और आपके दोस्त रिस्तेदारो को भी जरुर पसंद आयेगी,इसलिये इस लिंक में खुद भी क्लिक करके अपने करिबियो को भी इसे बांट सकते हैं|क्योंकि ज्ञान बांटने से फैलता है और छिपाने से घटता है|और मैं जो लिंक बांट रहा हुँ,उससे तो रोजमरा जिवन के बारे में बहुत कुछ सिखने को मिलती है|दरसल मैं संत कबीर के दोहे फ्री में डाउनलोड करने का लिंक भेजा हुँ!जो सिर्फ एक मिनट से भी कम समय में डाउनलोड हो जायेगी यदि आपकी इंटरनेट स्पीट अच्छी है|जिसे डाउनलोड करके इसे आप ऑफलाईन कभी भी पढ़ सकते हैं|जिसके लिये किसी किताब. और इंटरनेट की भी जरुरत नही पढ़ेगी,क्योंकि यह pdf में उपलब्ध है|फिर देर किस बात की जल्दी से क्लीक करके कबिर के दोहे फ्री में डाउनलोड कर लिजिये मेरे द्वारा दिए गए लिंक में जाकर!जो पसंद आये तो आपलोगो से गुजारिश है कि इसे अपने करिबियो को भी जरुर बांटिये|मुझे पुरा यकिन है ज्यादेतर को पसंद जरुर आयेगी! क्योंकि रोजमरा जिवन में अमिर गरिब दोनो तरह के ही लोग कभी न कभी दुःखी जरुर होते हैं!और दुःख

विकाश का पैमाना जितनी अबादी पुरे देश की अजादी के समय मौजुद थी उतनी लगभग आज बीपीएल भारत मौजुद है

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चाय पकौड़ा बेचकर सबसे धन्ना कुबेर और प्रधान सेवक बनने की खास उदाहरन देश के सामने जो मौजुद है यदि झुठ बात हुई,तब तो फिर वर्तमान के प्रधान सेवक को उस गरिबी के बारे में पता ही नही होगा जिसकी बाते करके वे मैं भी गरिबी जिवन को जिया हुँ कहकर चुनाव का समय आने पर इमोशनल अत्याचार करके माथे में धुल मिट्टी लगाकर भी गरिबो से वोट मांगते हैं|जिस मिट्टी को अमिरी बंगला में जाकर जरुर साफ करके नया सुट बुट धारन करते होंगे|क्योंकि वे जिस तरह कि गरिबी कि बाते करते हैं,उसमे मेरे ख्याल से ज्यादेतर किसी को हर रोज सुट बुट की ही कमी महशुश होती होगी,जिसकी जरुरत को पुरा करने के लिए ही ज्यादेतर डीजिटल सपने देखी जाती होगी|न कि अन्न जल की कमी को दुर करने के लिए दिन रात संघर्ष होती होगी|और जिस गरिब बीपीएल की बाते करके अपने माथे में धुल मिट्टी लगाकर वोट मांगी जाती होगी उस गरिबी को यदि वाकई में प्रयोगिक महशुस की गई होगी तो भी अब निश्चित तौर पर या तो उसे जमिनी स्तर पर भुला दी गई होगी या फिर सचमुच में वैसी गरिबी भुखमरी जिवन कभी जी ही नही गई होगी|बल्कि अन्न जल की कमी से जिवन स्तर उपर उठाकर सुट बुट गाड़ी बंगला वगैरा की

उपचुनाव छोटी मछली तो लोकसभा चुनाव बड़ी मछली है EVM हैकरो के लिए

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पिछली कई चुनाव जितने वाली जिस सरकार पर वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ कराने का गंभीर आरोप लगते रहे हैं,उसके द्वारा अब किसी छोटी मोटी उपचुनाव में हार जाना,आनेवाली बड़ी लोकसभा चुनाव 2019 के लिए छोटी मोटी हार का विश्वाश चारा डालना बड़ा मकसद हो सकता है|जिसे बहुत बड़ी जीत समझकर ज्यादे बड़ी जीत को कहीं न गवा दिया जाय|क्योंकि यदि सचमुच में वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ करने की सारी अपडेट प्रक्रिया इससे पहले कि जा चूकी है,तो फिर यह भी अपडेट प्रक्रिया निश्चित जरुर हो गई होगी कि उपचुनाव में छोटी मोटी हार चारा डालकर सबको इस बात पर विश्वाश में ले लिया जाय कि वोटिंग मशीन के साथ कोई भी छेड़छाड़ वाकई में नही किया जा सकता है|जिसके बाद पिठ पिच्छे विश्वाश घात करके वोटिंग मशीन के साथ विश्वास की आड़ लेकर आनेवाली लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से फिर से सरकार बनाने की प्रक्रिया अपडेट कि जा सकती है|जो बिल्कुल मुमकिन है, क्योंकि यदि वोटिंक के दिन भी किसी वोटिंग मशीन का बिगड़ना और उसमे फिर सुधार करना मुमकिन है,तो फिर उसके साथ छेड़छाड़ करना भी बिल्कुल मुमकिन है|और यदि वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ करना मुमकिन है तो

लोकसभा चुनाव 2019 मंथन में क्या परिणाम निकलने वाले हैं

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 अगर पिछले कई चुनाव में वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ करके लोकतंत्र की हत्या करने की सुपारी वाकई में दी जा रही थी,तो फिर वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ करके पिछली कई चुनाव जितने वाली जिस सरकार पर वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ कराने का गंभीर आरोप लगते रहे हैं,उसके द्वारा अब किसी छोटी उपचुनाव में हार जाना,आनेवाली बड़ी लोकसभा चुनाव 2019 के लिए छोटी मोटी हार का चारा डालना बड़ा मकसद हो सकता है|जिसे बहुत बड़ी जीत समझकर ज्यादे बड़ी जीत को कहीं न गवा दिया जाय|क्योंकि यदि सचमुच में वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ करने की सारी अपडेट प्रक्रिया इससे पहले कि जा चूकी है तो फिर यह भी अपडेट प्रक्रिया निश्चित जरुर हो गई होगी कि उपचुनाव में छोटी मोटी हार चारा डालकर सबको इस बात पर विश्वाश में ले लिया जाय कि वोटिंग मशीन के साथ कोई भी छेड़छाड़ वाकई में नही किया जा सकता है|जिसके बाद पिठ पिच्छे विश्वाश घात करके वोटिंग मशीन के साथ विश्वास की आड़ लेकर आनेवाली लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से फिर से सरकार बनाने की प्रक्रिया अपडेट कि जा सकती है|जो बिल्कुल मुमकिन है, क्योंकि यदि वोटिंक के दिन भी किसी वोटिंग मशीन का