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बुधवार, 28 मार्च 2018

कांग्रेस भाजपा सरकार एक आधुनिक बीपीएल भारत दुसरा ऑनलाईन डिजिटल BPL इंडिया

किसी मोबाईल एप्प जल्दी जल्दी अपडेट होने की तरह सरकार  के द्वारा बनाये गए नियम कानून में भी हमेशा सुधार और अपडेट होते रहते हैं|जिसमे पिछली कांग्रेस सरकार
की निति आयोग को तो मानो वर्तमान की भाजपा सरकार द्वारा कांग्रेस मुक्त का नारा देकर निति आयोग को ही खत्म कर दिया है|जैसे की बहुत से एप्प खराब लगने पर उसे ऑनस्टाल कर दी जाती है|जिस भाजपा सरकार का मानना है कि उसे

अपनी डीजिटल निति से काम करने के लिए कांग्रेस की निति आयोग की आवश्यकता नही है!लेकिन असल में भाजपा कांग्रेस कि सारी नितियो से और कांग्रेस के नेताओ से भी खुदको युक्त करके कांग्रेस सरकार के ही नितियो को अपनाकर जैसे कि विदेशो से सुट बुट धुलकर आने के बाद पहनने वाले भारत के पहले प्रधान सेवक नेहरु के नेतृत्व में सुरुवात हुए कांग्रेस की आधुनिक भारत की कॉपी करके दुसरे सुट बुट मोदी द्वारा देश की जनता को पश्चिमी सभ्यता संस्कृती कॉपी पेस्ट कराने की कोशिष हो रही है बिना गरिबी भुखमरी दुर किए ही डीजिटल इंडिया का नारा देकर|जो दरसल आधुनिक भारत नारा को ही अपडेट किया जा रहा है|जो यदि सचमुच में सही निकला तो फिर अजादी के समय पुरे देश की जितनी अबादी थी उतनी सिर्फ बीपीएल भारत अबादी बसाकर कांग्रेस गरिबी हटाओ नारा देकर साठ सालो तक विकाश करने का दावा करके 2014 में केन्द्र की सत्ता से हटा दी गई है,उसी तरह साठ साल बनाम साठ महिने का अवसर मांगने के बाद यदि भाजपा कांग्रेस युक्त होकर आधुनिक भारत गरिबी हटाओ की तरह ही विकाश करने की मन की बात सोचकर उसे डीजिटल इंडिया के रुप में अपडेट की है,तो फिर वह भी साठ महिने बाद साईनिंग इंडिया की तरह ही हटा दी जायेगी और कोई ऐसी तीसरी सरकार आयेगी जिसे अजादी से अबतक कभी भी केन्द्र में बैठने को मौका नही मिला है|जिसमे बहुत सारी पार्टियाँ आती हैं जिन्हे कभी भी केन्द्र सरकार का नेतृत्व करना तो दुर बहुतो को तो एकबार भी अपने नेताओ को केन्द्र का एक मंत्री तक बनने का मौका नही मिला है|सिर्फ उनकी पार्टी किसी नोटबंदी कतार लगाने की तरह लंबे समय से जनता द्वारा एकबार केन्द्र में सरकार बनाने का मौका मिल सके,इसकी उम्मीद किये हर बार सिर्फ लोकसभा चुनाव लड़ती आ रही है|उसके बाद सिर्फ लोकसभा में जनता और देश के मुद्दो को केन्द्र के सामने लेकर आती जाती रही है|कांग्रेस भाजपा तो एक बार से भी अधिक बार केन्द्र में सरकार बना भी चुकि है,और वह भी दोनो को ही भारी बहुमत से जनता द्वारा चुनाने के बाद उन्हे देश और जनता का सेवा करने का बेहत्तर अवसर मिला है|

सोमवार, 26 मार्च 2018

अँग्रेजो द्वारा बनाये गए हजारो नियम कानून और न्यायालय आज भी देश सेवा और प्रजा सेवा करने के लिए उपलब्ध है


यदि जनता मालिक के बिच सिर्फ लंबे समय तक सत्ता में बैठे रहना ही बेहत्तर शासन करना है,फिर तो अँग्रेज दो सौ सालो से भी अधिक समय तक गुलाम देश में शासन किये हैं|जो न्याय की अदालत बैठाकर और सेवा करने की नियम कानून बनाकर जज भी बने थे|जिनके द्वारा बनाये गए हजारो नियम कानून और न्यायालय आज भी देश सेवा और प्रजा सेवा करने के लिए उपलब्ध है|जिन अँग्रेजो के शासन जितने समय तक चले थे,उतने समय तक तो कांग्रेस भी साशन नही कर सकी है| जिसे साठ साल में ही जनता ने भारी बहुमत से नकार भी दिया है|हलांकि बाकि भी बहुत सी पार्टी जनता द्वारा नकारी गयी है|जिसमे बहुजन समाज पार्टी को तो जनता ने एक भी सीट नही दिया है!जबकि बहुजन समाज पार्टी पिछले लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक वोट पाने के मामले में तीसरे स्थान में आई थी!जो कि प्रजा से भारी उम्मीद करके भाजपा कांग्रेस से भी ज्यादे लोकसभा सीट में चुनाव लड़ी थी|जिस पार्टी  को यदि 0 सीट भी दिया जाता है तो भी वह बिना केन्द्र की स्टेरिंग में आए उतनी गलत पार्टी नही कहलायेगी जितनी की भाजपा कांग्रेस देश की जिम्मेवारी एक से अधिक बार लेकर भी जनता द्वारा विश्वास करके वोट देने के बाद जनता द्वारा नकारे जाने पर कहलायेगी !क्योंकि बहुजन समाज पार्टी द्वारा तो जनता से विश्वाश और उम्मीद बार बार करने के बाद भी एकबार भी उसे देश की जनता द्वारा केन्द्र की सरकार चुनाने का मौका नही मिला है|जिसके लिये वह हर बार बड़ी उम्मीद के साथ लोकसभा चुनाव लड़ती है|जिस तरह की उम्मीद और भी कई पार्टी देश की जनता से लगाये हुए हैं|जिन्हे भी एकबार देश का नेतृत्व करने का मौका नही मिला है|जिन्हे करोड़ो में वोट भी मिलते हैं पुरे देश से|पर आजतक उन्हे देश नेतृत्व का मौका नही मिला है|इसका मतलब ये नही कि उन्हे कोई समर्थन ही नही देता है|फिर भी वे आजतक भी कतार लगाकर इंतजार कर रही है| अपने नेतृत्व द्वारा केन्द्र स्टेरिंग में आने के लिए लोकसभा चुनाव में भाग लेती रहती है|जिनके बारे में हो सकता है बाकि जनता इन पार्टियो पर केन्द्र नेतृत्व से पहले ही शक कर रही है कि ये पार्टियाँ देश का स्टेरिंग पकड़ते ही भाजपा कांग्रेस से भी ज्यादा घोटाला करेगी,और ज्यादे दंगे करायेंगी,ज्यादे सरकारी मशिनरियो का दुरुपयोग करेगी,ज्यादे विदेश यात्रा करेगी,ज्यादे चंदा लेगी,गरिब और शोषित पिड़ितो के साथ ज्यादे शोषन अत्याचार होगा,ज्यादे छुवा छुत
अमिरी गरिबी बड़ेगी,ज्यादे खनिज संपदाओ की लुट होगी और ज्यादे विदेशी कंपनियो द्वारा देश को लुटवाने की दलाली होगी वगैरा वगैरा!जो बाते अगर सचमुच में देश की जनता सोचकर इन बाकि पार्टियो को वोट न देकर सिर्फ भाजपा कांग्रेस को ही कौन दोनो में कम भ्रष्ट पार्टी है सोचकर चुन रही है तो भी खुद भाजपा कांग्रेस पार्टी ही जनता के सामने एक दुसरे को देश का सबसे भ्रष्ट पार्टी क्यों बतलाती रही है|क्या इनके बिच सिर्फ सबसे भ्रष्ट पार्टी बतलाने का नाटक चलता है?ताकि एक दुसरे को सबसे भ्रष्ट पार्टी का आरोप लगाकर बाकि पार्टियो से भोली भाली जनता का ध्यान हटाया जा सके?और अदला बदली करके सिर्फ बार बार भाजपा कांग्रेस ही सरकार बनाती रहे!

रविवार, 25 मार्च 2018

हिन्दुस्तान में हिन्दी अपनी माँ Mother India का दुध है और अँग्रेजी दुसरे की माँ का दुध है

अँग्रेजो से देश अजाद हुए कई दसक बित चुके हैं,पर अबतक भी अँग्रेजो की अँग्रेजी भाषा ही सारे प्रमुख क्षेत्रो में अपनी दबदबा बनाई हुई है|बजाय इसके कि कोई इसी देश की भाषा को अपनी दबदबा बनानी चाहिए थी|देशी लोग देशी भाषा कहकर लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में देशी भाषा ही हावी रहनी चाहिए थी!जो न होकर चारो तरफ अंग्रेजी को बड़ावा देकर मानो ऐसा हालात पैदा किया जा रहा है,जैसे इस देश में सैकड़ौ देशी भाषा बोलने वाले सब विदेशी अँग्रेजी बोलना चाहते हैं,इसलिए अँग्रेजी को ज्यादे मान्यता दी गई है|अपने माता पिता की भाषा को ज्यादे मोल न देकर मानो अँग्रेजी को ही अपना माता पिता की भाषा मानकर ऐसे अँग्रेजी बड़बड़ाते हुए जताना चाहते हैं,जैसे रुस जपान चीन जर्मनी वगैरा देश जो की अपनी देशी भाषा को ही ज्यादे बड़ावा दिये हैं,उससे भी ज्यादे तरक्की हिन्दुस्तान में सभी कर लेंगे यदि देश के लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में सभी लोग अंग्रेजी बड़बड़ायेंगे!और  अँग्रेजी को ही देश में हमेशा दबदबा बनाये रखने देंगे|जिसे सारांश में कहुँ तो गोरो से अजादी जस्न अँग्रेजी से मनाई जा रही है|और अजाद रहने का पाठ अँग्रेजी से पढ़ाई जा रही है|जिसके चलते ही आजतक भी अजाद कहलाने वाला इस देश में बहुत से नागरिक ये कहते हुए मिल जायेंगे कि पुरी अजादी मिलना अभी बाकी है,गोरो से अजादी तो सिर्फ झांकी है|क्योंकि जनता मालिक गरिबी भुखमरी से मर रहे हैं,और खुदको जनता मालिक का नौकर बतलाने वाले अच्छा खासा खा पीकर मर रहे हैं!जिसे अजादी से लेकर अबतक का मालिक नौकर का रिस्ता निभाने की इतिहास खोलकर बेहत्तर तरिके से जानी समझी जा सकती है कि कितने मंत्री और उच्च अधिकारियो की मौत गरिबी भुखमरी से अबतक हुई है,और कितनो के साथ बलात्कार और शोषन अत्याचार वगैरा हुए हैं?महिला बच्चे और बुढ़े बुजुर्ग भी भुख और कुपोषन से मरते रहे और हर रोज लुट हत्या और बलात्कार की घटना अनगिनत संख्या में होती रहे,ऐसे खराब हालत में सिर्फ भांग खाये बंदर की तरह उछल कुद करते रहने से कुछ भी ऐसा नही होनेवाला है जिसे औसतन भी बेहत्तर सेवा मान लिया जायेगा|बल्कि मेरे विचार से तो जो सेवक चुनाकर अपने सेवा कार्यकाल में औसतन सेवा भी यदि देने में कामयाब नही हो पाये अपने जनता मालिक को रोजमरा जिवन की जरुरत का कम से कम मुल अन्न जल रोटी कपड़ा और मकान स्कूल अस्पताल वगैरा न दे पाकर गरिबी भुखमरी और कुपोषन से मरते हुए नागरिक को देखकर,तो उस सेवक पार्टी या व्यक्ती को दुबारा से कभी भी देश का शासक नही चुनना चाहिए,जबतक की देश में कोई दुसरी पार्टी और सेवक बहाली लाईन में मौजुद हो अपनी बेहत्तर सेवा देने के लिए|


अजादी से अबतक एक भी प्रधानमंत्री दलित आदिवासी नही,जाहिर है जात पात छुवा छुत की राजनिती लंबे समय से कौन कर रहा है,पुरी दुनियाँ को ऐतिहासिक सत्य पता है

आखिर देश की जनता मालिक को वोट देकर अपनी पसंद का सेवक और पार्टी चुनने का अधिकार क्यों दिया गया है?क्या सिर्फ गरिबी भुखमरी कुपोषन और तंगहाली जिवन जिने के लिए वोट का अधिकार दिया गया है?मैं ये सवाल उन लोगो से नही कर रहा हुँ जो अबतक की चुनी गई सरकार को दुबारा कभी नही चुने हैं,बल्कि उनसे कर रहा हुँ,जो एक ही पार्टी को कई बार देश का सेवक चुन रहे हैं,और भुगतना सबको पड़ रहा है!जैसे कि किसी परिवार में कुछ सदस्यो द्वारा सेवक चुनकर घर में बेहत्तर सेवा करने के लिए लगाया जाता है और वह सेवक बार बार खराब निकल जाता है|जिससे कि पुरा घर परिवार को भुगतना पड़ता है|खासकर गरिब बीपीएल सदस्य जिनमे से कई तो हर रोज भुखमरी कुपोषन से मर रहे हैं|जिनकी हालत को वे लोग क्या जाने जिन्होने कभी ये सोचा ही नही है कि उनकी गरिबी भुखमरी किसी और को चुनने से दुर भी हो सकती है|फिर भी क्यों सिर्फ एक दो तीन को ही अपनी खास पसंद मानकर अजादी से लेकर अबतक सबकी पसंद चुने ही जा रहे हैं!जो घटना बार बार दोहराते हुए देख देखकर ऐसा लगता है बाकियो के साथ मानो ऐसा भेदभाव हो रहा है जैसे इस देश में एक दो तीन जाती द्वारा खुदको उच्च घोषित करके बाकि सबको शुद्र बतलाकर हजारो सालो से छुवा छुत भेदभाव किया जा रहा है|जो लोग अजादी से लेकर अबतक लोकतंत्र के चारो स्तंभो में उच्च दबदबा बनाये हुए हैं|और बाकि बहुसंख्यको को चुनाव के समय में कहा जाता है,ये लोग जात पात की राजनिति कर रहे हैं इसलिये मानो नही चुना रहे हैं|जात पात की राजनिति कौन कर रहा है अबतक एक भी प्रधानमंत्री दलित आदिवासी को नही बनाकर ये तो अजादी से लेकर अबतक की भारी बहुमत से चुनी गई सरकारो की नेतृत्व देखकर पता चलता है|बल्कि जिस दिन इस देश की बहुसंख्यक अबादी जो चाहे जिस धर्म में मौजुद हो धर्म परिवर्तन करके,जिससे उनके पुर्वजो का डीएनए नही बदला है|जो अगर सभी मिलकर ये तय कर लें कि हमारे पुर्वजो के साथ लंबे समय से छुवा छुत होते आया है जिन जातियो के जरिये उन जातो को अब वोट नही करनी है,और सिर्फ जो उच्च जाती नही कहलाते हैं उन्हे वोट करनी है,तो कभी भी मेरे ख्याल से इस देश की सत्ता ही नही बल्कि लोकतंत्र के चारो स्तंभो में भी आजतक खुदको जन्म से उच्च विद्वान पंडित,वीर क्षत्रिय और धन्ना वैश्य कहकर भी छुवा छुत आदत को नही छोड़ने वालो की दबदबा दुबारा कायम नही हो पायेगी!पर चुँकि इस देश में लंबे समय से अपने सर का ताज को भी गवाकर सर में मैला तक ढोने को तैयार होने वाले भोले भाले लोग कभी भी मन में ये सोचे ही नही कि सब एकजुट होकर छुवा छुत करने वालो को वोट ही नही दिया जाय|क्योंकि बाबा अंबेडकर द्वारा छुवा छुत नियम कानून मनुस्मृती को भष्म करके अजाद भारत का संविधान रचना करके सबको बराबर का अधिकार दिया गया है|पर अफसोस आज भी अजाद भारत का संविधान लागू होते हुए भी छुवा छुत जारी है|और छुवा छुत जिनके साथ भी हो रही है,वे सभी लोग तमाम क्षेत्रो में आपस में बंटकर अपने बहुसंख्यक वोट को भी बिना जात पात की राजनिति करते हुए खुदको अठनी चवनी में हमेशा बांटते रहे हैं|जबकि मेरी और बाकि भी उन नागरिको जिनको भी लगता है की अजादी से लेकर अबतक कांग्रेस भाजपा दोनो कि आपस में भितर भितर गले मिलकर भेदभाव की राजनिति मुल रुप से कर रहे हैं,बाकियो को देश की सत्ता में कभी भी न आने देने के लिए|जिन दोनो ही पार्टियो को भारी बहुमत से हराकर मेरी पसंद की सरकार और प्रधान सेवक चुनने की वोट यदि अबतक काम कर गई होती इन्ही लोगो की दबदबा की सत्ता चुनकर जिनको की बार बार दलित आदिवासी और पिछड़ी जात पात की राजनिती करने का आरोप भाजपा कांग्रेस दोनो ही समय समय पर हमेशा लगाते रहे हैं|जो आरोप यदि सचमुच में सच साबित हो जाता तो कबका वर्तमान और इससे पहले की भी भाजपा और कांग्रेस की सरकार एकबार चुनकर दुबारा कभी चुनी ही नही जाती,जबतक कि कतार लगाए सेवक बहाली में भाग लेनेवाली बाकि क्षेत्रीय पार्टियो और क्षेत्रीय नेताओ को बारी बारी से मौका देकर उन सबकी भी सेवा हुनर को कम से कम एक एक बार देखी नही जाती केन्द्र स्तर पर!पर अफसोश मेरी पसंद की वह सुबह ही अबतक नही आई है,जिसमे की मेरी पसंद की सरकार कम से कम एकबार भी सारे बहुसंख्यक होकर भी अठनी चवनी बंटे हुए वोट को एक जगह करके भारी बहुमत से भाजपा कांग्रेस दोनो को ही हराकर चुनी जायेगी|बल्कि भाजपा कांग्रेस को भी जो शोषित पिड़ित कांग्रेस भाजपा छुवा छुत और जात पात की राजनिती कभी नही करती है ये दोनो पार्टी इस बात को न मानकर भाजपा कांग्रेस को कम से कम एकबार भी भारी भेदभाव की राजनिती करने वाली पार्टी मानकर भारी बहुमत से हराने के लिए उसका साथ छोड़कर मेरी पसंद की सरकार भारी बहुमत से चुने,तो मैं समझता हुँ उसी असल भारी बदलाव चुनाव के बाद से सबकी विकाश का असल छुवा छुत मुक्त शासन सही पटरी पर आ जायेगी!

अजादी के इतने सालो बाद भी Poor india जनता मालिक और Digital india प्रधान सेवक के बिच ये कैसा Modern India,Freedom india और Shining india,अच्छे दिन वाली रिस्ता निभाई जा रही है


अजादी से लेकर अबतक देश में करोड़ो नागरिको के ऐसे
बुरे दिन चल रहे हैं,जैसे कि मानो जब किसी नौकर को सेवा कराने के लिए उसकी हुनर के बारे में सुन या परखकर कोई मालिक उसे बड़ी उम्मीद से अपना सेवक चुनता है,और फिर भी देखने सुनने और परखने के आधार पर खुदको सबसे बेहत्तर सेवक बतलाने वाला कोई सेवक अपने मालिक की सेवा ठीक से नही कर पाता है,और न ही ठीक से वह अपने मालिक को कुछ बेहत्तर पोषन ही खिला पिला पाता है,और घर में सारा इंतजाम होते हुए भी उसका मालिक रोजमरा जिवन में भुखमरी कुपोषन से होकर गुजरता है,जबकि उसका नौकर खा खाकर अति खाने से प्रतिदिन मोटापा का शिकार होता जाता है,जिसकी पेट खा खाकर अति फुलते रहती है,जो मानो किसी गर्भवती महिला की तरह बच्चे को जन्म देने की तैयारी कर रहा होता है,तो समझो ऐसा नौकर भी गलत रास्ता चुना गया कहलायेगा और मालिक भी गलत कहलायेगा मालिक नौकर के बेहत्तर रिस्ते की मापदंड को लेकर|क्योंकि ऐसे बुरे हालत में नौकर को भी अपने मालिक की बेहत्तर सेवा करना ठीक से नही आ रहा होता है,बस मुँह बनाकर नाम के लिए नौकर बन गया है,और उसके उस मालिक को भी अपना बेहत्तर सेवक चुनने नही आता है,जो कि ऐसा नौकर बार बार चुनकर सिर्फ सबसे बेहत्तर सेवा की झुठी उम्मीद करते रहता है|बजाय इसके की उस मुँह बनाकर सिर्फ अपने मुँह में ठुसते रहने वाला नौकर को तुरंत हटाकर बेहत्तर सेवा देनेवाला नौकर रख लेना चाहिए|खासकर सेवा करने कि पिछली सेवा रिपोर्ट बिना जाँच पड़ताल किए उसे अपना सेवक नही बनानी चाहिए!और यदि गलती से बना भी दिए गए हो तो उसे दुबारा चुनने की भुल नही करनी चाहिए!जिस तरह की बदलाव प्रक्रिया मालिक और नौकर के बिच न होने तक न तो अपने पिछले नौकर से मालिक को बेहत्तर सेवा की उम्मीद करनी चाहिए और न ही ऐसे नौकर को इस झुठी सोच में रहना चाहिए कि उसकी सेवा देखकर उसे सभी के द्वारा अपना नौकर बनाया जा रहा है|अथवा कोई ऐसा नौकर अपने मालिक की बेहत्तर सेवा कर सकता है,जो कि खुद खा खाकर मोटा होते हुए अपने मुँह में अमिरी भोग विलाश ठुसकर अपने मालिक को गरिबी भुख और कुपोषन से संघर्ष करता हुआ बस देखता रहता है|जिस तरह के बुरे हालात जिस परिवार में भी मौजुद है,उस परिवार में जो लोग भी उस नौकर को खराब मानते हैं,वे भी गरिबी भुखमरी का शिकार हो रहे हैं|और जिसने उसे चुना है वह भी गरिबी भुखमरी का शिकार हो रहा हैं|और नौकर खा खाकर मोटा होता जाता है|बल्कि अपने खास साथियो को भी घर के अंदर और बाहर भी खास इंतजाम करवाकर मुठीभर लोगो को खिला पिलाकर अपनी खास तरह की सेवा कि रहिसी दिखला रहा है|जबकि दुसरी तरफ भारी तादार में जनता मालिक भुखमरी कुपोषन का शिकार होकर घर में सारा इंतजाम होते हुए भी भुखमरी कुपोषन का शिकार हो रहा है|जो घर में रखे खाने पिने की सामानो को खुद बनाकर या लेकर कुछ भी नही खा सकता है, भले क्यों न वह अन्नाज और दुसरे खाने पिने की सामान पड़े पड़े सड़ता रहे|क्योंकि खाने पिने की सारे समानो की चाभी नौकर के पास सौंपी गयी है|जिसके बिना मालिक और परिवार के कोई भी सदस्य कुछ नही खा सकते!सिर्फ नौकर अपने लिए सारे इंतजाम कर ले ये उसके लिए आसान बना रहता है|और मलिक यदि भुखमरी और कुपोषन से तड़प तड़पकर मरने लगे,जिससे पहले वह ताला तोड़कर भुखमरी से बचने के लिए अपना कुछ खाने की कोशिष भी करे तो उल्टे नौकर ही उस मालिक को जेल में डलवा दे सकता है|क्योंकि घर में नौकर द्वारा बेहत्तर सेवा देने की अश्वाशन देकर ऐसा नियम कानून बनाया गया है कि चाहे घर का मालिक ही क्यों न हो कोई भी सदस्य बिना नौकर के हाथो खाये अपना पेट नही भर सकता|ऐसी विकाश की उल्टी गंगा बह रही है|और यदि खुद पेट भरना ही है,तो घर के खाने पिने के सामानो को जिसका चाभी नौकर के पास है,उसे छोड़कर कहीं दुसरा इंतजाम करके खाओ पियो,नही तो भुख कुपोषन से मर जाओ!जिस तरह के बुरे हालात इस समय देश में चल रही है|जिसमे सोने की चिड़ियाँ का जनता मालिक होते हुए भी इस देश में करोड़ो लोग गरिबी रेखा से निचे की भी जिवन जिने को मजबुर हैं|और उनमे से कई तो हर रोज भुख और गरिबी से मर भी रहे हैं|जबकि कथित खुदको नौकर बतलाने वाली सरकार के मंत्री और उच्च अधिकारी किमती किमती गाड़ी बंगला जेड सुरक्षा जैसे सुख संसाधन इस प्राकृत और ऐतिहासिक समृद्ध देश से जुटाकर अपने लिए खास इंतजाम किए हुए हैं|जिनमे से कई तो हर रोज अपने जनता मालिक को भुख और कुपोषन का शिकार होकर बस मरते हुए टी०वी० वगैरा में देख रहे हैं|क्योंकि उनको अपने मरते हुए मालिक के पास अन्न जल भी ठीक से पहुँच जाय इसकी या तो फुरसत नही है,या फिर ठीक हुनर ही नही है अपने मालिक की बेहत्तर सेवा करने की!सिर्फ उल्टे जनता मालिक को हुनर सिखलाने की योजना चल रही है|क्योंकि नौकर कहलाकर खुदकी खास सेवा सुरक्षा इंतजाम कराके जनता मालिक की बेहत्तर सेवा सुरक्षा करने की सिर्फ ज्यादेतर तो ढोंग रची जा रही है!क्योंकि जनता मालिक के साथ हर रोज इस देश परिवार में भुख और कुपोषन समेत अनगिनत निर्दोश नागरिको की हत्या बलात्कार और अन्य कई तरह की शोषन अत्याचार हो रहे हैं|जो हत्या बलात्कार और भुखमरी कुपोषन से मरने की घटना कितने मंत्रियो और उच्च अधिकारियो के रोजमरा जिवन में दर्ज हर रोज हो रही है?जो खुद को जनता मालिक का नौकर बतलाकर खुदकी सेवा सुरक्षा ही बेहत्तर करने में लगे हुए हैं!जिन मंत्री और उच्च अधिकारियो में खुदको जनता मालिक का नौकर बतलाकर और मालिक को भुखो मरने के लिए छोड़कर अपने सेवा कार्यकाल में खुद खा खाकर पेट फटने तक बस खाये ही जा रहे हैं|बल्कि कई तो अपने सेवा कार्यकाल में ही इतने अतिरिक्त अमिरी चर्बी जमा कर लेते हैं,कि सेवा कार्यकाल समाप्त होकर भी सारी जिवन अच्छा खासा खाते पिते गुजरते हैं|बजाय इसके कि जो जनता मालिक भुख और गरिबी से गुजर रहे हैं,उनके लिए भी कम से कम इस सोने की चिड़ियाँ कहलाने वाले देश परिवार की समृद्धी से भुखो मरने के बजाय उनके पोषन युक्त खाने पिने और आय चाभी की इंतजाम करके उसकी रोजमरा जिवन की गरिबी भुखमरी और कुपोषन दुर की जाती|सिर्फ सेवा करने की उत्सुकता दिखाकर चुनाव आने पर भांग खाये बंदर की तरह उछल कुद करके करोड़ो रुपये तो चिर्फ पंडाल वगैरा में खर्च करके 3डी प्रचार करके भी चुनाव में बहाया जा रहा है!जिस तरह की खर्च करके बाद में भारी वोट से जितने से भी कुछ नही होने वाला है|जबतक कि जनता मालिक की सेवा बेहत्तर करने की प्रयोगिक हुनर दिख नही जाती उन सेवको में जो इस अहंकार के नशे में चुर हैं कि बेहत्तर सेवा किये और कर रहे हैं ,इसलिए वे बार बार शासन कर रहे हैं|जो बेहत्तर सेवा और शासन फिलहाल तो कहीं नही जमिनी स्तर पर औसतन भी दिखलाई दे रही है|सिवाय मुठीभर लोगो को खास सेवा दी जा रही है|जो कि सारी सुख सुविधा प्राप्त कर रहे हैं,और विशेष छुट और लाभ भी प्राप्त कर रहे हैं|जिस तरह की लाभ हानि तो देश गुलाम के समय भी मुठीभर लोगो को खास सेवा मिल रही थी,अँग्रेजो द्वारा प्रजा और देश सेवा नेतृत्व में|क्योंकि मुठीभर लोग गोरो के साथ उनके खास वाहन और देश गुलाम करके लुटा गया धन से बनाया यान में भी चलते फिरते और निजि रिस्ते जोड़ते रहते थे,और गोरो के साथ ही मिलकर देश गुलाम करके इस देश के बहुसंख्यक अबादी के साथ शोषन अत्याचार भी कर रहे होते थे|कहीं उसी तरह का ही तो अपटेट शोषन अत्याचार अभी भी देश में अजादी की खाल ओड़े मौजुद नही है|जिसके कारन ही तो आजतक भी शोषन अत्याचार देश में जारी है?क्योंकि अभी भी भारी अबादी के साथ शोषन अत्याचार जारी है|और सिर्फ मुठीभर लोग ही सरकार से सबसे अधिक सुख सुविधा प्राप्त कर रहे हैं|और भारी अबादी गरिबी भुखमरी से लेकर बहुत तरह का शोषन अत्याचार का शिकार हर रोज हो रही हैं|जिसके चलते कभी कभी तो अजादी के समय में आधुनिक भारत का सफर जवानी में या जन्म लेकर बचपन से बुढ़ा तक का सफर करते हुए बीपीएल भारत में गरिबी भुखमरी और तंगहाली बदहाली जिवन जिते हुए जिवित बचे बुढ़ा बुजुर्ग द्वारा ये भी कहा जाता है कि दरसल अभी भी इस देश को पुरी अजादी नही मिली है!अंग्रेज चले गए उसके चमचे और सायद गुप्त रिस्ते बनाकर बहुत से नाजायज औलाद छोड़ गए हैं|जो कि अपने पुर्वजो कि खास विरासत समझकर शोषन अत्याचार को हर रोज अपडेट किये ही जा रहे रहे हैं|जो देश की लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में सेवा की खाल ओड़े दिन रात सिर्फ भोग विलाश में ही डुबे हुए हैं|जिसके बारे में जाननी हो तो जितने भी महंगी महंगी जस्न और सम्हारोह होते हैं, जिनमे करोड़ो अरबो रुपये खर्च की जाती है मुठीभर लोगो को उस जस्न और पार्टी में डुबोकर खुश करने के लिए,बल्कि वह तमाम ऐसी इंतजाम जिसमे की करोड़ो रुपये खर्च करके सिर्फ मुठीभर लोग भोग विलाश कर रहे होते हैं,उन जगहो में वैसे ही लोग तो ज्यादेतर खाल ओड़े मौजुद होते हैं,जो गोरो को अपना आदर्श मानकर उनके ही जैसा रहन सहन को अपनाकर उनके ही जैसा दिखावा जिवन जिना पसंद करते हैं,जिनको इस देश की बहुसंख्यक अबादी से कोई खास लेना देना नही रहता है|देश की बहुसंख्यक अबादी हर रोज गरिबी भुखमरी या महामारी से मरे या तड़पता रहे उन्हे तो बस जबतक जवानी से लेकर बुढ़ापा तक शरिर का सारा मांश बुढ़ापा से झुलते हुए वे अति बुढ़ापा से शरिर दिखलाने की काबिल न रह जाय तबतक उन्हे तो बस भांग खाये बंदर की तरह महंगी महंगी जस्न मनाकर खुशियो से उछलते रहना है|जैसे की गोरे भी जस्न मनाते थे,उस समय भी देश में चारो तरफ भारी अबादी भुखमरी और गरिबी के साथ साथ बाढ़ अकाल महामारी से संघर्ष करते हुए लाखो गुलाम लोग मर रहे थे,और गुलाम करने वाले गोरे देश के सारे सुख संसाधनो का उपयोग करके अपने खास मेकप किया हुआ महारानी का स्वागत करके उनके खास मुठिभर चमचे बेलचे जस्न मनाने में डुबे हुए रहते थे|जैसे की अभी भी मुठीभर लोगो की विशेष स्वागत इंतजाम गरिबी झुगी झोपड़ियो वगैरा को डीजिटल पोस्टर से ढककर,डीजिटल सरकार द्वारा महंगी महंगी खास लाईव छप्पन भोग सेवा भी होती रहती है,और फिर उसके बाद महंगी महंगी जस्न भी हर रोज करोड़ो खर्च करके होती रहती है|ऐसी जस्न जिसमे कभी कभी तो इतने महंगे महंगे खान पान और टिकटे खरिदी बेची जाती है कि उतने में कोई गरिब सालोभर पेटभर खा पीकर अपनी भुखमरी कुपोषन से छुटकारा पा ले,जितने को भोग विलाशी लोग सिर्फ एक शाम की नैन या फिर शारिरिक सुख प्राप्त करने में ही खर्च कर देते हैं|जिनकी जस्न में देश का गरिब बीपीएल कितना दिखता है?बल्कि इस देश में अभी क्रिकेट स्टेडियम में भी कितने गरिब बीपीएल खेल को सामने से देखते हुए टी०वी०वगैरा में भी दिखाई देते हैं?सिर्फ मुठीभर लोग महंगी महंगी टिकट खरिदकर आँख में चस्मा लगाकर पुरा दिन जस्न में डुबे रहते हैं,और देश गरिबी भुखमरी में डुबा रहता है|जिस तरह का महंगे महंगे इंतजाम चाहे क्रिकेट खेल हो या फिर छप्पन भोग खाना खजाना दोनो ही सिर्फ टी०वी० में दिखाया जा रहा है|जिसका इंतजाम देश की मिट्टी अन्न जल का ही इस्तेमाल होता है|क्रिकेट खेल में तो गर्मियो में भी इतना पानी बर्बाद कर दिया जाता है, जितने को यदि बचा लिया जाय तो हजारो नागरिक कई दिनो या महिनो तक पानी के लिए कई कई किलोमिटर पैदल चलकर पानी लाने कभी न जाय|जो सारा कुछ इस कृषी प्रधान देश में जान बुझकर चल रहा है|क्योंकि ऐसी बदहाली को बेहत्तर विकाश बतलाने वालो को पता है कि गुलाम देश में भी करोड़ो लोग भुखे सोते थे,इसलिये उनके समय की विकाश को ही भितर से आदर्श मानकर अजाद देश में भी हर रोज करोड़ो लोग भुखे सोते रहे हमेशा ऐसी विकाश जानबुझकर की जा रही हैं|और उन गरिबो में से कई तो सुबह अपनी आँख भी नही खोल पाते हैं,क्योंकि भुख से लंबे समय तक संघर्ष करते हुए अगले दिन भी कुछ खाने की इंतजाम करने की सोचकर हर रोज की तरह पेट धरकर अक्सर सोया जाता है,और किसी दिन अंतिम सुबह लेकर आती है,और फिर निंद में ही उनकी मौत हो चुकि रहती है!अपने डीजिटल नौकरो से डीजिटल सेवा करा कराकर|जिनमे से ज्यादेतर महिला और बच्चे होते हैं,फिर भी शर्म को मानो अपना मुत बनाकर पी ली जाती है|जिस तरह कि इंसानियत कायम की जा रही है|जिस तरह के हालात को तो मैं भी ये मानने के लिए बिल्कुल तैयार नही हुँ कि यह देश पुरी तरह से अजाद हो गया है,और देश में कानून का राज है|क्योंकि नियम कानून का राज तो गोरो के समय भी मौजुद थी, जिन अंग्रेजो के द्वारा बनाये गए हजारो नियम कानून आज भी देश में लागू है,और अँग्रेजो के द्वारा बनाये गए अदालत जिसमे की जज बनकर अँग्रेज गुलाम करने का फैशला हर रोज सुनाते रहते थे,वह अँग्रेजो के द्वारा बनाई गई अदालत आज भी इस देश में मौजुद है,जिसमे अँग्रेजो के ही बनाये गए बहुत से नियम कानून से आज भी न्याय करना जारी है|क्रमशः

गुरुवार, 22 मार्च 2018

सावधान अली बाबा चालीस चोर अपडेट के बाद डीजिटल facebook डाटा चोर बनकर सोशल मीडिया में घुम रहे हैं!

मैने पहले भी बोला था कि चुनाव में अब डीजिटल तरिके से मशिनरी चीजो का गलत इस्तेमाल करके चोर लुटेरे चुनाव को भी भारी प्रभावित कर रहे हैं|जिसमे कांग्रेस भाजपा का नाम सबसे उपर आ रहा है|जो कि एक दुसरे को सबसे भ्रष्ट पार्टी बतलाकर समय समय पर हमेशा ही मीडिया बहस में आमने सामने होते रहते हैं|इन दोनो में ही कोई डाटा की चोरी डीजिटल तरिके से करा रही है,इस आरोप में दोनो ही एक दुसरे को प्रमुख डाटा चोर बतला रहे हैं|जिसमे से एक तो आधुनिक भारत में कम्प्यूटर लाने का श्रे ऐसे लेती रही है,जैसे कम्प्यूटर की खोज कांग्रेस ने ही पहले भारत में कराई थी,फिर पुरी दुनियाँ में कम्प्यूटर निर्यात होने लगी|दुसरी डीजिटल इंडिया का श्रे लेकर बुलेट ट्रेन लाने का अब ऐसा माहौल बना रही है,जैसे कि बुलेट ट्रेन का आविष्कार भाजपा सरकार ही करने जा रही है|इन दोनो ही पार्टियो को आधुनिक भारत और डीजिटल इंडिया बड़बड़ाते रहने का सुरु से ही मानो ऐसी बिमारी है,जैसे की ये दोनो न हो देश और संसद में तो कोई भी पार्टी देश में ऐसी विकाश कर ही नही सकती, जिससे की पश्चिमी देशो को टक्कर दी जा सके आधुनिक और डीजिटल विकाश में!जो यदि सत्य होता तो चीन जापान और रुस वगैरा देश तकनिकी विकाश में आज पुरी दुनियाँ में लोहा नही बनवाते अपनी देशी भाषा और देशी तकनिक के जरिये तकनिकी विकाश बेहत्तर करके|जबकि असल में भारत में अजादी से अबतक कांग्रेस भाजपा दोनो ही पार्टी सुरु से ही पश्चिम का पुँच पकड़कर ही आधुनिक भारत और डीजिटल इंडिया के नाम से दरसल पश्चिमी कॉपी पेस्ट करना चाहती है|जैसे की अब डाटा की भी चोरी कराकर वोट की कॉपी पेस्ट करने की तैयारी हो रही है| इसके आरोप कांग्रेस भाजपा में ही मुल रुप से लग रही है|जो दोनो ही एक दुसरे पर डाटा चोरी का आरोप लगा रहे हैं|मैं तो कहता हुँ फेशबुक की डाटा की चोरी  ही क्यों वोटिंग मशीन के साथ भी भारी छेड़छाड़ करके वोट की चोरी निश्चित रुप से पश्चिमी कॉपी पेस्ट करके ही हो रही है|क्योंकि जो लोग ऐसी चोरी कर रहे हैं उनके पास दरसल सामाजिक स्तर पर सेवा कार्य करके वोट बटोर सके ऐसी समाजिक आर्थिक और तकनिकी विकाश का भी बेहत्तर हुनर मौजुद नही है,जिसके चलते चोर मशीन का इस्तेमाल अपनी कबिलई लुटपाट हुनर को अपडेट करके कृषी प्रधान देश में लंबे समय तक चोरी और लुट को ही अपडेट करते रहना चाहते हैं|जो डाटा की चोरी भी कहीं न कहीं कबिलई संक्रमण होकर पश्चिम से ही आई है,जिससे इस कृषी प्रधान देश को पुर्ण रुप से अभी अजाद होना बाकि है|जिसके बगैर आधुनिक भारत और डीजिटल इंडिया के नाम से बीपीएल भारत बसना जारी रहेगा|1947 की अजादी तो सिर्फ झांकी है,वोट की लुट डीजीटल अपडेट करके लोकतंत्र की लुटेरो से पुर्ण अजादी मिलना बाकी है|इससे पहले देश के आधार कार्ड की डाटा की चोरी भी हो रही है,इसके बारे में भी जानकारी मौजुद है|फिर ये चोर लुटेरे खुलेआम डीजिटल सरकार के नाक के निचे नाक काटकर क्यों ले जा रहे हैं,अली बाबा चालीस चोर की उस गुप्त गुपा में जहाँ पर दुसरे की धन दौलत के साथ साथ न जाने फेशबुक डाटा,आधार डाटा जैसे और कितनी दुसरे की चीजे मौजुद होगी|ये चोर लुटेरो की तो कोई परिवार गुप्त गुफा में मौजुद नही रहती है,फिर ये आखिर किसके लिये इतनी चोरी और लुटपाट करने की मेहनत दिन रात करते रहते हैं?सिर्फ शौक के लिए चोरी और लुट की ड्रक्स लेना आखिर किस विदेशी दवा और किस माध्यम से छोड़ेंगे ये अपडेट अली बाबा चालिस चोर,जो कि अपनी संक्रमण देकर अथवा गलत संगत लगाकर इस देश के घर के भेदियो को भी अपने लुटेरी गैंग में शामिल कर लिये होंगे इसकी पुरी संभावना है|जिनका इलाज देशी दवा से तो फिलहाल होने की संभावना कम है,जबतक कि पश्चिमी सोच घर के भेदियो में हावी रहेगी|क्योंकि घर का भेदी के पास हुनर नही रहती है देशी घर का न०1 बनने की इसलिए बाहरी से मिलकर न०1 बनने की ऐसी कोशिष होती है,जैसे की बाजार में किसी फटे नोट और खोटे सिक्के को चलाने की कोशिष होती रहती है|फेशबुक डाटा की चोरी में भी कहीं न कहीं उन घर के भेदियो का ही हाथ होगा,जिन्होने चोर लुटेरो के सामने डाटा का भेद बतलाकर अपना सबकुछ उघार दिया होगा|ऐसे घर के भेदियो को उघारने का बहुत शौक होता है,जिसे पुरा करने के लिये वे अपने घर परिवार की इज्जत और जान माल किसी को भी दाव में लगा सकते हैं|जैसे की देश के लोकतंत्र को भी दांव पर लगाने की कोशिष हो रही है|ये दांव लगाने की महाभारत जुवा बंद होनी चाहिए,क्योंकि महाभारत में पक्ष विपक्ष किसी को भी ऐसा फायदा नही हुआ है,जिससे की सबको स्वर्ग मिल जायेगा!और न ही दाव लगाकर मिली जीत हार के बाद आई शासन में प्रजा बहुत सुखी रह पाती है|महाभारत में द्रोपती को दांव पर लगाकर मान सम्मान की लुट हो रही थी और अब फेशबुक डाटा को दांव पर लगाकर लोकतंत्र की मान सम्मान वोट की लुट हो रही है|

बलात्कार का English में मतलब Ravishment,Extortion,Enforcement,Constraint,Coercion,Violation होता है

बलात्कार का English में मतलब Ravishment,Extortion,Enforcement,Constraint,Coercion,Violation होता है
,जिसका मुल भावनात्मक मतलब अनपढ़ रहकर भी समझा जा सकता है,पर बलात्कारियो को आखिर क्यों नही समझ में आता है
यदि अभी श्राप देने के बाद वाकई में श्राप लग जाती,तो फिर निश्चित ही इंद्र को जो श्राप सजा मिली थी वही सजा न जाने कितनो को वर्तमान की रोजमरा जिवन में भी मिल जाती|और वे सभी भी हजार योनी को किसी घुंघरु की तरह अपने हवशी शरीर में टांगकर घुम रहे होते|जो कि श्राप मुक्त होने से पहले खुदको किसी नारी के पास दुबारा ले जाना तो दुर किसी पुरुष के पास भी अपना श्रापित शरिर दिखलाना नही चाहते|और साथ साथ देश ही नही पुरी दुनियाँ बलात्कारी मुक्त घोषित हो जाती|जो की वर्तमान में बलात्कारी सजा पाकर वापस सुधार घर से बाहर निलकर बहुत से बलात्कारी द्वारा बलात्कार करने की हवशी पाप करने की घटना बार बार दोहराई जा रही है|जिसके चलते हवशी बलात्कारियो के द्वारा जेल और अदालत आना जाना लगा रहता है|जिन बलात्कारियो के बारे में हर रोज यह रिपोर्ट आती ही रहती है कि आज कौन से देश में कितने बलात्कार हुए?और फिर इस देश में तो रामराज को अपना आदर्श मानने वाली सरकार के भी समय में भी ऐसी बलात्कार की घटना हर रोज दर्ज हो रहे हैं|जिससे रोजमरा की बलात्कार जैसे पाप खबरे भरी रहती है|जो की मेरे ख्याल से रावणराज में भी दर्ज होते नजर नही आती हैं|क्योंकि रावणराज में तो सिर्फ किसी नारी का अपहरण करने पर ही रावण समेत उसकी पुरी लंका को ही बिना पुलिस रिपोर्ट दर्ज और अदालत बहस के सजा दे दिया गया था|पर वर्तमान की शासन में हर रोज बलात्कार की घटना बार बार क्यों दोहराई और दर्ज की जा रही है?क्या इसी लिये बहुत हुआ नारी के साथ अत्याचार,अपकीबार भाजपा सरकार पर यकिन करके देश की जनता ने वोट किया था भाजपा को?बलात्कार की रिपोर्ट अपकीबार सिर्फ इतने हजार बलात्कार हुए कहकर ऐसी बाते की जाती है जैसे इसी तरह ही सबके अच्छे दिन आयेंगे!

Skill india के बजाय पहले से ही पढ़े लिखे और हुनरमंद को रोजगार तो मिले

भारी बहुमत की सरकार आने से पहले लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा ने देश के बेरोजगार नागरिको की वोट पाने के लिए अपने चुनावी नारो में
"बहुत हुआ रोजगार का इंतजार,अपकीबार भाजपा सरकार" जैसे नारा देते और दिलवाते हुए अपने चुनावी वादो में भाषन अश्वाशन करते हुए यह कही गई थी कि यदि भाजपा को जिताया गया तो हर साल दो करोड़ बेरोजगारो को रोजगार मिलेगी|जिसके बाद सरकार बनाकर भाजपा पिछले चार सालो से इस देश की सत्ता में बैठी हुई है|जिसे जनता ने भारी बहुमत से चुनकर दिल्ली की गद्दी पर बिठाया है 2014 में उच्ची आसमान पर चड़ाकर|लेकिन उसके बाद चार साल के कार्यकाल में सबके अच्छे दिन लाने वाला कोई ऐसा कार्य जमिनी स्तर पर नही दिखलाई दे रही है कि यह विश्वाश किया जा सके कि भाजपा द्वारा साठ सल बनाम साठ महिने का अवसर मांगकर भारी बहुमत से सत्ता में बैठने के बाद जिस तरह का नेतृत्व पिछले लगभग चार साल से शासन चल रहा है,उसमे बचा अब एक साल में सबके अच्छे दिन आ जायेंगे!

Goood morning india!रोजमरा जिवन में अमिर गरिब दोनो को ही सुख शांती और समृद्धी चाहिए

ज्ञान बांटने से बड़ता है और छिपाने से घटता है|
आज मैं आप सबको सुबह सुबह एक लिंक भेज रहा हुँ,जो हो सके तो अपने साथ साथ आप और आपके दोस्त रिस्तेदारो को भी जरुर पसंद आयेगी,इसलिये इस लिंक में खुद भी क्लिक करके अपने करिबियो को भी इसे बांट सकते हैं|क्योंकि ज्ञान बांटने से फैलता है और छिपाने से घटता है|और मैं जो लिंक बांट रहा हुँ,उससे तो रोजमरा जिवन के बारे में बहुत कुछ सिखने को मिलती है|दरसल मैं संत कबीर के दोहे फ्री में डाउनलोड करने का लिंक भेजा हुँ!जो सिर्फ एक मिनट से भी कम समय में डाउनलोड हो जायेगी यदि आपकी इंटरनेट स्पीट अच्छी है|जिसे डाउनलोड करके इसे आप ऑफलाईन कभी भी पढ़ सकते हैं|जिसके लिये किसी किताब. और इंटरनेट की भी जरुरत नही पढ़ेगी,क्योंकि यह pdf में उपलब्ध है|फिर देर किस बात की जल्दी से क्लीक करके कबिर के दोहे फ्री में डाउनलोड कर लिजिये मेरे द्वारा दिए गए लिंक में जाकर!जो पसंद आये तो आपलोगो से गुजारिश है कि इसे अपने करिबियो को भी जरुर बांटिये|मुझे पुरा यकिन है ज्यादेतर को पसंद जरुर आयेगी!
क्योंकि रोजमरा जिवन में अमिर गरिब दोनो तरह के ही लोग कभी न कभी दुःखी जरुर होते हैं!और दुःखी होकर बड़े बड़े राजा भी छोटे से छोटे काम और कभी तो भिख अथवा भिक्षा भी मांगते हैं!जैसे कि राजा हरिश्चंद्र और राजकुमार सिद्धार्थ!जिनको भी रोजमरा जिवन में क्या क्या संघर्ष करनी पड़ी थी उसके बारे में जानकर दुनियाँ के किसी भी इंसान को ये कभी भी नही भुलनी चाहिए कि किसी के गरिब और भिखारी होने से भी कोई निच नही हो जाता है!बल्कि ऐसे लोग भी जन्मे हैं दुनियाँ में जो सबसे छोटा मोटा काम करके भी किसी धन्ना कुबेर से कई गुना उच्च कहलाते हैं,इतिहास के पन्नो में भी और रोजमरा जिवन के सच्चे आदर्शो में भी!जो किसी धन्ना कुबेर से कहीं ज्यादे आदर्श और महान माने जाते हैं!जिनके जिवन और बाकि भी तमाम लोगो की रोजमरा जिवन के बारे में सबसे सरल रुप से मुल चीजे जानने के लिए मेरे ख्याल से मेरी नजर में अबतक का सबसे सरल माध्यम कबीर का दोहा हो सकता है|जिसे सारे धर्मो के भक्तो के साथ साथ सभी नास्तिको को भी अपने जिवन में जरुर एकबार पढ़ना या फिर सुनना चाहिए!जिसे पढ़ने के लिए मैने निचे लिंक दे दिया है|जिसपर खुद जाकर इस लिंक को बाकि भी करिबियो को जरुर बांटे!जैसा कि मैने बतलाया ज्ञान बांटने से बड़ता है और छिपाने से घटता है!
धन्यवाद!http://go-g.xyz/bqf8F4Co

मंगलवार, 20 मार्च 2018

विकाश का पैमाना जितनी अबादी पुरे देश की अजादी के समय मौजुद थी उतनी लगभग आज बीपीएल भारत मौजुद है

चाय पकौड़ा बेचकर सबसे धन्ना कुबेर और प्रधान सेवक बनने की खास उदाहरन देश के सामने जो मौजुद है यदि झुठ बात हुई,तब तो फिर वर्तमान के प्रधान सेवक को उस गरिबी के बारे में पता ही नही होगा जिसकी बाते करके वे मैं भी गरिबी जिवन को जिया हुँ कहकर चुनाव का समय आने पर इमोशनल अत्याचार करके माथे में धुल मिट्टी लगाकर भी गरिबो से वोट मांगते हैं|जिस मिट्टी को अमिरी बंगला में जाकर जरुर साफ करके नया सुट बुट धारन करते होंगे|क्योंकि वे जिस तरह कि गरिबी कि बाते करते हैं,उसमे मेरे ख्याल से ज्यादेतर किसी को हर रोज सुट बुट की ही कमी महशुश होती होगी,जिसकी जरुरत को पुरा करने के लिए ही ज्यादेतर डीजिटल सपने देखी जाती होगी|न कि अन्न जल की कमी को दुर करने के लिए दिन रात संघर्ष होती होगी|और जिस गरिब बीपीएल की बाते करके अपने माथे में धुल मिट्टी लगाकर वोट मांगी जाती होगी उस गरिबी को यदि वाकई में प्रयोगिक महशुस की गई होगी तो भी अब निश्चित तौर पर या तो उसे जमिनी स्तर पर भुला दी गई होगी या फिर सचमुच में वैसी गरिबी भुखमरी जिवन कभी जी ही नही गई होगी|बल्कि अन्न जल की कमी से जिवन स्तर उपर उठाकर सुट बुट गाड़ी बंगला वगैरा की कमी को पुरा करने की सपने देखे जानेवाली गरिबी बेरोजगारी जिवन जी गई होगी,जैसे की आज भी ऐसे बहुत से गरिब बेरोजगार हैं जो प्रमुख रुप से पेट के लिए रोजगार नही खोजते हैं,बल्कि ज्यादेतर अपनी वर्तमान की जिवन स्तर में अमिरी के रुप में सुट बुट गाड़ी बंगला वगैरा किमती किमती चीजो की इच्छायें पुरी हो,इसके लिये रोजगार की तलाश कर रहे होते हैं|जिसके चलते ऐसे गरिब बेरोजगारो को गरिबी रेखा से निचे की उस जिवन के बारे में प्रयोगिक रुप से नही पता होता है,जिसमे किसी इंसान के द्वारा भरपेट भोजन करने की नसीब खुलने के बारे में ही ज्यादेतर सपने देखे जाते हैं|इस देश में यू ही इतने गरिब बीपीएल कार्ड नही बांटे जाते हैं|क्योंकि कड़वा सत्य यही है कि अभी भी डीजिटल इंडिया की सरकार के नेतृत्व में करोड़ो लोग डीजिटल इंडिया कि जिवन तो दुर सरकारी राशन कार्ड और सरकारी राशन सब गरिब बीपीएल को नसीब हो जाय ऐसी नसीबवाला सरकार आजतक किसी भी चुनाव के बाद देश को आजतक भी नसीब नही हुआ है|क्योंकि आजतक कोई भी सरकार यह पता ठीक से नही कर पाई है कि देश में कितने गरिब हैं,और कितने गरिबी रेखा से निचे का गरिब अथवा बीपीएल हैं?सिर्फ सबको रोजगार मिल रही है,गरिबी भुखमरी दुर हो गई है,ऐसी बाते आधुनिक,साईनिंग,डीजिटल हवा हवाई तो कही जाती है,पर जमिनी स्तर पर अन्न जल के लिए भी करोड़ो लोग आज भी अजादी से लेकर अबतक तरस रहे हैं|जो कि कुपोषन का शिकार होकर हर रोज इस उम्मीद के साथ जि रहे हैं कि कम से कम उन्हे रोजमरा जिवन की मुल जरुरत अन्न जल रोटी कपड़ा और मकान भी ठीक से नसीब हो जाय|और यदि उससे आगे डीजिटल इंडिया ही अपडेट करनी है तो पहले स्कूल अस्पताल सड़क बिजली वगैरा भी यदि सबके जिवन में आ जाय तो गरिब बीपीएल भारत के लिए डीजिटल बुलेट ट्रेन या फिर मंगल यान की सवारी करने से भी बड़ी ऐसी उपलब्धी हासिल की जा सकती है,जिसके बाद ही सोने की चिड़ियाँ अपडेट के लिए एकदम से तैयार मानी जा सकती है|जिसे तैयार करने वाली सरकार को सबसे बेहत्तर सरकारी सेवा और विकाश करने वाली सपने साकार सरकार मानकर देश का हर गरिब का वोट उस सरकार को मिल जायेगी जो बुलेट ट्रेन लाने से पहले ही ये सब काम करके दिखला देगी|जिस तरह कि सेवा उम्मीद करके अपनी जिवन में डीजिटल इंडिया से पहले गरिबी भुखमरी मुक्त इंडिया की सपने देखने वाले ज्यादेतर लोग पिछली लोकसभा चुनाव में भी पंद्रह बीस लाख वगैरा जुमला सुनकर वोट किये होंगे|न कि कर्ज लेकर बुलेट ट्रेन लाने और एफडीआई लाने के लिए वोट किए होंगे|जैसे कि कभी गरिबी हटाओ की झुठी भाषन अश्वाशन सुनकर कांग्रेस पार्टी की सरकार को भारी बहुमत से गरिबी हटाने के लिए वोट किये होंगे|जिन बहुसंख्यक गरिब बीपीएल कार्ड धारक अबादी में चाय या पकौड़ा बेचने के साथ साथ देश में हजारो ऐसी छोटी मोटी काम करने वाले लोग हैं,जो सरकारी रोजगार तो नही कर रहे हैं,पर हर रोज जो कुछ भी दिन रात मेहनत करके कमाते हैं,चाहे कड़ी धुप हो या फिर हाड़ कंपा देनेवाली ठंड हो निर्माण और घरैलू वगैरा सेवा के कार्यो में सबसे अधिक गरिब ही लगे रहते हैं|जिससे उनकी लाखो रुपये की सुट बुट का सपना तो दुर रोजमरा की मुल जरुरत अन्न जल रोटी कपड़ा और मकान भी ठीक से नही मिल पा रही है|जिसे यदि किसी को साक्षात रुप से देखनी हो तो मैने जो झांकी दिखलाया है उसकी पुरी सत्य फिल्म बीपीएल भारत के रुप में देख ली जाय अजादी से लेकर अबतक जो कांग्रेस की नेतृत्व आधुनिक भारत गरिबी हटाओ से लेकर भाजपा नेतृत्व साईनिंग इंडिया डीजिटल इंडिया का विकाश का पैमाना जितनी अबादी पुरे देश की अजादी के समय मौजुद थी उतनी लगभग आज बीपीएल भारत मौजुद है|

रविवार, 18 मार्च 2018

उपचुनाव छोटी मछली तो लोकसभा चुनाव बड़ी मछली है EVM हैकरो के लिए


पिछली कई चुनाव जितने वाली जिस सरकार पर वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ कराने का गंभीर आरोप लगते रहे हैं,उसके द्वारा अब किसी छोटी मोटी उपचुनाव में हार जाना,आनेवाली बड़ी लोकसभा चुनाव 2019 के लिए छोटी मोटी हार का विश्वाश चारा डालना बड़ा मकसद हो सकता है|जिसे बहुत बड़ी जीत समझकर ज्यादे बड़ी जीत को कहीं न गवा दिया जाय|क्योंकि यदि सचमुच में वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ करने की सारी अपडेट प्रक्रिया इससे पहले कि जा चूकी है,तो फिर यह भी अपडेट प्रक्रिया निश्चित जरुर हो गई होगी कि उपचुनाव में छोटी मोटी हार चारा डालकर सबको इस बात पर विश्वाश में ले लिया जाय कि वोटिंग मशीन के साथ कोई भी छेड़छाड़ वाकई में नही किया जा सकता है|जिसके बाद पिठ पिच्छे विश्वाश घात करके वोटिंग मशीन के साथ विश्वास की आड़ लेकर आनेवाली लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से फिर से सरकार बनाने की प्रक्रिया अपडेट कि जा सकती है|जो बिल्कुल मुमकिन है, क्योंकि यदि वोटिंक के दिन भी किसी वोटिंग मशीन का बिगड़ना और उसमे फिर सुधार करना मुमकिन है,तो फिर उसके साथ छेड़छाड़ करना भी बिल्कुल मुमकिन है|और यदि वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ करना मुमकिन है तो फिर किसी चुनाव में 4G का इस्तेमाल करके 4G स्पीट से फर्जी जीत दर्ज करना भी मुमकिन है|इसलिए यदि वोटिंग मशीन के साथ पिछली कई चुनाव में फर्जी जीत दर्ज की जा चुकि है,जो बात कई राजनैतिक पार्टियाँ और कई तकनिकि विद्वान भी मानते हैं,तो फिर इस पिड़ित जनता की मन की बात को भी मानकर आनेवाले भविष्य को लेकर मन में ये बात बिठा लेना चाहिए कि भविष्य में होनेवाली लोकसभा चुनाव यदि बिना कोई वोटिंग मशीन छेड़छाड़ विवाद के भारी फर्जी बहुमत से नही हारनी हो तो अपकीबार का जो लोकसभा चुनाव होनेवाली है,उसमे वोटिंग मशीन में खास ऐसी अपडेट कराके चुनाव हो जिसके बारे में मैने कुछ सुझाव दिए हैं|क्योंकि वर्तमान की सरकार यदि वाकई में वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ कराकर पिछली कई चुनाव फर्जी तरिके से जीत चुकि है,तो फिर से वह आनेवाली लोकसभा चुनाव में भी भारी बहुमत से जीतकर दुबारा से केन्द्र सत्ता में आने की तैयारी करने के लिए उपचुनाव में छोटी मोटी हार का चारा डाल चुकी है|जिसे चुगने का मतलब 2019 का भी लोकसभा चुनाव को चुक जाना है|क्योंकि मुझे पुरा विश्वाश ही नही बल्कि यकिन भी है कि भाजपा यदि साठ महिना साईनिंग इंडिया शासन चलाकर बुरी तरह से हार सकती है,तो फिर साईनिंग इंडिया का नेतृत्व कर रहे बड़े नेता के द्वारा जिस छोटे नेता को अपना राज धर्म का पालन करने की बाते कही गयी थी,उसके नेतृत्व में भाजपा साठ साल बनाम साठ महिने का अवसर फिर से मांगकर राज धर्म अपडेट होकर देश और प्रजा की सेवा धर्म का पालन अब ठीक से हो रहा है कि नही,ये खुद भाजपा के भी बहुत से नेताओ के विचार से पता चल जाता है कि देश और प्रजा सेवा धर्म का ठीक से पालन नही हो रहा है|और जब देश और प्रजा सेवा धर्म का पालन यदि ठीक से नही हो रहा है तो फिर निश्चित रुप से यह तय है कि देश के ज्यादेतर नागरिक इस डीजिटल इंडिया की सरकार को पिछली लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से चुनकर खुदको ठगा ठगा महसुश कर रहे होंगे|क्योंकि सरकार के पुरे देश और प्रजा की सेवा कार्यकाल में ज्यादेतर समय सरकार द्वारा देश की सारी सुख संसाधनो का भरपुर उपयोग करके हवा हवाई विदेश दौरा वगैरा महंगी महंगी खुदकी सेवा करने और सेल्फी लेने और सुट बुट पहने में ही बित गई है|जिस सरकार के कार्यकाल गुजरने में ज्यादे से ज्यादे अब पाँच साल में एक साल ही बच गए हैं|और जाहिर है जब सरकार लगभ चार साल में जमिन से जुड़ी हुई मुल समस्याओ का समाधान भी यदि नही निकाल सकी है तो बाकि बचे एक साल में क्या ऐसा करेगी जिससे की सबके अच्छे दिन वाकई में आनेवाले हैं?क्योंकि बहुत जल्द लोकसभा चुनाव 2019 आनेवाले हैं,जिसमे चुनाव प्रचार के दौरान वर्तमान की भाजपा सरकार फिर से क्या हर साल दो करोड़ बेरोजगारो को नौकरी मिली?जैसे सवाल अपने चुनावी मंच से दोहराने वाली है?और जिस भाषन अश्वाशन को जुमला कह दिया गया है मसलन "चोर लुटेरो ने जो विदेशो में इतना सारा कालाधन छिपाकर रखा है कि उसे वापस लाने से एक एक गरिब के खाते में मुफत में पंद्रह बीस लाख यू ही मिल जायेंगे"ऐसी ही भाषन अश्वाशन फिर से दोहराने जानेवाली है क्या?इतना ही नही बहुत हुआ किसान पर अत्याचार,अपकीबार भाजपा की सरकार,बहुत हुआ भ्रष्टाचार,अपकीबार भाजपा सरकार,बहुत हुई महंगाई की मार,अपकीबार भाजपा सरकार,बहुत हुआ नारी पर वार,अपकीबार भाजपा सरकार,बहुत हुआ रोजगार का इंतजार,अपकीबार भाजपा सरकार,बहुत हुआ घोटालो का व्यापार,अपकीबार भाजपा सरकार,वगैरा वगैरा ऐसे तमाम वादे जिसे पिछली लोकसभा चुनाव में भाजपा जनता के बिच जाकर वादा करके भारी बहुमत से जितकर आई थी|जिन वादो को भाजपा अपने साठ महिने की शासन में पुरी कर पायेगी क्या?यह तो जनता खुद भविष्य में तय करेगी|या फिर अभी से ही तय कर चुकी है|मैने तो आनेवाले लोकसभा चुनाव परिणाम मंथन में भविष्य की चुनाव रिजल्ट के बारे में यह तय किया है कि यदि आनेवाले लोकसभा चुनाव में पुरानी उसी वोटिंग मशीन के साथ चुनाव हुए और वोट देने के बाद मिलने वाली रसिद मिलने या फिर उसकी ठीक से गिनती करने की सारी इंतजाम करने की माहौल न बनाकर इसी तरह का ही इंतजाम यदि रहा अगले लोकसभा चुनाव 2019 में भी,तो फिर यह निश्चित है की विवादित पुराना वोटिंग मशीन की गिनती में भाजपा फिर से भारी बहुमत से जीतकर आयेगी|जिसके लिए उपचुनाव में छोटी मोटी हार का चारा डालकर बड़ी जीत दर्ज कराने की सारी तैयारी कर चुकी है|खासकर यदि वाकई में वह पिछली कई चुनाव में वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ कराकर 4G मोबाईल टावर वगैरा के जरिये फर्जी जीत दर्ज करा चुकी है|इसलिये अपकीबार या तो पुराने तरिके से मत पत्र द्वारा लोकसभा चुनाव कराया जाय या फिर वोटिंग मशीन में भारी अपडेट करके उसमे वोट करने के बाद जो रसिद निकलती है, उसकी गिनती करने के साथ साथ उसकी एक पर्ती वोट करने वाले मतदाता को भी मिले यह सुविधा भी उपलब्ध कराया जाय वोटिंग मशीन में|क्योंकि यदि नोट निकालने वाली एटीएम मशीन में नोट निकलने के बाद निजि रसीद निकलने की सुविधा भी उपलब्ध है,तो फिर वोट डालने के बाद निजि वोट का रसीद निकलने की सुविधा वोटिंग मशीन में उपलब्ध क्यों नही अपडेट हो सकती है?जिन सारे सवालो का जवाब अपने मन में ही खोजकर यदि आधा से अधिक मतदाताओ को मेरी ये मांग और सुझाव अच्छी लग रही है,और वे मेरी बातो का समर्थन कर रहे हैं तो वे जरुर इस बात पर गंभीरता पुर्वक गौर करे कि यदि मेरी बातो को नजरअंदाज कर दिया गया सरकार या फिर बाकि उन लोगो के द्वारा जो कि मेरी बातो पर यकिन नही कर रहे हैं,तो फिर एकबार मैं फिर से दोहराना चाहुँगा कि भारी चुक होगी यदि वर्तमान की तरह पुरानी वोटिंग मशीन में विश्वाश करके आनेवाली लोकसभा चुनाव 2019 हुए!बजाय इसके की वोटिंग मशीन का अपडेट करके सबके अच्छे दिन वाकई में आए ऐसी चुनाव हो|न कि इसी तरह के बुरे दिन की मौजुदगी में अच्छे दिन आ गए हैं विश्वाश करके उस पुराने वोटिंग मशीन पर ही वोट किया जाय जिससे कोई पर्ची नही निकलती है वोट करने के बाद!और अगर निकलती भी है तो उसकी गिनती नही होती है|सिर्फ डीजिटल वोट कि गिनती होती है|जिस डीजिटल वोट की गिनती करना आधुनिक भारत और डीजिटल इंडिया की विकाश में कितने वोटर जानते हैं?जिसका फायदा उठाकर ही तो वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ करना मुमकिन हो पाया होगा यदि सचमुच में वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ हुआ होगा|और अगर पिछली कई चुनाव में छेड़छाड़ हुआ होगा तो याद रहे अगली लोकसभा चुनाव में भी भारी छेड़छाड़ जरुर होनेवाले हैं|जिसकी फंदा लगाकर चारा उपचुनाव में छोटी मोटी हार दर्ज कराकर चारा डाली जा चुकि है|अथवा बड़ी जीत दर्ज कराने की सारी तैयारी हो चुकी होगी|और यदि सारी तैयारी हो चुकी है तो फिर सबके अच्छे दिन नही आने वाले हैं बल्कि भारी छेड़छाड़ के साथ अपकीबार का लोकसभा चुनाव 2019 होनेवाले हैं|बल्कि यदि कांग्रेस के भी पक्ष में चुनाव परिणाम निकले तो भी प्रमुख विपक्षी पार्टी की जीत हो गई है इस बात पर मुझे यकिन तबतक नही होगा जबतक की वोटिंग मशीन के साथ वही पुरानी प्रक्रिया दोहराई जाती रहेगी और कांग्रेस भाजपा भितर से गले मिले हुए हैं इस बात पर यकिन करने की झांकी दिखती रहेगी|क्योंकि फिलहाल भी मेरे लिए तो भाजपा जीते या फिर कांग्रेस जीते,दोनो ही भाजपा कांग्रेस युक्त भितर ही भितर वोट का आपसी विलय करने वाली एक ही पार्टी हैं|खैर ये तो हिन्दुस्तान की जनता खुद अपने विचार से तय करे,मैने तो अपना विचार रख सिर्फ गिने चुने लोगो के पास रख दिये हैं,क्योंकि अफसोश होता है मुझे यह लिखते हुए कि मेरी यह ज्ञान हिन्दुस्तान के सायद सौ वोटर को भी नही पहुँच पायेगी|इसलिए काश कि मेरी ब्लॉगर साईट में ऐसे पाठक प्रवेश कर सके जो कि मेरी इस ज्ञान को हिन्दुस्तान के ज्यादे से ज्यादे नागरिको को बांट सके|

शनिवार, 17 मार्च 2018

लोकसभा चुनाव 2019 मंथन में क्या परिणाम निकलने वाले हैं


अगर पिछले कई चुनाव में वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ करके लोकतंत्र की हत्या करने की सुपारी वाकई में दी जा रही थी,तो फिर वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ करके पिछली कई चुनाव जितने वाली जिस सरकार पर वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ कराने का गंभीर आरोप लगते रहे हैं,उसके द्वारा अब किसी छोटी उपचुनाव में हार जाना,आनेवाली बड़ी लोकसभा चुनाव 2019 के लिए छोटी मोटी हार का चारा डालना बड़ा मकसद हो सकता है|जिसे बहुत बड़ी जीत समझकर ज्यादे बड़ी जीत को कहीं न गवा दिया जाय|क्योंकि यदि सचमुच में वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ करने की सारी अपडेट प्रक्रिया इससे पहले कि जा चूकी है तो फिर यह भी अपडेट प्रक्रिया निश्चित जरुर हो गई होगी कि उपचुनाव में छोटी मोटी हार चारा डालकर सबको इस बात पर विश्वाश में ले लिया जाय कि वोटिंग मशीन के साथ कोई भी छेड़छाड़ वाकई में नही किया जा सकता है|जिसके बाद पिठ पिच्छे विश्वाश घात करके वोटिंग मशीन के साथ विश्वास की आड़ लेकर आनेवाली लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से फिर से सरकार बनाने की प्रक्रिया अपडेट कि जा सकती है|जो बिल्कुल मुमकिन है, क्योंकि यदि वोटिंक के दिन भी किसी वोटिंग मशीन का बिगड़ना और उसमे फिर सुधार करना मुमकिन है,तो फिर उसके साथ छेड़छाड़ करना भी बिल्कुल मुमकिन है|और यदि वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ करना मुमकिन है तो फिर किसी चुनाव में 4G का इस्तेमाल करके 4G स्पीट से फर्जी जीत दर्ज करना भी मुमकिन है|इसलिए यदि वोटिंग मशीन के साथ पिछली कई चुनाव में फर्जी जीत दर्ज की जा चुकि है,जो बात कई राजनैतिक पार्टियाँ और कई तकनिकि विद्वान भी मानते हैं,तो फिर इस पिड़ित जनता की मन की बात को भी मानकर आनेवाले भविष्य को लेकर मन में ये बात बिठा लेना चाहिए कि भविष्य में होनेवाली लोकसभा चुनाव यदि बिना कोई वोटिंग मशीन छेड़छाड़ विवाद के भारी फर्जी बहुमत से नही हारनी हो तो अपकीबार का जो लोकसभा चुनाव होनेवाली है,उसमे वोटिंग मशीन में खास ऐसी अपडेट कराके चुनाव हो जिसके बारे में मैने कुछ सुझाव दिए हैं|क्योंकि वर्तमान की सरकार यदि वाकई में वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ कराकर पिछली कई चुनाव फर्जी तरिके से जीत चुकि है,तो फिर से वह आनेवाली लोकसभा चुनाव में भी भारी बहुमत से जीतकर दुबारा से केन्द्र सत्ता में आने की तैयारी करने के लिए उपचुनाव में छोटी मोटी हार का चारा डाल चुकी है|जिसे चुगने का मतलब 2019 का भी लोकसभा चुनाव को चुक जाना है|क्योंकि मुझे पुरा विश्वाश ही नही बल्कि यकिन भी है कि भाजपा यदि साठ महिना साईनिंग इंडिया शासन चलाकर बुरी तरह से हार सकती है,तो फिर साईनिंग इंडिया का नेतृत्व कर रहे बड़े नेता के द्वारा जिस छोटे नेता को अपना राज धर्म का पालन करने की बाते कही गयी थी,उसके नेतृत्व में भाजपा साठ साल बनाम साठ महिने का अवसर फिर से मांगकर राज धर्म अपडेट होकर देश और प्रजा की सेवा धर्म का पालन अब ठीक से हो रहा है कि नही,ये खुद भाजपा के भी बहुत से नेताओ के विचार से पता चल जाता है कि देश और प्रजा सेवा धर्म का ठीक से पालन नही हो रहा है|और जब देश और प्रजा सेवा धर्म का पालन यदि ठीक से नही हो रहा है तो फिर निश्चित रुप से यह तय है कि देश के ज्यादेतर नागरिक इस डीजिटल इंडिया की सरकार को पिछली लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से चुनकर खुदको ठगा ठगा महसुश कर रहे होंगे|क्योंकि सरकार के पुरे देश और प्रजा की सेवा कार्यकाल में ज्यादेतर समय सरकार द्वारा देश की सारी सुख संसाधनो का भरपुर उपयोग करके हवा हवाई विदेश दौरा वगैरा महंगी महंगी खुदकी सेवा करने और सेल्फी लेने और सुट बुट पहने में ही बित गई है|जिस सरकार के कार्यकाल गुजरने में ज्यादे से ज्यादे अब पाँच साल में एक साल ही बच गए हैं|और जाहिर है जब सरकार लगभ चार साल में जमिन से जुड़ी हुई मुल समस्याओ का समाधान भी यदि नही निकाल सकी है तो बाकि बचे एक साल में क्या ऐसा करेगी जिससे की सबके अच्छे दिन वाकई में आनेवाले हैं?क्योंकि बहुत जल्द लोकसभा चुनाव 2019 आनेवाले हैं,जिसमे चुनाव प्रचार के दौरान वर्तमान की भाजपा सरकार फिर से क्या हर साल दो करोड़ बेरोजगारो को नौकरी मिली?जैसे सवाल अपने चुनावी मंच से दोहराने वाली है?और जिस भाषन अश्वाशन को जुमला कह दिया गया है मसलन "चोर लुटेरो ने जो विदेशो में इतना सारा कालाधन छिपाकर रखा है कि उसे वापस लाने से एक एक गरिब के खाते में मुफत में पंद्रह बीस लाख यू ही मिल जायेंगे"ऐसी ही भाषन अश्वाशन फिर से दोहराने जानेवाली है क्या?इतना ही नही बहुत हुआ किसान पर अत्याचार,अपकीबार भाजपा की सरकार,बहुत हुआ भ्रष्टाचार,अपकीबार भाजपा सरकार,बहुत हुई महंगाई की मार,अपकीबार भाजपा सरकार,बहुत हुआ नारी पर वार,अपकीबार भाजपा सरकार,बहुत हुआ रोजगार का इंतजार,अपकीबार भाजपा सरकार,बहुत हुआ घोटालो का व्यापार,अपकीबार भाजपा सरकार,वगैरा वगैरा ऐसे तमाम वादे जिसे पिछली लोकसभा चुनाव में भाजपा जनता के बिच जाकर वादा करके भारी बहुमत से जितकर आई थी|जिन वादो को भाजपा अपने साठ महिने की शासन में पुरी कर पायेगी क्या?यह तो जनता खुद भविष्य में तय करेगी|या फिर अभी से ही तय कर चुकी है|मैने तो आनेवाले लोकसभा चुनाव परिणाम मंथन में भविष्य की चुनाव रिजल्ट के बारे में यह तय किया है कि यदि आनेवाले लोकसभा चुनाव में पुरानी उसी वोटिंग मशीन के साथ चुनाव हुए और वोट देने के बाद मिलने वाली रसिद मिलने या फिर उसकी ठीक से गिनती करने की सारी इंतजाम करने की माहौल न बनाकर इसी तरह का ही इंतजाम यदि रहा अगले लोकसभा चुनाव 2019 में भी,तो फिर यह निश्चित है की विवादित पुराना वोटिंग मशीन की गिनती में भाजपा फिर से भारी बहुमत से जीतकर आयेगी|जिसके लिए उपचुनाव में छोटी मोटी हार का चारा डालकर बड़ी जीत दर्ज कराने की सारी तैयारी कर चुकी है|खासकर यदि वाकई में वह पिछली कई चुनाव में वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ कराकर 4G मोबाईल टावर वगैरा के जरिये फर्जी जीत दर्ज करा चुकी है|इसलिये अपकीबार या तो पुराने तरिके से मत पत्र द्वारा लोकसभा चुनाव कराया जाय या फिर वोटिंग मशीन में भारी अपडेट करके उसमे वोट करने के बाद जो रसिद निकलती है, उसकी गिनती करने के साथ साथ उसकी एक पर्ती वोट करने वाले मतदाता को भी मिले यह सुविधा भी उपलब्ध कराया जाय वोटिंग मशीन में|क्योंकि यदि नोट निकालने वाली एटीएम मशीन में नोट निकलने के बाद निजि रसीद निकलने की सुविधा भी उपलब्ध है,तो फिर वोट डालने के बाद निजि वोट का रसीद निकलने की सुविधा वोटिंग मशीन में उपलब्ध क्यों नही अपडेट हो सकती है?जिन सारे सवालो का जवाब अपने मन में ही खोजकर यदि आधा से अधिक मतदाताओ को मेरी ये मांग और सुझाव अच्छी लग रही है,और वे मेरी बातो का समर्थन कर रहे हैं तो वे जरुर इस बात पर गंभीरता पुर्वक गौर करे कि यदि मेरी बातो को नजरअंदाज कर दिया गया सरकार या फिर बाकि उन लोगो के द्वारा जो कि मेरी बातो पर यकिन नही कर रहे हैं,तो फिर एकबार मैं फिर से दोहराना चाहुँगा कि भारी चुक होगी यदि वर्तमान की तरह पुरानी वोटिंग मशीन में विश्वाश करके आनेवाली लोकसभा चुनाव 2019 हुए!बजाय इसके की वोटिंग मशीन का अपडेट करके सबके अच्छे दिन वाकई में आए ऐसी चुनाव हो|न कि इसी तरह के बुरे दिन की मौजुदगी में अच्छे दिन आ गए हैं विश्वाश करके उस पुराने वोटिंग मशीन पर ही वोट किया जाय जिससे कोई पर्ची नही निकलती है वोट करने के बाद!और अगर निकलती भी है तो उसकी गिनती नही होती है|सिर्फ डीजिटल वोट कि गिनती होती है|जिस डीजिटल वोट की गिनती करना आधुनिक भारत और डीजिटल इंडिया की विकाश में कितने वोटर जानते हैं?जिसका फायदा उठाकर ही तो वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ करना मुमकिन हो पाया होगा यदि सचमुच में वोटिंग मशीन के साथ छेड़छाड़ हुआ होगा|और अगर पिछली कई चुनाव में छेड़छाड़ हुआ होगा तो याद रहे अगली लोकसभा चुनाव में भी भारी छेड़छाड़ जरुर होनेवाले हैं|जिसकी फंदा लगाकर चारा उपचुनाव में छोटी मोटी हार दर्ज कराकर चारा डाली जा चुकि है|अथवा बड़ी जीत दर्ज कराने की सारी तैयारी हो चुकी होगी|और यदि सारी तैयारी हो चुकी है तो फिर सबके अच्छे दिन नही आने वाले हैं बल्कि भारी छेड़छाड़ के साथ अपकीबार का लोकसभा चुनाव 2019 होनेवाले हैं|बल्कि यदि कांग्रेस के भी पक्ष में चुनाव परिणाम निकले तो भी प्रमुख विपक्षी पार्टी की जीत हो गई है इस बात पर मुझे यकिन तबतक नही होगा जबतक की वोटिंग मशीन के साथ वही पुरानी प्रक्रिया दोहराई जाती रहेगी और कांग्रेस भाजपा भितर से गले मिले हुए हैं इस बात पर यकिन करने की झांकी दिखती रहेगी|क्योंकि फिलहाल भी मेरे लिए तो भाजपा जीते या फिर कांग्रेस जीते,दोनो ही भाजपा कांग्रेस युक्त भितर ही भितर वोट का आपसी विलय करने वाली एक ही पार्टी हैं|खैर ये तो हिन्दुस्तान की जनता खुद अपने विचार से तय करे,मैने तो अपना विचार रख सिर्फ गिने चुने लोगो के पास रख दिये हैं,क्योंकि अफसोश होता है मुझे यह लिखते हुए कि मेरी यह ज्ञान हिन्दुस्तान के सायद सौ वोटर को भी नही पहुँच पायेगी|इसलिए काश कि मेरी ब्लॉगर साईट में ऐसे पाठक प्रवेश कर सके जो कि मेरी इस ज्ञान को हिन्दुस्तान के ज्यादे से ज्यादे नागरिको को बांट सके|और मेरे द्वारा बांटा गया ज्ञान यदि पसंद आये तो इन दिनो चूँकि मेरी आर्थिक हालत बहुत खराब चल रही है,इसलिए अपनी इच्छा अनुसार जो भी उचित लगे पाठकगण मेरी मदत कर दिजियेगा|जिसे प्राप्त करने से पहले मैं अपने बारे में कुछ निजि जानकारी सुख दुःख समझकर आपलोगो से जरुर बांटना चाहुँगा कि मेरे इस ब्लॉग को पढ़ने वाले चाहे मेरा विरोधी हो या फिर समर्थक,मेरा किसी के साथ कोई भी निजि विरोध नही है|मैं और मेरा विकलांग भाई निजि जिवन में शाकाहारी जिवन व्यक्तीत कर रहे हैं|हलांकि किशोर अवस्था से पहले मैं सर्वहारी था,लेकिन उस समय भी मैं सौ से अधिक सिर्फ शाग पत्ता वगैरा खाता था,जो आज भी समय समय पर खुद भी तोड़कर खाता रहता हुँ|जिसके जिवन का मुल मंत्र है कि यदि कोई प्राकृत और मानवता की भलाई के लिए तप कर रहा हो तो शराब,शबाब और कबाब इन तीन चीजो की लत से हमेशा दुर ही रहे|और ऐसे भले लोगो के द्वारा प्राकृत को भी अपना सबसे बड़ा गुरु मानकर ज्ञान अर्जित किया जाना चाहिए,बल्कि मैं तो अपना सबसे बड़ा गुरु प्राकृत को ही मानता हुँ|खैर मेरी बात पर यदि किसी को यकिन हो तो मेरी इस खुद ही उँगली करके अपने हाथो ऑनलाईन ज्ञान बांट रा हुँ|जिसके बदले दान दक्षिणा समझकर मेरे द्वारा निचे दिए गए Paypal खाते में जो उचित लगे उतनी राशि डाल दिजियेगा,बड़ी मेहरबानी होगी आप और आपके परिवार की!क्योंकि आपके द्वारा दिए गए छोटी राशि भी इस समय मेरे और मेरे विकलांग भाई के लिए बुंद बुद से बहुत बड़ी राहत प्रदान कर सकती है|बाकि आपकी मर्जी,वैसे भी मेरी जिवन में पहले से ही बहुत बुरे दिन चल रहे हैं|जिसमे यदि कांग्रेस सरकार ने जख्म दिए है तो भाजपा सरकार ने उस पुराने जख्म को और ताजा करके उसमे नमक डालने का सेवा कर रही है|जिसकी सेवा पाकर इतने बुरे दिन चल रहे है की मैं अपने विकलांग भाई को पिछले कई सालो से घर से बाहर की दुनियाँ और प्राकृती के बिच नही ले जा पा रहा हुँ उसका ठीक से इंतजाम न करा पाने की वजह से,सिवाय इसके कि उसकी बेवशी में भी उसकी मजबुत आत्मविश्वाश को देखकर मैं चाहकर भी उसके लिए कुछ ऐसा खाश नही कर पा रहा रहा हुँ,जिससे की उसके रोजमरा जिवन में ऐसी बेहत्तर सुधार हो सके जिससे कम से कम वह बाहर आना जाना कर सके|जिसके लिए ऑनलाईन कुछ अतिरिक्त कमाई हो जाय इसके लिए मैने ज्ञान बांटने की भलाई के साथ कुछ अतिरिक्त कमाई करने के लिए जो एडसन खाता इस ब्लॉगर साईट से जोड़ा था उससे भी अबतक कमाई होना सुरु नही हुआ है|क्योंकि मेरी इस तरह की ज्ञान को लेने के लिए सिर्फ गिने चुने ही पाठक मेरी इस ब्लॉगर साईट पर आ रहे हैं|जिसमे सुधार के लिए आप उन गिने चुने पाठको में कुछ भी न हो सके तो आप गिने चुने पाठको में से इतनी उम्मीद तो जरुर कर रहा हुँ कि मेरा यह पोस्ट अपने दोस्त रिस्तेदार और बाकि करिबियो को भी जरुर बांटी जाय"क्योंकि ज्ञान बांटने से बड़ता है और छुपाने से घटता है"|आप सब मेरी इस साईट पर आए इसके लिए धन्यवाद!
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The chains of slavery

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