चाय पकौड़ा बेचकर सबसे धन्ना कुबेर और प्रधान सेवक बनने की खास उदाहरन देश के सामने जो मौजुद है यदि झुठ बात हुई,तब तो फिर वर्तमान के प्रधान सेवक को उस गरिबी के बारे में पता ही नही होगा जिसकी बाते करके वे मैं भी गरिबी जिवन को जिया हुँ कहकर चुनाव का समय आने पर इमोशनल अत्याचार करके माथे में धुल मिट्टी लगाकर भी गरिबो से वोट मांगते हैं|जिस मिट्टी को अमिरी बंगला में जाकर जरुर साफ करके नया सुट बुट धारन करते होंगे|क्योंकि वे जिस तरह कि गरिबी कि बाते करते हैं,उसमे मेरे ख्याल से ज्यादेतर किसी को हर रोज सुट बुट की ही कमी महशुश होती होगी,जिसकी जरुरत को पुरा करने के लिए ही ज्यादेतर डीजिटल सपने देखी जाती होगी|न कि अन्न जल की कमी को दुर करने के लिए दिन रात संघर्ष होती होगी|और जिस गरिब बीपीएल की बाते करके अपने माथे में धुल मिट्टी लगाकर वोट मांगी जाती होगी उस गरिबी को यदि वाकई में प्रयोगिक महशुस की गई होगी तो भी अब निश्चित तौर पर या तो उसे जमिनी स्तर पर भुला दी गई होगी या फिर सचमुच में वैसी गरिबी भुखमरी जिवन कभी जी ही नही गई होगी|बल्कि अन्न जल की कमी से जिवन स्तर उपर उठाकर सुट बुट गाड़ी बंगला वगैरा की कमी को पुरा करने की सपने देखे जानेवाली गरिबी बेरोजगारी जिवन जी गई होगी,जैसे की आज भी ऐसे बहुत से गरिब बेरोजगार हैं जो प्रमुख रुप से पेट के लिए रोजगार नही खोजते हैं,बल्कि ज्यादेतर अपनी वर्तमान की जिवन स्तर में अमिरी के रुप में सुट बुट गाड़ी बंगला वगैरा किमती किमती चीजो की इच्छायें पुरी हो,इसके लिये रोजगार की तलाश कर रहे होते हैं|जिसके चलते ऐसे गरिब बेरोजगारो को गरिबी रेखा से निचे की उस जिवन के बारे में प्रयोगिक रुप से नही पता होता है,जिसमे किसी इंसान के द्वारा भरपेट भोजन करने की नसीब खुलने के बारे में ही ज्यादेतर सपने देखे जाते हैं|इस देश में यू ही इतने गरिब बीपीएल कार्ड नही बांटे जाते हैं|क्योंकि कड़वा सत्य यही है कि अभी भी डीजिटल इंडिया की सरकार के नेतृत्व में करोड़ो लोग डीजिटल इंडिया कि जिवन तो दुर सरकारी राशन कार्ड और सरकारी राशन सब गरिब बीपीएल को नसीब हो जाय ऐसी नसीबवाला सरकार आजतक किसी भी चुनाव के बाद देश को आजतक भी नसीब नही हुआ है|क्योंकि आजतक कोई भी सरकार यह पता ठीक से नही कर पाई है कि देश में कितने गरिब हैं,और कितने गरिबी रेखा से निचे का गरिब अथवा बीपीएल हैं?सिर्फ सबको रोजगार मिल रही है,गरिबी भुखमरी दुर हो गई है,ऐसी बाते आधुनिक,साईनिंग,डीजिटल हवा हवाई तो कही जाती है,पर जमिनी स्तर पर अन्न जल के लिए भी करोड़ो लोग आज भी अजादी से लेकर अबतक तरस रहे हैं|जो कि कुपोषन का शिकार होकर हर रोज इस उम्मीद के साथ जि रहे हैं कि कम से कम उन्हे रोजमरा जिवन की मुल जरुरत अन्न जल रोटी कपड़ा और मकान भी ठीक से नसीब हो जाय|और यदि उससे आगे डीजिटल इंडिया ही अपडेट करनी है तो पहले स्कूल अस्पताल सड़क बिजली वगैरा भी यदि सबके जिवन में आ जाय तो गरिब बीपीएल भारत के लिए डीजिटल बुलेट ट्रेन या फिर मंगल यान की सवारी करने से भी बड़ी ऐसी उपलब्धी हासिल की जा सकती है,जिसके बाद ही सोने की चिड़ियाँ अपडेट के लिए एकदम से तैयार मानी जा सकती है|जिसे तैयार करने वाली सरकार को सबसे बेहत्तर सरकारी सेवा और विकाश करने वाली सपने साकार सरकार मानकर देश का हर गरिब का वोट उस सरकार को मिल जायेगी जो बुलेट ट्रेन लाने से पहले ही ये सब काम करके दिखला देगी|जिस तरह कि सेवा उम्मीद करके अपनी जिवन में डीजिटल इंडिया से पहले गरिबी भुखमरी मुक्त इंडिया की सपने देखने वाले ज्यादेतर लोग पिछली लोकसभा चुनाव में भी पंद्रह बीस लाख वगैरा जुमला सुनकर वोट किये होंगे|न कि कर्ज लेकर बुलेट ट्रेन लाने और एफडीआई लाने के लिए वोट किए होंगे|जैसे कि कभी गरिबी हटाओ की झुठी भाषन अश्वाशन सुनकर कांग्रेस पार्टी की सरकार को भारी बहुमत से गरिबी हटाने के लिए वोट किये होंगे|जिन बहुसंख्यक गरिब बीपीएल कार्ड धारक अबादी में चाय या पकौड़ा बेचने के साथ साथ देश में हजारो ऐसी छोटी मोटी काम करने वाले लोग हैं,जो सरकारी रोजगार तो नही कर रहे हैं,पर हर रोज जो कुछ भी दिन रात मेहनत करके कमाते हैं,चाहे कड़ी धुप हो या फिर हाड़ कंपा देनेवाली ठंड हो निर्माण और घरैलू वगैरा सेवा के कार्यो में सबसे अधिक गरिब ही लगे रहते हैं|जिससे उनकी लाखो रुपये की सुट बुट का सपना तो दुर रोजमरा की मुल जरुरत अन्न जल रोटी कपड़ा और मकान भी ठीक से नही मिल पा रही है|जिसे यदि किसी को साक्षात रुप से देखनी हो तो मैने जो झांकी दिखलाया है उसकी पुरी सत्य फिल्म बीपीएल भारत के रुप में देख ली जाय अजादी से लेकर अबतक जो कांग्रेस की नेतृत्व आधुनिक भारत गरिबी हटाओ से लेकर भाजपा नेतृत्व साईनिंग इंडिया डीजिटल इंडिया का विकाश का पैमाना जितनी अबादी पुरे देश की अजादी के समय मौजुद थी उतनी लगभग आज बीपीएल भारत मौजुद है|
In order to bring about a balanced change in the humanity and environment of the whole world, I have given my views about politics, religion, Chunav Vagaira. पूरी दुनिया की मानवता और पर्यावरण में एक संतुलित बदलाव लाने के लिए, मैंने राजनीति, धर्म, सरकार चूनाव वगैरा के बारे में अपने विचार दिए हैं। pooree duniya kee maanavata aur paryaavaran mein ek santulit badalaav laane ke lie, mainne raajaneeti, dharm, choonav vagaira ke baare mein apane vichaar die hain.
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