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रविवार, 25 मार्च 2018

हिन्दुस्तान में हिन्दी अपनी माँ Mother India का दुध है और अँग्रेजी दुसरे की माँ का दुध है

अँग्रेजो से देश अजाद हुए कई दसक बित चुके हैं,पर अबतक भी अँग्रेजो की अँग्रेजी भाषा ही सारे प्रमुख क्षेत्रो में अपनी दबदबा बनाई हुई है|बजाय इसके कि कोई इसी देश की भाषा को अपनी दबदबा बनानी चाहिए थी|देशी लोग देशी भाषा कहकर लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में देशी भाषा ही हावी रहनी चाहिए थी!जो न होकर चारो तरफ अंग्रेजी को बड़ावा देकर मानो ऐसा हालात पैदा किया जा रहा है,जैसे इस देश में सैकड़ौ देशी भाषा बोलने वाले सब विदेशी अँग्रेजी बोलना चाहते हैं,इसलिए अँग्रेजी को ज्यादे मान्यता दी गई है|अपने माता पिता की भाषा को ज्यादे मोल न देकर मानो अँग्रेजी को ही अपना माता पिता की भाषा मानकर ऐसे अँग्रेजी बड़बड़ाते हुए जताना चाहते हैं,जैसे रुस जपान चीन जर्मनी वगैरा देश जो की अपनी देशी भाषा को ही ज्यादे बड़ावा दिये हैं,उससे भी ज्यादे तरक्की हिन्दुस्तान में सभी कर लेंगे यदि देश के लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में सभी लोग अंग्रेजी बड़बड़ायेंगे!और  अँग्रेजी को ही देश में हमेशा दबदबा बनाये रखने देंगे|जिसे सारांश में कहुँ तो गोरो से अजादी जस्न अँग्रेजी से मनाई जा रही है|और अजाद रहने का पाठ अँग्रेजी से पढ़ाई जा रही है|जिसके चलते ही आजतक भी अजाद कहलाने वाला इस देश में बहुत से नागरिक ये कहते हुए मिल जायेंगे कि पुरी अजादी मिलना अभी बाकी है,गोरो से अजादी तो सिर्फ झांकी है|क्योंकि जनता मालिक गरिबी भुखमरी से मर रहे हैं,और खुदको जनता मालिक का नौकर बतलाने वाले अच्छा खासा खा पीकर मर रहे हैं!जिसे अजादी से लेकर अबतक का मालिक नौकर का रिस्ता निभाने की इतिहास खोलकर बेहत्तर तरिके से जानी समझी जा सकती है कि कितने मंत्री और उच्च अधिकारियो की मौत गरिबी भुखमरी से अबतक हुई है,और कितनो के साथ बलात्कार और शोषन अत्याचार वगैरा हुए हैं?महिला बच्चे और बुढ़े बुजुर्ग भी भुख और कुपोषन से मरते रहे और हर रोज लुट हत्या और बलात्कार की घटना अनगिनत संख्या में होती रहे,ऐसे खराब हालत में सिर्फ भांग खाये बंदर की तरह उछल कुद करते रहने से कुछ भी ऐसा नही होनेवाला है जिसे औसतन भी बेहत्तर सेवा मान लिया जायेगा|बल्कि मेरे विचार से तो जो सेवक चुनाकर अपने सेवा कार्यकाल में औसतन सेवा भी यदि देने में कामयाब नही हो पाये अपने जनता मालिक को रोजमरा जिवन की जरुरत का कम से कम मुल अन्न जल रोटी कपड़ा और मकान स्कूल अस्पताल वगैरा न दे पाकर गरिबी भुखमरी और कुपोषन से मरते हुए नागरिक को देखकर,तो उस सेवक पार्टी या व्यक्ती को दुबारा से कभी भी देश का शासक नही चुनना चाहिए,जबतक की देश में कोई दुसरी पार्टी और सेवक बहाली लाईन में मौजुद हो अपनी बेहत्तर सेवा देने के लिए|


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