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दरसल हिन्दु धर्म की बुराई इस देश के मुलनिवासियो को अपना धर्म परिवर्तन कराने के लिए सोची समझी रणनिती के तहत किया जा रहा है

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दरसल हिन्दु धर्म की बुराई इस देश के मुलनिवासियो को अपना धर्म परिवर्तन कराने के लिए सोची समझी रणनिती के तहत किया जा रहा है  इसलिए भी इस देश के खासकर उन मुलनिवासियो को हिन्दु धर्म का बुराई सुनते पढ़ते और देखते समय धर्म परिवर्तन करने से पहले एकबार इस बारे में विचार जरुर कर लेनी चाहिए कि जिन मनुवादियो के द्वारा ढोंग पाखंड और छुवा छुत करके हिन्दु धर्म की बुराई करने का अवसर दिया जा रहा है , उन मनुवादियो का डीएनए यहूदियो से क्यों मिलता है | बल्कि यहूदियो के पूर्वज और मुस्लिम तथा ईसाई धर्म को जन्म देने वालो का पूर्वज भी एक माने जाते हैं | क्योंकि अब्राहम को यहूदी, मुस्लिम और ईसाई ये तीनो धर्मों के लोग अपना पितामह मानते हैं | जिन तीनो धर्मो में अपना धर्म परिवर्तन करके जाने वाले इस देश के मुलनिवासी अपना पितामह किसे मानते हैं ? क्योंकि इन तीनो धर्मो का जन्म इस देश में नही हुआ है | और जहाँ पर भी हुआ है वहाँ के मुलनिवासियो ने ही यहूदि ईसाई और मुस्लिम धर्म को जन्म दिया है | जिनके डीएनए से इस देश के मुलनिवासियो का डीएनए नही मिलता है | बल्कि यहूदियो का डीएनए से इस देश में बाहर से आए मन

छुवा छुत करने वाले असली हिन्दु हैं कि मिल जुलकर बारह माह प्रकृति पर्व त्योहार मनाते हुए छुवा छुत का शिकार होने वाले असली हिन्दु हैं ?

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छुवा छुत करने वाले असली हिन्दु हैं कि मिल जुलकर बारह माह प्रकृति पर्व त्योहार मनाते हुए छुवा छुत का शिकार होने वाले असली हिन्दु हैं ?  इस कृषि प्रधान देश के मुलनिवासी आज भी लाखो करोड़ो की संख्या में हर रोज कबिलई मनुवादियो के द्वारा शोषन अत्याचार का शिकार होकर धर्म परिवर्तन के लिए आखिर मजबूर क्यों किए जा रहे हैं | जिनको हिन्दु वेद पुराण का मतलब मनुस्मृती और मुल हिन्दु का मतलब मनुवादि क्यों रटाया जा रहा है | जैसे कि यहूदि का मतलब यीशु को सुली पर चड़ाने वाले और मुस्लिम का मतलब आतंकवादी और ईसाई का मतलब कई देशो को गुलाम करके लुटपाट करने वाले रटाया जाता | जिस तरह के रटा मारने वालो के लिए तो मानो सारे हिन्दु वेद पुराण और बारह माह मनाये जाने वाले हिन्दु पर्व त्योहार हमारे पूर्वजो की रचना नही है | बल्कि उन मनुवादियो की रचना है जिन्होने छुवा छुत मनुस्मृती की रचना की है , जिनके रगो में यहूदियो का डीएनए दौड़ रहा है | यानी उनकी नजर में असली हिन्दु वह है जो छुवा छुत ढोंग पाखंड करता है | और बाकि लोग मनुवादियो द्वारा गुलाम और दास दासी बनाये जाने के लिए बाद में हिन्दु बनाए गए हैं | जिसस

21 मई 2001 को The Times of india अखबार में छपी डीएनए रिपोर्ट और पिंक क्रांती की रिपोर्ट से प्रमाणित हो चुका है कि मनुवादियो के मन में पशु नारी और शुद्र ताड़न के अधिकारी क्यों आया होगा ?

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21 मई 2001 को The Times of india अखबार में छपी डीएनए रिपोर्ट और पिंक क्रांती की रिपोर्ट से प्रमाणित हो चुका है कि मनुवादियो के मन में पशु नारी और शुद्र ताड़न के अधिकारी क्यों आया होगा ? हिन्दु पुजा में प्रकृति से जुड़ी सत्य का प्रतिक पत्थर शिव लिंग योनी और नदी कुँवा तलाव पेड़ पौधा भूमि पत्थर वगैरा की पुजा की जाती है | जो कि बारह माह प्रकृति पर्व त्योहार मनाकर भी की जाती है | जो प्रकृति भगवान साक्षात इसी दुनियाँ में मौजुद है | जिसकी पुजा को बिना पंडित के पुजा करते हुए ग्राम शहर दोनो जगह प्रयोगिक रुप से सबसे अधिक देखे जा सकते हैं | जिसमे प्रकृति हवा पानी आग सुर्य वगैरा को वायुदेव जलदेव अग्निदेव सुर्यदेव वगैरा देवो का नाम जोड़कर मनुवादि अपने ढोंग पाखंड नशा का व्यापार को ज्यादे से ज्यादे फैलाने की कोशिष में लगे हुए हैं | जिसके लिए इस कृषि प्रधान देश में जहाँ जहाँ पर भी किसी प्रकृति से जुड़ी पुजा स्थल या प्रकृति से जुड़ी परंपरा मिलती है  , उससे देवताओ का नाम जोड़कर ढोंग पाखंड नशे का विस्तार करना जारी है | यही वजह है कि जंगल झाड़ में भी जहाँ पर भी प्रकृति से जुड़ी पुजा स्थल

साक्षात मौजुद प्रकृति भगवान पुजा को ढोंग कहने वाले ढोंगी पाखंडियो का अदृश्य ईश्वर और अदृश्य स्वर्ग नर्क के बारे में क्या विचार है ?

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साक्षात मौजुद प्रकृति भगवान पुजा को ढोंग कहने वाले ढोंगी पाखंडियो का अदृश्य ईश्वर और अदृश्य स्वर्ग नर्क के बारे में क्या विचार है ?  सत्य का प्रतिक शिव लिंग पुजा को ढोंग पाखंड कहने वाले हो सके तो कभी विज्ञान द्वारा कथित उस अदृश्य स्वर्ग के बारे में भी पता कर लें जिसकी कामना मंदिर मस्जिद और चर्च वगैरा में आँख मुँदकर की जाती है | उन्हे पता चल जायेगा कि अदृश्य स्वर्ग की मान्यता सिर्फ आस्था और विश्वास पर अधारित है | जिसका अबतक कोई भी प्रमाण नही कि मरने वाले अपने जिवन में किए गए कर्मो और कुकर्मो के अनुसार ही आत्मा के रुप में इस सृष्टी से बाहर किसी और जगह स्वर्ग या नर्क में चला जाता हैं | अथवा मरने के बाद स्वर्ग या नर्क यात्रा होती है | जबकि साक्षात मौजुद प्रकृति भगवान के बारे में विज्ञान को भी पता है कि प्रयोगिक और प्रमाणित तौर पर प्रकृति रचना ढोंग पाखंड है कि स्वर्ग नर्क की रचना ढोंग पाखंड है | क्योंकि स्वर्ग नर्क की प्रमाणिकता पर विज्ञान ही नही बल्कि स्वर्ग नर्क पर यकिन करने वाले भी अपनी रोजमरा जिवन में उतने यकिन नही करते हैं जितने कि उन्हे प्रकृति भगवान की गोद में ही स्वर

साक्षात मौजुद प्रकृति भगवान की पुजा को ढोंग पाखंड कहने वाले दरसल असली ढोंगी पाखंडी हैं

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साक्षात मौजुद प्रकृति भगवान की पुजा को ढोंग पाखंड कहने वाले दरसल असली ढोंगी पाखंडी हैं  प्रकृति में साक्षात मौजुद सत्य का प्रतिक पत्थर शिव लिंग योनी पूजा के बारे में कुछ ढोंगी पाखंडी लोग यह गलत ज्ञान बांटने में लगे हुए हैं कि सत्य शिव लिंग योनी की पुजा ढोंग पाखंड अथवा गलत है | जो अपने माता पिता की लिंग योनी को भी सायद ढोंग पाखंड मानते होंगे | जिनके लिए तो सिर्फ अदृश्य माय बाप जैसे की मनुवादियो के पुर्वज लापता देवो का पुजा पाठ करना सही है | जो किसी को न दिखाई देते हैं , न सुनाई देते हैं , और न ही सभी इंसानो को उसके साक्षात मौजुद होने पर विश्वास है | जिसकी प्रमाणिकता विद्यालय में सायद ही किसी विषय पर पढ़ाई जाती है | जिस तरह कि अदृश्य अप्रकृति शक्ती द्वारा सृष्टी का सृजन और संचालन मान्यता को न मानने वाले करोड़ो लोग हैं , जिन्हे नास्तिक भी कहा जाता है | और साथ साथ आस्तिक कहे जाने वाले इंसानो द्वारा भी पैदा किया गया इतने सारे आपस में वाद विवाद करते अलग अलग बने कई धर्म भी हैं , जो दुसरे धर्मो के मान्यताओ को पुर्ण रुप से स्वीकार नही करते हैं  | जिसके चलते सभी धर्मो के धर्मग्रं

साक्षात प्रकृति भगवान की सच्चाई अनंत काल से स्थिर कायम है | जिसे कोई नही बदल सकता , भले चाहे जितना धर्म बदल ले

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साक्षात प्रकृति भगवान की सच्चाई अनंत काल से स्थिर कायम है | जिसे कोई नही बदल सकता , भले चाहे जितना धर्म बदल ले नशा से भी ज्यादे खतरनाक ढोंग पाखंड का नशा है , जिससे मुक्ती अपना धर्म बदलकर कभी नही होनेवाला है | क्योंकि जिस तरह दारु बीड़ि सिगरेट देश के सभी शहरो और ग्रामो में अपना पहुँच बना ली है , उसी तरह ढोंग पाखंड का नशा भी साक्षात मौजुद देश दुनियाँ में सभी जगह अपनी मौजुदगी बेहरुबिया बनकर बना चुका है | झाड़ु मारकर या मंत्र फुककर बिमारी ठीक करने का दावा करने वाले ढोंगी पाखंडी सिर्फ हिन्दु धर्म में मौजुद नही हैं कि इस धर्म से उस धर्म में जाने से सारी समस्याओं का समाधान अपना धर्म बदलने से हो जायेगा | क्योंकि ढोंगी पाखंडी सभी धर्मो में ढोंग पाखंड समस्या पैदा करने में लगे हुए हैं |  जिसके बारे में जानकर न तो नशा मुक्त होने के लिए सभी नागरिको को देश दुनियाँ को छोड़नी चाहिए , और न ही ढोंगि पाखंडियो से छुटकारा पाने के लिए किसी को अपने धर्म को छोड़नी चाहिए ! बल्कि ढोंग पाखंड का नशा जो कि सभी धर्मो में अपना पहुँच बना ली है , उस ढोंग पाखंड मिलावट को धर्म से बाहर करनी चाहिए | जैसे क

साक्षात मौजुद प्रकृति भगवान की पुजा हिन्दु धर्म में की जाती है , न कि मनुवादियो के पूर्वज देवो की पुजा की जाती है

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साक्षात मौजुद प्रकृति भगवान की पुजा हिन्दु धर्म में की जाती है , न कि मनुवादियो के पूर्वज देवो की पुजा की जाती है  दरसल मनुवादियो द्वारा हिन्दु धर्म के वेद पुराणो में ढोंग पाखंड का मिलावट करके खतरनाक नशे की व्यापार की तरह ही ढोंग पाखंड का व्यापार चल रहा हैं | जिसके चलते मनुवादियो के द्वारा बुरी तरह से शिकार होने वाले अँधविश्वास में डुबे पिड़ित लोग , ढोंग पाखंड नशा को अपने नश नश में इतनी गहराई तक उतार चुके हैं , कि वे इस कृषि प्रधान देश की प्राचिन सिंधु घाटी सभ्यता संस्कृति के नाम से ही जुड़ा हिन्दु धर्म को , इस देश के मुलनिवासियो का धर्म न बताकर , ढोंगी पाखंडियो का असली धर्म कहकर , कट्टर मनुवादियो को कट्टर हिन्दु बताकर ,  तेज बुखार में बार बार बड़बड़ाने के जैसा , अंड संड बड़बड़ाते हुए यह चर्चा कर रहे हैं , कि दुसरो के देश में गोद लिए गए मनुवादि ही असली कट्टर हिन्दु हैं | मनुवादियो के पुर्वज देव ही हिन्दु धर्म में सारी सृष्टी की रचना करने वाले भगवान , अथवा सबके पालनहार हैं | बल्कि ढोंग पाखंड का नशा मुक्त होने के लिए दुसरे धर्मो में जाने वालो द्वारा भी यहूदि डीएनए के मनुव

मुस्लिम शासन में जजिया कर न देने वाले यहूदि डीएनए के मनुवादि , आखिर कब अपना धर्म परिवर्तन करके हिन्दु बने ?

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मुस्लिम शासन में जजिया कर न देने वाले यहूदि डीएनए के मनुवादि , आखिर कब अपना धर्म परिवर्तन करके हिन्दु बने ? हिन्दु धर्म परिवर्तन करने और हिन्दु धर्म परिवर्तन करने पर विचार कर रहे मुलनिवासी इसे एकबार जरुर पढ़ें | और साथ साथ इस ज्ञान को बांटकर उन गलतफेमियों को दुर करें , जिनकी वजह से यहूदि डीएनए के मनुवादियो को असली हिन्दु कहा जाता है | जिन मनुवादियो से जजिया कर भी नही लिया जाता था | जो कि मुस्लिम शासन में हिन्दुओ से लिया जाता था | दरसल यहूदि डीएनए के मनुवादि , हजारो साल पहले इस सिंधु घाटी सभ्यता संस्कृति अथवा कृषि प्रधान देश में प्रवेश किए , और गोरो की तरह छल कपट फुट डालो राज करने की नीति अपनाकर , और साथ साथ घर के भेदियो की सहायता से , इस देश की सत्ता हासिल करके धिरे धिरे सिंधु से जुड़ा हिन्दु धर्म को भी कब्जा किए | जिसके बाद ही यहूदि डीएनए के मनुवादियो ने हिन्दु वेद पुराणो में मनुस्मृति सोच की मिलावट और छेड़छाड़ किया है | ताकि मुलता कबिलई मनुवादि इस कृषि प्रधान देश में अपनी ढोंग पाखंड का व्यापार को नशे का व्यापार की तरह ही चला सके | साथ साथ इस देश की कृषी सभ्यता संस