अदृश्य स्वर्ग अथवा जन्नत में पुरुष को 72 हुरी या नारी को हुरा मिलेगी वह कोई शरिर होगी कि आत्मा होगी ? और बिच का को क्या मिलेगी ?

अदृश्य स्वर्ग अथवा जन्नत में पुरुष को 72 हुरी या नारी को हुरा मिलेगी वह कोई शरिर होगी कि आत्मा होगी ? और बिच का को क्या मिलेगी ?

गंदी गंदी अंतिम इच्छा रखकर मरे हुए लोगो या फिर वर्तमान में भी ऐसी गंदी इच्छा रखने वाले जिवित मुर्दो को सेक्स का झुठा अश्वासन देकर क्यों गुमराह किया जा रहा है ? जिन लोगो को क्यों ऐसा आनंद का इंतजार कराकर दरसल अपनी फायदे के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है , जिनके लिए बिना शरिर के सेक्स करना पहले भी मुमकिन नही थी और न ही वर्तमान व भविष्य में मरने के बाद कभी मुमकिन होगी ! क्योंकि जन्नत की इच्छा रखने वाला इंसान अपनी हवश मिटाने के लिए जिवित रहते जो शारिरिक सबंध  बनाता है या बनाने की सोचता है , वह तो साक्षात मौजुद शरिर होता है , न कि कोई अदृश्य आत्मा होता है ! या फिर 72 हुरी हुरा की इच्छा रखने वाले इंसानो को मरने के बाद अदृश्य आत्मा से भी आत्मा आत्मा पंचतत्व से बना शरिर के बिना शारिरिक सबंध मनाकर वैसा ही आनंद आयेगा अथवा उनकी हवश वैसा ही शांत होगी जैसा कि साक्षात जिवित शरिर से सबंध मनाकर होता होगा !  और फिर 72 हुरी हुरा से सेक्स करने जैसी सोच अच्छी सोच मेरे साथ साथ ज्यादेतर इंसानो की सोच हो ही नही सकती ! और जब ज्यादेतर इंसानो की यह सोच है कि 72 से सेक्स करना गंदी सोच है , जो कि मेरे विचार से अपराध भी होनी चाहिए , जो अपराध कम से कम इंसान को तो बिल्कुल भी नही करनी चाहिए ! जिस तरह का गंदा पाप  और अपराध को सबसे बड़ा सुख और आनंद बताकर उन व्यक्तियो को भी क्यों जबरजस्ती उस अदृश्य जन्नत स्वर्ग में घसिटा जा रहा है जहाँ पर सेक्स करने कराने के लिए 72 हुरी हुरा कतार लगाकर इंतजार कर रहे हैं ? क्योंकि ऐसा स्वर्ग जन्नत में सायद ही चंद मुठिभर लोग जाना पसंद करेंगे जो भी डर या शर्म से अपनी रोजमरा जिवन में अपने रिस्तेदारो और दोस्तो से यह कभी नही बतायेंगे कि उन्हे वह जन्नत स्वर्ग चाहिए जहाँ पर उन्हे सुख आनंद प्रदान करने के लिए 72 हुरी हुरा कतार लगाकर सेक्स करने कराने के लिए मिलेंगे ! जिस तरह की सुख आनंद को ही यदि स्वर्ग जनत कहा जाता है तो ऐसी सुख आनंद तो किसी वैश्यालय में भी किसी वैश्या को अपनी ग्राहको की कतार लगाकर मिलती होगी | जहाँ पर ऐसी आनंद धन ले करके मिल जाती होगी ! जिसे यदि जन्नत स्वर्ग का आनंद कहा जाता , फिर तो वैश्यालय में मौजुद वे तमाम वैश्यायें जो चाहे पुरुष हो या फिर स्त्री वे कई से सेक्स करके जन्नत स्वर्ग का आनंद भी ले रहे हैं और धन भी | फिर तो असल जिवन में रंडा रंडी बनकर अनगिनत लोगो से सेक्स करके आनंद प्राप्त करने वाले लोग ही सबसे बड़े स्वर्ग अथवा जन्नत का जिवन को प्रयोगिक रुप से बिना स्वर्ग का वासी हुए एडवांस के तौर पर जी रहे हैं | जिनकी पुरी सुख आनंद जिवन उन्हे स्वर्ग अथवा जन्नत वासी होने के बाद भरपुर मिलने वाली है | जिस आनंद को ज्यादेतर लोग न तो जिते जी प्राप्त करना चाहते हैं , और न ही मरने के बाद प्राप्त करने की इच्छा रखते हैं ! क्योंकि कितने लोग हैं जो कई लोगो से सेक्स करने वाला रंडा रंडी की तरह अनगिनत लोगो से सेक्स करना चाहते हैं | क्योंकि जहाँ तक मुझे पता है 72 से भी अधिक लोगो से शारिरिक संबंध बनाने वाले कोई वैश्या को भी अपना एक शरिर को कई लोगो को सौंपने में स्वर्ग जन्नत आनंद के बजाय नर्क सजा लगता होगा जब कतार लगाकर हवश मिटाया जाता होगा | जाहिर है अपनी रोजमरा असल जिवन में ज्यादेतर लोगो को तो ऐसा स्वर्ग अथवा जन्नत का वासी होने का ही इच्छा नही होगी जहाँ पर हवश मिटाने के लिए कतार लगाकर भिड़ लगा हुआ हो ! जिस तरह के स्वर्ग अथवा जन्नत में 72 हुरी हुरा एक से आनंद प्राप्त करेंगे कि 72 को अपने आप को सौपनेवाला आनंद प्राप्त करेंगे | और वैसे भी चाहे जन्नत स्वर्ग में जैसा सुख आनंद मौजुद हो ज्यादेतर इंसान स्वर्ग जाना ही पसंद नही करेंगे यदि वे हमेशा सेहतमंद पुर्वक जिवित रहे ऐसा इंतजाम हो जाय ! यकिन न आये तो किसी से भी पुच्छ लेना कि यदि उसे एक तरफ जन्नत स्वर्ग मिलेगी और दुसरी तरफ यही जिवन अमरता प्राप्त करके हमेशा के लिए मिल जायेगी तो तुम किसे चुनना पसंद करोगे तो वह जरुर अपनी इसी साक्षात शारिरिक जिवन अथवा अमरता को ही चुनेगा ! जो यदि सत्य नही होता तो ज्यादेतर लोग स्वर्ग वासी होने की बातो से दुःखी नही होते ! जिन ज्यादेतर लोगो में इसे पढ़ने वालो में कितने लोग हैं खुद ही तय कर लो किधर हो ? जिते जी साक्षात मौजुद प्राकृति भगवान  की इस साक्षात जन्नत स्वर्ग नर्क में की उस अदृश्य और विवादित स्वर्ग अथवा जन्नत या नर्क में जहाँ पर आत्मा जायेगी न कि शरिर !

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