जो यदि झुठ है तो जिस धर्म में जुड़ने को कहोगे जुड़ुँगा

जो यदि झुठ है तो जिस धर्म में जुड़ने को कहोगे जुड़ुँगा

इतने धर्म और उनके रक्षक होते हुए भी महिलाएँ और पुरुष ही नही बाकि प्राणी भी पुरी दुनियाँ में मात्र एक इंसान से भी सुरक्षित क्यों नही है ? हिन्दु धर्म क्यों कोई भी धर्म के भक्त पुजा करके बार बार सुरक्षा की फरियाद करके भी असुरक्षित है ! जो यदि झुठ है तो जिस धर्म में जुड़ने को कहोगे जुड़ुँगा ! लेकिन अगर मेरी बात सत्य हुई तो जो व्यक्ति मेरी चैलेंज कबूल कर लेगा उसके बाद यह असत्य साबित हुआ कि उसके धर्म में भी पुरुष महिलाएँ असुरक्षित हैं , तो वह अपना धर्म परिवर्तन करके जिस तरह कुत्ता कुतिया सेक्स करते करते जुड़ जाते हैं , वैसा ही किसी आवारा कुत्ता से जुड़कर भिड़ भाड़ सड़को पर घुमेगा वह व्यक्ती जो दावा करता है कि उसके धर्म में सारे पुरुष महिलाएँ सुरक्षित हैं ! मुझे पता है चूँकि आजतक कोई धर्म ऐसा नही बना जिससे जुड़कर सभी इंसान सुरक्षित रह सकते हैं , इसलिए कोई भक्त क्या स्वंय उसके आका भी यह दावा करके चैलेंज कबूल नही कर सकते कि उसके धर्म में सारी महिलाएँ ही क्यों सभी पुरुष भी सुरक्षित है | जैसे कि हिन्दु धर्म भी यह धावा नही करता कि उससे जुड़ोगे तो सुरक्षा की सौ प्रतिशत भक्तो को गारंटी है ! जिसकी वह गारंटी कार्ड से भी किमती धर्मग्रंथ देगा ! वैसे धर्म का मतलब क्या होता है ? धर्म का मतलब धारन करना होता है ! मैने तो प्राकृति भगवान पुजा को धारन किया हुआ है , जिसे इंसानो द्वारा जिस धर्म का नाम दिया जाय ! जैसा कि इंसानो द्वारा ही हिन्दु नाम दिया गया है ! या फिर किसी जानवर द्वारा दिया गया है ? और हिन्दु पुजा में यदि प्राकृति भगवान पुजा होता है , तो बाकि धर्मो के भी नाम को जिन इंसानो ने फलाना धर्म का नाम दिया है , उन्ही इंसानो को कह सकता हुँ कि हाँ मैं हिन्दु हुँ ! जो होने पर मुझे गर्व है कि मैं उस प्राकृतिक भगवान की पुजा करता हूँ , जिससे सारे धर्मो के भक्तो की साँसे कोई कल्पना या विवादित नही बल्कि साक्षात प्राकृतिक हवा द्वारा चल रहि है | जिस प्रमाणित प्राकृति भगवान से जुड़कर उसकी पुजा करता हुँ , जिसपर गर्व है कि जिसकी कृपा से इंसान ही नही बल्कि सारी सृष्टी साक्षात प्रमाणित कायम है ! उसकी पुजा साक्षात प्राकृति भगवान को अपने भितर और चारो ओर मौजुद प्रमाणित देख सुन और पढ़कर गर्व होता है | मुझे गर्व है कि मैं जिस प्राकृति भगवान कि पुजा और विश्वास करता हुँ , वह साक्षात प्रमाणित मौजुद है ! जिसे तलाशने की जरुरत नही है | जहाँ भी रहो प्राकृति भगवान साथ है | जिसके साथ जिवन सफर करते हुए कई धर्म परिवर्तन करके भगवान की तलाश करना मुझे आवश्यकता भी नही है | क्योंकि उसे जन्म से पहले से ही धारन किया हुआ हुँ ! जिस प्राकृति भगवान में ही मरन के बाद भी मिल जाता है इंसान , चाहे वह किसी भी धर्म का भक्त हो ! जो प्राकृति भगवान हवा पानी में भी मौजुद है ! जो हवा प्राकृति भगवान की ही कृपा से सारे धर्मो के भक्तो को मिल रही है | बल्कि हवा ही क्यों बहुत कुछ प्राकृति भगवान से मिल रही है , जो कोई विवादित नही है कि उसपर बहस हो कि प्राकृतिक भगवान को ऐसा होना चाहिए था , ऐसा नही होना चाहिए था | क्योंकि प्राकृति भगवान के सामने हम इंसानो की औकात प्राकृति भगवान के द्वारा ही रचे मात्र एक उस प्राणी का है जो प्राकृति भगवान से ही दिन रात बहुत कुछ खोजता और सिखता रहता है ! जैसे की उन्होने धर्म बनाना और मंदिर मस्जिद चर्च वगैरा बनाना भी सिखा है ! जो प्राणी प्राकृति भगवान से ही बहुत कुछ सिखकर और खोजकर भले खुदको सबसे श्रेष्ट मानकर उसी के दिए बुद्धी बल का गलत उपयोग करके धरती और इंसानियत को सबसे ज्यादे नुकसान पहुचाने वाला प्राणी भी बन बैठा है | जो यदि  प्राकृति भगवान द्वारा बुद्धी बल का मानो वरदान पाकर यदि उसका गलत उपयोग करके किसी दिन अपने ही गलतियो द्वारा किसी भस्मासुर की तरह खुदमे हाथ रखकर डायनासोर की तरह लुप्त होगा तो भी प्राकृति भगवान अमर रहेगा यह बात याद रखनी चाहिए , जो कोई विवादित नही है ! जैसे की प्राकृति भगवान ने ही जो परमाणु दिया है , उसकी खोज वरदान पाकर परमाणु बम बनाकर इंसान खुदको ही मारेगा तो गलती किसकी होगी ? चाहे तो इसे विवाद बनाकर प्राकृति भगवान द्वारा ही डायनासोर के लुप्त होने के जैसा अंजाम होने तक बहस किया जा सकता है  ! प्राकृति भगवान को समय या लुप्त होने की चिंता नही है | इंसान को तो सौ साल भी जि पायेगा कि नही जी पायेगा इसकी चिंता न जाने कितने धर्म और धर्म स्थल पुजा स्थल बनाकर दिन रात माथा टेककर भी होती रहती है | जो चिंता दिन रात करके भी कोई एक इंसान ही कह रहा था कि 84 करोड़ देवी देताओ के होते हुए भी हिन्दु धर्म में महिलाएँ सुरक्षित क्यों नही है ! कहाँ सुरक्षित है बतला दो ताकि उस धर्म की असुरक्षित महिलाएँ जिनके साथ अन्याय अत्याचार हुई है , वह साक्षात बतला सके कि उनके धर्म में भी महिलाएँ असुरक्षित है ! और हाँ हिन्दु धर्म प्राकृति भगवान पुजा है न कि बलात्कारी इंद्रदेव की पुजा है | और आर्य मतलब उत्तम होता है ! यदि मनुस्मृति जैसी रचना करके  ये नियम कानून बनाने वाले कि वेद सुनने पर कान में गर्म पिघला लोहा डालना , वेद बोलने पर जीभ काटना , गले में थुक हांडी टांगना , कमर में झाड़ु टांगना , अँगुठा काटना जैसे नियम कानून रचना करने वाले बुद्धी बल को आर्य जिन लोगो द्वारा कहा जाता है , उनको अब अपनी जानकारी में अपडेट करनी चाहिए कि ये सब करने वाले आर्य नही हैं | भले कभी जिस तरह गोरे कई देशो को गुलाम करके न्याय करने वाला जज बनकर खुदको सबसे बड़ा नियम कानून के रक्षक घोषित किए हुए थे , उसी तरह जबतक मनुवादियो की दबदबा इस देश में रहेगी जिसे मनुवादियो की गुलामी भी कहा जा सकता है वह जबतक रहेगी तबतक ही मनुवादि आर्य और उच्च है यह बात सत्य के रुप में भी बहुतो के द्वारा स्वीकारी जाती रहेगी , जैसे की गोरो की गुलामी में गोरे जज न्याय करते थे , यह स्वीकार करके कई गुलाम भी वकिल बनते थे यह विश्वास करके की उनके साथ गुलाम करने वाले गोरे जज बनकर न्याय करेंगे ! जो हो सकता है कुछ गोरे करते भी हो , और गोरे जज से न्याय मिलता भी हो , जैसा कि वर्तमान में भी हो सकता है कुछ मनुवादि वाकई में आर्य और उच्च कहलाने के लायक हो ! पर इसका मतलब ये नही कि इतिहास में यह रचा जायेगा कि मनुवादि शासक बनकर इस देश के मुलनिवासियो का बहुत उच्च और उत्तम सेवा किये ! जैसे कि इतिहास में यह नही रचा गया कि गोरे कई देशो को गुलाम करके वहाँ के गुलामो की बहुत उत्तम और उच्च सेवा किये जिसके लिए उन्हे जन्म से ही उत्तम और उच्च नवाजकर पुरुष्कार देनी चाहिए !

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