झुठा आश्वासन क्यों दिया जा रहा है कि यीशु उन्हे लेने आयेंगे ? क्योंकि तबतक तो वे उपर जा चुके होंगे

झुठा आश्वासन क्यों दिया जा रहा है कि यीशु उन्हे लेने आयेंगे ? क्योंकि तबतक तो वे उपर जा चुके होंगे !

हम आखिरी दिनो में जी रहे हैं से मतलब क्या है ? और यदि आखिरी दिनो का मतलब किसी इंसान के जन्म लेकर मरने के बाद वापस उसके आने का दिन से है तो यीशु कब आयेंगे उसदिन का तारीख बतला दिया जाय जब यीशु धरती पर वापस आयेंगे | जो तारीख यदि सौ साल बाद दो सौ साल बाद चार सौ बाद या फिर उससे भी अधिक साल बाद आयेगा तो फिर वर्तमान में जिवित लोगो को जिनकी जिवन सौ दो सौ सालो तक भी सिमित नही है , उन्हे यह झुठा आश्वासन क्यों दिया जा रहा है कि यीशु उन्हे लेने आयेंगे ? क्योंकि तबतक तो वे उपर जा चुके होंगे ! मसलन जो गाड़ी किसी यात्री को लेने जिस तारीख को आ रही है , उससे पहले ही वर्तमान के यात्री गाड़ी जहाँ पर ले जाने आयेगी वहाँ पर पहुँच जायेंगे , तो फिर उन्हे उस गाड़ी का इंतजार क्यों कराया जा रहा है जो उन्हे लेने उनके जाने के बाद आयेगी | या फिर या तो वर्तमान में जिवित सभी को यीशु का आने का तारीख उनके जिन्दा रहने की उम्र तक ही आ जायेंगे ऐसी तारीख बतला दिया जाय | जो दरसल किसी भी प्रवचन करने वालो के लिए भी मुमकिन नही है , इसलिए  वे कभी भी ये नही कहेंगे कि यीशु वर्तमान के भक्तो के जिवित रहते किसी तारीख को आ जायेंगे | क्योंकि यदि मुमकिन होता तो सैकड़ो हजारो सालो से यीशु का इंतजार कराकर जिन भक्तो को अश्वासन दिया जा रहा था कि यीशु उन्हे लेने आयेंगे , जो कि अबतक नही आये और झुठे अश्वासन सुनने वाले अबतक दुनियाँ में आकर जा चुके , अथवा जन्म लेकर मर चुके लोग तो कभी जिते जी इंतजार करे मुमकिन ही नही था | अब जिनकी लाशो से इंतजार कराया जा रहा है कि यीशु उन्हे लेने आयेंगे | जो जिते जी तो नही आये अब मरने के बाद आयेंगे वह भी कब आयेंगे किसी को सत्य तारीख नही पता | आयेंगे आयेंगे प्रवचन सुनते सुनते तो कई पिड़ी इंतजार करते हुए सैकड़ो हजारो सालो में जा चुकि है | जैसे की वर्तमान की भी जिवित लोगो को आयेंगे आयेंगे कहकर ये लोग भी एकदिन यीशु के आने से पहले जायेंगे इसकी पुरी संभावना नही बल्कि पिछले बिते समय का इतिहास तो यही कहता है कि यीशु नही आते सिर्फ आने की प्रवचन हो रही है | दरसल यीशु आने वाले नही हैं , क्योंकि यीशु खुद भी इंसान ही थे जिनके पास भी दो हाथ दो पैर दो कान एक नाक एक मुँह एक जीभ दांत लिंग वगैरा मौजुद था | जो भी जन्म लेकर मरे और वापस नही आने वाले हैं | जैसे कि बाकि भी जो इंसान मरे वे भी दुबारा नही आने वाले हैं | क्योंकि जिवन में जन्म मरन के बाद क्या होता है , इसी सवाल का जवाब खोजने के लिए ही तो इंसानो द्वारा इतने सारे अलग अलग धर्मो का जन्म हुआ और अलग अलग धर्म ग्रंथ लिखे गए हैं | जिनमे सभी जानकारी एक नही है , क्योंकि इंसानो द्वारा पुर्ण सत्य को जान पाना यदि मुमकिन होता तो फिर इतने धार्मिक ग्रंथ और किताबे क्यों लिखी जाती , और उनमे आपस में कई विवाद भी क्यों होते ? जब सत्य जानकारी पता होता धार्मिक किताब लिखने वाले इंसानो को तो फिर सभी जानकारी बिना विवाद के सत्य होते | यीशु के द्वारा कही गयी बातो में विवाद , मोहम्मद के द्वारा कही गयी बातो में विवाद , वेद पुराणो में विवाद , उसी तरह तमाम ऐसी बातो में विवाद जिसे जाहिर तौर पर किसी इंसान द्वारा ही बतलाया गया है , न कि कोई चमत्कारी ताकत खुद आकर चमत्कार दिखाकर विवादित जानकारी देकर ऐसा चला गया है  , जैसे वह भी इंसानो की तरह मर गया हो , जो वापस कभी नही आयेगा | जो चमत्कारी ताकत साक्षात मौजुद प्राकृति भगवान है , जिसका सत्य को कोई भी झुठला नही सकता | जो यदि जिवन देता है तो जिवन लेता भी है , और किसी का जिवन लेकर वापस से जिवन देता भी है , यह विज्ञान प्रमाणित है | चाहे तो किसी वैज्ञानिक से पता कर लो कि इंसान ही नही जिव निर्जिव सभी का जिवन अथवा इंसान पृथ्वी चाँद तारे वगैरा वे तमाम जन्म लेने वाले जब नष्ट या उनके जिवनकाल का अंत होगा तो उनके भितर मौजुद प्राकृति भगवान अमर जिवन  दुबारा से उन्हे किसी और रुप में जिवन देगा कि नही देगा ये पता कर लो ! जो साक्षात प्रमाणित है | न कि विवादित है !

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