Today 2021 AD will end and tomorrow 2022 will be welcomed by starving crores of people of people

 

आज 2021 ई० समाप्त होगा और कल 2022 ई० का स्वागत क्या करोड़ो लोगो को भुखा रखकर जस्न होगा

poor india,Khoj, गरिबी भुखमरी


क्या सरकार के पास खाना नही है किसी भुखे को भुख से मरने न देने के लिए ? 


और अगर है तो फिर क्यों गरिबी हटाओ कहकर सत्ता प्राप्त करके हर रोज गरिबो को ही हमेशा के लिए हटाया जा रहा है | जबकि सत्ता में बैठकर जिन मंत्रियो को संविधान द्वारा विशेष अधिकार प्राप्त है , वे मंत्री बनने से पहले क्यों न कितना गरिबी भुखमरी जिवन यापन कर रहे हो , वे एक भी गरिबी भुखमरी से कभी क्यों नही मरते हैं | क्यों इस देश में कोई मंत्री बनते ही चाहे वह पहले कितना ही गरिब हो , उसे मानो सारी जिवन अमिरी में बिताने की लॉटरी लग जाती है ! जैसे की कथित खुदको एक गरिब के घर में पैदा लेनेवाला बतलाने के बाद यदि वह गरिब जनता की वोट से मंत्री बन जाता है तो वह मानो रातो रात अमिर हो जाता है | पर जिस गरिब जनता को मालिक कहकर वह उससे वोट मांगकर मंत्री बनता है , वह जनता मालिक किसी गरिब को अमिर बनाने वाली सरकार बार बार चुनकर भी गरिब का गरिब बना रहता है | जिस अमिर सरकार को बार बार चुनकर गणतंत्र और आजादी दिवस के दिन भी आधी आबादी भुखे पेट सो जाती है |बहुसंख्यक आबादी ऐसी है , जो कि यदि आजादी के लिए पुरी तरह से कुद पड़ने के बाद मेहनत मजदुरी न कर तो उनकी पुरी जिन्दगी किसी अमिर की तरह खाते पिते कटना तो दुर एकदिन भी यदि वह काम पर न जाए तो उनकी और उनके परिवार दोनो की ही जिवन भुखा पेट सोकर दुबारा कभी आँख न खुले ऐसी खतरे में पड़ जाएगी | जिस बात को सरकार चलाने वाले अच्छी तरह से जानते हैं | तभी तो वे चुनाव में मौका का फायदा उठाकर वोट के लिए कंबल भोजन वगैरा बांटते हैं | जो चुनाव समाप्त होते ही सरकार बनने के बाद अपने किए हुए निवेश को सुध समेत वसुली करना सुरु कर देते हैं | सत्ता में बैठने के बाद उन्हे गरिबी भुखमरी से कोई खास लेना देना नही रहता है | जिसके चलते ही तो वे खुद तो सारी अमिरी सुख सुविधा पर खास ध्यान देते हैं , पर गरिबी भुखमरी में खास ध्यान नही देते हैं | नही तो फिर इस देश में अन्न धन की कमी न होते हुए भी हर साल लाखो लोग गरिबी भुखमरी से क्यों मारे जा रहे हैं ! जबकि इस देश के बहुसंख्यक आबादी को संविधान में खास अधिकार भी प्राप्त है | बल्कि जिने का अधिकार तो संविधान में सबको प्राप्त है | पर फिर भी हर साल लाखो लोग गरिबी भुखमरी से मर रहे हैं | 

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कांग्रेस भाजपा दोनो की ही सोच गरिबी को हटाने की नही है 

1947 ई० से लेकर अबतक इस देश में भाजपा और कांग्रेस दोनो ने ही सबसे अधिक समय और सबसे अधिक राज्यो में शासन किया है | आज 2021 ई० समाप्त होगा और कल 2022 ई० का स्वागत क्या करोड़ो लोगो को भुखा रखकर जस्न होगा | जिस तरह के बुरे हालात के लिए मुख्य जिम्मेवार वे लोग और उनके द्वारा स्थापित वह भ्रष्ट शासन है , जो सिर्फ चुनाव में गरिबी हटाओ और बेटी बचाओ की बाते करके लंबे समय तक शासक बनने के बाद गरिब बीपीएल भारत बसाकर बेटियो को पेट के लिए वैश्या तक बनने के लिए मजबुर करते आ रहे हैं |  इनके साशन में सड़क से लेकर पाँच सितारा होटल तक वैश्यावृति का धँधा बड़ते ही जा रही है | ये लोग नारी सुरक्षा के नाम से नारी का वोट लेकर सत्ता में बैठकर हर साल हजारो लाखो नारियो का बलात्कार होते नही रोक पा रहे हैं | सिर्फ अपनी सुरक्षा को खास ध्यान देकर इस देश के जवानो को नारी की इज्जत बचाने में कम लगा रहे हैं और अपनी सुरक्षा में ज्यादे लगाने में ध्यान देकर अपनी सुरक्षा में करोड़ो खर्च भी करते आ रहे हैं | जो लोग बेटी बचाओ नही खुदको बचाओ कहकर चौबीस घंटे देश की सबसे महंगी खास सुरक्षा से घिरे रहते हैं | गरिबी हटाओ नही गरिबो को हटाने में लगे रहते हैं | जैसे कि मुठीभर आबादी को खास सुख सुविधा प्रदान करने के लिए कभी गरिबो का घरबार उजाड़ देते हैं , तो कभी अपने खास करिबियो को खुश करने के लिए गरिबो को विस्थापित करके उनके हक अधिकारो में कब्जा करवा देते हैं | मुमकिन है ये नोएडा में जिस एयरपोर्ट का शिलान्यास करके उसे बनाने जा रहे हैं , वह भी गरिबो के हक अधिकारो को लुटकर बनेगा | जिसके बनने के बाद दस बीस हजार को भी सरकारी नौकरी मिलेगी की नही मिलेगी पर लाखो लोगो का जिवन अपने हक अधिकारो के छिने जाने से जरुर अभी से और अधिक खराब हो जाएगा | जैसे कि जहाँ जहाँ भी स्मार्ट सिटि बन रही है , वहाँ भी मुठीभर लोगो को खास सुख सुविधा प्रदान करने के लिए ज्यादेतर लोगो की जिवन को बर्बाद किया जा रहा है | कांग्रेस ये कुकर्म कई दसक तक करते आ रही थी | जिसे भाजपा आगे बड़ा रही है | क्योंकि ये लोग मानो श्रापित लोग हैं , जो जिधर भी जाते हैं विकाश नही वनाश करते हैं | कोई राज्य इनसे अछुता नही है | क्योंकु कांग्रेस भाजपा का सबसे अधिक राज्यो में भी सरकार है | जो दोनो ही पार्टी हम सत्ता में आकर विकाश करा देंगे कहकर वोट मांगकर चुनाव जितकर विकाश के नाम से जिधर भी अपना हाथ पाँव लगाते हैं , उधर मानवता और पर्यावरण का बर्बादी सुरु हो जाता है | 


ये विकाश नही विनाश करने वाले लोग हैं | जो एकदिन खुदका भी विनाश खुद ही कर लेंगे | जैसे की कौरव पांडवो ने खुद ही खुदका विनाश कर लिया था | बल्कि रामराज कायम करने वालो ने भी खुद ही खुदका विनाश कर लिया था | ये पांडवराज और रामराज को अपना आदर्श मानने वाले भी एकदिन अपना खुद ही विनाश कर लेंगे | बजाय इसके की ये आजाद भारत का संविधान लागू होने के बाद दुसरो का भी विकाश करते और अपनी भी बेहत्तर विकाश करते | पर नही इन्हे तो बस अपनी झुठी शान को बरकरार रखने के लिए दुसरो के भी हक अधिकारो को छिनकर मुठीभर लोगो को मानो इतना अधिक खिलाते रहना है कि उनका विनाश अति खा खाकर पेट फटने की वजह हो जाय | ये भाजपा कांग्रेस के खास करिबी भी अति खाने में ही दिन रात लगे हुए हैं | जिनकी मदत से ये प्रत्येक चुनाव में सबसे अधिक धन खर्च करने वाली पार्टी भी कहलाती है | 


उत्तर प्रदेश चुनाव में भी ये दोनो पार्टी चुनाव से पहले ही सबसे अधिक धन खर्च करना सुरु भी कर दी है | एक एक रैली में लाखो करोड़ो खर्च किए जा रहे हैं | इनके द्वारा खर्च किए जा रहे पैसे को देखकर लाखो गरिब बीपीएल इनसे चुनाव प्रचार के दौरान कंबल खाना वगैरा की भी उम्मीद करके भिड़ लगा रही है | क्योंकि उन्हे पता है कि चुनाव के बाद ये सरकार बनकर उन्हे कुछ नही देने वाले हैं |


 जिसके चलते ये चुनाव प्रचार में कंबल खाना वगैरा की उम्मीद करके भिड़ लगाते हैं | ऐसी हालात बरकरार है कांग्रेस के द्वारा पचास साठ साल शासन करने और भाजपा द्वारा दस साल से भी अधिक समय तक शासन करने के बावजुद भी | क्योंकि इनके शासन में जो धन्ना कुबेरो को कई कई लाख करोड़ का विशेष लाभ पहुँचाया जाता रहा है , वह इनका मानो सत्ता पाने के लिए एक प्रकार का निवेश अथवा फिक्स डिपोजिट ही तो होता है | यू ही नही इनके खास खास करिबी सिर्फ एक साल में ही अमिर से और अति अमिर होते चले जाते हैं कि कोई सबसे अधिक तनख्वा पाकर सरकारी नौकरी करने वाला व्यक्ती भी यदि अपनी सारी जिवन की कमाई को जोड़कर इनकी एक महिने की अमिरी से भी यदि तुलना करे तो सबसे अधिक तनख्वा में सरकारी नौकरी करने वाले भी उनके सामने भ्रष्ट सरकार की विशेष कृपा से सारी जिन्दगी कमाया गया धन के मामले में छोटे ही नजर आते हैं | रही बात भ्रष्ट शासको की तो वे तो सिर्फ अपनी एक विदेश यात्रा में ही देश के खजाने से सिर्फ मात्र खाने पिने में ही इतने खर्च मिल जुलकर कर देते हैं कि यदि उस खर्च से किसी गरिब का पेट भरा जाय तो इतने गरिबो का पेट भर सकता है , जितना कि इनकी सबसे अधिक भीड़ वाली रैलियो में भी भीड़ इकठा कभी नही होती होगी | जितने लोगो के पेट में लात मारकर ये विदेश यात्रा करके सिर्फ खाने पिने में ही खर्च करते रहते हैं | क्या इन्हे रोजमरा जिवन में बहुसंख्यक आबादी द्वारा खाये जानेवाला घरेलु खाना हजम नही होता है ? कांग्रेस शासन के दौरान आठ दस हजार रुपया प्रति प्लेट भी खाई जा रही थी जो बड़कर भाजपा शासन में कितना होगा यह तो भाजपा शासन के दौरान बड़ी महंगाई के बारे में ही जानकार अनुमान लगाया जा सकता है | जितना महंगा खाने की जरुरत क्या है जब यह देश गरिबी भुखमरी से जुझ रहा है | ये लोग किसी मजदुर को न्यनतम मजदुरी और विकलांग , वृद्ध और विधवा वगैरा को सरकारी पेंशन और सरकारी राशन महिना में जितना नही देते हैं , उससे कहीं ज्यादा तो सिर्फ अपने लिए चाय नास्ता में ही धन्ना कुबेरो के साथ बैठकर खर्च करते हैं | जो लोग इंद्रदेव और कुबेर की तरह झुठे शान के इतने भुखड़ लोग होते हैं कि इनके गलत संगत में यदि कोई व्यक्ती आकर इनकी पसंद का पार्टी खाना यदि वह भी सुरु कर देता है तो पुरी संभावना हो जाता है कि उसे भी झुठी शान का भुखड़पन आ जाएगा और वह भी मुठीभर खास लोगो के साथ ही उठना बैठना सुरु करके उसे भी तृप्ती मिलना मुश्किल हो जाता है | जैसे कि किसी धन्ना की पार्टी में जाकर गणेष को भी इतना भुखड़पन सवार हो गया था कि यदि गणेष की माँ उसे अपने हाथो से चावल बनाकर नही खिलाती तो गणेष अपनी भुख को शांत करने के लिए धन्ना को भी खा जाता | जिस तरह का भुखड़पन इनकी जिवन में तब से मौजुद है , जबसे ये दुसरो के हक अधिकारो को छिन और कब्जा करके इस देश को गरिबी भुखमरी देकर शासन करते आ रहे हैं | जो भुखड़पन सायद इनकी तब समाप्त होगी जब इनके द्वारा कब्जा किया हुआ इस देश का शासन इनके हाथो से हमेशा हमेशा के लिए चली जाएगी | जो कि तब जाएगा जब इस देश को पुरी आजादी मिलेगी |


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