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बिहार में झारखंड की तरह, कांग्रेस की सहयोगी सरकार का मुख्य कारण

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बिहार में झारखंड की तरह, कांग्रेस की सहयोगी सरकार का मुख्य कारण झारखंड में भाजपा को हराकर जिस तरह की कांग्रेस सहयोगी वाली सरकार बनी है , उसी तरह बिहार में भी भाजपा को हराकर कांग्रेस सहयोगी वाली सरकार बनने वाली है | जिस तरह की सरकार बनाने की सुझ बुझ दरसल मनुवादी सत्ता का दीया बुझने से पहले फिर से वही पुरीनी नीति के तहत मनुवादीयों की ही विशेष सोच से बनने वाली है | जिस नीति के अनुसार सभी राज्यो में जो भी क्षेत्रीय पार्टी कांग्रेस भाजपा को खास टक्कर दे सकती है , उसका सहयोग करके या सहयोग लेकर चुनाव लड़ने के बाद राज्य की सत्ता उसके हाथ दिलाकर उसे मानो देशी दारु पिलाकर सुला दो  | उसके बाद उसके सहयोग से ही लोकसभा चुनाव जीतकर केन्द्र में बैठकर मनुवादी सत्ता को वापस बरकरार रखकर शोषित पीड़ितो के बुरे हालात को बरकरार रखते हुए देश में राज करते रहो , और मुठीभर अबादी भोग विलाश करते रहो | इस तरह कांग्रेस भाजपा के सहयोग से बनने वाली सरकार से न तो बिहार झारखंड या किसी अन्य राज्यो में बहुत बड़ा क्रांतीकारी बदलाव होनेवाले हैं , और न ही देश में बहुत बड़ा बदलाव होने वाले हैं | क्योंकि सहयोग लेने या सहयोग दे

कांग्रेस भाजपा दोनो ही लंबे समय तक गरिबी भुखमरी और बेरोजगारी शासन दिया है

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कांग्रेस भाजपा दोनो ही लंबे समय तक गरिबी भुखमरी और बेरोजगारी शासन दिया है वामन मेश्राम ने चुनाव से पहले ही कहा था की भाजपा कांग्रेस के बिच गुप्त समझौता हो चुका है कि अब दो बार तुम चुनाव घोटाला करके चुनाव जीतो , उसके बाद कांग्रेस की बारी आयेगी ! जो हुआ भी कि भाजपा के खिलाफ बहुसंख्यक प्रजा सड़को पर होते हुए भी 2014 और 2019 भाजपा दो बार चुनाव जीत चुकी है | जिसके बाद चूँकि अब कांग्रेस की बारी है , इसलिए कांग्रेस भाजपा के बिच रोम यूनान की तरह लुटेरी जंग होना स्वभाविक है | और फिर हमे यह नही भुलना चाहिए की कांग्रेस गरिबी हटाओ जुमला करके साठ साल शासन कर चुकी है , और भाजपा भी शाईनिंग इंडिया और डीजिटल इंडिया जुमला करके साठ साल बनाम साठ महिना कहकर दस साल से अधिक शासन कर चुकि है | बल्कि अब भी कर रही है | दोनो ही पार्टी के शासन में न तो गरिबी भुखमरी और बेरोजगारी हटी है , और न ही भ्रष्टाचार में लगाम लगा है | भाजपा सरकार आने से पहले कांग्रेस के हजारो करोड़ का घोटाला का प्रमाण दिखाकर कांग्रेस के बड़े बड़े भ्रष्टाचारियो को जेल में डालने की बात हुई थी , जो कि बाबा रामदेव तो कांग्रेस के खिलाफ प्रमाणो का

हाथरस जैसी घटना अपने ही घर के भेदियों की गद्दारी की वजह से जारी है

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हाथरस जैसी घटना अपने ही घर के भेदियों की गद्दारी की वजह से जारी है हाथरस की घटना करने और कराने वाले बल्कि घटना को अंजाम देने और लिपापोती करने में सहयोग करने वाले चाहे लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में बैठे कोई भी सेवक हो चुलूभर मूत में डूब मरो |  और साथ में वे सभी घर के भेदी भी चुलूभर मूत में डूब मरो जो मनुवादी का साथ अबतक देते आ रहे हैं | खासकर वे सब घर का भेदी चुलूभर मूत में डुब मरो जो की हाथरस जैसी घटना होने पर भी मनुवादीयों की पार्टी से चिपके रहते हैं | और उनकी फिर से सरकार बनाकर मनुवादीयों का गुलामी को बरकरार रखने में सबसे बड़ी भूमिका निभाते हैं | जैसे की हाथरस की घटना आगे भी और हो इसकी हालात बनाने के लिए मनुवादी सत्ता को बेहत्तर मानकर अबतक भी घर के भेदीयों द्वारा अपनी सदस्यता बरकरार रखना जारी है | जिस मनुवादी सत्ता को आगे बड़ाने में घर का भेदी ही सबसे महत्वपुर्ण भूमिका निभा रहे हैं | क्योंकि मनुवादी सरकार से बिना इनके इस्तीफा दिये और बिना इनकी पार्टी से चुनाव लड़ना बंद किये ही तो अल्पसंख्यक मनुवादीयों की सरकार अदला बदली करके लगातार बनी रहती है | और मनुवादी सरकार के बनते ही लोकतं

इंसान भीम का पुत्र नरभक्षी दानव कैसे पैदा हुआ

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इंसान भीम का पुत्र नरभक्षी दानव कैसे पैदा हुआ राक्षसों ने युद्ध जीतने के बाद, क्या उन्होंने वास्तव में देवों के शरीर खाए और बाकी को सुखाया ताकि बाद में खा सके ? (raakshason ne yuddh jeetane ke baad, kya unhonne vaastav mein devon ke shareer khae aur baakee ko sukhaaya?) मनुवादी बेकार में अपना किमती समय उस झुठी शान को बरकरार रखने के लिए बर्बाद कर रहे हैं , जिसे भविष्य में उनकी नई जागरुक पिड़ी कभी भी यह स्वीकारने वाली नही है कि मनुस्मृति बुद्धी का विकाश किमती शान है , जिसे पिड़ी दर पिड़ी अपने पूर्वजो की आधुनिक सत्य बुद्धी बल समझकर आगे ले जाया जाय | बजाय इसके कि भेदभाव शोषण अत्याचार करने वाले मनुवादियों को जिते जी खुद ही माफी मांगकर कान पकड़कर उठक बैठक करके आज के बाद भेदभाव शोषण अत्याचार फिर कभी नही करेंगे और न ही झुठी ज्ञान प्रवचन करके ढोंग पाखंड फैलायेंगे यह वचन खुदसे लेना चाहिए | क्योंकि विकाश का समयचक्र अनुसार सचमुच का विकाश प्रक्रिया में विकसित पिड़ी उन संस्कारो को अपनाती है , जिसे बहुसंख्यक अबादी विद्यालयो में प्रमाणित सत्य ज्ञान के रुप में अपनाती है | भले वे धार्मिक पुस्तको की पुजा

ये पोस्ट उस सुवर के लिए है जो टिप्पणी करते हुए मुझे माँ की चुत गाली दिया है

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ये पोस्ट उस सुवर के लिए है जो टिप्पणी करते हुए मुझे माँ की चुत गाली दिया है  सुवरो तुमलोग तो अपनी माँ के चुत से पैदा ही नही हुए हो , फिर क्या जानो माँ की चुत क्या होती है ! क्योंकि  इस प्रकृति पुजा करने वाले कृषि प्रधान देश में आने से पहले तो तुम्हारे लंगटा लुचा भुखड़ घुमकड़ पुरुष झुंड पुर्वज कथित अपने परम पिता के मुँह छाती और जंघा से अप्रकृति तरिके से पैदा हुए थे | जिसके बारे में तुम्हारे पुर्वजो ने खुद मनुस्मृति लिखते समय बतलाया है | हलांकि साक्षात प्रकृति विज्ञान पर विश्वास करके भगवान के रुप में उसकी पुजा करने वाले हम जैसे मुलनिवासि इन सब बातो को अज्ञानता अँधविश्वास और ढोंग पाखंड ही मानते हैं | क्योंकि हमारे लिए प्रकृति विज्ञान सत्य प्रमाणित बाते विश्वास के लायक होती है | जिस सत्य की पुजा हम प्रकृति पत्थर अथवा उस शिव लिंग योनी के रुप में भी करते हैं , जिसके साथ भी तुम्हारे पुर्वजो ने भारी भेदभाव किया था | न कि तुम्हारे उन ढोंगी पाखंडी पुर्वजो के द्वारा बतलाई गई अप्रकृति बातो को सत्य मानकर आँख मुँदकर विश्वास करते हैं , जिन्हे खुद इस देश में आकर साक्षात प्रकृति के बारे में प्रमाणित और

भगवान का महल चाहिए की बेघरो को घर चाहिए

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 लाखों भव्य मंदिर मस्जिद चर्च और करोड़ो बेघर लोग भूखे गरीबों को भोजन की आवश्यकता होती है,या भगवान को घी मक्खन दूध दही की आवश्यकता होती है?  (Lakhs grand temple mosque church and millions of homeless people The hungry poor need food or does God require tons of ghee butter milk curd? Do people sleeping on the sidewalk need houses or does God want millions of homes?) bhookhe gareebon ko bhojan kee aavashyakata hotee hai ya bhagavaan ko ghee makkhan doodh dahee kee aavashyakata hotee hai? kya phutapaath par so rahe logon ko gharon kee zaroorat hai ya bhagavaan ko laakhon ghar chaahie? इस कृषि प्रधान देश में हजारो साल पहले जो प्राचिन सिंधु घाटी सभ्यता संस्कृति का निर्माण हुआ था , वहाँ पर कोई भी मंदिर मस्जिद चर्च मौजुद नही थी | हलांकि उस समय दुनियाँ के बाकि भी हिस्सो में कोई हिन्दू मुस्लिम ईसाई वगैरा धर्म के मंदिर मस्जिद चर्च मौजुद नही थी | क्योंकि तब न तो मुस्लिम धर्म का जन्म हुआ था , न ईसाई धर्म का जन्म हुआ था और न ही मंदिरो में देवता पुजा होता था | क्योंकि तब दुनियाँ के जो भी क्षेत्र कृषि

4 जी के नाम पर फर्जी विकास

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 4 जी के नाम पर फर्जी विकास विभिन्न प्रकार के दुर्घना और बदहाली हालात सोच समझकर पैदा करके इस देश के मुलनिवासियों को मारा जा रहा है | हलांकि मारने वालो की भी मौत एकदिन जरुर होती है , भले देर सही पर तड़प तड़पकर मरते तो वे लोग भी हैं , जो दुसरो को मारते हैं | मनुवादी शासन में 4G विकाश कहकर फर्जी विकाश स्पीट लक्ष साधने के बाद आई अव्यवस्था की वजह से निर्दोश प्रजा हादसो में भी भारी तादार में मर रही है | जिन मरने वालो में मुलनिवासियों की अबादी ही सबसे अधिक होगी जो की स्वभाविक है | क्योंकि अपनी सत्ता कायम रखने के लिये मनुवादी भले अपने डीएनए के लोगो को भी कभी कभार बली चड़ाते आ रहे हैं , पर अपनी फर्जी विकाश का सत्ता को कायम रखने के लिये वे अपने विरोधी जो की मनुवादियों के खिलाफ अजादी संघर्ष कर रहे हैं , उन मुलनिवासियों को ही सबसे अधिक बली देते आ रहे हैं | हलांकि अव्यवस्था कायम करने वाले भी बुढ़ापा या उससे भी पहले तड़प तड़पकर जरुर मरते आ रहे हैं | जैसे कि पिछले कई सालो में मरे और आनेवाले कई सालो में भी कई और तड़प तड़पकर मरेंगे जिसकी पाप का घड़ा वे खुद ही भरते जा रहे हैं | जिस पाप का घड़ा को फोड़कर