बिहार में झारखंड की तरह, कांग्रेस की सहयोगी सरकार का मुख्य कारण


बिहार में झारखंड की तरह, कांग्रेस की सहयोगी सरकार का मुख्य कारण
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झारखंड में भाजपा को हराकर जिस तरह की कांग्रेस सहयोगी वाली सरकार बनी है , उसी तरह बिहार में भी भाजपा को हराकर कांग्रेस सहयोगी वाली सरकार बनने वाली है | जिस तरह की सरकार बनाने की सुझ बुझ दरसल मनुवादी सत्ता का दीया बुझने से पहले फिर से वही पुरीनी नीति के तहत मनुवादीयों की ही विशेष सोच से बनने वाली है | जिस नीति के अनुसार सभी राज्यो में जो भी क्षेत्रीय पार्टी कांग्रेस भाजपा को खास टक्कर दे सकती है , उसका सहयोग करके या सहयोग लेकर चुनाव लड़ने के बाद राज्य की सत्ता उसके हाथ दिलाकर उसे मानो देशी दारु पिलाकर सुला दो  | उसके बाद उसके सहयोग से ही लोकसभा चुनाव जीतकर केन्द्र में बैठकर मनुवादी सत्ता को वापस बरकरार रखकर शोषित पीड़ितो के बुरे हालात को बरकरार रखते हुए देश में राज करते रहो , और मुठीभर अबादी भोग विलाश करते रहो | इस तरह कांग्रेस भाजपा के सहयोग से बनने वाली सरकार से न तो बिहार झारखंड या किसी अन्य राज्यो में बहुत बड़ा क्रांतीकारी बदलाव होनेवाले हैं , और न ही देश में बहुत बड़ा बदलाव होने वाले हैं | क्योंकि सहयोग लेने या सहयोग देने के बहाने मनुवादी बस किसी तरह उनकी मनुवादी सत्ता बरकरार रहे इसपर ज्यादे ध्यान देते हैं , न की अपनी सरकार बनाने या किसी क्षेत्रीय पार्टी की सरकार बनवाने के बाद प्रजा और देश सेवा में ज्यादे ध्यान देते हैं | ध्यान देते तो  विभिन्न माध्यमो से इतिहास में गोरो से अजादी मिलने के बाद दुसरी अजादी के लिये संघर्ष हर रोज दर्ज नही होती ! जिस पुर्ण अजादी इतिहास में कांग्रेस का साथ देने वाली पार्टी या नेता चाहे जितना बड़ा हो और खुदको जितना बड़ा शोषित पीड़ित प्रजा का भला करने वाली पार्टी या नेता कह रहे हो , पर सच्चाई तो यही है कि वह भले वर्तमान या इससे पहले का बहुत बड़ी पार्टी या नेता कहला सकते हैं शोषित पीड़ितो को अन्याय अत्याचार और गरिबी भुखमरी जैसे मुल पीड़ा से पुर्ण अजादी दिलाने वालो में , पर यदि वे भाजपा कांग्रेस का साथ नही छोड़ें तो भविष्य में दर्ज होनेवाली पुर्ण अजादी इतिहास में वैसे नेता या पार्टी पुर्ण अजादी संघर्ष और क्रांतीकारी बदलाव के मुल पार्टी और नेता नही कहलायेंगे जो मरते दम तक भाजपा कांग्रेस का साथ देना या फिर तारिफ करना नही छोड़ पायेंगे चाहे वे बुढ़े हो या फिर जवान | भले चाहे वे कितनो बड़ा नेता या पार्टी हो | क्योंकि देश और देश के बुरे हालात जो कि मनुवादी सत्ता की वजह से अबतक कायम है , उसे समाप्त करने के लिए जिस तरह से क्रांतीकारी सुधार की ऐतिहासिक मांग भविष्य कर रही है , वह मांग पुरी ये नेता या पार्टी कभी भी नही कर सकते | और न ही ये नेता या पार्टी देश या देश की शोषित पीड़ित प्रजा के बुरे हालात में वह क्रांतीकारी सुधार कर सकते जैसा की पुर्ण अजादी के बाद होगा | और क्रांतीकारी सुधार तबतक नही हो सकता जबतक की मनुवादी सत्ता पुर्ण रुप से चली न जाय | जिस सत्ता को बरकरार रखने में मदत और सहयोग करने वाले नेता या पार्टी कहलायेंगे वे सभी जो अभी कांग्रेस भाजपा का साथ दे रहे हैं | जिन सभी नेता और पार्टी को भी भविष्य में जब मनुवादी सत्ता जायेगी तो अपनी क्षेत्रीय सत्ता से भी हाथ धोना होगा और उस झुठी शान से भी जिसका लेबल लगाकर वे मंच में कांग्रेस या भाजपा का हाथ पकड़कर ऐसा भाषण करते हैं , जैसे की ऐतिहासिक परिवर्तन ये मनुवादी सत्ता का जड़ पार्टी कांग्रेस भाजपा और उनका साथ देने वाले नेता या पार्टी ही लायेंगे | जबकि सच्चाई ये है की चुनाव में तो आमतौर पर सभी पार्टी प्रजा के मतलब अनुसार प्रचार करती है , और सकार बनने के बाद उसपर काम भी करने का दावा करती है | जैसे की कांग्रेस ने गरिब प्रजा के मतलब अनुसार करोड़ो गरिबो का वोट पाने के लिये गरिबी हटाओ चुनाव प्रचार किया और चुनाव जीतकर सरकार बनाने के बाद गरिबी हटाने का ऐसा काम किया कि अजादी के समय पुरे देश की अबादी जितनी थी उतनी अबादी अभी गरिबी रेखा से भी निचे का जिवन जिने को मजबुर है | जो गरिब बीपीएल हालात सिर्फ शाईनिंग इंडिया और डीजिटल इंडिया के पिछवाड़े से पैदा किया हुआ नही है , बल्कि साठ सालो से कांग्रेस ने गरिबी भुखमरी और बेरोजगारी जैसे बुरे से बुरे हालात को अपने पिछवाड़े से पैदा करके सोने की चिड़ियाँ कहलाने वाले देश में भर दिया है | जो गरिबी भुखमरी कांग्रेस भाजपा के इन नेताओ के घर पैदा क्यों नही होती है ? ये नेता कभी बीपीएल कार्ड भी देखे या छुवे हैं क्या ? अथवा ये नेता चुनाव जीतने के बाद सरकार बनाकर कभी बीपीएल कार्ड से राशन उठाकर खाना पकाकर खयें हैं क्या ? अजादी से अबतक कांग्रेस भाजपा दोनो ही पार्टी को भारी बहुमत से मौका मिला है , बल्कि इन दोनो ही पार्टी को कई कई बार मौका मिला है | फिर भी ये ढोंगी पाखंडी हर चुनाव में ऐसा भाषण करते हैं , जैसे कि वे गरिब प्रजा के बिच जाकर पहलीबार एक मौका मांग रहे हो गरिबी भुखमरी और बेरोजगारी हटाने के लिए | पाखंडियों शर्म करो ऐसे ही भाषण कर करके सत्ता सुख लंबे समय तक भोगकर और करोड़ो लोगो को गरिबी भुखमरी और बेरोजगारी में छोड़कर जिस तरह कांग्रेस भाजपा की पुरानी  खास पिड़ी खुद अमिरी सुख भोगकर हमेशा के लिए जा चुके हैं बिना गरिबी भुखमरी और बेरोजगारी दुर किये , उसी तरह जाहिर है उनकी नई पिड़ी भी हमेशा के लिए जाने से पहले भरपुर सत्ता सुख भोगने के लिये आज फिर से वादा खिलाफी भाषण दे रही है | जिनकी अपडेट ढोंग पाखंड को समझकर खासकर शोषित पीड़ित बहुसंख्यक प्रजा अपने किमती वोट का उपयोग कांग्रेस भाजपा और उनके सहयोगियों के विरोध में ही इस्तेमाल करें  | नही तो फिर से गरिबी भुखमरी और बेरोजगारी वाले बुरे हालात गरिब बीपीएल परिवार की नई पिड़ी भी करोड़ो की संख्या में बुढ़ापे तक देखते हुए जानेवाली है | जैसे की पुरानी पिड़ी करोड़ो अबादी को गरिबी भुखमरी में गुजारा करते हुए देखकर जा रही है | ये गरिबी हटाओ और शाईनिंग इंडिया डीजिटल इंडिया का नारा देनेवाले नेता तो बिना गरिबी भुखमरी और बेरोजगारी हटाये ही अमिरी सुख सुविधा का भरपुर लाभ लेते हुए जानेवाले हैं | बल्कि कई तो जा चुके हैं ! जिनमे ऐसे नेता भी हैं जिन्होने भाजपा कांग्रेस का भरपुर साथ देकर मनुवादी सत्ता को बरकरार रखने में अपनी खास भुमिका निभाकर यह सोचकर सायद हमेशा के लिये चले गए हैं कि उनका नाम पुर्ण अजादी की लड़ाई में जो कि मनुवादी सत्ता से छुटकारा पाने के लिये कठिन संघर्ष चल रही है , उसपर उनका नाम अजादी के वीर नायको में इतिहास दर्ज होगा | जबकि सच्चाई ये है कि जिस तरह अंग्रेज का साथ देनेवाले नेता बहुत बड़ा अजादी का वीर नायक नही कहला सकते , उसी तरह कांग्रेस भाजपा का साथ देनेवाले नेता बहुत बड़ा पुर्ण अजादी का वीर नायक नही कहला सकते | और वैसे भी यैसे नेता पुर्ण अजादी का वीर नायक कहलाना भी नही चाहते हैं , वे तो बस वर्तमान में जो धन दौलत मनुवादी सत्ता में खुब सारा इकठा किये हुए हैं , या फिर मनुवादीयों की सहयोग से सत्ता कुर्सी सुख भोग रहे हैं , उसे बरकरार रखने के लिए सारी जिवन बस वही करते रहना चाहते हैं , जो की अबतक करते आ रहे हैं भाजपा या फिर कांग्रेस का साथ देकर | जो लोग या पार्टी इतिहास में वह बदलाव कभी भी नही ला सकते , जिसकी मांग समय बार बार कर रहा है मनुवादी सत्ता से पुर्ण अजादी के रुप में | जो पुर्ण अजादी दिलाने वाले वीर नायक कांग्रेस भाजपा के सहयोगी नही हैं | बल्कि इन दोनो पार्टियों का सहयोग छोड़कर इन पार्टियों को मनुवादी पार्टी स्वीकार करके पुर्ण अजादी संघर्ष करने वाले भी पुर्ण अजादी का वीर नायक कहलायेंगे भविष्य में दर्ज होने वाली पुर्ण अजादी इतिहास में | और जो कांग्रेस भाजपा से चिपके रहेंगे वे तो गुलाम करने वालो का सहयोगी कहलायेंगे | 


टिप्पणी : बहुसंख्यक शोषित पिड़ीत इस पोस्ट को ज्यादे से ज्यादे बांटकर पुर्ण अजादी संघर्ष में अपना खास योगदान दें !

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