कोर्ट ने कहा आरक्षण मौलिक अधिकार नही है


कोर्ट ने कहा आरक्षण मौलिक अधिकार नही है



भष्म मनुस्मृति का भुत सवार कोर्ट ने कहा आरक्षण मौलिक अधिकार नही है | और पुर्व लोकसभा उपाध्यक्ष कड़िया मुंडा रिपोर्ट 2000 ई० के अनुसार जो हाईकोर्ट के कुल 481 जजो में ब्राह्मण वैश्य क्षत्रिय -426 जज , OBC-35 जज ,SC -15 जज ,ST -5 जज शामिल हैं वह मनुवादियो की मौलिक अधिकार है |
दरसल मनुवादियों का परमोशन घर के वे भेदि लोग कर रहे हैं जिनकी भविष्य में मनुवादियों के खिलाफ चल रही संघर्ष इतिहास में RSS से भी बुरा दर्ज होगा | क्योंकि RSS का नेतृत्व कर रहे लोग तो गोरो की तरह विदेशी डीएनए के हैं पर ये घर के भेदी तो देशी डीएनए के हैं | लेकिन भी उन्हे मनुवादियों से ही इतना लगाव इसलिए है क्योंकि घर के भेदि एक तरह से खोटा सिक्का की तरह बहुत बड़ी कमजोरी लेकर पैदा होते हैं जिसके चलते उनमे आत्मविश्वाश की भी कमी और बुद्धी बल की भी कमी रहती है | खासकर घर के भेदी लोग सबसे अधिक डरपोक होते हैं इसलिए गरिब से गरिब लोगो को मनुवादियों के खिलाफ लड़ते हुए शहिद होते हुए भी देखा जा सकता है | पर ये घर के भेदि दिन रात मनुवादियों का तलवा चाटकर उनके पापो को साफ करते रहते हैं | जिन घर के भेदियों के खिलाफ भी आंदोलन चलना चाहिये ! क्योंकि ये घर के भेदी ही वे गुप्तचर भी होते हैं जो शोषण अत्याचार करने के लिए मानो सुपारी देते हैं कि फलाना से मनुवादियों को खतरा है उसे किसी भी तरह साम दाम दंड भेद नीति अपनाकर इतना शोषण अन्याय अत्याचार करो की उसकी कमर टुट जाय ! जैसे की फिल्म नायक में मुख्य बिलेन बागड़ बिल्ला को उसके वकिल और बहुत सारे चाटुकार आईडिया देते रहते थे ! जिनके बगैर जिस तरह बागड़ बिल्ला सियार बन जाता उसी तरह मनुवादि भी सियार बन जायेंगे जिसदिन घर का भेदि से उनको सहयोग मिलना बंद हो जायेगा !

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