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सोमवार, 28 सितंबर 2020

हिंदू धर्म में भगवान पूजा का मतलब देव पूजा नहीं है, देव छुवा छुत शोषण अत्याचार करने वाले मनुवादीयों के पुर्वज हैं , जो अब मर चुके हैं



हिंदू धर्म में भगवान पूजा का मतलब देव पूजा नहीं है, देव छुवा छुत शोषण अत्याचार करने वाले मनुवादीयों के पुर्वज हैं , जो अब मर चुके हैं


होली दिवाली और मकर संक्राती जैसे दर्जनो प्रकृति पर्व त्योहार बारह माह मनाकर प्राकृति भगवान की पुजा करने वाले इस देश के मुलनिवासियों को उन मंदिर में प्रवेश नही करना चाहिए , जहाँ पर मनुवादी अपने मरे हुए पुर्वज देवो की पुजा करवाते हैं | बल्कि सिर्फ उन मंदिरो में जायें जहाँ पर सबको जिवन प्रदान करने वाले चारो ओर साक्षात मौजुद प्रकृति के प्रतिक की पुजा होती है | जैसे की प्रकृति सुर्य प्रकृति पत्थर वगैरा | जो पत्थर न रहे तो पृथ्वी एक पल भी नही टिक सकता | और सुर्य के बगैर पृथ्वी में मौजुद जिवन नही टिक सकता | बल्कि प्रकृति वायु जल के बगैर  तो इंसान एक पल भी नही टिक सकता | जिसके बगैर रहकर वह चाहे जिसकी पुजा कर ले | जिस प्रकृति की कृपा के बदले उसके आगे माथा टेककर उसकी प्रमाणित ताकतो को सत्य स्वीकारने में क्या हर्ज है | जिसकी पुजा करने के लिए धन दौलत और मंदिर की भी जरुरत नही है | जिस प्रकृति भगवान की पुजा करने के साथ साथ प्रकृति की ताकत को भी स्वीकारो | न की उन देवो की ताकत को सर्वशक्तीमान समझो जिन देवो को असुर दैत्य दानवो ने चौदह देव असुर संग्राम में दस से अधिक बार हराया है | और वैसे भी मनुवादियों के पुर्वज मरे हुए देवताओं कि पुजा करना उन भुत प्रेतो की पुजा करना है , जिन्होने जिते जी इस देश के मुलनिवासियों के पुर्वज दैत्य दानव असुरो की छल कपट और घर के भेदियो की सहायता से नरसंहार किया है | और साथ ही उनके सम्राज्य को लुटकर उनका विनाश किया है | बल्कि कई देवो ने तो असुर दैत्य दानवो की बहु बेटियों की इज्जत भी लुटा है | जैसे की इंद्रदेव ने अहिल्या की इज्जत लुटा है | विष्णु ने वृत्तासुर की पत्नी तुलसी की इज्जत लुटा है | और ब्रह्मा ने सरस्वती की इज्जत लुटा है | जिसकी सजा भी तीनो को मिला था | इंद्रदेव को हजार योनी को किसी घुंघरु की तरह लटकाये रहने की सजा मिला था , विष्णु को पत्थर बन जाने की सजा मिला था , और ब्रह्मा को तो शिव ने उसका गर्दन काटकर सजा दिया था | जिसके बारे में जानकारी वेद पुराणो में भरे पड़े हैं | जिसमे छेड़छाड़ और मिलावट करके मनुवादियों ने वेद पुराणो में इन बलात्कारियो को भगवान और दानव असुरो को बड़े बड़े दांतो वाले पहाड़ो जैसा विशाल शरिर वाले मानव भक्षी बताकर यह दर्शाने की कोशिष किया है कि वेद पुराण में मौजुद सारे देव मानव रक्षक हैं , और सारे दानव असुर दैत्य मानव भक्षक हैं | इस देश के मुलनिवासियों के पुर्वजो को आकार में इतना बड़ा बतलाया जाता है कि मानो उनके लिंग योनी बरगद के पेड़ जितने मोटे और असुर कन्याओं की योनी कोई बड़ी गुफा जैसी हुआ करती थी | मनुवादीयों की बातो को यदि सत्य मान लिया जाय तो फिर तो दानव असुर पुराने बरगद के पेड़ जितने मोटे मोटे और लंबे लंबे लिंग लेकर दानव असुर तप किया करते थे | जिन्हे इंद्रदेव दानव असुरो का तप भंग करने के लिए स्वर्ग की अप्सराओं को उन्हे मोहित करने के लिए भेजा करते थे |  हलांकि नाच गाकर तप भंग करने के बाद भी सायद ही कोई अप्सरा के साथ दानव असुरो को संभोग करते बतलाया जाता है | और यदि किया भी होगा तो मनुवादियों के अनुसार तो विशालकाय दानव असुर के तो बड़े बड़े दांत और आंत के साथ साथ इतने बड़े बड़े लिंग योनी होते थे कि अगर वे एक साथ पेशाब भी करते होंगे तो देवो का स्वर्ग में बाढ़ आ जाता होगा | जिस पेड़ जितने मोटे लिंग से दानव असुर कोई तप भंग करने वाली अप्सराओं से कैसे संभोग करते और कैसे विवाह करते यदि तप भंग होने के बाद अप्सराओं से मोहित होकर उनके साथ सेक्स करते ? मानो हाथी कोई चिट्टी से सेक्स कैसे करता ? जिन मनुवादियों की माने तो दानव असुर चूँकि बलात्कारी थे , जो घुम घुमकर बलात्कार करते फिरते थे , इसलिए दानव असुरो के बारे में यदि रामायण महाभारत में दानव असुरो के मानव भक्षी जिवन के साथ साथ उनकी सेक्स जिवन को भी मनुवादीयों की सोच के अनुसार दिखलाया जाय तो चारो तरफ बड़े बड़े लिंग और योनी लिये राक्षस राक्षणी असुर दानव की सेक्स जिवन का विडियो से तो रामायण महाभारत भरे पड़े रहेंगे | क्योंकि दानव असुरो मानव भक्षण और हत्या करते जिस तरह से दिखलाया जाता है , उस तरह दानव असुरो के बारे में ये मनुवादी जरुर यह भी बतलाने की कोशिष करते होंगे की दानव असुर दिनभर घुम घुमकर खुले में सेक्स भी करते रहते होंगे | मैं यह सब बाते इसलिए भी कर रहा हूँ , क्योंकि राम मंदिर बनने से पहले राम के प्रति भक्तीमय माहौल बनाने के लिए लोकडाउन करके मजबुरी वश भी मानो इस देश की प्रजा को रामायण देखने के लिए बाहर कोरोना वायरस है , इसलिए चुपचाप घर में बैठकर रामायण देखो कहकर रामायण धारावाहिक को फिर से जो प्रसारित किया गया है , उसपर एक टी० वी० अभिनेत्री के द्वारा किया गया एक ट्वीट बहुत ज्यादे वायरल हुआ था , जिसमे लिखा गया था कि खुद तो संसद में सेक्स विडियों देखते हैं , और हमे रामायण देखने को कह रहे हैं | हलांकि यदि ट्वीट करनेवाली अभिनेत्री के द्वारा रामायण को बहुत ही भक्तीमय माना जाता है , जिसपर की बहुत से लोग भी यदि रामायण महाभारत को भक्ती धारावाहिक में मर चुके देवो की जिवन को धरती और आकाश में विचरन करते दिखाये जाने की वजह से यदि भक्तीमय माना जाता है तो यह दरसल बहुत बड़ी गलतफेमी है | क्योंकि रामायण महाभारत को यदि सेक्स की दृष्टी से देखे तो धारावाहिक में स्वर्ग जिवन में तो सिर्फ सेक्स ही सेक्स भरे पड़े हैं | और निचे धरती पर भी मानो सेक्स यज्ञ से माहौल भरे पड़े हैं | खासकर जब एक एक यज्ञ करने वाले देवो के वंशजो को बुढ़ापा में भी कई कई किशोरी से लेकर जवान देवदासियाँ सेक्स करने के लिए दान कर दिया जाता था | बल्कि दानव असुर के तप को भंग करने के लिए तो स्वर्ग की अप्सराओं को अपनी यौवन का जलवा दिखलाने के लिए इंद्र द्वारा खास भेजा जाता था | जिन जलवा दिखलाने वाली अप्सराओं के साथ यदि निचे धरती पर खुले में सेक्स होता होगा तो कैसा नजारा होता होगा ? जिस धरती पर सेक्स करने के लिए इंद्रदेव भी स्वर्ग छोड़कर धरती पर लार टपकाते हुए भ्रमण करता रहता था | जिसे स्वर्ग की अप्सराओं से भी ज्यादे आर्कषण धरती की नारियाँ आर्कषक लगती थी | जिसके चलते इंद्रदेव ने स्वर्ग की अप्सराओं से भी ज्यादे आर्कषक धरती की नारी साबित करते हुए धरती पर उतरकर अहिल्या का बलात्कार किया था | जबकि दानव असुरो को स्वर्ग में जाकर बलात्कार करते हुए मनुवादियों द्वारा भी नही बतलाया जाता है | देवता निचे धरती पर उतरकर बलात्कार भी करे तो वे भगवान और दानव असुर उपर स्वर्ग के देवो को निचे धरती पर कई बार कैद करके छोड़ दे तो शैतान ! जो दानव असुर अप्सराओं के साथ तो बलात्कार करना तो दुर खुद अप्सरा दानव असुरो के तप भंग करने के लिए नाचती गाती थी पर दानव असुर लंबे समय तक तप करते रहते थे | और तप वरदान भी पाते थे ऐसा मनुवादी भी बतलाते हैं , तो भी दानव असुरो को बलात्कारी हत्यारा और मानवभक्षी बतलाया जाता है | जबकि किस दानव असुर ने किस अप्सरा से रेप किया था , और किस देव मानव को खाया था ये नही बताया जाता है | बल्कि दानव असुरो का तप भंग करने के लिए अप्सराओं को बहुत बार स्वर्ग से भेजते जरुर बतलाया गया है | जिन अप्सराओं से यदि दानव असुर वाकई में तप भंग होने के बाद प्रेम प्रसंग करके विश्वामित्र की तरह सेक्स करते तो आखिर कैसे करते मनुवादियों के मान्यता अनुसार , क्योंकि दानव असुरो का लिंग बरगद का पेड़ से भी मोटा मोटा रहता था | जो दानव यदि मनुवादियों की माने तो टनो टन किमती सोने चाँदी वगैरा के आभुषण पहननते थे | पर फिर भी कई तो कपड़ा नही पहननते थे | जो यदि अपना बरगद से भी मोटा लिंग लहराते हुए युद्ध लड़ते या तप करते तो फिर किस तरह की सेक्सी माहौल दिखती यदि रामायण महाभारत में दानव असुरो की सेक्स विडियो बनती | बल्कि दान में मिली किशोरी और जवान कन्याओं के साथ कुटिया में देव दासियाँ रखकर जंगल में मंगल करने वालो की भी यदि सेक्स विडियो बनती तो कैसी रामायण महाभारत बनती !  जाहिर है यदि ये सभी कई कई देवदासियों से सेक्स करने वाले बुढ़े लोगो को दिखलाया जायेगा चाहे स्वर्ग हो या जंगल में मंगल करते कुटिया जहाँ पर शौचालय भी नही रहता था , लेकिन चूँकि सेक्स करने का कमरा जरुर होता होगा तो निश्चित तौर पर सेक्स विडियो का अंबार लग जायेगा यदि उनकी सेक्स जिवन के बारे में भी विडियो बनाई जायेगी  | क्योंकि एक एक कुटियाँ में कहीं कहीं तो एक एक दर्जन देवदासियाँ भी रखी जाती थी | जिनके साथ आजकल पकड़ाते बलात्कारी बाबाओं की तरह जबरजस्ती रेप किये जाते थे कि प्रेमभरी गाना गाकर सेक्स की जाती थी ये तो समझने वाले खुद ही उस समय के हालात का विश्लेषण करके समझें जब मासुम किशोरियों को पढ़ाई करने की उम्र में बुढ़े दाड़ीवालो को कई कई दान कर दिये जाते थे | हलांकि स्वर्ग या कुटिया में चाहे जबरजस्ती होता था कि प्यार से सेक्स होता था , पर चारो तरफ इतने सेक्स तो जरुर होते थे रामायण महाभारत में भी की यदि उन तमाम घटनाओं की सेक्स विडियों भी बने तो खुद तो संसद में सेक्स विडियों देखते हैं , और हमे रामायण देखने को को कह रहें हैं कहते समय एकबार फिर से जरुर सोचना पड़ेगा | क्योंकि महाभारत में भी तो पांडवो में एक एक के पास कितनी पत्नीयाँ हुआ करती थी ये जानकारी जुटाई जाय तो सेक्स ही सेक्स मौजुद है | यू ही युधिष्ठिर छोड़ बाकि सबको नर्क नही मिला था | बल्कि महाभारत में भिम ने तो दानव कन्या से भी संभोग करके पहाड़ से भी बड़ा घटोतक्ष पुत्र का पिता बना था | जिसकी सेक्स विडियो यदि मनुवादियों की मनुस्मृति बुद्धी से बनाया जाय तो फिर चूँकि इंसान की समान्य लिंग की लंबाई मोटाई से भले कुछ ज्यादा मोटा लिंग भीम का लिंग होगा , पर इतना नही होगा कि वह दानव कन्या से सेक्स करके उससे दानव कन्या को गर्भवती कर देता | जिसे यदि विशाल दानव असुर कन्या से  सेक्स करते मनुवादियों की बुद्धी अनुसार दिखाया जायेगा तो कैसा लगेगा भीम और दानव कन्या का संभोग विडियो ? कैसे भीम की सेक्स कामयाब हो पायेगी जबकि भीम का लिंग दानव कन्या के योनी के मुकाबले मानो कोई चिट्टी किसी हाथनी से संभोग करके हथनी के बच्चे का पिता कैसे बनता ? जो भीम भी जरासंघ को धोखे और छल कपट से मारकर नर्क गया था |  वैसे महाभारत रामायण की स्वर्ग में भी कौन सी सुख शांती मौजुद थी , जहाँ पर देव असुर के द्वारा तप करने से हमेशा इंद्र अपनी सिंघाषण के डोलने से आतंकित रहता था | आज भी तो मनुवादि अपनी सत्ता सिंघाषण को डोलता हुआ महसुश करके दिन रात आतंकित होकर हमेशा ही सत्ता कैसे बनी रहे इसके लिए छल कपट जाल बुनते रहते हैं |

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