जनता मालिक की सेवा करने की सरकारी नौकरी बहाली 2018-2019
जनता मालिक की सेवा करने की
सरकारी नौकरी बहाली 2018-2019
इंटरनेट पर मैं एक चुनावी भाषन देख रहा था,जिसमे दाउर रत्नाकर मंच से कह रहे थे कि
"हर 5 साल में हम लोग अपना नौकर चुनते हैं,राज्य के कारोबार को चलाने के लिए,और आप लोगों को मालूम है,आजादी के इन 71 वर्षों में हमने सबसे ज्यादा अगर इस प्रदेश में और देश में अगर नौकर चुनने का काम किया,तो हमने कांग्रेस को चुनने का काम किया, लेकिन साथियों कांग्रेस के बाद अगर हमने किसी दूसरे को चुनने का काम किया तो पिछले 15 वर्षों से इस छत्तीसगढ़ प्रदेश में हमने भारतीय जनता पार्टी कि सरकार बनाकर श्री रमण सिंह को इस प्रदेश का नौकर चूनने का काम किया, लेकिन साथियों मैं आप लोगों से ये कहना चाहता हूं हम गांव के किसान लोग हैं,गांव के लोग हैं,गांव में हमलोग अपना एक कमिया लगाते हैं,तो कमिया लगाने के बाद उसको एक निर्धारित समय के लिए कमिया लगाते हैं,और जैसे फागुन पुरते,तो फागुन पुरते ही हम लोग कहते हैं कि बाबू अब तोर फागुन पुर गेल,अब फागुन पुर गेल,माने तोर काम के समय खत्म हो गेएल,अब तोर हिसाब-किताब चुकता कर और अगर तोर काम बढ़िया हैं तो फिर आने वाला बछर में तोरा देखबउ,काम पर बुलाके कोशिश करबउ,और अगर तोर काम अच्छा नहीं,तोर हिसाब-किताब कच्चा है,तो बाबू एक करले फागुन के बाद अब तोर नौकरी भी कच्चा है,मैं आज इस मंच से कहना चाहता हूं अब रमन सिंह आप तोरो भागुन पुर गईल, काले कि तोर हिसाब-किताब पक्का नहीं है,तोर हिसाब किताब कच्चा है|"
खैर इस चुनावी भाषन को सुनने से एक बात तो सत्य है कि कांग्रेस सरकार के बाद भाजपा सरकार भी जनता मालिक का सेवा करने का सही सरकारी नौकरी नही किया है,जिसे मैने अपने ब्लॉग और ट्वीटर में भी बार बार बतलाने कि कोशिष किया है कि ये भाजपा कांग्रेस सरकार जनता मालिक की नौकरी करके ज्यादेतर खुदकी सेवा करने में ही अपना कार्यकाल पुरा किया है|जिसके बारे में भी मैं एक विडियो में देख रहा था,जिसमे मानो
भाजपा की तरफ से जवाब दिया जा रहा था एक नेता नही बल्कि एक हास्य अभिनेता के जरिये कि
छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनाव 2018 |
जिस बात पर क्या वाकई में यकिन किया जाय
कि हर साल जो दो करोड़ बेरोजगारो को भाजपा सरकार जो खुद भी जनता मालिक की सरकारी नौकरी कर रही है,वह काम नही करने के लिए बल्कि मजा करने के लिए जनता मालिक का सरकारी नौकरी कर रही है? खैर भाजपा सरकार हर साल तो दो करोड़ लोगो को सरकारी नौकरी नही दे सकी,पर वह खुद अब जनता मालिक और देश की सेवा करने के लिए फिर से सरकारी नौकरी की अर्जी देने के लिए जनता मालिक के बिच 2019 ई. में जायेगी,जिससे पहले कई राज्यो में भी जनता मालिक की सेवा करने की सरकारी नौकरी में अर्जी देने के लिए भाजपा और कई अन्य पार्टी भी जनता मालिक के बिच जायेगी|बल्कि जा भी रही है|
जिस सरकारी नौकरी से मुझे एक फिल्म याद आया
जिसका नाम " नायक " था जिसमे फिल्म का नायक एक दिन के लिए जनता मालिक की सेवा करने के लिए सरकारी नौकरी अथवा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठता है,जिससे पहले फिल्म में वह गांव का एक किसान, जिसकी एक जवान बेटी है,जो फिल्म की नाईका है,उससे फिल्म के नायक को प्यार हो जाता है,और वह लड़की के बुढ़ा पिता के पास जाकर लड़की का हाथ मांगता है,अथवा वह बुढ़ा किसान की बेटी जो फिल्म की नाईका है,उससे विवाह करने की बात करता है,जिससे बातचीत करते समय क्या क्या बातचीत बुढ़ा पिता और फिल्म के नायक के बिच होता है, उसपर भी
सरकारी नौकरी और प्राईवेट नौकरी को लेकर एकबार जरुर गौर किया जाय,
बुढ़ा पिता : तुम हो कौन?जवाब :आप Q tv देखते हैं?
बुढ़ा पिता : मैं खेती बारी देखता हूं,
जवाब : परसों जो बंद हुआ था,उसमे जो स्टूडेंट की जान बचाया था,वह मैं था,
बुढ़ा पिता : काम क्या करते हो ?
जवाब : पहले Q tv में कैमरामैन था,अब रिपोर्टर हूं,
बुढ़ा पिता : सरकारी नौकरी है ?
जवाब : नहीं प्राईवेट है,
बुढ़ा पिता : मुझे सरकारी नौकरी चाहिए,
जवाब : सॉरी लेकिन आपको इस उम्र में सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती,
बुढ़ा पिता : मजाक मत करो,मेरा होने वाला दमाद सरकारी नौकरी में होनी चाहिए,
जवाब : मेरी नौकरी में क्या कमी है ? 15,000 तनख्वा है, ..फंड है , मेडिकल ..ये वो.. सब सरकारी नौकरी जैसा ही है,
बुढ़ा पिता : सरकारी नौकरी जैसा नहीं,सरकारी नौकरी ही चाहिए ,tv चैनल तो रोज खुलते हैं , रोज बंद होते हैं,तनख्वा चाहे ₹1 हो या ₹1000 लेकिन नौकरी सरकारी ही होनी चाहिए , तभी मेरी बेटी जहां जाएगी सुखी और सुरक्षित रहेगी , समझे जाओ पहले ऐसे नौकरी ढूंढ कर आओ फिर बाद में बात करेंगे "
जिन तीनो विडियो को देखकर एक बात साफ है
कि नौकरी चाहे सरकारी हो या प्राईवेट,यदि नौकर ठीक से काम किये बिना नौकरी करने वाला नौकर खुब सारा धन बिना ठीक से काम किये ले रहा है,तो समझो समय और पैसा दोनो की बर्बादी है|वैसे जनता मालिक की सरकारी नौकरी करते हुए कांग्रेस और भाजपा सरकार कितना धन और समय की बर्बादी की है,ये तो एक आरटीआई में मिली जानकारी से पता चलता है,जिसमे बताया गया है कि 2014 में जब भाजपा सरकार जनता मालिक की सेवा करने और अच्छे दिन लाने की बात करके सरकारी नौकरी पकड़ी तो कुर्सी पकड़ने के बाद कितना धन जनता मालिक की बर्बाद की इसके बारे में एक आरटीआई द्वारा एक जानकारी की उदाहरन से पता चलता है कि भाजपा सिर्फ विज्ञापन पर ही मई 2014 से 2018 तक 4,343 करोड़ रूपए खर्च कर चुकी है| रही बात कांग्रेस सरकार की तो यूपीए -2 की सरकार के तीसरा साल पुरा होने की खुशी में कांग्रेस सरकार दावत थाली की किमत 7721 रु थी|
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