गरिबी हटाओ का नारा देनेवाली सुट बुट भाजपा युक्त कांग्रेस को फिर से 7721 रु की दावत थाली चाहिए
कांग्रेस सरकार की दावत थाली 7721 रु,आप पार्टी की दावत थाली 9355 रु.भाजपा सरकार प्रचार प्रसार थाली 4343 करोड़,सोने से जड़ा प्रधान सेवक सुट निलाम 43100000 रु.
इस कृषी प्रधान देश भारत में प्रतिदिन 244 करोड़ का खाना बर्बाद होता है|जो सालाना करिब 890000 करोड़ का होता है|वहीं भारत में ही 19 करोड़ 40 लाख लोग हर रोज भुखे पेट सो जाते हैं|क्योंकि उनतक सरकार अन्न जल नही पहुँचा पा रही है|अजादी से अबतक मनुवादी सरकार चल रही है|जिन मनुवादियो का इस देश के गणतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में भी दबदबा है|जो मनुवादी सरकार जनता को ठीक से खाना भी नहीं खिला पा रही है|जिसके चलते भारत में 19 करोड़ 40 लाख लोगों को हर रोज भुखे पेट सोना पड़ रहा है|कहने को तो ये देश भी हवा हवाई आधुनिक भारत,गरिबी हटाओ का नारा सुनते सुनते शाईनिंग डीजिटल विकाश करके मंगल तक भी पहुंच गया हैं,इतनी तरक्की इस देश ने भी कर लिए हैं,लेकिन जमिनी स्तर पर सभी जरुरतमंदो तक अन्न जल भी पहुंच पहुंच सके ऐसी आज तक कोई भी सरकार नहीं चुनी गई है|जिसके चलते सिर्फ आधुनिक भारत,गरीबी हटाओ और शाईनिंग इंडिया,डिजिटल इंडिया की बातें होती रही है|ऐसा नहीं कि यह कृषि प्रधान देश भारत का किसान सबके लिए अन्न पैदा नहीं कर रहा है|जिसका एक उदाहरन हाल ही में पाँच राज्यो में जो विधानसभा चुनाव होने जा रहा है,उससे पहले छत्तीसगढ़ के नेता अजीत जोगी ने एक राष्ट्रीय चैनल में अन्न भोजन के बारे में बातें करते हुए ये बताया कि सिर्फ छत्तीसगढ़ इतना अन्न पैदा करता है कि वह चाहे तो 1 साल के लिए पूरा देश को अकेले ही भरपेट खिला सकता है|जिसके चलते छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा भी कहा जाता है| जहिर है छत्तीसगढ़ से भी ज्यादे अन्न पैदा करने वाले कई राज्य इस कृषी प्रधान देश में मौजूद है|लेकिन भी आज तक कोई भी ऐसी सरकार पैदा ही नहीं हुई,जो कि उस किसान द्वारा पैदा किए अन्नाज को सरकार अपने जनता मालिक अथवा जरुरतमंदो तक पहुँचा सके|यानी सरकार आजतक अन्न जल तक भी नहीं पहुँचा पाई है|जिसके बारे में जानकारी संयुक्त राष्ट्र के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन (FAO) कि एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर दिन 244 करोड़ रुपये का खाना बर्बाद होता है,जो सालाना 89 हजार करोड़ रुपया होता है| 2016 में एक रिपोर्ट आई थी,जिसमे बताया गया था कि अमीर कहलाने वाले देश ब्रिटेन के लोग जितना खाना खाते हैं,उतना खाना गरीब कहलाने वाला ये सोने की चिड़ियां देश बर्बाद करता है|जहाँ पर कुल उत्पादन खाद्य सामग्री का करीब 40 प्रतिशत बर्बाद हो जाता है|जिसे कहा जा सकता है कि खाया कम जा रहा है,और सरकार के पिच्छे से बर्बाद ज्यादा हो रहा है|जिसके लिए अब अपनी जनता मालिक को खिलाने से ज्यादा शौचालय में ध्यान दे रही है|देखा जाय तो सरकार खुद अपनी नकामी की वजह से खाना बर्बाद करा रही है और मानो बिना खिलाये सबको शौचालय बनाने के लिये कह रही है| जिनमे ज्यादेतर तो उन लोगो को शौचालय बनाने के लिए कही जा रही है,जो भुखे पेट सोते हैं|जिनके लिये भोजन का भी तो इंतजाम होनी चाहिए न कि सिर्फ शौचालय का इंतजाम करके बिना खिलाये खाने को भोजन नही और रहने को घर नही और जोर जबरजस्ती डंडा मारकर भी शौचालय में शौच करने को कहा जाय|ताकि दुनियाँ को बता सके कि भारत में सबके पास शौचालय है|यानि सभी लोग खाते पिते घर के हैं|जो सोने की चिड़ियां का जनता मालिक होकर भी पेटभर खा भी नही पा रहे हैं|क्योंकि उनकी सरकार अपनी जनता मालिक की सेवा में अन्न जल भी उपलब्ध नही करा पा रही है|जबकि इस कृषी प्रधान देश में फसल कटाई के बाद करीब 100000 करोड़ का नुकसान सरकार की नकामी की वजह से हो जाती है|इस देश के नागरिको को 225-230 मिलियन टन खाने की जरुरत होती है,जिसमे भारत का किसान 2015 से 2016 ई. में 270 मिलियन टन उत्पादन किया था,वह भी तब जब वह कर्ज में भी डुबा हुआ है|जो किसान सरकार की नकामी के चलते आत्महत्या भी कर रहा है|जिस किसान का अन्न का अपमान किस तरह से हो रहा है इसकी झांकी एक वैश्विक भूख सूचकांक पर जारी एक ताजा रिपोर्ट से दिख जाता है,जिसमे बतलाया गया है कि दुनिया के 119 विकासशील देशों में भूख के मामले में भारत 100 वें स्थान पर है|जो इससे पहले बीते साल भारत 97 वें स्थान पर था|यानी किसान द्वारा जरुरत से अधिक अन्न का उत्पादन करने के बावजुद भी इस कृषी प्रधान देश की भुखमरी और भी अधिक बड़ते जा रही है|जिस भुखमरी से निपटने में भारत की मनुवादी सरकार बांग्लादेश की सरकार से भी पीछे है|क्योंकि मनुवादी मुलता कृषी के बारे में प्रयोगिक रुप से जानता ही नही था इस कृषी प्रधान देश में प्रवेश करने से पहले|जिसके चलते वह इस कृषी प्रधान देश भारत का शासक तो बना हुआ है पर उसके अंदर असल में कृषी सोच है ही नही इसलिए भारत में अन्न जल का भंडार होते हुए भी भुखमरी है|इस समय भारत विश्व में अन्न उत्पादन देश में दूसरा स्थान पर है,और आबादी अनुसार कुपोषण में भी भारत दूसरा स्थान है|जिस भुखमरी कुपोषण से निपटने के लिए सरकार द्वारा बनी तमाम योजनाएं फेल साबित हो रही है|क्योंकि वह मनुवादी दबदबा द्वारा चलाई जा रही है|जो मनुवादी खुदको तो जन्म से विद्वान पंडित अथवा टैलेंटेड कहकर आरक्षण को लेकर भी छुवा छुत करती रहती है,पर आजतक मनुवादी दबदबा की सरकार बार बार चुनाकर भी प्रयोगिक तौर पर अपनी जन्म से उच्च विद्वान पंडित टैलेंट को नही दिखा पा रही है|क्योंकि मनुस्मृती को जलाकर गोरो से अजादी मिलने के बाद कबका आजाद भारत का ऐसा संविधान लागू हो चुका है,जो कि विश्व में सबसे बड़ी है|जिस संविधान का अनुच्छेद-21 अनुसार सभी नागरिकों को गरिमा के साथ जीने की अधिकार और गारंटी देता है|जिसके बावजुद भी भारत में हर रोज करिब 6000 यानी सालभर में करीब 22 लाख लोग भुख की वजह से मर रहे हैं|जिनतक सरकार अन्न जल तक भी नही पहुँचा पा रही है|जिन भुख और कुपोषण से मरने वाले नागरिको में एक तिहाई तो सिर्फ बच्चे शामिल हैं| जो अपनी किशोर अवस्था,जवानी और बुढ़ापा देखने से पहले ही भुख और कुपोषन से मारे जा रहे हैं|क्योंकि मनुवादी सरकार जरुरत मंद नागरिको के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली और मिड डे मील जैसे योजना के बावजूद भी भूख और कुपोषण मिटाने में फेल रही है|पर सरकार खुदके लिए गाड़ी बंगला नौकर चाकर और जेड सुरक्षा वगैरा तमाम सुख सुविधा का इंतजाम कितनी अच्छी तरह से करती है,इसकी झांकी पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा अपनी दावत का इंतजाम जो हुई थी यूपीए -2 की सरकार के तीसरा साल पुरा होने की खुशी में,उसमे कांग्रेस सरकार की दावत थाली की किमत 7721 रु की परोसी गयी थी|बल्कि उससे भी बड़कर आप पार्टी की दावत थाली 9355 रुपये और 20020 रुपये की परोसी गयी थी|इतना ही नही सरकार अपने लिये पहनावे और दिखावे के लिए खुदकी प्रचार प्रसार के लिये भी किस तरह से इंतजाम करती होगी इस बात का अंदाजा वर्तमान की भाजपा सरकार द्वारा अपने प्रचार पर 2014 ई. से लेकर 2018 ई. अबतक 4343 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है|जिस भाजपा सरकार के प्रधान सेवक अपने गरिब जनता मालिक की सेवा लाखो रुपये की सुट पहनकर करने के लिए भी चर्चित हो चके हैं|जो सोने से जड़ा लाखो रुपये की सुट की चर्चा इतनी कड़वाहट लाई थी भाजपा सरकार में कि प्रधान सेवक का सोने से जड़ा लाखो रुपये का सुट को उतारकर उसे 4 करोड़ 31 लाख रुपये में निलाम कर दिया गया था|जिस तरह की सेवा करने और कराने के बारे में जानकर ये अच्छी तरह से जाना जा सकता है कि मनुवादी दबदबा चाहे कांग्रेस की सरकार चुनकर आये या फिर भाजपा की सरकार,दोनो ही जनता मालिक को ठीक से अन्न जल तक भी उपलब्ध कराने में फेल साबित हुई है|एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल 23 करोड़ टन दाल,और 12 करोड़ टन फल व 21 करोड़ टन सब्जियाँ सर्विश वितरण प्रणाली में कमि की वजह से खराब हो जाती है|विश्व भर में आठ में एक व्यक्ति की मौत कुपोषण से हो रहा है|जिस भुख और कुपोषन की वजह ये प्रतिदिन 24 हजार लोग मरते हैं|जिसका एक तिहाई हिस्सा भारत का है|यानी भारत में प्रतिदिन 6000 लोग भुख और कुपोषण से मारे जा रहे हैं|अथवा जिसदिन कोई पाठक इस जानकारी को लेगा उसदिन भी भारत में ही सिर्फ 6000 मौते भुख और कुपोषन से हो जायेगी|जिसकी जानकारी भुख और कुपोषन से मरने वालो की दबी आवाज को सभी उन जरुरतमंदो तक जरुर पहुँचनी चाहिए जो बहुत बेहत्तर शासन चल रहा है इसकी ढोंग पाखंड करके अच्छे दिन आने और गरिबी हटने की झुठा प्रचार प्रसार करते रहते हैं|क्योंकि अजादी से लेकर अबतक 71 सालो में अबतक इतना भी बेहत्तर सेवा जनता मालिक को नही मिल सका कि उसे अन्न जल की भी कभी न आये रोजमरा जिवन में|जिसके चलते हर साल सिर्फ भारत में ही अन्न जल का भंडार होते हुए भी,भुख प्यास और कुपोषन से 21 लाख 90 हजार नागरिको की मौते हो रही है|ये कोई मामुली नकामी नही है अजादी से अबतक चुनी गयी सरकार की|क्योंकि भुख और कुपोषण से मरने वाले नागरिको में एक तिहाई अबादी बच्चो की हैं|जिस जानकारी को सभी जरुरतमंदो तक जरुर बांटा जाय| धन्यवाद!
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