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सोमवार, 15 जुलाई 2019

मनुवादि यू ही झुठी शान के भुखे हजारो सालो से नही हैं

मनुवादि यू ही झुठी शान के भुखे हजारो सालो से नही हैं !
क्योंकि असल में उनमे काबलियत ही नही है कि वे कभी अच्छे शासक बन सके |
अक्सर चुनाव परिणाम के बाद भाजपा सरकार बनती है तो कांग्रेस सरकार जाती है , और कांग्रेस सरकार बनती है तो भाजपा सरकार जाती है | जिन दोनो पार्टी को एक ही मनुवादि सिक्के का अलग अलक दो पहलू माना जाता है | जिन दोनो पार्टियो की सरकार देश के सबसे अधिक राज्यो में भी मौजुद है | जिन दोनो पार्टियो को यदि सचमुच में इस देश के मुलनिवासियो द्वारा जो कि किसी भी धर्म में मौजुद हो सकते हैं , उनके द्वारा यदि भारी तादार में वोट करके जिताया जा रहा है , तो निश्चित तौर पर वे खुद तो अपनी बर्बादी का दलदल में डुब ही रहे हैं , और जो मुलनिवासी कांग्रेस भाजपा को वोट नही कर रहे हैं , उनको भी अपने साथ डुबो रहे हैं | हलांकि कांग्रेस भाजपा अदला बदली करके सरकार बनाने की चुनाव परिणामो के बारे में मेरा तो साफ तौर पर मानना है कि चूँकि ये दोनो पार्टि मनुवादियो की पार्टी है , जिसमे कथित उच्च जातियो का कब्जा है , जैसे की भाजपा में आरएसए की चलती है , जिसके अध्यक्ष बार बार उच्च जाति के चुने जाते हैं , और कांग्रेस जिसमे भी उच्च जाति के ही परिवार की चलती है | और साथ साथ लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में भी कथित उच्च जातियो का ही कब्जा हैं | जिसके चलते भी कथित उच्च जाति के लोग अल्पसंख्यक होते हुए भी बहुसंख्यक मुलनिवासि जो किसी भी धर्म में हो सकते हैं , उनका शोषन अन्याय अत्याचार करके भी फर्जी तरिके से चुनाव जितकर राज कर रहे हैं | क्योंकि मनुवादि मिल जुलकर लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में मिली ताकतो का गलत उपयोग करके अपनी शासन इस देश में किसी भी हालत में कायम रखना चाहते हैं | क्योंकि उन्हे अपनी झुठी शान को किसी भी हालत में बरकरार रखनी है | जिसके लिए उनके द्वारा चुनाव घोटाला हो रहा है इस बात पर पुरी तरह से विश्वास कभी भी न किया जा सके इसके लिए थोड़ी बहुत चुनाव परिणाम कांग्रेस भाजपा के विरोध में भी निकाले जा रहे हैं | बल्कि इस देश में यदि अजाद भारत का संविधान लागू न रहता तो मनुवादि शासन में चुनाव कभी होते ही नही ! क्योंकि मनुवादि मनुस्मृती को ही अपडेट करके और उसे लागू करके राजा बनकर शासन कर रहे होते | पर चूँकि गोरो की गुलामी से अजादी मिलने के बाद मनुस्मृती को जलाकर अंबेडकर ने अजाद भारत का संविधान रचना करके गणतंत्र देश घोषित किया गया है | जो की इस कृषि प्रधान देश का मूल शासन प्रणाली भी है | जिसके चलते इस देश में हजारो साल पहले भी ग्राम पंचायत और गणतंत्र मौजुद थी | जिस ग्राम पंचायत और गणतंत्र में मनुस्मृती विधि से शासन मुमकिन ही नही है | इसलिए मनुवादि चाहकर भी खुलकर ये नही कह सकते की उनकी मनुस्मृती विधि से ही इस देश का राजा चुने जाय | हलांकि वे चुनाव घोटाला करके चुना तो मनुस्मृती सोच से ही रहे हैं , पर डर के मारे ये झुठ बार बार दोहरा रहे हैं की इस देश में कानून और संविधान का राज है | जिस नियम कानून विधि से ही भारी बहुमत की सरकार प्रजा द्वारा चुनी जा रही है | क्योंकि उन्हे भी पता है कि अब वह गुलामी का दौर नही रहा कि मनुवादि अपने आदर्श नियम कानून मनुस्मृति लागू करके मनुस्मृती विधि से शासक बनकर इस देश के मुलनिवासियो का शोषन अन्याय अत्याचार जैसे अपराधिक घटनाओ को विधि पूर्वक अंजाम देते रहेंगे और इस देश के शोषित पिड़ित प्रजा समेत पुरी दुनियाँ हाथ में हाथ धरे चुप बैठेगी | बल्कि वह आंदोलन संघर्ष करके ऐसी शासक को उखाड़ फैकेगी | जो उखाड़ फैंकने के लिए आंदोलन संघर्ष कर भी रहे हैं | जिस डर की वजह से ही तो वर्तमान समय में मनुवादि तो क्या किसी भी देश का कोई भी शासक प्रजा को अब विधि पूर्वक गुलाम नही बना सकता | और न ही अब विधि पूर्वक किसी देश को उस तरह से गुलाम बनाया जा सकता है , जैसे कि गोरे नियम कानून बनाकर जज बनकर विधि पूर्वक कई देशो को लंबे समय तक गुलाम बनाये हुए थे | जो अब कई देश तो क्या किसी एक देश को भी विधि पूर्वक गुलाम नही बना सकते | जैसे की अब मनुवादि भी डर के मारे विधि पूर्वक कभी नही खुदको इस देश का राजा बना सकते | जिसके चलते ही तो उन्हे संविधान और नियम कानून के साथ छेड़छाड़ करके चुनाव घोटाला करना पड़ रहा है | जिसके लिए मनुवादियो को दिन रात न जाने कितने पापड़ बेलने पड़ रहे होंगे | बल्कि चुनाव घोटाला करके भी विरोध होने पर उन्हे बार बार कई झुठ बोलकर यह सफाई देना पड़  रहा है कि चुनाव संविधान और नियम कानून के दायरे में रहकर न्याय पूर्वक किया जा रहा है | पर चूँकि जिस तरह गोरे इस देश में न्यायालय बनाकर जज बनकर भी सबकुछ नियम कानून के दायरे में रहकर देश गुलाम बनाकर शोषन अत्याचार कर रहे थे , जिसके बारे में जागरुकता आते ही गुलाम प्रजा जज बनकर गुलाम करके नियम कानून सिखाने वाले गोरो के खिलाफ अजादी संघर्ष करके देश को अजाद कराया , उसी तरह मनुवादि भी जो भारी भेदभाव करके लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में कब्जा करके शोषन अन्याय अत्याचार कर रहे हैं , उसके बारे में भी जागरुकता जैसे जैसे बड़ते जायेगी वैसे वैसे मनुवादियो के खिलाफ शोषित पिड़ित प्रजा एकजुट होकर खुदको मनुवादि शासन से भी अजाद करायेगी | जो अजादी जबतक नही मिलेगी तबतक मनुवादि शोषन अन्याय अत्याचार करके भी खुदको सबसे अधिक काबिल घोषित करके लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में कब्जा जमाये रहेंगे | जैसे की जिस रामराज में शंभुक प्रजा को वेद ज्ञान लेने पर राजा राम ने उसकी हत्या करके और अपनी पत्नी को भी अग्नि परीक्षा लेकर गर्भवती अवस्था में भी जंगल भेजकर अन्याय अत्याचार करके भी रामराज को सबसे श्रेष्ट शासन बतलाया जाता आ रहा है , जिस रामराज में खुद राजा रानी ही इतने दुःखी हुए की एक जीते जी सरयू नदी में डूबा तो दुसरा जीते जी धरती में समा गई | जिस तरह का शासन को सबसे काबिल शासन बतलाया जाता है | पर जिसदिन भी मनुवादियो का शासन समाप्त होगी उसदिन से मनुवादियो का मनुस्मृति काबलियत के बारे में भंडाफोड़ प्रयोगिक रुप से पुरी दुनियाँ के सामने उजागर होने लगेगी | जिसे अभी मनुवादि शासन के चलते मानो बार बार एक झुठ को हजार बार सत्य बताकर ब्रेनवाश किया जा रहा है | लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में विधि पूर्वक फर्जी तरिके से भारी संख्या में उच्च जातियो का बहाल करके मनुवादियो को सबसे अधिक काबिल साबित किया जा रहा है | जिस काबलियत को मनुवादि शासन समाप्त होने के बाद हजार बार पुरी दुनियाँ के सामने फर्जी साबित करके मनुवादियो की मनुस्मृती काबलियत का प्रयोगिक भंडाफोड़ होगी | हलांकि समझदारो के लिए तो अब भी मनुवादियो की फर्जी काबलियत के बारे में अच्छी तरह से पता है कि मनुवादि इस देश के लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में अपनी किस तरह की काबलियत की वजह से कब्जा जमाये हुए हैं | जिसके बारे में झांकी के तौर पर सिर्फ दो उदाहरन देना चाहुँगा कि क्या वाकई में मनुवादि सबसे अधिक काबिलियत की वजह से ही लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में कब्जा जमाये हुए हैं ? एक मनुस्मृती सुझ बुझ बनाम अजाद भारत का संविधान रचना , और दुसरा एकलव्य और द्रोणाचार्य कथा | बल्कि कुबेर के द्वारा धन्ना कुबेर बनने की भी कथा |

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