भ्रष्टाचार और भस्मासुर
कालाधन का पाप अंबार अबतक बड़ते बड़ते इतना जमा हो गया है कि उनकी अगर जब्ती करके देश के सारे गरिब लोगो को बराबर बराबर हिस्से में बांट दिया जाय, तो जैसा कि इस देश के वर्तमान प्रधानमंत्री ने कभी मुख्यमंत्री रहते हुए चुनावी भाषन में कहा था,कि "इस देश की जनता मालिक के खातो से इतना सारा धन की चोरी हुई है,कि यदि उसकी जब्ती किया जाय तो सब गरिब के खाते में पंद्रह से बीस लाख यू ही मुफत में आ जायेंगे|"जो मुफ्त की क्यों उनके हक अधिकार का धन हैं|जिसे चोर लुटेरो ने चुराकर लुटकर गुप्त खातो में जमा करके छिपा रखा है|जो बात इस समय की विश्व आर्थिक विकाश की आंकड़ो में एक गरिब देश कहलाने वाले जड़ से समृद्ध देश के वर्तमान प्रधानमंत्री ने कहा है|जिसे जुमला कहकर मुख्यमंत्री से तरकी करके प्रधानमंत्री बनाया गया है|जाहिर है देश के लोकसभा चुनाव में किसी प्रधानमंत्री उम्मिदवार द्वारा इतनी बड़ी बात करके उसे बाद में जुमला करार देना,वह भी सबसे बड़ी अंतर से हार जीत का चुनाव जितकर,जो की जनता मालिक की वोट कृपा से अजादी के सत्तर सालो में दुसरी बार किसी पार्टी को इतनी भारी बहुमत से जिताकर मानो तीन सीट की जमिन