सबसे बड़ी गंदगी और सबसे बड़ी बदनामी|

मुझे अफसोस है कि मेरे ब्लॉग ज्यादे से ज्यादे लोग सायद नही पढ़ पा रहे हैं! सायद गुगल सर्च में मेरा ब्लॉग ठीक से नही आ पा रहा है!अब क्यों नही आ रहा है ये तो बाद में पता करुँगा फिलहाल जितने लोग भी पढ़ रहे हैं वे सब इसका लिंक जरुर अपने करिबियो को बांटे,जो यदि आपलोग करते हैं तो मैं आपकी बहुत बहुत धन्यवाद अभी से ही करना चाहुँगा,हलांकि मेरा ब्लॉक पढ़े उसके लिये भी बहुत बहुत धन्यवाद!जो यदि बुरा लगा हो तो कड़वी दवा समझकर पी लिजियेगा और यदि फिर भी किसी को बुरा लगे तो मैं तो कहुँगा ऐसी तकलिफ मैं ऐसे लोगो को कभी न दे पाउँ इसके लिये उनसे कहुँगा कि मेरा ब्लॉग वे एकबार पढ़ने के बाद दुबारा कभी न पढ़े तो बेहत्तर है जैसे कि यदि उन्हे मैला ढोने में तकलिफ है तो मैं तो कहुँगा मैला ढोने वालो के पास न जाय नाक सिकुड़ने! क्योंकि मैं भी मल तो नही पर मुत्र जरुर ढो चुका हुँ और मल की सफाई अथवा निजि शौचालय की सफाई भी खुद किया हुँ!जो अब भ्रष्टाचारियो की भी भ्रष्ट मन की सफाई करने की बीड़ा उठा लिया हुँ इस ब्लॉग के जरिये जिन बड़े बड़े भ्रष्टाचारियो के भ्रष्ट बुद्धी की सफाई के बगैर चाहे जितनी बार सफाई अभियान चला लो सफाई अधुरी रहेगी ,क्योंकि सफाई अभियान चलाने वालो में भी बड़ी बड़ी गंदगी करने का आरोप लगा है जैसे की हर रोज जो दरवाजा बंद करो तो बिमारी बंद कहकर सदी का सबसे बड़ा महा नायक के द्वारा शौचालय की जो प्रचार दिनभर चलती रहती है उनके उपर भी कभी जो विश्व की सायद सबसे बड़ी पनामा घोटाला जिसमे सबसे बड़े बड़े लोगो की नाम भी आया है पनामा नहर जैसा लिस्ट के रुप में!और सायद सदी का सबसे बड़ा घोटाला भी साबित होगी यदि सारे आरोपियो में चंद प्रतिशत भी सही बात निकलकर सदी के बड़े बड़े कुछ गिने चुने भी लोग पकड़े गये! जिनमे दरवाजा बंद करो तो बिमारी बंद कहने वाले को मैं तो कहुँगा सदी का महानायक नही बल्कि महा अभिनेता का नाम जो आया है वह सचमुच में 4G की स्पीट की तरह पर्जी स्पीट आगे भी भविष्य में साबित हो,ताकि करोड़ो लोगो का विश्वास बना रहे जो लोग उन्हे काल्पनिक महानायक की पहचान से ज्यादे और हकिकत अभिनेता की पहचान से कम जानते हैं!जिसकी द्वारा जो प्रचार आती है दरवाजा बंद करो तो बिमारी बंद उसके बारे में तो मैं यही कहुँगा कि दरवाजा बंद करने वालो की गंदगी से ही गंगा तक सबसे अधिक मैली हुई है तो बाकियो के बारे में तो अभी पुरी जाँच होनी बाकि है कि खुला में मैला करने वाले देश में सबसे अधिक भ्रष्ट गंदगी किये हैं कि दरवाजा बंद करने वालो ने सबसे अधिक देश और प्रजा को बिमारी देनेवाली भ्रष्ट गंदगी दिये हैं? जिसकी सत्य जवाब मिलकर सफाई होना तो अभी बाकी है!मल मुत्र की सफाई तो हर रोज अपना पिछवाड़ा खुद धोने और पोछाने वाले सभी लोग करते ही रहते हैं चाहे खुले में करे या दरवाजा बंद करके करें!पर जो भ्रष्ट गंदगी का अंबार लगा है पनामा और स्वीज जर्मनी और देश के अंदर वगैरा भ्रष्ट लिस्ट का उसके लिये कितना बड़ा दरवाजा चाहिए भ्रष्ट बिमारी बंद के लिये ये तो चीन का दिवार बनाने वालो से भी सायद राय लेनी होगी कि कितना बड़ा खर्च आयेगा भ्रष्ट गंदगी को बंद करने के लिये कोई बहुत बड़ी या लंबी दरवाजा बनाने पर!उसदिन सायद बिना दरवाजा के खुले में गंदगी करते हैं वे लोग भी पुच्छेंगे देश को कौन सबसे अधिक बदनाम किया है इतिहास में?जो सदी का सबसे बड़ी बदनामी भी होगी और सबसे बड़ी भ्रष्ट गंदगी भी!तभी तो अभी तक उसे किसी बर्थ डे गिप्ट की तरह पैक करके उसमे खुशबुदार जाँच चल रही है कहकर अबतक टालकर रखा गया है ताकि उसकी बदबु न फैले मीडिया में भी!जबकि खुले में शौच करने वालो की मान सम्मान की बदबु रोज फैलाई जा रही है देश की बदनामी होगी कहकर!बिना घर और गरिबी भुखमरी खत्म किये बगैर शौचालय की इतनी जल्दी की जैसे मानो शौचालय में हगो शौचालय में खाओ पीयो और वहीं पर सोओ भी कहना चाह रहा हो कोई विकाश की बाते करने वाली सोच की सरकार!जो ठीक होगा क्या जिसके पास घर नही है उसे सिर्फ सरकार शौचालय बनाकर दे और भुखमरी कुपोषन से हर रोज वह फुटपाथ में मरता रहे और उसे मानो जबरजस्ती हगा हगाकर योग भी कराया जाय भुखमरी कुपोषन से मरने से बचने के लिये और पुटपाथो में ठंड से मरने से बचने के लिये भी शौचालय बनाकर देती रही है सरकार और दरवाजा बंद करो तो बिमारी बंद कहने वाले भी ये सोचे की उत्तम काम हो रहा है सरकारी राशन दुकान में भी महंगी दावत बासमती चावल खिलाकर!जबकि मैं तो यदि सरकार का नेतृत्व करता तो संतुलित विकाश के लिये सबसे पहले जिस तरह हाल ही में सरकार द्वारा रातो रात नोटबंदी की कतार में लगाने की घोषना की गयी थी मंच से जो मेरे ख्याल से इस तरह से नही करनी चाहिए थी बल्कि उसी तरह मंच से रातो रात मैं सबकी गरिबी दुर करने के लिये नोटबंदी नही बल्कि सभी नागरिक को नोट देने की घोषना करके सुबह कतार लगवाता बैंक में खाता खुलवाने और और जिनका पहले से आधार से लिंक बैंक खाता है उसे अपने खाते में आये एक एक लाख रुपया जो परिवार के सभी सदस्य को देने की घोषना करता क्या धन्ना कुबेर और क्या गरिब बीपीएल सभी को बराबर बराबर एक एक लाख रुपया कम से कम एकबार तो सबको एक एक लाख रुपया जरुर देकर इस देश से गरिबी भुखमरी रातो रात दुर करने की कोशिष करता!जबकि वर्तमान की सरकार एक एक धन्ना कुबेर को बिन मांगे एक एक छोटी मोटी राज्यो की बजट जितनी राशि छुट और माफी के रुप में देती है, जिसके चलते धन्ना कुबेर विदेश में भी जाकर हजारो करोड़ की माफी और छुट की वजह से मानो देश में कर्ज लेकर विदेशो में जाकर घी पिते हैं!और इधर देश में घी पिनेवालो को पकड़ने के बजाय मानो कई गरिब की छोटी मोटी कर्ज की वजह से परेशान होकर आत्महत्या करने वालो की उससे पहले हर रोज टॉर्चर कर करके वसुलने वाले खुन पिते रहते हैं! जिसके बारे में जाननी हो तो जब किसी गरिब की कर्ज की वजह से आत्महत्या करने के बारे में खबर सुनना देखना या पढ़ना तो पता कर लेना उस गरिब का खुन आत्महत्या से पहले कौन हर रोज पी रहा था बिना खुन निकाले!जबकी सरकार यदी सबके हिस्से में कम से कम एक एक लाख रुपया के रुप में देने के लिये भ्रष्टाचारियो से अबतक निकालती और उन्हे देने की घोषना कर भी देती नोटबंदी की तरह तो सायद इस तरह की बिना खुन निकाले खुन पिने की घटना हर रोज घटित न होती!पर सायद मेरी सोच की सरकार अबतक आई ही नही है और न सायद आयेगी!जिसका मुझे गम नही बल्कि गम तो मुझे इस बात की है कि मेरी पसंद की सरकार सारी जिवन यदि न भी बने तो भी कम से कम दुसरे की पसंद में इतनी काबलियत तो देख सकूँ की कोई सरकार गरिबी भुखमरी दुर कर सके अपने ही तरिके से इस सोने की चिड़ियाँ की समृद्धी का इस्तेमाल करके!जिसका इस्तेमाल सिर्फ क्या मुठीभर अबादी के लिये दिन रात होती रहेगी दिन रात खनिज संपदा की खुदाई माईंस में भी जिंदा दफन होने वाले गरिबो से डेंजर काम कम मजदुरी में कराकर  और बिन मांगे एक एक धन्ना कुबेर को हर साल एक एक छोटी मोटी राज्य की बजट जितनी राशि छुट और माफी के रुप में देकर देश में कर्ज लेकर विदेश में जाकर भी घी पिने के लिये?और यदि बाकियो को भी कर्ज लेकर घी पिने की राशि मिल रही है तो फिर अबतक इस देश में अजादी के सतर साल बाद भी चालीस करोड़ बीपीएल भारत क्यों है?जितनी अबादी पुरे अखंड भारत की थी अजादी के समय!ये है सबसे बड़ी बिमारी जिसे दरवाजा बंद करके ही लोग पाल रहे हैं और भ्रष्ट कालाधन हर रोज किसी गुप्त चेंबर में  जमा होती ही जा रही है,जिसे बाबा रामदेव भी कांग्रेस सरकार के द्वारा पिड़ित होकर आधी रात रामलीला मैदान से सलवार सुट पहनकर चुपके से वेष बदलकर निकलने के बाद भी नही निकलवा सके ! जो कि बाद में कांग्रेस पार्टी के भ्रष्ट लोगो के खिलाफ कारवाई करने की भाजपा से समझौता करके भाजपा को भारी वोट भी दिलवाये,जिसमे एक हजार लाख करोड़ का कालाधन जब्ती करने की कारवाई की भी बाते थी,जिसे यदि अमल में ला करके यदि सचमुच में कालाधन जब्ती हो  तो खुले में गंदगी करने वालो के लिये निजि शौचालय भी बन जाय और सबका निजि घर भी बन जाय!साथ साथ देश का कर्ज और इस देश से गरिबी और भुखमरी भी समाप्त हो जाय जिसे समाप्त न होने देने के लिये दरवाजा बंद करके बहुत बड़ी गुप्त गंदगी लंबे समय से दरवाजा बंद करके करना जारी है!जिसका गुप्त चेंबर खुलना अभी बाकि है,जिसकी वजह से गंगा भी मैली हो गयी है दरवाजा बंद करके सबसे बड़ी गंदगी करने वालो की पाप धोते धोते!जो खुले में गंदगी करने से भी कई गुणा बड़ा बदनामी है!जिसका इतिहास हर रोज दर्ज हो रही है,दरवाजा बंद करके भ्रष्ट गंदगी करने वाले तो निकल लेंगे अपना तय समय खत्म करके पर उनकी नई पिड़ि के समय यदी भ्रष्ट गुप्त चेंबर की गंदगी खुली तो उनके लिये कितनी बदनामी झेलनी होगी ये तो आनेवाला भविष्य ही जाने की उस भ्रष्ट गुप्त चेंबर से भविष्य में किस किस नई पिड़ि के नाम वसियत में लिखी जा रही है उस भ्रष्ट गंदगी का गंदगी बंटवारा भ्रष्ट गंदगी चेंबर का गुप्त दरवाजा बंद करके!जो कम से कम खुले में शौच करने वालो के नाम तो नही होगी ये मैं कह सकता हुँ!या फिर हो सकता है कोई एकात निकल जाय जो खुले में गंदगी भी करता है और लाखो करोड़ो रुपये की चोरी और लुट की गंदगी भी करता है!जो मेरे ख्याल से मुमकिन नही है भले कोई भिखारी लखपति करोड़पति निकल जाय ये मुमकिन है!क्योंकि इस देश में हाथ फैलाकर भी लुटने की इतिहास बार बार दर्ज होती रही है!कोई हाथ फैलाये खड़ा रहता है जिसे कोई मानो भिख देने जाता है उसकी दुःख तकलिफ देखकर तो वह भिख देनेवाले को ही कैद करके उसकी सारी धन संपदा में कब्जा करके कई भिखारी भी धन्ना कुबेर बने हैं इस देश की इतिहास में इसके बारे में भी कभी लिखुंगा!खासकर यदि फ्रि में किसी से कुछ मिल जाय इसके लिये हाथ फैलाना या फिर बिना हाथ फैलाये फ्री में किसी से मिलना यदि भिख मानी जाती है!क्योंकि बहुत से सेखी लोग गरिब को मिलने वाली सब्सिडी को मिलने वाली भिख कहकर खुदको मानो फ्रि में उस तरह की लाखो करोड़ो गरिबो को मिलने वाली फ्री का सब्सिडी जितना धन अकेले ही फ्री में लेकर भी खुदको बहुत बड़ा राजा हरिश्चंद्र समझते हैं अपने वचन के मामले में!जो यदि सरकार से एक भी छुट और माफी न लेने की वचन ये कहकर ले ले कि मेरे पास खाने पिने रहने सोने वगैरा रोजमरा मुल जरुरत की सारी चीजे मौजुद है इसलिये जिनके पास ये सब नही है उसे दे दिया जाय छुट और माफी की बड़ी राशि को तो सायद करोड़ो गरिब का सिर्फ पाँच सालो में ही इतना भला हो जाय की सायद अबतक मिलने वाली सरकारी सब्सिडी से भी नही भला हुआ होगा अजादी के सतर सालो में!जो वचन कभी नही लेंगे और और न कभी मिलने वाली छुट और माफी को सरकारी सब्सिडी से तुलना करेंगे!बस दिन रात गरिबो को मिलने वाली सब्सिडी को भिख कहकर बहुत से धन्ना हर साल एक छोटी मोटी राज्य की बजट जितनी राशि खुद भी छुट और माफी के रुप में सरकारी लेते रहेंगे, और जिसे भाजपा कांग्रेस युक्त सरकार बिना मांगे भी हर साल देते रहेगी अपने नेतृत्व में!क्योंकि सायद ये दोनो गरिबी का नेतृव दावा करने वाली सबसे बड़ी धन्ना पार्टी भी है और धन्ना कुबेरो की सबसे बड़ी पसंद भी!जिन दोनो की ही नेतृत्व में कभी भी इस देश से गरिबी भुखमरी समाप्त नही होनेवाली है!जिसके बारे में मैं पुरी विश्वास के साथ कह सकता हुँ!हाँ यदि मेरी सोच की सरकार यदि आये और सबको एक एक लाख रुपये दे दे ,उसके बाद तो गरिबी भुखमरी दुर एक एक लाख रुपया सभी लेकर खुद ही अपनी गरिबी दुर करने की व्यवस्था करके गरिबी भुखमरी कितना दुर कर पायेंगे इसका जवाब तो खुद गरिब और अमिर दोनो ही तरह की जिवन जी रहे प्रजा खुद सोचे और खुद जाने भी अपने परिवार के सारे सदस्यो के खाते में आई एक एक लाख रुपये की हिस्से को जोड़कर उनके जिवन में कौन सी आर्थिक बदलाव रातो रात हो सकता है!जो कि उसी के हिस्से का है,जिसे आजतक कभी भी नही दिया गया है एक बार भी!बस विकाश के नाम पर घड़ा में छेद करके पानी देने की तरह सिर्फ खाते जाओ और हगते जाओ सोच से ही सब्सिडी के नाम से सिर्फ खानापुर्ति होते रही है!जिससे गरिबी भुखमरी कभी नही मिटेगी इस देश से!जो मेरी सोच यदि गलत है तो इस देश के 125-130 करोड़ नागरिको को मेरे इस सोच को पहुँचाकर उन्हे बताकर कभी पुछके तो देखो कि कितने लोग मुझे वोट करेंगे मेरे सिर्फ एक इस निति जिसमे सबको एक एक लाख देने की है!जो कि अबतक अनगिनत निति बन चुकि है गरिबी भुखमरी समाफ्त करने के नाम से और फिर भी देश में अजादी के सतर साल बाद भी एक निति आयोग को समाप्त करके नई निति बनाकर अब भी चालीस करोड़ बीपीएल भारत हर रोज गरिबी भुखमरी से संघर्ष करने को मजबुर है!जबकि असल में ये कोई निति आयोग खत्म नही हुए हैं बस गरिबी भुखमरी अपडेट करने की निति ही अपडेट हुई है भाजपा युक्त कांग्रेस की ही सोच की सरकार बनकर!बल्कि कांग्रेस की सरकार में भ्रष्टाचारी दुध दही पिते थे अब भाजपा की नेतृत्व सरकार में मक्खन मलाई खा रहे हैं!अच्छे दिन किन लोगो की पहले से और बेहत्तर डीजिटल तरिके से आये हैं और बुरे दिन किनके अबतक खत्म ही नही हुए हैं ये तो जिनके घरो में बुरे दिन चल रहे हैं गरिबी भुखमरी से हर रोज अपनो को खोकर वे अच्छी तरह से जानते हैं,जिसे वे लोग क्या जाने जिनके घरो में एक भी सदस्यो की गरिबी और भुखमरी से कभी जान ही नही गयी है कम से कम इस सोने की चिड़ियाँ में!

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