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85% बहुजनो की हार का मतलब समुद्र मंथन EVM घोटाला अपडेट छल कपट 15% मनुवादी की जीत होगी

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85% बहुजनो की हार का मतलब  समुद्र मंथन EVM घोटाला अपडेट छल कपट 15% मनुवादी की जीत होगी यदि सेव संतरा से राजा पैदा करने के जैसा EVM घोटाला करना मनुवादी बंद कर दिया होगा तो भाजपा और कांग्रेस दोनो की हार रिजल्ट आयेगी | क्योंकि अब 85% बहुजन भाजपा और कांग्रेस दोनो को ही अपना वोट वीर्य डालना कभी नही चाहेगा | जाहिर है EVM घोटाला सेव संतरा से ही भाजपा कांग्रेस शासन पैदा होगा | बल्कि मुझे तो अब यकिन नही हो रहा है कि अजाद भारत का संविधान लागू होने से लेकर अबतक बहुजनो ने मनुवादियो को ही बार बार शोषन करने का मौका अपनी वोट से शासक बनाकर देता आ रहा है | जो यदि दे भी रहा है तो भविष्य में निश्चित तौर पर असली फाईनल लड़ाई उन अपनो से ही होनेवाली है , जिनका डीएनए मनुवादियो से नही बल्कि बहुजनो से ही मिलता है | लेकिन वे वोट मनुवादियो को देते आ रहे हैं | खासकर उन अपने ही डीएनए के घर के भेदियो से जिनको लगता है की अजाद भारत की रक्षा और उसे ठीक से लागु मनुस्मृती रचने वाले लोग ही अच्छी तरह से कर सकते हैं , इसलिए न्यायालय में भी उनकी दबदबा कायम है | और गणतंत्र के बाकि भी प्रमुख स्तंभो में उनकी दबदब

बहुजन समाज राम भक्त हनुमान बने ताकि मनुवादी हमेशा शासक बना रहे

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 बहुजन समाज राम भक्त हनुमान बने ताकि मनुवादी हमेशा शासक बना रहे भाजपा वालो के द्वारा हनुमान को बहुजन समाज डीएनए का बतलाया जा रहा है | जो शुद्र और संवर्ण जाती का वोट राजनीति यदि भाजपा बहुजन समाज को खुश करके वोट पाना ही चाहती है , तो उससे पहले बहुजन शुद्र समाज सिधे रुद्र से ही खुदको क्यों न  जोड़े , जिस रुद्र के साथ भी देवो ने भारी भेदभाव किया था यक्ष यज्ञ के समय | जिसके चलते यज्ञ में रुद्र को नही बुलाया गया था | जैसे की मनुस्मृती लागु में यज्ञ करते समय बहुजन समाज को संवर्ण नही बुलाते थे  |  बल्कि अब भी बहुत से जगह बहुजन समाज का प्रवेश मना रहता है | रुद्र को देवो यक्षो द्वारा यक्ष यज्ञ में न बुलाये जाने के बाद सत्य शिव की पत्नी गयी थी यज्ञ में शामिल होने | क्योंकि यज्ञ का आयोजन करने वाले यक्ष उसके पिता थे | जिसके चलते यज्ञ स्थल में जाकर सत्य शिव की पत्नी अपने पति शिव का बुराई सुनकर घोर अपमान होने पर जलती यक्ष यज्ञ अग्नि में खुदको ही जीते जी डालकर भष्म हो गई थी | जिसके बारे में रुद्र को पता चला तो वह गुस्से में आकर अपने ससुर यक्ष का सर काट दिया था |  बल्कि ब्रह्मा के

आर्य और अनार्य

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आर्य और अनार्य  कहीं पर एक सवाल पढ़ रहा था , जिसमे यह पुच्छा गया है कि आर्य कौन थे ? हलांकि वर्तमान में भी थे नही बल्कि हैं कहकर मनुवादियो को आर्य कहा जाता है |हलांकि बौद्ध धर्म में आर्य सत्य के बारे में कुछ और ही बतलाया गया है | जिसके बारे में भी जानकर यह समझा जा सकता है कि आर्य का मतलब दरसल उत्तम अथवा श्रेष्ठ होता है | जो खुदको आर्य कहलवाने के लिए मनुवादियो ने मनुस्मृती की रचना करके और छुवा छुत करके कान में गर्म पीघला लोहा डालकर , जीभ काटकर गले में थुक हांडी और कमर में झाड़ु टांगकर , हजारो साल पहले इस आर्य देश में खुदको विशेष प्रकार का आर्य कहलवाया है | जबकि आज यदि मनुस्मृती लागु करके किसी देश में प्रजा सेवा मनुवादी अपनी आरती उतारकर छुवा छुत करते हुए कान में गर्म पीघला लोहा डालने , और जीभ काटने , गले में थुक हांडी टांगने , कमर में झाड़ु टांगने का सेवा करे तो मनुवादियो को पिड़ित शोषित प्रजा आम इंसान मानने के लिए भी तैयार नही होगी | वैसे भी मनुवादी खुदको आर्य कहलवाना जारी रखने के लिए आज भी खुदको उच्च और इस देश के मुलनिवासियो को निच कहकर छुवा छुत करता रहता है | जिसका प्रमाण

गोरो की गुलामी के समय भी चुनाव और न्यायालय होते थे , पर अजादी चुनने का वोट अधिकार नही था

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गोरो की गुलामी के समय भी प्रजा सेवक चुनने का चुनाव होते थे , पर उस समय न्यायालय में देश गुलाम करने का न्याय भी होते थे | पिछला पोस्ट में मैने इस देश की प्रकृत धन संपदा की लूट और चोरी कितनी हो सकती है , इसका अंदाजा लगाने के लिए ये बताया था कि एक सागौन अथवा सागवान का पेड़ करीब 15 लाख की होती है | जो की सिर्फ छत्तीसगढ़ राज्य में ही करोड़ो में मौजुद है | जबकि सागवान से भी ज्यादे किमती चंदन का वृक्ष भी इस प्रकृत समृद्ध देश में भरपुर मात्रा में मौजुद है | जिसकी तस्करी करने वाले बड़े बड़े विरप्पन जैसे भ्रष्टाचारी जो देश या देश के बाहर बैठकर एक एक सागौन पेड़ कि किमत करीब 15 लाख होती है , उस पेड़ को चुराने लुटने की सुपारी देते हैं | अभी तक तो मैं उन अनगिनत विदेशी घुमकड़ कबिलई चोर लुटेरो की बात नहीं किया है | जिनका डीएनए से इस देश के मुलनिवासियो का डीएनए नही मिलता है | जो किमती पेड़ और खनिज संपदा ही नही पुरे देश को ही लुटने के लिए सैकड़ो हजारो सालो तक इस सोने की चिड़ियाँ में आते जाते रहे हैं , जिनमे से तो कई इस विशाल सागर कृषी प्रधान देश में नदी नाले की तरह कई घुमकड़ कबिला अपना पेट पालने

सिर्फ एक सागौन अथवा सागवान का पेड़़ 15 लाख का होता है

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सिर्फ एक सागौन अथवा सागवान का पेड़़ 15 लाख का होता है |  इस समय जो कई राज्यो में विधानसभा चुनाव जो हो रहा है उनमे एक राज्य सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही करोड़ों सागवान का पेड़ मौजुद है | जो पेड़ पुरे देश के कई राज्यो में न जाने कितने करोड़ या अरब सागवान का पेड़ मौजुद हैं | जिन पेड़ों में से ही सिर्फ हर एक नागरिक को एक एक पेड़ दे दिया जाए तो सभी सावा सौ करोड़ नागरिक लखपति बन सकते हैं | जिसे भ्रष्टाचारियों द्वारा काटकर अब तक न जाने कितने करोड़ या अरब सागवान और अन्य किमती पेड़ों को काट या कटवाकर चोरी छिपे बेचा जा चुका है | जिसमें सागवान से भी बहुत ज्यादे कई गुणा किमती चंदन के अनगिनत पेड़ भी मौजुद हैं | जिसका सिर्फ एक डाल भी किसी सागवान पेड़ से भी ज्यादे किमती होता है | जिसे चुराने वाले चंदन तस्करी करने वाला वीरप्पन जैसे भ्रष्टाचारी अब भी देश विदेश में मौजुद हैं | जिनके आदेश से चोरी छिपे किमती पेड़ो की तस्करी जारी है | जो पेड़ तो मात्र एक सोने की चिड़ियाँ का अमिरी झांकी है | पुरे सोने की चिड़ियाँ का लुट पाट इतिहास तो अभी बाकी है | जिसके बारे में अभी अपना धन संपदा लुटवाकर गरिब हुए सभी नागर

अच्छे दिन आनेवाले हैं कि भाजपा कांग्रेस के दिन जानेवाले हैं

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अच्छे दिन आनेवाले हैं कि भाजपा कांग्रेस के दिन जानेवाले हैं ! भाजपा पार्टी द्वारा सबके अच्छे दिन आऐंगे नारा लगाकर भारी बहुमत से जीत दर्ज करने से पहले ये जुमलाबाजी की गयी थी कि चोर लुटेरो द्वारा चुराकर रखा गया कालाधन के बारे में एक एक पाई का हिसाब किताब कांग्रेस मुक्त भाजपा सरकार बनने के बाद लिया जायेगा | और बड़े बड़े भ्रष्टाचारियो को जेल में भी डाला जायेगा | जिसके लिए साठ साल बनाम साठ महिने का अवसर भाजपा पार्टी द्वारा मांगा गया था | जो साठ महिना अब पुरा होने ही वाले हैं , लेकिन भी साठ साल बनाम साठ महिने का अच्छे दिन नही आनेवाले हैं बल्कि कांग्रेस युक्त भाजपा होकर ये सिर्फ जुमला साबित होनेवाला है | जबकि चूनाव से पहले प्रधानमंत्री उम्मिदवार द्वारा पंद्रह बीस लाख की जुमला और भाजपा का एक खास समर्थक योग बाबा द्वारा भी भाजपा के साथ समझौता करके मंच में उछल कुद करके हजारो लाखो करोड़ कालाधन जब्त की जायेगी ऐसी बाते हजारो किलोमिटर दुरी तय करके अनगिनत मंचो द्वारा अपने द्वारा विश्वास में लेकर मानो योग करते करते भी वचन ली गई थी | जिनके द्वारा वोट मांगते समय की सारे वचनो का सबूत और जानकारी ऑड

जनता मालिक की सेवा करने की सरकारी नौकरी बहाली 2018-2019

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जनता मालिक की सेवा करने की  सरकारी नौकरी बहाली 2018-2019 इंटरनेट पर मैं एक चुनावी भाषन देख रहा था,जिसमे दाउर रत्नाकर मंच से कह रहे थे कि "हर 5 साल में हम लोग अपना नौकर चुनते हैं,राज्य के कारोबार को चलाने के लिए,और आप लोगों को मालूम है,आजादी के इन 71 वर्षों में हमने सबसे ज्यादा अगर इस प्रदेश में और देश में अगर नौकर चुनने का काम किया,तो हमने कांग्रेस को चुनने का काम किया, लेकिन साथियों कांग्रेस के बाद अगर हमने किसी दूसरे को चुनने का काम किया तो पिछले 15 वर्षों से इस छत्तीसगढ़ प्रदेश में हमने भारतीय जनता पार्टी कि सरकार बनाकर श्री रमण सिंह को इस प्रदेश का नौकर चूनने का काम किया, लेकिन साथियों मैं आप लोगों से ये कहना चाहता हूं हम गांव के किसान लोग हैं,गांव के लोग हैं,गांव में हमलोग अपना एक कमिया लगाते हैं,तो कमिया लगाने के बाद उसको एक निर्धारित समय के लिए कमिया लगाते हैं,और जैसे फागुन पुरते,तो फागुन पुरते ही हम लोग कहते हैं कि बाबू अब तोर फागुन पुर गेल,अब फागुन पुर गेल,माने तोर काम के समय खत्म हो गेएल,अब तोर हिसाब-किताब चुकता कर और अगर तोर काम बढ़िया हैं तो फिर आने वाला बछर

कृषी प्रधान देश में दिवाली और छठ पुजा

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कृषी प्रधान देश में दिवाली और छठ पुजा दिवाली और छठ पुजा साक्षात मौजुद प्राकृति पर्व त्योहार के रुप में बारह माह इस कृषी प्रधान देश में मनाई जाती है|जो सिधे प्राकृति से जुड़ी हुई उस सत्य की पुजा है जो वैज्ञानिक प्रमाणित है|क्योंकि दिपावली पुजा के दिन होने वाली धान धन अन्न की पुजा और छठ पुजा के दिन होने वाली सूर्य की पुजा दोनो ही साक्षात प्राकृति की पुजा है|जिस प्राकृती से उपजा अन्न और प्राकृति सूर्य के रुप में अग्नि के बिना किसी भी धर्म के भक्त इस धरती में मौजुद नही रह सकता|बल्कि दिवाली और छठ पुजा के अलावे भी इस कृषी प्रधान देश में बारह माह प्राकृतीक पर्व त्योहार मनाई जाती है|जिसदिन प्राकृति की पुजा करने वाले इस देश के नागरिक सुख शांती और समृद्धी की कामना करते हुए बिना कोई छुवा छुत भेदभाव के मिल जुलकर आपस में खुशियो का मेला लगाकर नाचते गाते भी हैं|जिस प्राकृति की पुजा करने के लिए किसी भी धर्म जात और भेदभाव का पाबंदी नही है|लेकिन जब से प्राकृति पर्व त्योहारो की खुशियाँ मनाने वाली इस धरती में छुवा छुत की नजर लगी है,तब से लेकर अबतक इस देश के प्राकृति पर्व त्योहारो में ही नही बल्कि

अब मनुवादी मीडिया तेज प्रताप की तलाक खबर पीपली लाईव करेगी

मनुवादी मीडिया तेज प्रताप की खबरे अब ऐसी चलायेगी जैसे तलाक हो चुका है| जो यदि नही भी होने वाला होगा तो भी ये मनुवादी मीडिया पीपली लाईव कराकर जिस तरह जीतन मांझी को बिहार सरकार की मुख्यमंत्री कुर्सी से तलाक दिलवा दिया था उसी तरह तेज प्रताप का तलाक भी पीपली लाईव करके जल्द दिलवा देगी|मनुवादी मीडिया उन मूल खबरो को मुलता ज्यादेतर नही चलायेगी,जिसके समाधान न होने से हर रोज हजारो लोगो की मौत हो रही है|पर तेज प्रताप यादव द्वारा तलाक की खबरो को पीपली लाईव जरुर करेगी,जिससे की ऐसी खबरो को छिपाया जा सके जो यदि सबतक पहुँच जाय तो मनुवादियो की कुर्सी जाने में तलाक होने से भी कम समय लग जाएगी|जैसे कि कांग्रेस सरकार की दावत थाली 7721 रु,आप पार्टी की दावत थाली 9355 रु.भाजपा सरकार प्रचार प्रसार थाली  4343 करोड़,सोने से जड़ा प्रधान सेवक सुट निलाम 43100000 रु.के बावजुद भी मनुवादी आखिर गरिबी हटाओ और सबके अच्छे दिन आयेंगे वादा करके अबतक क्या कुछ खास किया और नही किया है?जिसकी पीपली लाईव जनता को नही दिखलायेगी|जबकि उसी मनुवादी मीडिया के पास जुमलो और झुठे वादो का भंडार है|जो मनुवादी मीडिया तेज प्रताप की खबरे अब

गरिबी हटाओ का नारा देनेवाली सुट बुट भाजपा युक्त कांग्रेस को फिर से 7721 रु की दावत थाली चाहिए

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कांग्रेस सरकार की दावत थाली 7721 रु,आप पार्टी की दावत थाली 9355 रु.भाजपा सरकार प्रचार प्रसार थाली  4343 करोड़,सोने से जड़ा प्रधान सेवक सुट निलाम 43100000 रु . इस कृषी प्रधान देश भारत में  प्रतिदिन 244 करोड़ का खाना बर्बाद होता है|जो सालाना करिब 890000 करोड़ का होता है|वहीं भारत में ही 19 करोड़ 40 लाख लोग हर रोज भुखे पेट सो जाते हैं|क्योंकि उनतक सरकार अन्न जल नही पहुँचा पा रही है|अजादी से अबतक मनुवादी सरकार चल रही है|जिन मनुवादियो का इस देश के गणतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में भी दबदबा है|जो मनुवादी सरकार जनता को ठीक से खाना भी नहीं खिला पा रही है|जिसके चलते भारत में 19 करोड़ 40 लाख लोगों को हर रोज भुखे पेट सोना पड़ रहा है|कहने को तो ये देश भी हवा हवाई आधुनिक भारत,गरिबी हटाओ का नारा सुनते सुनते शाईनिंग डीजिटल विकाश करके मंगल तक भी पहुंच गया हैं,इतनी तरक्की इस देश ने भी कर लिए हैं,लेकिन जमिनी स्तर पर सभी जरुरतमंदो तक अन्न जल भी पहुंच पहुंच सके ऐसी आज तक कोई भी सरकार नहीं चुनी गई है|जिसके चलते सिर्फ आधुनिक भारत,गरीबी हटाओ और शाईनिंग इंडिया,डिजिटल इंडिया की बातें होती रही है|ऐसा नहीं

इस देश के मुलनिवासियो की वोट और साथ लेकर उनपर कौन राज कर रहा है

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इस देश के मुलनिवासियो द्वारा जो चाहे जिस भी धर्म में मौजुद हो,उनकी भारी बहुमत वोट से मनुवादी भाजपा कांग्रेस सोच की सरकार इस देश में चुनकर कभी भी इस देश के मुलनिवासी जिनका DNA एक है,जिस DNA से मनुवादियो का डीएनए नही मिलता है,क्योंकि मनुवादियो का डीएनए विदेशी लोगो की DNA से मिलता है,जो बात साबित भी हो चूका है,इसलिए इस देश के सभी मुलनिवासियो को मान लेनी चाहिए कि मनुवादियो की दबदबा वाली भाजपा कांग्रेस सरकार कभी भी इस देश के मुलनिवासियो की भला वैसी नही कर सकती,जैसे कि इस देश के मुलनिवासी जो चाहे जिस भी धर्म में मौजुद हो,वह खुद अपनी दबदबा की सरकार चुनकर खुदके साथ बेहत्तर न्याय और रक्षा सेवा भी कर सकता है|जिसकी दबदबा इस देश की सत्ता में जिसदिन भी आ जायेगी,उसदिन देश ही नही पुरी दुनियाँ प्रयोगिक तौर पर ये जान जायेगी कि मनुवादी इस देश और इस देश के मुलनिवासियो का छुवा छुत भेदभाव करके बेहत्तर शोषन अत्याचार तो अपनी मनुवादी सोच से कर सकते हैं,पर बेहत्तर सेवा कभी नही कर सकते|क्योंकि जो लोग इस देश के मुलनिवासियो को हजारो सालो से छुवा छुत देते आ रहे हैं,जो छुवा छुत आज भी जारी है,वह कैसे छुवा छुत शो

मनुवादी छुवाछुत ढोंग पाखंड तंत्र मंत्र

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आज भी इस देश में करिब साड़े सात हजार ऐसी भाषा बोली जाती है,जिसकी कोई लिपी नही है|इसलिये उसे सिर्फ वेद(आवाज) बोली अथवा मुँह से बातचीत के जरिये ही व्यवहार में लाई जाती है|जैसे कि जब लिखाई पढ़ाई की खोज अथवा आविष्कार नही हुए थे, तो वेद (आवाज) पुराण (दिखलाई देने वाला चित्र वगैरा) ही ज्ञान बांटने का माध्यम था|जिसका भंडारन सुन देखकर पिड़ी दर पिड़ि सिर्फ याद करके इंसान की दिमाक में की जाती थी|जिस ज्ञान भंडारन से ही गुरु अथवा शिक्षको के द्वारा वेद पुराण का ज्ञान बांटा जाता था|जो वेद पुराण मंदिरो अथवा वेद पुराण के विद्यालयो में होती थी,जिसमे मनुवादियो ने कब्जा करके शुद्रो के लिए वेद पुराण का ज्ञान लेने में रोक लगा दिया था|जिसके लिए मनुवादियो का संविधान मनुस्मृती लागू होने के बाद ये नियम कानून लागू किए गए कि शुद्र यदि वेद सुने तो उसके कान में गर्म पिघला लोहा डाल दिया जाय और वेद बोले तो उसका जीभ काट दिया जाय|जिस तरह के इंसानियत कायम थी मनुवादियो की संविधान लागू होकर|साथ साथ ये भी नियम कानून लागू थी कि शुद्र अमिर नही बन सकता अथवा सारा धन दौलत पर मनुवादियो का अधिकार होगा|शुद्र सिर्फ सेवा करेगा म

इस आर्यावर्त धरती का सबसे आर्य अथवा छुवाछुत करने वाला श्रेष्ट प्राणी

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इस आर्यावर्त धरती का सबसे आर्य अथवा छुवाछुत करने वाला श्रेष्ट प्राणी के श्रेष्ट होने के बारे में जानने से पहले ये बात जरुर जान लें कि गोरो की शोषन अत्याचारो से अजादी पाने का कड़ी संघर्ष 1947 ई. में ही समाप्त हो गई है|क्योंकि गोरो की सत्ता इस देश से चली गई है|जिनसे अजादी मिलने के बाद अब मनुवादियो से अजादी पाने की संघर्ष लंबे समय से चल रही है|जिन मनुवादियो का शोषण अन्याय अत्याचार पीड़ा सहते हुए बहुसंख्यक चाहे जिस धर्म में मौजुद हो,उसकी बहुमत वोट से देश में अगर गोरो की गुलामी से अजादी मिलने के बाद भारी बहुमत की भाजपा सरकार आती है,तो भी मनुवादियो से अजादी नही मिलती है,और अगर भारी बहुमत से कांग्रेस सरकार आती है,तो भी मनुवादियो से अजादी नही मिलती है|आखिर क्यों जो लोग मनुवादियो से अजादी पाने के लिए गोरो से गुलाम होने से पहले से ही लंबे संघर्ष कर रहे हैं,उनको अबतक मनुवादियो की शोषन अत्याचार से पुरी अजादी अजाद भारत का संविधान लागू होकर भी नही मिल पा रही है?जिसका जवाब खोजने के बाद यही सत्य बात पता चलता है कि मनुवादियो से पुरी अजादी अबतक न मिलने का प्रमुख वजह मनुवादी पार्टियो का अबतक देश की