युनिसेफ की रिपोर्ट अनुसार भारत में गरिबी भुखमरी पाकिस्तान बंग्लादेश नेपाल श्रीलंका से भी ज्यादे बड़ी है | क्योंकि लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में मनुवादियो के उच्च टैलेंट से उच्च दबदबा कायम है

युनिसेफ की रिपोर्ट अनुसार भारत में गरिबी भुखमरी पाकिस्तान बंग्लादेश नेपाल श्रीलंका से भी ज्यादे बड़ी है | क्योंकि लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में मनुवादियो के उच्च टैलेंट से उच्च दबदबा कायम है
भारत में गरिबी भुखमरी



सोने की चिड़ियाँ कहलाने वाले इस देश में जो जितना गरिब है , उसके हक अधिकार उतने अधिक छिने गए हैं , और छिने जा रहे हैं | जैसे कि धन संपदा जिन राज्यो के निचे सबसे अधिक दबे हुए हैं , वहाँ के लोग ही सबसे अधिक गरिबी भुखमरी से इसलिए जुझ रहे हैं , क्योंकि उनके हक अधिकार सबसे अधिक छिने गए हैं | बल्कि मेरे विचार से तो गरिबी भुखमरी पैदा ही हुआ है हक अधिकारो के छिने जाने से | जिससे जितना ज्यादा छिना गया है वह उतना ही गरिब हुआ है | जैसे कि गोरो द्वारा कई देशो को गुलाम करके कई पिड़ी तक हक अधिकार छिने गए थे | और अब मनुवादियो द्वारा भी इस देश के लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में अपनी दबदबा कायम करके मनुस्मृति सोच द्वारा छिने जा रहे हैं | हलांकि मनुवादियो द्वारा गोरो से भी अधिक समय से इस देश के मुलनिवासियो से हक अधिकार छिने गए हैं | जो कि आज भी छिनने में लगे हुए हैं | जो यदि छिनी नही जाती तो आज भी इस देश के करोड़ो नागरिक गरिबी भुखमरी से नही जुझ रहे होते | बल्कि गोरो के शासन समाप्ती के बाद आई मनुवादि शासन में युनिसेफ की रिपोर्ट अनुसार भारत में गरिबी भुखमरी पाकिस्तान बंग्लादेश नेपाल श्रीलंका से भी ज्यादे बड़ी है | जिसका मतलब साफ है कि गोरो से अजादी मिलने के बाद मनुवादियो द्वारा लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में अपनी दबदबा कायम करके उनके नेतृत्व में भारत में गरिबी भुखमरी पाकिस्तान , बंग्लादेश , नेपाल , श्रीलंका से भी ज्यादे बड़ी है | और चूँकि भारत में मनुवादि शासन अबतक भी कायम है , इसलिए जाहिर है गरिबी भुखमरी कम करने में मनुवादि शासन पाकिस्तान , बंग्लादेश , नेपाल श्रीलंका में मौजुद शासक से भी खराब नेतृत्व कर रहे हैं | जो स्वभाविक भी है , क्योंकि मनुवादि वैसे भी पुरी दुनियाँ में मनुस्मृति सोच से शासन करने के लिए बदनाम हैं | जो मनुस्मृति सोच चूँकि आज भी जारी है , इसलिए निश्चित तौर पर मनुवादि अपनी दबदबा कायम करके इस सोने की चिड़ियाँ को गरिबी भुखमरी दुर करना तो दुर गरिबी रेखा से निचे जिवन बसर कर रहे लोगो की बीपीएल जिवन को भी पुरी तरह से बीपीएल मुक्त नही कर सकते | और जाहिर है करोड़ो बीपीएल कार्ड को एपीएल कार्ड में परिवर्तित किया जा सके ऐसी भारी परिवर्तन गरिबी भुखमरी में लाये बगैर नही लाई जा सकती | जिसके बगैर आधुनिक भारत , शाईनिंग इंडिया , डीजिटल इंडिया का नारा देकर विकाश करने का मनुवादि आधुनिक शाईनिंग डीजिटल शासन नेतृत्व वैसा ही है , जैसे कि छुवा छुत की गंदगी को मन से दुर किए बगैर ही मन की बात करके स्वच्छ भारत अभियान चलाकर स्वच्छ भारत बनाना है | चूँकि तन की गंदगी से मन कि गंदगी ज्यादे खराब और खतरनाक होती है | मन की गंदगी से उपजने वाला छुवा छुत कीड़ा को मारने का दवा अबतक नही खोजा जा सका है , जबकि तन की गंदगी मल मूत्र से उपजने वाला कीड़ा को मारने वाला दवा की खोज कबका हो चुका है | जो दवा बाजार में उलब्ध है , पर मन की गंदगी से उपजने वाला छुवा छुत कीड़ा को मारने वाला दवा बाजार में उपलब्ध नही है | और चूँकि मनुवादियो की मन को मन की गंदगी से उपजने वाला छुवा छुत कीड़ा और भी अधिक भ्रष्ट करता जा रहा है , इसलिए मनुवादियो के नेतृत्व में इस सोने की चिड़ियाँ कहलाने वाले देश में गरिबी भुखमरी बड़ना स्वभाविक है | जिसे दुर करने का सबसे सरल उपाय है कि मनुवादियो के हाथो सत्ता छिनकर उनके हाथो सत्ता नेतृत्व होनी चाहिए जिनके बुद्धी में मन की गंदगी से उपजने वाली छुवा छुत कीड़ा मौजुद नही है | बल्कि मनुवादियो की बुरी संगत में पड़ने वालो के नेतृत्व में भी मनुवादि सत्ता कभी नही देनी चाहिए |

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