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Manuwadi Governance and Education

  Manuwadi Governance and Education सरकारी स्कूल में पढ़ रहे ज्यादेतर तो गरिब और शोषित पीड़ित परिवार घर के बच्चो को इसलिए राजनीतिक गुलाम बनाया जा रहा है , क्योंकि गोरो से आजादी मिलने के बाद इस देश में जिन मनुवादियो की सत्ता में कब्जा है , वे इस देश को इसी तरह बचपन से ही पीड़ि दर पीड़ि छुवाछुत जैसे भेदभाव करते हुए गुलाम बनाते आ रहे हैं ! जिनके बच्चे पैदा होते ही उच्च और गुलाम के बच्चे निच हो जाते हैं ! हलांकि जिस तरह गोरो से आजादी मीलि उसी तरह एकदिन इन मनुवादियो से भी पुरी आजादी जरुर मिलेगी ! जिसकी झांकी किसी गुलाम के बच्चे द्वारा आजाद भारत का संविधान लिखना और देश विदेश में इतनी बड़ी बड़ी उच्च डीग्री हासिल करना भी कि ये खुदको सबसे उच्च कहने वाले विद्वान पंडित आजतक सायद ही किसी पीड़ि में गोरो के शासन से अबतक भी इतने सारे उच्च डीग्रि हासिल किये हो ! बल्कि गुलाम के बच्चे अब इनके बच्चे से प्यार मोहब्बत और शादियाँ भी कर रहे हैं | क्योंकि उनको भी अब धिरे धिरे समझ में आ रहा है कि उनके गुलाम बनाने वाले पूर्वज जाहिल और भक्षक की भूमिका हजारो सालो से निभाते आ रहे हैं | न कि वे किसी देश को गुलाम

Amitabh Bachchan On Freedom of Expression

Amitabh Bachchan On Freedom of Expression फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2022 के शुभारंभ में पहुंचे और इस अवसर पर अमिताभ बच्चन ने सेंसरशिप और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर जो अपना मत रखा है , जिसपर उन्होंने जो कहा है कि भारत में नागरिक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर प्रश्न उठाए जा रहे हैं "  जिसपर मेरे द्वारा भी इस बारे में मेरी अपनी राय जान लिया जाय की सदी का महानायक है कि सदी का महाखलनायक यह तो इस देश को असल नायको से पुरी आजादी मिलने के बाद ही पता चलेगा , जब दुनियाँ का सबसे बड़ा नहर पनामा नहर की तरह पनामा घोटाला जैसे नाम और बोफोर्स घोटाले से भी अमिताभ का नाम जो जुड़ा है उसकी पुरी सच्चाई सामने आयेगी ! क्योंकि गुलाम भारत में जिस तरह गुलाम करने वाले गोरे जजो की न्याय फैशले को पुरी तरह से सच नही माना जा सकता कम से कम गुलाम लोगो द्वारा उसी तरह सदी का महानायक तो कम से कम मुझ जैसे इस देश के मुलनिवासि अभिनेता अमिताभ को महानायक नही मान सकता ! बल्कि ये सदी के महान अभिनेता भी नही कहला सकते , क्योंकि उनसे भी महान अभिनेता मैं बहुत सारे अभिनेताओ और अभिनेत्रियों

rivate member's bill

  rivate member's bill गोरो की सत्ता में चाहे जो बिल लाया जाता , जिस तरह बिना आजादी आंदोलन के गोरो से आजादी नही मिल सकती थी , उसी तरह मनुवादियो की सत्ता में चाहे जो बिल लाया जाय , बिना आजादी आंदोलन के मनुवादियो से पुरी आजादी नही मिल सकती ! इसलिए इस देश के बहुसंख्यक मुलनिवासी चाहे वे जिस धर्म में मौजुद हो , वे एकजुट होकर मनुवादियो के खिलाफ चुनाव नही आजादी आंदोलन छेड़ें ! ताकि पुरी दुनियाँ को भी प्रयोगिक पता चले की यह देश अब भी गुलाम है , न की आजाद है  यह बता बताकर हर रोज इस देश के बहुसंख्यक मुलनिवासियों को गुलामी की वजह से विभिन्न प्रकार की समस्याओ से घेरकर हर रोज हजारो की संख्या में हत्या होता रहे !  हिटलर के द्वारा गैस चेंबरो में डालकर मौत के घाट उतारे जाने से जिन लोगो को भी लगता है कि इस प्रकार की हत्या करना कम से कम इंसानियत के नाते तो सही नही था , वे अपने भितर मौजुद उसी इंसानियत से इस सवाल का जवाब दे कि जिनके द्वारा गुलाम करके विभिन्न प्रकार की समस्याओ से घेरकर इस देश के बहुसंख्यक मुलनिवासियो को हर रोज हजारो की संख्या में मारा जा रहा है , वह क्या सही हो रहा हैं ? बल्कि हिटलर के

Freedom from whites was semi-final, now freedom from Manuvadis will be final freedom

गोरो से आजादी सेमिफाईनल थी जो अब मनुवादियो से आजादी फाईनल आजादी होगी यूरेशियन कबसे हिंदू बने ? वामन मेश्राम के द्वारा भी घुम घुमकर यह जानकारी बांटा जा रहा है कि यहूदियो और मनुवादियो का dna एक है ,जो रिपोर्ट यदि सत्य है तो यह भी सत्य पुरी दुनियाँ के सभी , कम से कम पढ़े लिखे लोगो को माननी ही होगी की यदि यहूदि हिंदू नही है , तो उसके ही dna का भाई मनुवादी कैसे हिंदू हुआ ! जाहिर है न तो मनुवादी हिंदू है , और न ही यहूदि हिंदू है ,बल्कि इस देश का मुलनिवासी मूल हिंदू है | जिन्हे गुलाम बनाकर मनुवादियो ने इस देश के साथ साथ इस देश का हिंदू धर्म को भी अपने कब्जे में कर रखा है ! और हिंदू धर्म को अपने कब्जे में लेकर उसमे मिलावट करके खुदको मुल हिंदू घोषित कर रखा है ! जो कि यदि इस विश्वगुरु कहलाने वाले देश में आकर यदि अबतक यूरेशिया से आये दरसल मुमकिन है , यहूदि का जो दूसरा कबिला पूरब की तरफ आकर लापता हुआ है , वह गुमसुदा कबिला और कोई नही बल्कि मनुवादि ही है | जिसे यदि इस कृषि प्रधान देश में आकर अबतक ज्ञान मिल गया हो और उसकी कबिलई बुद्धी का विकाश होकर सुझ बुझ का विकाश हो गया हो , तो निश्चित तौर पर उसे भ

If World War Two is incomplete freedom, then World War III is complete freedom

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  यदि द्वितीय विश्व युद्ध अपूर्ण स्वतंत्रता है, तो तृतीय विश्व युद्ध पूर्ण स्वतंत्रता है If World War Two is incomplete freedom, then World War III is complete freedom. विश्वभर के कई देशो को पिछले दो विश्वयुद्ध में अधुरी आजादी मिली थी , जिसमे से एक देश भारत भी था | जाहिर है यदि तीसरा विश्वयुद्ध हुआ तो इसबार पुरी आजादी मिलेगी | ऐसी आजादी जिसमे कहीं पर भी गुलाम करने वालो का भेदभाव शोषण अत्याचार शासन कायम नही रहेगा | जैसे कि इस समय भारत में जो मनुवादियो का भेदभाव शोषण अत्याचार शासन कायम है , वह समाप्त हो जाएगा | साथ साथ विश्वभर के सभी देशो से अधिक गरिबी भुखमरी भी जो इस देश में कायम है , वह भी समाप्त हो जाएगा | यह सब मुमकिन इसलिए हो पाएगा , क्योंकि भारत समेत विश्वभर के सभी अधुरे आजाद देशो को पुरी आजादी मिलने के बाद गुलाम करने वालो की दबदबा समाप्त हो जाएगी | जिसके कारन जाहिर है उनके द्वारा किए जा रहे लुटपाट और शोषण अत्याचार भी समाप्त हो जाएगा | और गुलाम करने वालो द्वारा लुटपाट शोषण अत्याचार समाप्त होने के बाद कोई धन संपदा से अमिर देश कभी भी फिर से गरिब नही होंगे | क्योंकि विश्वभर को पुरी आज

If Russia kills it is a predator and if America kills it is a protector

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अगर रूस मारता है तो वह भक्षक है और अगर अमेरिका मारता है तो वह रक्षक है If Russia kills it is a predator and if America kills it is a protector चूँकि यह दौर सिर्फ गुलाम करने वालो का नही है कि जो वे कहेंगे उसी को ही सच मान लिया जाएगा | बल्कि यह दौर ऐसा दौर है , जिसमे खुद  शोषण अत्याचार का शिकार होने वालो के हाथो भी सत्य ऑडियो वीडियो के रुप में दर्ज हो रहा है | जो कि गुलाम करने वालो के पाप कुकर्म को प्रमाणित करने के लिए काफी है की इस 21वीं सदी में भी खुदको सबसे आधुनिक कहने वालो द्वारा कैसा भेदभाव शोषण अत्याचार किया जा रहा है |  जिस तरह की ऑडियो वीडियो रुस यूक्रेन युद्ध में भी लगातार सामने आ रही है | जो की यह बताने के लिए काफी है कि यूक्रेन की सत्ता में गुलाम करने वालो का दबदबा कायम है | जिसके चलते रुस अपनी तरफ से जो बात कह रहा था कि यूक्रेन की सरकार शोषण अत्याचार कर रही है , वह सत्य साबित हो रहा है | रुस बार बार यह भी कह रहा है कि यूक्रेन में आजादी संघर्ष करने वाले रुस से मदत मांग रहे थे , जिसके चलते भी उसे यह सैनिक कारवाई करनी पड़ रही है | क्योंकि सोवियत संघ से अलग होकर यूक्रेन में रुसी

Worry about petrol costlier due to Russia Ukraine war,Why is there no concern about blood being cheap? part 7

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रूस यूक्रेन युद्ध से पेट्रोल महंगा होने की चिंता, खून सस्ता होने की चिंता क्यों नहीं ? भाग 7 कहने को तो यह कृषि प्रधान देश भारत 1947 ई० में ही आजाद हो गया है , पर सच्चाई यही है की यह देश अब भी पुरी तरह से आजाद नही हुआ है | जिसके चलते इस सोने की चिड़ियाँ और विश्वगुरु कहलाने वाला देश में भी हर रोज शोषण अत्याचार और गरिबी भुखमरी से हजारो मौते होना अब भी जारी है | पर उन मौतो की खबरे सायद ही कभी ऐसी चलती है , जैसे की रुस यूक्रेन युद्ध के दौरान हुई बमबारी से होनेवाली मौत की खबरे हर पल चल रही है | जबकि इस गुलामकाल में गरिब के लिए क्या बड़ा शहर और क्या गांव सभी जगह उसके जीवन में मौत का मंडराना रोजमरा जीवन का हिस्सा बना हुआ रहता है | जैसे की भारत के बड़े बड़े शहर हो या फिर गांव सभी जगह लाखो करोड़ो गरिब जो रह रहे हैं , उनके जीवन में हर रोज गरिबी भुखमरी का बमबारी होना हर पल जारी है | जिसकी वजह से हर पल मौत मंडरा रहा होता है | बल्कि अधुरी आजादी प्राप्त किया इस देश में 2013 ई० की रिपोर्ट अनुसार ही हर रोज 6000 मौते भुख से जो हो रही है,  वह तबतक नही रुकेगी जबतक की गुलामी की वजह से गरिबी भुखमरी और शोषण

Worry about petrol costlier due to Russia Ukraine war,Why is there no concern about blood being cheap? part 6

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रूस यूक्रेन युद्ध से पेट्रोल महंगा होने की चिंता, खून सस्ता होने की चिंता क्यों नहीं ? भाग 6 रुस यूक्रेन , भारत पाकिस्तान जैसे युद्ध  जहाँ जहाँ भी होते रहते हैं , जो की फूट डालकर मानो एक ही परिवार को विदेशी मूल के कबिलई लुटेरे चुड़ैलो द्वारा बांटकर लड़ाया जाता रहा है , वहाँ वहाँ ऐसे चुड़ैल कबिलई लुटेरो का प्रवेश होने के बाद ही ऐसी लड़ाई होने की संभावना सुरु हो जाता है | जो लड़ाई इसलिए भी जरुरी हो जाता है , ताकि आपस में लड़कर इस विवाद को साफ करे कि चुड़ैल कबिलई लुटेरे किसके साथ हैं , और कौन मानो चुड़ैल से उसे प्यार होकर उसके साथ मिलकर घर बसाकर किसी चुड़ैल के साथ जीवन जीने की सोचकर देश गुलाम और लुटवाकर खुदको देश परिवार का सबसे भला करने वाला साबित करना चाहता है | जबकि सबसे भला पुरी आजादी जीवन होता है , जो बात पुरी दुनियाँ को पता है | वह आजादी जो कि किसी विदेशी मुल के कबिलई लुटेरे चुड़ैलो से आजाद होकर प्राप्त किया जाता है | जो गुलाम करने वाले विदेशी मुल के कबिलई लुटेरे चुड़ैल ही तो आपस में फूट डालकर राज करने वाली ऐसी चुड़ैले होते हैं , जो किसी देश परिवार को बर्बाद करने में सबसे प्रमुख भूमि

Worry about petrol costlier due to Russia Ukraine war,Why is there no concern about blood being cheap? part 5

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रूस यूक्रेन युद्ध से पेट्रोल महंगा होने की चिंता, खून सस्ता होने की चिंता क्यों नहीं ? भाग 5 रुस यूक्रेन युद्ध से यदि आर्थिक नुकसान के बारे में चिंता पेट्रोल महंगा होने को लेकर किया जा रहा है तो फिर ऐसे में तो धन्ना कुबेरो को सबसे अधिक आर्थिक नुकसान हो रहा है | क्योंकि कहीं पर जानकारी बांटी जा रही थी की रुस यूक्रेन युद्ध से सिर्फ दो तीन दिनो में ही पुरी दुनियाँ के धन्ना कुबेरो जिसमे की भारत के भी धन्ना कुबेर शामिल है , उनके संपत्तियो को भारी नुकसान हुआ है | कितना नुकसान हुआ है , इसकी झांकी इस एक उदाहरन से ही पता चल जाता है कि एक धन्ना कुबेर को तो सिधे एक लाख करोड़ का नुकसान दो तीन दिनो में ही हो गया है | जितनी दौलत से किसी राज्य में सालभर का बजट बन सकता है | पर फिर भी धन्ना कुबेर चूँकि इस गुलामकाल में जब कई देश अब भी पुरी तरह आजाद नही हैं , जिसके चलते गलत आर्थिक नीति बनकर गरिब और अधिक गरिब होते जा रहा है , और अमिर और अधिक अमिर होते जा रहा है , इस दौरान मुठीभर लोग इतने अधिक दौलत बटोरकर रखे हुए हैं कि उनके जीवन में कभी भी ऐसे युद्ध से उनकी जान को गरिबी भुखमरी से खतरा नही होनेवाले हैं | फ

Worry about petrol costlier due to Russia Ukraine war,Why is there no concern about blood being cheap? part 4

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रूस यूक्रेन युद्ध से पेट्रोल महंगा होने की चिंता, खून सस्ता होने की चिंता क्यों नहीं ? भाग 4 रुस यूक्रेन युद्ध के बारे में बहुत से लोग यह भी चिंता जता रहे हैं की यह युद्ध तीसरा विश्वयुद्ध की सुरुवात है  | जिसके बारे में तो मैं यही कहना चाहूँगा की पिछले दो विश्वयुद्ध ही नही बल्कि रुस यूक्रेन युद्ध जैसे तमाम युद्धो में भी उतनी मौते नही हुई है , जितनी की उस समय गरिबी भुखमरी और शोषण अत्याचार से सिर्फ चंद सालो में हुई है | क्योंकि तब कई दर्जन देश गुलाम थे , जिसकी वजह से जो लुटपाट शोषण अत्याचार हुई थी , उससे गरिबी भुखमरी और शोषण अत्याचार से भारी तादार में बड़कर इतने लोगो की मौते हुई थी की उसे यदि दो विश्वयुद्ध ही नही बल्कि तमाम ऐसे युद्धो में हुई मौतो से तुलना किया जाय तो भी उतनी मौते नही हुई थी जितनी की कई देश गुलाम किए जाने के बाद वहाँ पर सिर्फ चंद सालो में ही गरिबी भुखमरी और शोषण अत्याचार से हुई थी | और यदि सभी गुलाम देशो में जो गरिबी भुखमरी और शोषण अत्याचार से मौते हुई है , उसे यदि जोड़ा जाय तो इतने लोगो की गरिबी भुखमरी और शोषण अत्याचार से मौत हुई है , जितने की अभी कई गुलाम करने वाले सार

Worry about petrol costlier due to Russia Ukraine war,Why is there no concern about blood being cheap? part 3

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  रूस यूक्रेन युद्ध से पेट्रोल महंगा होने की चिंता, खून सस्ता होने की चिंता क्यों नहीं ? भाग 3 यूक्रेन में भारत के 20000 बच्चे फंसे हुए हैं , ऐसी रुस यूक्रेन युद्ध की खबरे दिनभर चलाते हुए कभी उन बच्चो की भी खबरे चलाओ जो की भुख से मर रहे हैं | जिनके युद्ध में फंसे होने नही बल्कि भुख से मरने की भी खबरे सायद ही कभी इस तरह दिनभर दिखाई जाती है | जबकि जैसा की बतलाया कि विश्वभर में हर रोज भुख से मरने वालो की संख्या इतनी है , जितना की इस समय रुस यूक्रेन युद्ध में फंसे हुए भारतीयो की हैं | और 2013 ई० की ही रिपोर्ट अनुसार विश्वभर में हर रोज जो 24000 लोग मर रहे हैं , उनमे 18000 तो सिर्फ बच्चे हैं | जिसकी मौत की चिंता खासकर हवा हवाई महलो में रहकर हवा हवाई सवारी करने वालो को उतनी कभी नही होती है , जितनी की अभी युद्ध देखकर उन्हे तेल महंगे होने और यूक्रेन में निर्दोश लोगो के मरने और फंसने की चिंता होने लगी है ! पर क्या गरिबी भुखमरी और शोषण अत्याचार से मरने वाले लोग निर्दोश नही हैं ? जिनकी भारी आबादी ऐसे लोगो के आस पास भी हर रोज गरिबी भुखमरी और शोषण अत्याचार जीवन जी रही होती है | जिनकी ऐसी जीवन से इन

Worry about petrol costlier due to Russia Ukraine war,Why is there no concern about blood being cheap? part 2

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  रूस यूक्रेन युद्ध से पेट्रोल महंगा होने की चिंता, खून सस्ता होने की चिंता क्यों नहीं ? भाग 2 2013 ई० की ही रिपोर्ट अनुसार विश्वभर में जो हर दिन 24000 लोग भुख से मर रहे हैं , उसके लिए प्रमुख जिम्मेवार इस पृथ्वी में अपनी शैतानी सोच से गुलाम करने वाले इंसान ही हैं | जो की इंसान के रुप में सबसे बड़ा शैतान जीवन जी रहे होते हैं | जिन शैतानो की वजह से ही इस हरी भरी पृथ्वी में आजतक भी हर रोज हजारो लोगो की मौत गरिबी भुखमरी से हो रही है | क्योंकि ऐसे शैतानी सोच रखने वालो के लिए सबसे विकसित मानव वह है , जो अपने जीवन में गरिबी भुखमरी न होने देने के लिए चाहे किसी को गुलाम बनाए , चाहे किसी का शोषण अत्याचार करे , दुसरो के हक अधिकारो को कब्जा करे , धन संपदा की लुटपाट जैसे बड़े बड़े अपराध करे ! उनके लिए जबतक कोई यह सब अपराध करते पकड़ा न जाए तबतक इंसान यह सब अपराध गरिबी भुखमरी से दुर रहने के लिए कर सकता है | जिसके चलते ऐसे लोग अक्सर धन प्राप्त करने के लिए दुसरो को ही नही अपने परिवार के सदस्यो को भी यह विचार थोपते रहते हैं कि चाहे चोरी करके लाओ या फिर डाका डालकर लाओ पर कहीं से भी धन लाओ ! क्योंकि गरिबी

Worry about petrol costlier due to Russia Ukraine war,Why is there no concern about blood being cheap? part 1

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  रूस यूक्रेन युद्ध से पेट्रोल महंगा होने की चिंता, खून सस्ता होने की चिंता क्यों नहीं ? भाग 1 रुस यूक्रेन युद्ध से बहुत से लोगो को पेट्रोल महंगा होने की चिंता हो रही है , पर भारत समेत विश्वभर के कई और देशो को भी अबतक पुरी आजादी न मिलने से खुन सस्ता कितना होते जा रहा है , इसकी चिंता क्यों नही हो रही है ? क्योंकि इतिहास गवाह है कि ऐसे युद्ध से जितने लोग नही मरे उससे कहीं ज्यादे लोग गरिबी भुखमरी और शोषण अत्याचार से मरे हैं ! और ऐसी मौत हर रोज भारी तादार में हो रही है | जिसके बारे में गुगल सर्च करके भी पता किया जा सकता है कि इस 21वीं सदी में भी विश्वभर में हर रोज कितनी मौते हो रही है | पर इन मौतो के बारे में कहीं क्या कोई खबर चल रही है ? दिनभर रातभर सिर्फ रुस यूक्रेन युद्ध की खबरे ऐसी चल रही है , जैसे और कोई जरुरी खबर है ही नही ! जबकि 2013 ई० का ही रिपोर्ट अनुसार हर दिन विश्वभर में 24000 लोगो की मौत युद्ध से नही भुख से हो रही है | जिसमे एक तिहाई तो सिर्फ सोने की चिड़ियां कहलाने वाले इस कृषि प्रधान देश भारत में हो रही है |