Worry about petrol costlier due to Russia Ukraine war,Why is there no concern about blood being cheap? part 6


रूस यूक्रेन युद्ध से पेट्रोल महंगा होने की चिंता, खून सस्ता होने की चिंता क्यों नहीं ? भाग 6


khoj123


रुस यूक्रेन , भारत पाकिस्तान जैसे युद्ध  जहाँ जहाँ भी होते रहते हैं , जो की फूट डालकर मानो एक ही परिवार को विदेशी मूल के कबिलई लुटेरे चुड़ैलो द्वारा बांटकर लड़ाया जाता रहा है , वहाँ वहाँ ऐसे चुड़ैल कबिलई लुटेरो का प्रवेश होने के बाद ही ऐसी लड़ाई होने की संभावना सुरु हो जाता है | जो लड़ाई इसलिए भी जरुरी हो जाता है , ताकि आपस में लड़कर इस विवाद को साफ करे कि चुड़ैल कबिलई लुटेरे किसके साथ हैं , और कौन मानो चुड़ैल से उसे प्यार होकर उसके साथ मिलकर घर बसाकर किसी चुड़ैल के साथ जीवन जीने की सोचकर देश गुलाम और लुटवाकर खुदको देश परिवार का सबसे भला करने वाला साबित करना चाहता है | जबकि सबसे भला पुरी आजादी जीवन होता है , जो बात पुरी दुनियाँ को पता है | वह आजादी जो कि किसी विदेशी मुल के कबिलई लुटेरे चुड़ैलो से आजाद होकर प्राप्त किया जाता है | जो गुलाम करने वाले विदेशी मुल के कबिलई लुटेरे चुड़ैल ही तो आपस में फूट डालकर राज करने वाली ऐसी चुड़ैले होते हैं , जो किसी देश परिवार को बर्बाद करने में सबसे प्रमुख भूमिका अदा करते हैं | जिस तरह की चुड़ैलो की झांकी हिंदी फिल्मो में भी थोड़ी बहुत देखने को मिलती है | जो कबिलई लुटेरे चुड़ैलें किसी सुख शांती समृद्धी परिवार में प्रवेश करके फूट डालकर राज करना सुरु कर देते हैं | किसी देश परिवार में ये चुड़ैले अपनी कठपुतली सरकार और मीडिया बनाकर फूट डालो राज करो की नीति से किसी देश परिवार को कई टुकड़ो में बांटकर आपस में लड़ाकर चुड़ैल चुड़ैल मिलकर मिल जुलकर राज कर रहे होते हैं | ऐसा राज जिसमे बहुसंख्यक आबादी गरिबी भुखमरी और शोषण अत्याचार से हर रोज संघर्ष कर रहा होता है | और संघर्ष करते करते अनगिनत लोगो की हर रोज मौते भी हो रही होती है | जिन मौतो के लिए सबसे प्रमुख कारन ऐसे चुड़ैलो द्वारा प्रवेश करके मिली गुलामी ही है | जैसे की अबतक भी यह कृषि प्रधान देश पुरी तरह से आजाद नही हुआ है विदेशी मुल के कबिलई लुटेरे लोगो और उनके उन चुड़ैल आकाओ से जो अपनी कठपुतली सरकार बनवाकर दुर बैठकर भी राज करते रहते हैं | जो इस देश भारत को भी खंड खंड करके गुलाम बनाकर राज कर रहे हैं | जिन लोगो की वजह से ही यहाँ पर गरिबी भुखमरी और शोषण अत्याचार अब भी कायम है | क्योंकि गुलाम करने वालो के लिए अपने गुलामो का खुन सस्ता होता है | और यदि उनके लिए गुलामी के बाद गरिब होने वालो का खुन भी महंगा होता है तो जिस तरह युद्ध की वजह से हमले में इतने लोग मारे गए खबरे दिनभर चलती रहती है , उसी तरह देश में गुलाम करने वालो द्वारा गरिबी भुखमरी और शोषण अत्याचार बड़ने की वजह से इतने लोग जीवन संघर्ष करते करते मरे , या गरिबी भुखमरी और शोषण अत्याचार जैसे बुरे हालात में कैसे जिते जी मरने वाला दर्दनाक जीवन जी रहे हैं , ऐसी भी खबरे तबतक चलाई जाए जबतक की गरिबी भुखमरी और गुलाम करने वालो द्वारा शोषण अत्याचार से मौते जारी है | क्योंकि पृथ्वी में मौजुद सभी इंसानो की खुन की किमत महंगा होना चाहिए , न की सिर्फ इस तरह के युद्ध होने पर जो मौते होती है , उनकी खुन की किमत बहुत महंगा है | जिस बात का यहशास गरिब की खुन की किमत सस्ता समझने वालो को रुस यूक्रेन जैसा युद्ध होते समय खुन की किमत ज्यादे बेहत्तर समझ आने लगता है , जब ऐसे युद्ध में गुलामी की वजह से आई असंतुलित विकाश के कारन बने खास अमिरो की भी जान बन आती है | जैसे की यदि अधुरा आजाद भारत में भी पुरी आजादी की मांग उठकर ऐसी युद्ध की नौबत आ जाए और रुस जैसे ताकतवर देश भारत को भी पुरी आजादी के लिए साथ देकर यहाँ के मुलनिवासियो को गरिबी भुखमरी और शोषण अत्याचार से भारी तादार में मरने से रोकने में मदत करे तो बड़े बड़े शहरो में इस गुलामीकाल में धन्ना कुबेर बनकर हर रोज इस देश में अनगिनत लोगो को गरिबी भुखमरी से मरते देखते हुए सैकड़ो हजारो करोड़ की महलो में रहने वालो को भी किसी गरिब की खुन की किमत अच्छी तरह से समझ में आने लगती | खासकर बड़े बड़े शहरो में युद्ध की वजह से जब अमिरो के भी जीवन में खतरा मंडराने लगती | उनके बड़े बड़े महलो में तो खतरा जरुर मंडराती | क्योंकि युद्ध होने के बाद जब बमबारी होती है तो सैकड़ो हजारो करोड़ के बड़े बड़े इमारत भी तास के पत्तो की तरह ढहने लगते हैं | जिससे जाहिर है बमबारी के समय अमिरो के भी जीवन में हर रोज मौत मंडराने लगते हैं | गरिब के जीवन में तो गरिबी भुखमरी की बमबारी हर पल जारी ही रहता है | जिनके छोटे छोटे घरो को हर रोज भारी तादार में तहस नहस किया जाता है , सैकड़ो हजारो करोड़ के बड़े बड़े महल खड़ा करने के लिए | क्योंकि गरिब के बेघर और भुखमरी जीवन से इन खास अमिर लोगो को कोई खाश लेना देना नही रहता है | वे तो महलो में एसी कमरो में बैठकर गरिबी भुखमरी शोषण अत्याचार से होनेवाली मौत के बारे चिंता नही बल्कि सिर्फ महंगी मौत के बारे में चिंता करते हैं | जैसे की अभी रुस यूक्रेन युद्ध के समय हो रही होगी | जबकि युद्ध में जितने लोग अबतक मरे हैं , उससे कई गुणा लोग लिर्फ भारत में ही गरिबी भुखमरी और शोषण अत्याचार से हर रोज मर रहे हैं | विश्वभर में तो जैसा की बतलाया कि 2013 ई० की रिपोर्ट अनुसार ही हर रोज 24000 लोगो की मौत भुख से हो रही है | जिनकी भी जान किमती है , न की गरिबी भुखमरी से मरने वालो की जान सस्ती है , और युद्ध में मरने वालो की जान सबसे किमती है |

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