If Russia kills it is a predator and if America kills it is a protector
अगर रूस मारता है तो वह भक्षक है और अगर अमेरिका मारता है तो वह रक्षक है
If Russia kills it is a predator and if America kills it is a protector
चूँकि यह दौर सिर्फ गुलाम करने वालो का नही है कि जो वे कहेंगे उसी को ही सच मान लिया जाएगा | बल्कि यह दौर ऐसा दौर है , जिसमे खुद शोषण अत्याचार का शिकार होने वालो के हाथो भी सत्य ऑडियो वीडियो के रुप में दर्ज हो रहा है | जो कि गुलाम करने वालो के पाप कुकर्म को प्रमाणित करने के लिए काफी है की इस 21वीं सदी में भी खुदको सबसे आधुनिक कहने वालो द्वारा कैसा भेदभाव शोषण अत्याचार किया जा रहा है | जिस तरह की ऑडियो वीडियो रुस यूक्रेन युद्ध में भी लगातार सामने आ रही है | जो की यह बताने के लिए काफी है कि यूक्रेन की सत्ता में गुलाम करने वालो का दबदबा कायम है | जिसके चलते रुस अपनी तरफ से जो बात कह रहा था कि यूक्रेन की सरकार शोषण अत्याचार कर रही है , वह सत्य साबित हो रहा है | रुस बार बार यह भी कह रहा है कि यूक्रेन में आजादी संघर्ष करने वाले रुस से मदत मांग रहे थे , जिसके चलते भी उसे यह सैनिक कारवाई करनी पड़ रही है | क्योंकि सोवियत संघ से अलग होकर यूक्रेन में रुसी भाषा जानने वालो के साथ भी गुलामो जैसा व्यवहार हो रहा है | जो बाते अब सच साबित भी हो रही है , जब रुस यूक्रेन युद्ध के समय बाहर दुसरे देशो से आने वालो के साथ भी भेदभाव और शोषण अत्याचार की वीडियो सामने खुद शिकार हुए लोग ला रहे हैं | जो की गुलाम करने वालो के हाथो बिकी या फिर नाचने वाली मीडिया नही दिखायेगी अपने कैमरा से रिकॉर्ड करके , और न ही वह यूक्रेन के खिलाफ ऐसी खबरे चलायेगी की यूक्रेन में बाहर से आए लोगो के साथ कैसा गुलामो जैसा व्यवहार हो रहा है | जिस तरह का व्यवहार यूक्रेन में भारत पाकिस्तान ही नही बल्कि एशिया अफ्रीका के कई देशो के नागरिको के साथ भी हो रहा है | जबकि रुस न तो गुलाम बनाने के लिए यह युद्ध कर रहा है , और न ही रुस की सेना युद्ध करते हुए लुटपाट शोषण अत्याचार करते आगे बड़ रही है | जैसे की गुलाम करने वाले बड़ते हैं | जो की गुलाम करने वालो का इतिहास रहा है | जिस इतिहास में गोरे और शैतान सिकंदर का नाम विश्वविख्यात है | जो की गुलाम बनाने और लुटपाट शोषण अत्याचार करने के लिए युद्ध करते थे | जैसा की रुस नही कर रहा है तो भी उसके बारे में गुलाम करने वालो की हाथो बिकी और नाचने वाली मीडिया रुस के बारे में ऐसी ऐसी खबरे चला रही है , जिससे की यह बताया जा रहा है कि रुस पुरी दुनियाँ को गुलाम करने के लिए युद्ध कर रहा है |
जबकि देखा जाय तो अमेरिका यूरोप में गोरा काला भेदभाव करने वाले यूक्रेन में कठपुतली सरकार और यहूदि राष्ट्रपति बनाकर इस तरह के बुरे हालात पैदा करवाये हैं ! जो रुस पर बहुत से प्रतिबंध लगाकर कमजोर करने में लगे हुए हैं | खासकर रुस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाकर जो रुस के लोगो का धन को लुटा जा रहा है , यह भी घटना साफ दर्शाता है कि रुस के साथ लुटपाट कौन कर रहा है ? जिन लुटपाट करने वाली मांशिकता रखने वालो के खिलाफ ही तो रुस लड़ रहा है | जो लोग अबतक पुरी दुनियाँ के कई देशो को गुलाम करके जो गरिबी भुखमरी दिए हैं , वैसी ही गरिबी भुखमरी भविष्य में रुस ही नही कई और देशो पर भी आर्थिक प्रतिबंध लगाकर और अधिक देना चाहते हैं | ये गुलाम करने वाले गरिबी भुखमरी और शोषण अत्याचार से ही तो लाखो करोड़ो लोगो की जान लेने में खास भूमिका अबतक अदा करते आ रहे हैं | जो युद्ध से कम और भुखमरी गरिबी शोषण अत्याचार से ज्यादे मारते हैं | जिसकी खास वजह यह भी है कि युद्ध में ऐसे गुलाम करने वालो की भी मौते होती है , जबकि गरिबी भुखमरी से इनकी मौते सायद ही अब कभी होती है | कई देशो को गुलाम करने से पहले भले ये लोग पुरी दुनियाँ में सबसे अधिक गरिब थे | जो अब सबसे अमिर कहलाते हैं | क्योंकि खनिज धन संपदा से संपन्न भारत जैसे कई देशो को गुलाम करके जो इन्होने लंबे समय तक लुटपाट किया है , उससे उनके पास खुल जा सिमशिम कहकर इतना दौलत जमा हो गया है कि उससे ये गरिबी भुखमरी के दौर से तबतक नही गुजर सकते , जबतक की दुनियाँ के सभी अधुरे आजाद देशो को भी पुरी आजादी नही मिल जाती | जिन अधुरे देशो से इनको अब भी खुल जा शिमशिम कहकर सबसे अधिक धन जमा होता ही जा रहा है | इसलिए ये अबतक तो गरिबी भुखमरी को ही सबसे बड़ा हथियार बनाते आ रहे हैं | ये देखा जाय तो युद्ध उन्ही से ज्यादेतर करते हैं जो इन्हे बराबरी का टक्कर नही दे सकते | उनसे ये युद्ध करना जल्दी नही चाहते जो की इन्हे बराबरी का टक्कर दे सकते हैं | जैसे की इस समय रुस दे रहा है | जिससे आमने सामने की लड़ाई ये न करके पिछे से कर रहे हैं | क्योंकि उनको पता है कि रुस से यदि आमने सामने की लड़ाई किए तो तीसरा विश्वयुद्ध सुरु हो सकता है | जिससे उनकी भी बुरी हालत हो सकती है | जैसा कि पिछला दो विश्वयुद्ध में हुए थे | और इनके कैद से कई गुलाम देश आजाद होकर इनके हाथ से निकल चुके थे | जो विश्वयुद्ध हालात फिर से पैदा होने पर जाहिर है विश्वभर में जो गरिबी भुखमरी से भारी तादार में मौते हो रही है , उसके अलावे युद्ध से भारी तादार में अमिरो की भी मौते सुरु हो जाएगी | क्योंकि यदि तीसरा विश्वयुद्ध सुरु हुआ तो गरिबी भुखमरी को कभी नही जीने वाले लोग भी हर रोज भारी तादार में मारे जाएंगे युद्ध से होनेवाली बमबारी से | क्योंकि युद्ध की बमबारी गरिब अमिर और बड़ी बड़ी हवा हवाई इमारत नही देखता है | और जैसा कि पुरी दुनियाँ जानती है कि कई देशो को गुलाम करने वाले ही अभी विश्वभर में सबसे अमिर बने हुए हैं | और गुलाम होने वाले सबसे गरिब | जिन गुलाम होने वाले देशो में ही तो गरिबी भुखमरी से सबसे अधिक मौते हो रही है | जैसे की अफ्रीका एशिया के जितने देश भी कभी पुरी तरह गुलाम हुए थे इन गुलाम करने वालो से , वही गुलाम होने वाले देशो में तो हर रोज हजारो की संख्या में गरिबी भुखमरी से मौते हो रही है | जिसकी जानकारी सायद ही कभी देती है ये रुस को सबसे बड़ा बिलेन बनाकर खबरे दिखाने वाली वह मीडिया जो की गुलाम करने वालो के हाथ की कठपुतली बनी रहती है | जिसे गुलाम करने वाले अपनी मर्जी से नचा रहे होते हैं | जिस मीडिया को अभी रुस ही सबसे अधिक मौत देनेवाला भक्षक दिख रहा है | जिनके लिए तो पुरी दुनियाँ के कई देशो को गुलाम करने वाले रक्षक बने हुए हैं | जिनके द्वारा विश्वभर के कई देशो को लंबे समय तक गुलाम और लुटपाट करके जो गरिबी भुखमरी शोषण अत्याचार से मौते लाखो करोड़ो में हुई है , वह तो इनके लिए कोई मायने ही नही रखती है | 2013 ई० का ही रिपोर्ट अनुसार विश्वभार में हर रोज 24000 लोग भुख से मर रहे हैं | अथवा सिर्फ भुख से ही हर रोज इतनी मौते है तो निश्चित तौर पर सालभर में लगभग एक करोड़ मौते गरिबी भुखमरी शोषण अत्याचार से जरुर हो रही है | या उससे भी ज्यादे हो रही है | जिनमे एक तीहाई आबादी भारत की है | अथवा भारत में 2013ई० के रिपोर्ट अनुसार ही हर रोज 6000 लोग सिर्फ भुख से मारे जा रहे हैं | जिन मौतो में कितने लोग गुलाम करने वालो के परिवार से हैं ? जिस तरह की ही मौतो में बड़ोतरी करने के लिए एशिया अफ्रीका और अरब के कई देशो के साथ रुस यूक्रेन जैसा हालात पैदा करके फिर से लाखो करोड़ो लोगो को युद्ध से नही बल्कि भुख से मारने की तैयारी हो रही है | क्योंकि जहाँ जहाँ भी पूँजीवाद फैलाने के लिए यूक्रेन रुस युद्ध जैसे हालात पैदा किए जाते हैं वहाँ वहाँ गुलाम करने वाले लुटपाट करके गरिबी भुखमरी को और अधिक बड़ाते हैं | जिसे रुस असफल करने के लिए इस समय खास भूमिका इसलिए भी अदा कर रहा है , क्योंकि रुसी क्रांती होने के बाद रुस इन गुलाम करने वालो से पुरी तरह से आजाद हो गया है ! जिसके कारन पश्चिम देशो के गुलाम करने वाले ताकते इस बात पर रुस से सबसे अधिक डरते हैं कि कहीं रुस उनके पूँजीवाद के सारे प्लान को फेल न कर दे ! इसलिए पहले रुस को ही बांटो और कमजोर करो ! रुस ये बांटने और गुलाम करने वालो के खिलाफ ही तो लड़ रहा है | उनके खिलाफ जो की गुलाम बनाकर भेदभाव शोषण अत्याचार और लुटपाट करने के लिए विश्वविख्यात हैं | और जैसा की पुरी दुनियाँ को पता है कि भेदभाव करने वालो का बिरादरी भारत में भी मौजुद हैं | 1947 ई० की अधुरी आजादी तो सिर्फ झांकी है ! जिनसे भारत को भी अभी पुरी आजादी बाकि है !
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