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The corona virus is removed from sexual intercourse by a devil rider

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 The corona virus is removed from sexual intercourse by a devil rider शैतान सवार इंसान द्वारा संभोग से कोरोना वायरस निकाला जाता है (shaitaan savaar insaan dvaara sambhog se korona vaayaras nikaala jaata hai) शैतान सवार इंसान को किसी निर्दोश की हत्या जैसे अपराध करने या कराने में किसी ड्रक्स करने या फिर सेक्स करने जैसा आनंद आता होगा | वह भी वैसा सेक्स के पुजारी जिन्हे सेक्स की पूर्ति करने के लिए किसी का बलात्कार करनी भी पड़े तो ऐसे मौत के पुजारियो के लिए आम बात है | जिसके चलते मानो वे जबतक जिवीत रहेंगे तबतक निर्दोश लोगो को मौत का घाट उतारकर जबरजस्ती भी दिनभर सेक्स या ड्रक्स करते हुए मौत का हवशी जिवन जीना चाहते हैं | वह भी वैसा सेक्स जिससे की शैतान कोरोना वायरस निकालकर अपनी हवश मिटाता है | शैतान सवार इंसान सेक्स करके कोरोना वायरस निकालकर अपनी हवश शांत करते रहते हैं | मैने तो आजतक किसी से सेक्स नही किया है , बल्कि किशोर अवस्था तक तो मैं यह समझता रहा कि बच्चा का जन्म पिच्छे से होता है | वह भी इसलिए समझता रहा , क्योंकि बचपन में किसी पालतु जानवर के पिच्छे से बच्चा होते हुए देखकर खु

I believe that coronavirus has been spread to suppress the voice of freedom from discrimination exploitation atrocities

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I believe that coronavirus has been spread to suppress the voice of freedom from discrimination exploitation atrocities मेरा तो यही मानना ​​है कि भेदभाव शोषण अत्याचार से आजादी की आवाज को दबाने के लिए कोरोनावायरस फैलाया गया है (mera to yahee maanana ​​hai ki bhedabhaav shoshan atyaachaar se aajaadee kee aavaaj ko dabaane ke lie koronaavaayaras phailaaya gaya hai) भेदभाव शोषण अत्याचार और भष्टाचार करने वालो के खिलाफ आंदोलन करके पुर्ण आजादी के लिए आवाज उठाया जा रहा है | जिस आवाज को दबाने के लिए कोरोना वायरस फैलाया जा रहा है | हिन्दी फिल्म कयामत में मौजुद बिलेनो के द्वारा किसी प्रयोगशाला में पैदा करके मौत देने की तरह ही किसी शैतान सवार इंसानो की सक्रिय गैंग जान बुझकर खास मकसद से कोरोना वायरस पैदा किया गया है |  जिसे भविष्य की नई पिड़ी पुर्ण अजाद भारत में पर्दाफाश जरुर करेगी | और शैतान बिलेनो की मौत भी भष्मासुर की तरह होगी | और नही होगी तो प्राकृति तो उन्हे बुढ़ा कर करके मौत का घाट उतारेगी ही उतारेगी | जिस बुढ़ापा से कोई नही बचा है | क्योंकि हमेशा जवान दिखने के लिए हजारो लाखो रु

Corona virus has been spread to suppress the voices raised against discrimination exploitation atrocities

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Corona virus has been spread to suppress the voices raised against discrimination exploitation atrocities भेदभाव शोषण अत्याचार के खिलाफ उठने वाली आवाजों को दबाने के लिए कोरोना वायरस फैलाया गया है (bhedabhaav shoshan atyaachaar ke khilaaph uthane vaalee aavaajon ko dabaane ke lie korona vaayaras phailaaya gaya hai) मुमकिन है गुलाम दास दासी बनाने वालो की अपडेट पिड़ियों के भेदभाव शोषण अत्याचार के खिलाफ उठने वाली आवाज को दबाने के लिए कोरोना वायरस फैलाया गया है | ताकि ध्यान भटकाकर आवाज को दबाया जा सके , या फिर कोरोना वायरस या लोकडाउन के जरिये शोषित पिड़ितो को कुचला जा सके | क्योंकि लोकडाउन से हजारो लाखो शोषित पिड़ित शहर से गांव की ओर इसलिए पलायन कर रहे हैं , क्योंकि वे इस सोने की चिड़ियाँ का मालिक होते हुए भी विदेशी लोगो के द्वारा उनके हक अधिकारो को लुटकर इतना गरिबी भुखमरी जिवन में आज भी ढकेला जा रहा है कि एक शोषित पिड़ित का भुखे पेट रहकर उसका बयान सुन रहा था कि लोकडाउन में बिना काम धँधा और बिना भोजन के शहर में रहा तो करोना वायरस से तो वह नही मरेगा पर भुखा पेट रहकर ज

Divide rule virus policy is more dangerous than corona virus

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Divide rule virus policy is more dangerous than corona virus फूट डालो राज करो वायरस नीति कोरोना वायरस से भी अधिक खतरनाक है लंबे समय तक गुलाम दास दासी बनाकर लुटपाट करनेवाला विदेशी कबीला की फूट डालो और राज करो वायरस नीति कोरोना वायरस से भी अधिक खतरनाक है | इस देश की राजधानी दिल्ली में जो धर्म के नाम से खुन खराबा हुआ , और कई निर्दोश लोगो का खुन बहा है , उसके पिच्छे भी वही फूट डालो राज करो कबिलई वायरस हावी  था , जो धर्म के नाम से लड़ाई कराता है | जो कबिलई वायरस कोरोना वायरस से भी ज्यादे खतरनाक रुप धारन करता है | क्योंकि कोरोना का इलाज करने के लिए दवा और डॉक्टर अस्पताल में उपलब्ध हैं , पर कबिलई वायरस द्वारा फैला धर्म के नाम से दंगा फसाद का इलाज अबतक धार्मिक ग्रंथो में भी नही खोजा जा सका है | वैसे कोरोना का इलाज भी धार्मिक ग्रंथो में मौजुद नही है | बल्कि हो सकता है ये कबिलई वायरस अपना बेहरुबिया रुप बदलकर अब कोरोना वायरस के जरिये भी आतंक फैला रहा है | क्योंकि पुरी दुनियाँ की सबसे अधिक अबादी चीन में रहता है यह सबकुछ जानकर भी चीन आत्महत्या क्यों करेगा | चीन में भी लंबे समय से कबिलई ल

Before entering this agrarian country, the clan of Manuvadis did not know the family, society and republic

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Before entering this agrarian country, the clan of Manuvadis did not know the family, society and republic. इस कृषि प्रधान देश में प्रवेश करने से पहले, मनुवादियों के कबीले परिवार, समाज और गणराज्य को नहीं जानते थे। (is krshi pradhaan desh mein pravesh karane se pahale, manuvaadiyon ke kabeele parivaar, samaaj aur ganaraajy ko nahin jaanate the.) बिल्कुल मुमकिन है कि इस कृषि प्रधान देश में प्रवेश करने के बाद ही मनुवादीयों ने पहली बार परिवार समाज और गणतंत्र के बारे में जाना समझा होगा | अथवा इस कृषि प्रधान देश में प्रवेश करने से पहले मनुवादी के पास अपना कोई ऐसा परिवार समाज और गणतंत्र ही मौजुद न हो जिसके पास वे वापस लौट सके | जैसा कि शैतान सिकंदर और गोरे लौटे थे | क्योंकि शैतान सिकंदर और गोरो के पास वापस लौटने के लिए तब अपना परिवार समाज और शासन के बारे में अपने परिवार समाज का इतिहास मौजुद था | क्योंकि इतिहास गवाह है कि इस कृषि प्रधान देश में बाहर से तो कबिलई गोरे भी लुटपाट गुलाम करने आए थे और वे भी अपने साथ अपने परिवार को नही लाए थे , पर बाद में वे वापस उन परिवारो के प

Discriminatory thinking arising from the mind, excreta from the body is more harmful than urine.

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Discriminatory thinking arising from the mind, excreta from the body is more harmful than urine. मन से उत्पन्न होने वाली भेदभावपूर्ण सोच, शरीर से निकलने वाला मल मूत्र से अधिक हानिकारक होता है। (man se utpann hone vaalee bhedabhaavapoorn soch, shareer se nikalane vaala mal mootr se adhik haanikaarak hota hai हजारो सालो बाद भी अबतक नही सुधरने वाले जो भी मनुवादी इतने लंबे समय के बाद भी अबतक अपनी भ्रष्ट मांसिकता को नही त्याग सके हैं , वे निश्चित तौर पर छटे हुए वैसे खोटे सिक्के हैं , जिनके द्वारा अब सुधरने की उम्मीद न के बराबर है | और चूँकि तन के द्वारा त्यागा गया मल मूत्र गंदगी से भी ज्यादे हानिकारक गंदगी मन में मौजुद छुवाछुत गंदगी होती है , जिससे कि दुसरो को गुलाम दास दासी बनाने की भ्रष्ट गंदी मांसिकता पनपती है , इसलिए इस कृषि प्रधान देश में छुवाछुत मनुवादी सत्ता जबतक कायम रहेगी तबतक चाहे जितनी सफाई अभियान चलाया जाय और जितनी भेदभाव शोषण अत्याचार मुक्त नियम कानून बनाया जाय , जबतक मनुवादीयों के मन में छुवाछुत गंदगी मौजुद है वे अजाद भारत का संविधान लागू होने के बावजुद भी पुरी द

The day the Manuvadis stop calling themselves Hindus, their rule will end in this country.

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The day the Manuvadis stop calling themselves Hindus, their rule will end in this country. जिस दिन मनुवादी खुद को हिंदू कहना बंद कर देंगे, उनका शासन इस देश में खत्म हो जाएगा। अजाद भारत का संविधान में यदि सिर्फ एक वाक्य लिखा रहता कि " विदेशी मुल के लोग नागरिकता तो ले सकते हैं , पर शासक नही बन सकते हैं " तो भी हजारो सालो की मनुवादी सत्ता आगे शोषित पिड़ितो द्वारा बिना संघर्ष जारी रखे समाप्त हो जाती | हलांकि यह वाक्य भले संविधान में नही लिखा गया है , पर धर्म आज इस भावना को मजबुत जरुर करता है कि किसे देश का शासक बनना चाहिए और किसे नही बनना चाहिए | अथवा जिस देश में जो धर्म हावी रहता है , उसी धर्म के लोगो का सत्ता कायम होता है | और धर्म में जिन लोगो का दबदबा कायम रहता है उन्ही लोगो को शासक बनाया जाता है | जैसे कि इस देश में हिन्दू धर्म हावी है इसलिए हिन्दू सत्ता कायम है | जैसे कि अरब में मुस्लिमो की सत्ता कायम है | और चूँकि हिन्दू धर्म में मनुवादी का दबदबा कायम है , इसलिए मनुवादी को बार बार शासक बनाया जा रहा है | धर्मनिरपेक्ष तो सिर्फ सुनने में अच्छा लगता है , क्योंकि हक

What are the similarities between Indus, Hindi, Sindh Ocean, Indus River, Hindu and Hindustan?

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What are the similarities between Indus, Hindi, Sindh Ocean, Indus River, Hindu and Hindustan? सिंधु, हिंदी, सिंध महासागर, सिंधु नदी, हिंदू और हिंदुस्तान के बीच समानताएं क्या हैं? (sindhu, hindee, sindh mahaasaagar, sindhu nadee, hindoo aur hindustaan ke beech samaanataen kya hain?) इस कृषि प्रधान देश में कबिलई मनुवादीयों के आने से पहले ही इस देश के मुलनिवासी प्राकृति की पुजा भगवान के रुप में करते आ रहे हैं | इसलिए वामन मेश्राम द्वारा यह जानकारी बांटना समय की बर्बादी है कि होली दिवाली और मकर संक्रांति जैसे प्राकृति पर्व त्योहार मनाने वाले इस देश के मुलनिवासी हिन्दू नही बल्कि यहूदि डीएनए का मनुवादी मुल हिन्दू है | हलांकि यहूदि डीएनए के मनुवादीयों के खिलाफ परिवर्तन यात्रा करने वाले वामन मेश्राम द्वारा इस देश के मुलनिवासियों को बहुत सारी ऐसी ऐसी खास जानकारी भी निश्चित तौर पर जरुर बांटी जा रही है , जिसे की उन तमाम शोषित पिड़ित हिन्दूओं को जरुर जानना चाहिए जो की खुद भी मनुवादियों के खिलाफ बहुत सारी जानकारी इकठा करते रहते हैं , और बांटते रहते हैं | क्योंकि शोषित पिड़ितो के द्

Manuvaadis have not made the varna and caste system

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Manuvaadis have not made the varna and caste system मनुवादियों ने वर्ण और जाति व्यवस्था नहीं बनाई है (manuvaadiyon ne varn aur jaati vyavastha nahin banaee hai) इस कृषि प्रधान देश में ज्ञान रक्षा और वित्त प्रणाली मनुवादीयों के प्रवेश से पहले से ही मौजुद रहा है | न कि मनुवादियों द्वारा ज्ञान रक्षा और वित्त क्षेत्र के रुप में ब्रह्मण क्षत्रिय और वैश्य वर्ण व्यवस्था बनाकर विकसित किया गया है | उसी तरह मनुवादीयों द्वारा जिसे हजारो निच जाति घोषित किया गया है , वह भी दरसल हजारो सालो से विकसित किया हुआ हजारो हुनर है , जिसे भी इस देश के मुलनिवासियों ने विकसित किया है | जो कि मनुवादियों के आने से पहले ही विकसित की गई वह हजारो हुनर है , जिसके जरिये इस कृषि प्रधान देश की विकाश में खास योगदान रहा है | न की मनुवादियो ने खेती करने , शिक्षक बनने , रक्षक बनने , अमिर बनने , और धोबी बनने , बढ़ई बनने ,  नाई बनने जैसे हजारो हुनर को इस देश में आकर सिखलाया है | क्योंकि इस देश के मुलनिवासी द्वारा विकसित किये गए वर्ण व्यवस्था  में ब्रह्मण , क्षत्रिय वैश्य और हजारो हुनर क्षेत्र दरसल वह विकसित किया