The day the Manuvadis stop calling themselves Hindus, their rule will end in this country.


The day the Manuvadis stop calling themselves Hindus, their rule will end in this country.
khoj123,india


जिस दिन मनुवादी खुद को हिंदू कहना बंद कर देंगे, उनका शासन इस देश में खत्म हो जाएगा।



अजाद भारत का संविधान में यदि सिर्फ एक वाक्य लिखा रहता कि " विदेशी मुल के लोग नागरिकता तो ले सकते हैं , पर शासक नही बन सकते हैं " तो भी हजारो सालो की मनुवादी सत्ता आगे शोषित पिड़ितो द्वारा बिना संघर्ष जारी रखे समाप्त हो जाती | हलांकि यह वाक्य भले संविधान में नही लिखा गया है , पर धर्म आज इस भावना को मजबुत जरुर करता है कि किसे देश का शासक बनना चाहिए और किसे नही बनना चाहिए | अथवा जिस देश में जो धर्म हावी रहता है , उसी धर्म के लोगो का सत्ता कायम होता है | और धर्म में जिन लोगो का दबदबा कायम रहता है उन्ही लोगो को शासक बनाया जाता है | जैसे कि इस देश में हिन्दू धर्म हावी है इसलिए हिन्दू सत्ता कायम है | जैसे कि अरब में मुस्लिमो की सत्ता कायम है | और चूँकि हिन्दू धर्म में मनुवादी का दबदबा कायम है , इसलिए मनुवादी को बार बार शासक बनाया जा रहा है | धर्मनिरपेक्ष तो सिर्फ सुनने में अच्छा लगता है , क्योंकि हकिकत में यह देश हो या फिर कोई और देश जहाँ पर भी जो धर्म हावी रहता है , उसी धर्म की सत्ता कायम रहता है | इसलिए भी धर्म को ज्यादे महत्व दिया जाता है वोट करते और वोट लेते समय भी | जो बात मनुवादी ही नही किसी भी वैसे व्यक्ती को अच्छी तरह से पता है , जिसे लगता है कि वह जिस धर्म को मानता है उस धर्म का शासक बनना चाहिए | जैसे कि इस देश के बहुसंख्यक हिन्दूओं को वोट करते समय और वोट का परिणाम निकलने के बाद भी यही लगता है कि इस देश का शासक हिन्दूओं को बनना चाहिए | जिसकी गहरी जानकारी के चलते ही तो यहूदि डीएनए का मनुवादी खुदको हिन्दू कहने में गर्व करता है | क्योंकि मनुवादी जिसदिन खुदको हिन्दू कहना छोड़ देगा उसकी सत्ता इस देश में अपनेआप समाप्त हो जायेगी | क्योंकि कबिलई लुटपाट के दौर में इस कृषि प्रधान देश में भले बाहर से आए कबिलई मनुवादी हजारो सालो तक जोर जबरजस्ती इस देश के मुल हिन्दूओं को दास दासी बनाकर हिन्दू वेद पुराणो की ज्ञान पर रोक लगाकर छुवाछुत करने के बाद हिन भावना पैदा करके खुले आम हिन्दुस्तान का शासक बना रहा है , पर अब के दौर में वह हिन्दू कहना छोड़ते ही इस देश की सत्ता से बेदखल हो जायेगा | क्योंकि अबतक वह उस हिन्दू धर्म की ठिकेदारी कर रहा है जो इस देश का खास मुल धर्म माना जाता है | जैसे की अरब का खास धर्म मुस्लिम धर्म माना जाता है | जिस अरब में मुस्लिम धर्म का शासक बनने से कोई दुसरा धर्म नही रोक सकता उन लोगो को जो मुस्लिम धर्म का नेतृत्व करते हैं | जिस तरह का नेतृत्व मनुवादी ने हिन्दू धर्म का करना तब से ही जारी रखे हुए है , जबसे उन्होने वेद पुराणो में कब्जा करके उसमे मिलावट और छेड़छाड़ करके इस देश में अपनी धार्मिक सत्ता हमेशा के लिए कायम रखने के लिए जन्म से खुदको हिन्दू धर्म का पुजारी आरक्षित किए हुए है | बल्कि आज भी मुल हिन्दूओं के साथ छुवाछुत हिन भावना उत्पन्न करके सोची समझी राजनीति के तहत ही तो खुदको हिन्दू कहकर उन हिन्दूओं को दुसरे धर्मो की ओर धकेल रहा है , जिनके पुर्वजो ने वेद पुराणो की रचना किया है | और साथ ही बारह माह मनाई जानेवाली होली दिवाली और मकर संक्रांति जैसे हिन्दू पर्व त्योहारो की भी रचना किया है |  न कि मनुवादी ने हिन्दू वेद पुराणो कि रचना किया है | और न ही हिन्दू धर्म में बारह माह मनाई जानेवाली प्राकृति पर्व त्योहारो की रचना मनुवादी ने किया है | क्योंकि वेद पुराण और होली दिवाली मकर संक्रांति जैसे प्राकृति पर्व त्योहार मनुवादीयों ने यूरेशिया से अपने साथ इस कृषि प्रधान देश में नही लाया है | जिन वेद पुराणो और पर्व त्योहारो से वंचित करने के लिए भी मनुवादी वेद पुराणो के साथ साथ प्राकृति पर्व त्योहारो में भी अपनी ढोंग पाखंड की मिलावट कर रहा है | जैसे कि उन्होने हजारो सालो से वेद पुराणो में भी अप्राकृति मिलावट करना तब सुरु किया जब वेद ज्ञान लेने पर रोक लगाना सुरु दिया था उन मुलनिवासियों को ही जिन्होने हिन्दू वेद पुराणो की रचना किया किया है | न कि यूरेशिया से आए यहूदि डीएनए का मनुवादियों ने हिन्दू वेद पुराणो की रचना किया है | पर हिन्दू धर्म और हिन्दू वेद पुराण यूरेशिया से आए यहूदि डीएनए के मनुवादीयों की देन है ऐसी गलतफेमी की वजह से बहुत से हिन्दू अपना धर्म परिवर्तन कर रहे हैं | जो कि मनुवादीयों की सोची समझी राजनिती भी है | क्योंकि उसे पता है कि मुल हिन्दू अपना धर्म परिवर्तन करके हिन्दुस्तान का शासक बनने का उम्मीद वैसे ही खो देगा जैसे की पाकिस्तान और श्रीलंका की मांग करने वाले लोग खोये थे | क्योंकि यह कृषि प्रधान देश पुरी दुनियाँ में हिन्दू धर्म की पहचान से सबसे अधिक पहचाना जाता है | जैसे की अरब मुस्लिम धर्म के लिए पहचाना जाता है | जहाँ पर कोई हिन्दू अपना धर्म परिवर्तन करके मुस्लिम बनकर भले शासक बन सकता है , पर कभी भी हिन्दू रहते वहाँ का शासक नही बन सकता | अजाद हिन्दुस्तान में भी मुस्लिम शासक नही बन सकता यह यहसाश होने के कारन ही तो हिन्दुस्तान से अलग देश पाकिस्तान की मांग सुरु हुआ था | जो स्वभाविक है , क्योंकि मुस्लिम धर्म को मानने वाले चूँकि अरब को अपना आदर्श मानते हैं , इसलिए अरब को ही ज्यादे फोलो करेंगे जैसे कि पाकिस्तान समेत जितने भी मुस्लिम देश बने या बनते जा रहे हैं वे सभी अरब को फोलो करते हैं | और साथ ही मुस्लिम धर्म को मानने के बाद उनको अरब की धरती ही सबसे पवित्र धरती लगती है | चाहे जितना वे खुदको धर्मनिरपेक्ष कह ले | जैसे की खुदको जन्म से हिन्दू धर्म का धर्म पंडित आरक्षित करके छुवाछुत करने वाला मनुवादी हो या फिर जन्म से निच घोषित करके छुवाछुत का शिकार होनेवाला मुल हिन्दू हो वह भले खुदको धर्मनिरपेक्ष बतलाता है , पर वह उस हिन्दुस्तान को ही हिन्दूओं की पवित्र धरती मानता है , जहाँ पर होली दिवाली और मकर संक्रांति जैसे प्राकृति पर्व त्योहार  बारह माह मनाया जाता है |

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