मनुवादी क्यों न विदेशी मूल का है , लेकिन उनकी नागरिकता देश का धन लुटकर विदेश भाग जाने पर भी बिल्कुल से सुरक्षित रहती है


मनुवादी क्यों न विदेशी मूल का है , लेकिन उनकी नागरिकता देश का धन लुटकर विदेश भाग जाने पर भी बिल्कुल से सुरक्षित रहती है |


CAB नागरिकता धर्म


CAB के जरिये मनुवादी सरकार इस देश के मुलनिवासियो को धर्म के नाम से आपस में फुट डालकर दरसल यह भ्रम की स्थिती पैदा करना चाहती है कि देश और देश की प्रजा के लिये बाकि सारे मुद्दो पर आंदोलन करने और बहस करने की उतनी आवश्यकता ही नही है , जितनी की CAB जैसे मुद्दो में बहस करने की आवश्यकता है | जिस तरह की बुरे हालात पैदा करके बहस कराने की आखिर जरुरत क्यों पड़ती है मनुवादि सरकार को , जबकि CAB में जिस प्रकार बाकि धर्मो के लोगो को नागरिकता मिलने में रोक नही लगाई गई है , उसी प्रकार बिना भेदभाव के मुस्लिम धर्मो के लोगो के लिये भी तो रोक हटाई जा सकती थी , पर आखिर धर्म के नाम से भेदभाव करके किसी एक धर्म के लोगो को क्यों रोक लगाया गया है ? इस सवाल का जवाब के पिच्छे मनुवादियो की भ्रष्ठ सोच जो छुपा हुआ है , उसके बारे में जिन मुलनिवासियो को समझ में नही आ रहा है , उन्ही लोगो को तो आपस में फुट डालकर मनुवादियो के द्वारा बार बार राजनीति फसल काटी जाती रही है | जैसे कि CAB के जरिये भी इस देश के मुलनिवासियो के बिच आपस में फुट डालकर धर्म के नाम से राजनीति फसल काटी जायेगी | बल्कि हाल ही में जिन राज्यो में चुनाव हो रहे हैं , वहाँ पर ताजा ताजा मुद्दा गर्म करके काटी जा रही है | क्योंकि जिन मुलनिवासियो को समझ में नही आयेगा कि CAB के अनुसार मुस्लिम शरणार्थीयों को नागरिकता आखिर क्यों रोक लगाया गया है , वे तो यही समझेंगे की हिन्दू मुस्लिम में मुस्लिम शरणार्थीयों को नागरिकता नही मिलेगी ये तो अच्छी बात है | उनसे समर्थन हासिल करके उनके वोट को प्राप्त करके सत्ता में फिर से कबिज हो जायेगी ये मनुवादी सरकार | और जो मुस्लिम CAB का विरोध करके मनुवादि सरकार का कथित सबसे बड़ी विरोधी पार्टी कांग्रेस समझकर जिस कांग्रेस पार्टी को वोट करेगा वह भी चूँकि मनुवादि दबदबा वाली पार्टी है , जिसके नेता कभी भाजपा तो भाजपा के नेता कभी कांग्रेस होते रहते हैं | क्योंकि भले ये दोनो आपस में सबसे मुल विरोधी खुदको दिखलाने में कामयाबी हासिल करके अदला बदली करके चुने जाते हैं | पर ये दोनो ही मुलता मनुवादि शासन को ही कायम रखने की वोट की राजनिती करते रहे हैं | जो इस समय भी देश के मुलनिवासियों को धर्म के नाम से आपस में फुट डालने के लिये CAB लाकर राज करते रहने के लिए ही तो राजनिती फसल फिर से अपडेट करके बोई जा रही हैं | जिस तरह की फुट डालो और राज करो की राजनीति मनुवादि इसलिए करता रहता है , क्योंकि यदि इस देश के मुलनिवासियो को धर्म और जाति के नाम से आपस में लड़ाकर बांटकर वोट की राजनीति करने के बजाय देश सेवा और प्रजा सेवा उसके शासनकाल में कैसा होता रहा है , इसके परिणाम के आधार पर यदि वोट मांगा गया तो न तो वर्तमान में चुनी गयी मनुवादी भाजपा सरकार फिर से कभी चूनी जायेगी और न ही इस देश में साठ सालो तक लगातार चूनी जानेवाली मनुवादी कांग्रेस सरकार चूनी जायेगी | क्योंकि ये दोनो ही खुदको सबसे बड़ी विरोधी पार्टी कहकर मनुवादि सरकार बनाकर एक दुसरे को बचाते हुए विनाशकारी बदहाली इतिहास रचते आ रही है | कांग्रेस ने भी तो धर्म के नाम से देश बंटवारा करके साठ सालो तक मनुवादियो की सत्ता विरासत को कायम रखा और अब उसे भाजपा आगे बड़ा रही है | जिन दोनो पार्टियो के शासन में इस देश के मुलनिवासियो और इस देश की हालत कैसी रही है यह इतिहास भारी भेदभाव शोषण अत्याचार के साथ साथ बीपीएल भारत , आर्थिक शैक्षनिक रुप से पिछड़ी भारत ,गरिबी भुखमरी भारत के रुप में भी दर्ज हो चुका है ? बल्कि ऐसे बुरे हालात में भी हर साल गरिबी भुखमरी बदहाली के नाम से कर्ज लेकर भी मुठिभर धन्ना कुबेरो को ये मनुवादि सरकार हजारो करोड़ की माफी और छुट के रुप में किस तरह से घी पिलाती आ रही है , इसका भी इतिहास लगातार दर्ज हो रहा है | जिस बुरे हालात को मनुवादि मीडिया जिस तरह से कुछ लोग अपनी बुढ़ापा को छिपाने के लिये लाखो रुपये की मेकप करते रहते हैं , उसी तरह मनुवादि मीडिया मनुवादि सरकार का मेकप करके इस देश के बहुसंख्यक मुलनिवासी जो चाहे जिस धर्म में मौजुद हो जिनका डीएनए एक है , उनके बिच आपस में फुट डालने और भ्रमित करने का खबरे ज्यादे से ज्यादे दिखाकर मनुवादि सरकार का मेकप करने का भी काम करते आ रही है | और चूँकि मरता क्या न करता इसको देखते हुए मनुवादि शासन में जिन मुलनिवासियो को CAB जैसे फैसले से कम से कम जिंदा रहने के लिये भाजपा को या कांग्रेस को सरकार चुनने का आईना मनुवादि मीडिया द्वारा दिखाई जाती है , तो निश्चित तौर पर वह कांग्रेस या भाजपा को मानो अपनी जान बचाने के लिये चुनेगा ही | क्योंकि धर्म के नाम से नागरिकता देने को लेकर जो CAB के मुद्दो में मामला हिंसक रुप धारन किया है , उसमे कई लोगो की जान जा चूकि है | जैसे की धर्म के नाम से देश का बंटवारा करते समय भी अनगिनत लोगो की जाने गयी थी | तब भी धर्म के नाम से लिये गए भेदभाव फैसले के बाद मुलनिवासियो को अखंड भारत को खंड खंड अपनी आँखो से होता हुआ देखकर धर्म के नाम से कोई एक देश तो चुनना ही था कि आखिर किधर जाना है ! वर्तमान में भी जो मुलनिवासी मुस्लिम धर्म को अपनाये हुए है , उनको निश्चित रुप से भाजपा उनकी जान का दुश्मन बनने वाली पार्टी लग रही होगी , और कांग्रेस चूँकि खुदको भाजपा का सबसे मजबुत विरोधी पार्टी कहलवाने में कामयाब रही है , इसलिए वह भाजपा से रक्षा करनेवाली पार्टी लग रही होगी | उसी तरह जिन मुलनिवासियो ने अबतक राम मंदिर के नाम से हिन्दू मुस्लिम लड़ाई में भाजपा को अपना मुल रक्षक पार्टी मानते आ रहे हैं , वे लोग निश्चित तौर पर धर्म के मामले में भाजपा को ही अपना रक्षक मानकर जय श्री राम कहकर भाजपा को ही वोट करेंगे | कुल मिलाकर चाहे भाजपा या चाहे कांग्रेस चुनाये , सरकार तो मनुवादियो की ही कायम रहेगी | जैसे कि बहुत से राज्यो में भी अब यही दिखने को मिलेगा कि यदि भाजपा हारेगी तो कांग्रेस जितेगी और यदि कांग्रेस हारेगी तो भाजपा जितेगी ! बाकि पार्टीयों को इस देश के मुलनिवासी ही जो चाहे जिस धर्म में मौजुद हो वह धर्म के नाम से आपस में फुट होकर सिर्फ झुनझुना अथवा ठेंगा पकड़ाते रहेंगे ! हलांकि अब मैं मनुवादि शासन में इमानदारी से वोटिंग हो रही है , इसे चूँकि नही मानता इसलिए ज्यादेतर तो यही मानता हूँ कि ये दोनो पार्टी लोकतंत्र की जीत हो रही है ये साबित करने के लिये हर बार इस देश के मुलनिवासियो के भितर ज्यादे शक न हो इसे ध्यान में रखते हुए चुनाव घोटाला की जाँच कभी न हो सके इसपर ज्यादे ध्यान देकर इसी तरह चुनाव घोटाला का कभी भी जाँच न करते हुए ये दोनो पार्टी मनुवादि शासन कायम करती रहेगी | जिसके लिए इन दोनो पार्टियो का आपस में गुप्त मिलन और समझौता करके इस देश के मुलनिवासियो को जो चाहे जिस धर्म में मौजुद हो उनके बिच फुट डालकर राज करने की राजनिती करती रहेगी | जबतक कि इस देश में मुलनिवासियो का शासन किसी तरह स्थापित न हो जाय | किसी तरह से मेरा मतलब ऐसे बुरे से भी बुरे हालात में ऐतिहासिक क्रांती जैसा कदम भी उठया जा सकता है ! इस देश के मुलनिवासियो के द्वारा एकजुट होकर मनुवादि शासन को उखाड़ फैकने के लिए , जो कदम उन देशो में समय समय पर अपनाया जाता रहा है जहाँ का शासक तानाशाही करके देश और प्रजा का विनाश करने लगता है | और चूँकि मनुवादि शासन में भी विनाशकारी हालात देश के कोने कोने में बड़ते ही जा रही है , इसलिए कह सकता हूँ मनुवादि शासन को भी किसी बड़ी क्रांती के बाद उखाड़ फैकने की इतिहास दर्ज करने की प्रक्रिया निश्चित रुप से सुरु हो चुका है ! क्योंकि CAB के जरिये जिन्हे आज सबसे अधिक दबाया कुचला जा रहा है , उनके पुर्वजो को ही तो हजारो सालो से मनुवादि दबाते कुचलते आ रहे हैं | जिस तरह का भेदभाव नियम कानून बनाकर ही तो मनुवादि इस देश के मुलनिवासियो को उनके अपने ही देश में दास बनाकर और मनुस्मृति लागू करके हजारो साल पहले भी दबाते कुचलते रहे हैं | जो कभी वेद सुनने पर कान में गर्म पिघला लोहा डालने और वेद का उच्चारण करने पर जीभ काटने जैसा क्रुर नियम कानून भी बनाकर लंबे समय से शोषण अत्याचार करते रहे हैं | जिसके साथ साथ मानो मच्छड़ खटमल और जू जिस तरह खुन पिते हैं , वैसे ही मनुवादि इस देश के मुलनिवासियो का हक अधिकारो को पिते आ रहे हैं | जिस सत्य को इस देश के वैसे शोषित पिड़ित अच्छी तरह से जानते हैं , जो मनुवादि शासन समाप्त हो और इस देश के मुलनिवासियो का सत्ता कायम हो , इसके लिये कड़ी संघर्ष दिन रात करते रहते हैं | पर चूँकि ऐसे शोषित पिड़ितो का उनके अपने ही डीएनए के ऐसे मुलनिवासी जिनको मनुवादियो का साथ देना अच्छा लगता है , उनके ही समर्थन से मनुवादियो को ताकत मिलते आ रही है | जिसका परिणाम ये हुआ कि इस देश के मुलनिवासियो का हक अधिकारो को चुसने वाली शोषक हुनर के जरिये मनुवादि लंबे समय से शासक बनकर लोकतंत्र के चारो प्रमुख स्तंभो में अपनी दबदबा कायम किये हुए हैं | जिस तरह कि परजिवी और भेदभाव सोच रखने वाले मनुवादियो की सरकार के द्वारा वर्तमान के समय में भी लाया CAB को पास करने में समर्थन करने वाले इस देश के कुछ मुलनिवासी सांसद अपने ही डीएनए के करोड़ो लोगो को घुसपैठिये कहलवाकर और नागरिकता से वंचित करवाकर जरा सी भी शर्म महसुश वाकई में नही कर रहे हैं क्या ? मैं तो यदि उनके जगह होता तो शर्म से चुलूभर मूत में डूबकर पेशाब को तबतक पिता रहता , जबतक कि मुझे ये सत्यबुद्धी न आ जाती कि मनुवादि CAB के जरिये इस देश के मुलनिवासियो को ही दबाना कुचलना चाहते हैं , न कि CAB को पास करके खुदको विदेशी घुसपैठिये साबित करके कुचलवाना चाहते हैं | क्योंकि चाहे मनुवादी क्यों न विदेशी मुल का हो , लेकिन उनकी नागरिकता देश का धन लुटकर विदेश भाग जाने पर भी बिल्कुल से सुरक्षित रहती है | पर इस देश के करोड़ो मुलनिवासी मनुवादीयो द्वारा लाया गया CAB की वजह से अपने ही देश की नागरिकता से वंचित हो जायेंगे | एक एक घुसपैठिये को देश से निकाल बाहर करना चाहिए कहने वाली यह मनुवादि सरकार के द्वारा लाया CAB का समर्थन कर रहे मुलनिवासी सांसद और मंत्री इस देश में प्रवेश करने वाले एक एक संवर्णो को गोरो की तरह विदेशी घुसपैठिये भारत छोड़ो कहकर बाहर करने में भी समर्थन करते क्या यदि वर्तमान में मुलनिवासी सत्ता कायम रहती और विदेशी घुसपैठिये भारत छोड़ो जैसा बिल लाया जाता ? क्योंकि संवर्ण तो गोरो की तरह मूल विदेशी डीएनए के घुसपैठिये हैं , जिन्हे हजारो साल पहले इस देश ने गोद लिया है | बल्कि जो मुलनिवासि मुस्लिम बनकर देश बंटवारा के समय अखंड भारत में ही रहकर देश से बाहर हो गए हैं , वे तो अखंड भारत देश का ही मुलनिवासी है | जिनका डीएनए और इस देश के दलित आदिवासी पिछड़ी मुलनिवासियो का डीएनए एक है | जो बात एक विश्व स्तरीय डीएनए रिपोर्ट से साबित भी हो चुका है | और याद रखना परिवार के बंटने से डीएनए और पुर्वज अलग नही हो जाता | और मनुवादियो के पुर्वज और इस देश के मुलनिवासियो के पुर्वज अलग अलग हैं | जाहिर है मुलनिवासियो के ही पुर्वज से जो लोग अपना धर्म बदलकर या फिर देश बंटवारा के बाद अपनो से अलग अलग हो गए हैं , उन्हे धर्म के आधार पर नागरिकता से वंचित करने या फिर देशद्रोही कहने वाले मनुवादियो को यह कहने की हिम्मत और घमंड सिर्फ मनुवादि सत्ता की वजह से हो रही है | जो जिसदिन चली जायेगी उसदिन ऐसे नकली देशभक्त संसद में नही सुधार घर अथवा जेल में नजर आयेंगे ! या फिर देश का धन लुटकर विदेश भाग जानेवाले भगोड़ो के पास चले जायेंगे ! क्योंकि उन्हे इस देश में एकदिन के लिये भी रहने का मतलब जेल जाना तय हो जायेगा | जिससे वे अभी सिर्फ और सिर्फ सत्ता की वजह से बचे हुए हैं | जिसे बचाये रखने के लिये ही तो मनुवादि अपनी सारी बची खुची ताकत को झौंकने में लगा हुआ है | जिसे मैं यह मानता हूँ कि मनुवादियो का जो शासन दीया लंबे समय से जल रहा है , उसके बुतने से पहले अंतिम बार झिलमिलाने की प्रक्रिया चल रही है | जो निश्चित तौर पर अगली पिड़ी आने से पहले पिछली पिड़ी का शासन समाप्त होते ही बुझ जायेगी !


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