प्रचार

सोमवार, 2 दिसंबर 2019

बलात्कार डर भय भुख

बलात्कार डर भय भुख 

डर भय भूख khoj123

कांग्रेस भाजपा दोनो ही मनुवादी पार्टी है , जिनके नेतृत्व में चुनाव मशीन के साथ भी बलात्कार हो रहा है तो प्रजा के साथ क्या क्या हो रही होगी ! लोकतंत्र के चारो स्तंभो में मनुवादियो की दबदबा में हर साल चालीस हजार से अधिक बलात्कार की घटना घटित हो रही है | मनुवादि शासन में डर भय और आतंक का माहौल कैसे कायम है , इसका अंदाजा इस बातत से भी लगाया जा सकता है कि हर साल चालिस हजार से अधिक बलात्कार की घटना हो रही है | जिस मनुवादि शासन का विरोध करने वालो को बलात्कार तक करने और कराने की धमकी देकर डराया धमकाया जा रहा है | वैसे तो देश में हर साल लगभग चालीस हजार से अधिक बलात्कार  हो ही रहे हैं , जिसमे दुध पिती बच्ची से लेकर बुढ़ी तक बलात्कारियो ने किसी को नही छोड़ा है | जिनका हौशला मनुवादि शासन में बड़ना स्वभाविक भी है | क्योंकि मनुवादि जिन देवो को अपना आदर्श मानते हैं , उनमे ऐसे ऐसे बलात्कारी मौजुद हैं , जिनके लिये तो मानो नारी सिर्फ भोग विलाश की वस्तु लगती है | जिन देवो की मनुवादियो के घरो और मनुवादि शासन के दौरान मनुवादियो के कार्यालयो में आरती और अगरबत्ती उतारकर पुजा कि जाती है | जिन देवो के शासन में यज्ञ के दौरान धन संपदा और पशुओ के साथ साथ नारी को भी दान के रुप में आपस में बांटा  जाता था | जिसके चलते एक एक यज्ञ करने वालो के पास ,आधा एक दर्जन अबला नारियो बल्कि नबालिको की मौजुदगी देव दासी के रुप में होती थी | और यदि नारियो की इच्छा बिना ही सेक्स अथवा जोर जबरजस्ती होती होगी तो निश्चित तौर पर देवो के राज में अभी से तो ज्यादे बलात्कार होती रही होगी | जबकि दानवो के द्वारा यदि सिर्फ अपहरन भी किया जाता था तो देवो द्वारा उसकी हत्या कर दिया जाता था | यह कहकर कि दानव असुर ने हरन करके अबला नारी को अपमानित किया था | जबकि इंद्रदेव ने विवाहित अहिल्या का बलात्कार किया था , विष्णु ने तुलसी का बलात्कार किया था , और ब्रह्मा तो अपनी बेटी सरस्वती के पिच्छे ही पड़ गया था | जिसकी शिकायत सरस्वती ने शिव से कर दी थी | जिसके चलते शिव ने ब्रह्मा का एक सर काट दिया था | जबकि वर्तमान में तो बलात्कारियो को इतनी छुट मिली हुई है कि हर रोज सिलसिलेवार गैंग रेप हो रहे हैं | बलात्कारी जेल जाते हैं फिर छुटकर आकर या बेल में बाहर निकलकर फिर से अपनी हवश मिटाने के लिये बलात्कार करते हैं | जिनको तो यदि फांसी नही दी जा सकती है तो कम से कम सजा के साथ साथ नपुंशक बना देने की सजा जरुर देनी चाहिए थी | खासकर उन बलात्कारियों को जो लहुलुहान कर देने वाली बल्कि बलात्कार करके हत्या तक करने की खुनी बलात्कार करते हैं | जो खुनी बलात्कार करके कैसे जिवित रहने की सोचकर अदालत और जेल में भी सुरक्षित घुमते रहते हैं | कम से कम जज के सामने खड़े होकर डर भय तो उन्हे इतनी लगनी चाहिए थी की कोई दुसरा हवशी बलात्कार करने की न सोच सके | मेरा वश चलता तो मैने तो कई जगह बलात्कारियो को कैसी सजा मिलनी चाहिए इसका जिक्र किया है | जिन बलात्कारो में भारी क्रांतीकारी परिवर्तन लाने और प्रजा के जिवन में डर भय और खौफ आने के बजाय गुंडागर्दी राजनिती करने और बलात्कार जैसे गंभीर अपराध करने वाले अपराधियो के अपराधिक जिवन में डर भय और खौफ का हालात बन सके इसके लिए मनुवादि शासन का जाना जरुरी है | न कि एक मनुवादि पार्टी कांग्रेस के बाद दुसरी मनुवादी पार्टी भाजपा सरकार को अदला बदली करके ईवीएम मशीनवके साथ भी हैकरो के द्वारा बलात्कार कराके चुनाव घोटाला द्वारा बिठाया जा रहा है , और शोषित पिड़ित  प्रजा बेकार में समय यह सोच सोचकर बर्बाद करता रहे की उनकी वोट सही जगह जा रही है और बार बार लोकतंत्र की जीत हो रही है | अगर भाजपा कांग्रेस की जीत लोकतंत्र की जीत होती तो इन दोनो पार्टियो के शासन में हर साल हजारो बलात्कार न होती | कांग्रेस भाजपा दोनो ही मनुवादी पार्टी है , जिनके नेतृत्व में चुनाव मशीन के साथ भी बलात्कार हो रहा है तो प्रजा के साथ क्या क्या हो रही होगी !

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

The chains of slavery

 The chains of slavery The chains of slavery The dignity of those who were sent by America in chains is visible, but not the chains of slave...