आज जो झारखंड सरकार शपथ ली है वह इतिहास रच सकती है यदि वह अपने निश्चय पत्र में किए गए वचनो पर खरा उतरी
आज जो झारखंड सरकार शपथ ली है वह इतिहास रच सकती है यदि वह अपने निश्चय पत्र में किए गए वचनो पर खरा उतरी
आज के दिन शपथ लेनेवाली झारखंड सरकार यदि अपने निश्चय पत्र में किये गए वचनो को निभाने में कामयाब हुई , तो झारखंड इस देश का पहला राज्य बनेगा , जो गरिबी भुखमरी से पुरी तरह से मुक्त हो जायेगा ! जो खासकर उस राज्य में बिल्कुल मुमकिन है , जहाँ पर पुरी दुनियाँ की सबसे अधिक प्राकृतिक धन संपदा मौजुद है ! और चूँकि निश्चय पत्र में सभी गरिब परिवार को ₹72000/ सालाना यानि ₹6000/ प्रति माह देने का वचन लिया गया है , इसलिए यदि सभी गरिब परिवार को महिने का ₹6000/ मिलेगा तो गरिबी तो वैसे भी समाप्त हो जायेगी | और सभी वृद्ध और विकलांगो को प्रति माह ₹2500/ पेंशन देने का भी निश्चय किया गया है | बल्कि पढ़े लिखे बेरोजगार स्नातको को भी प्रति माह ₹6000/ देने का वचन लिया है | और साथ ही राशन कार्ड धारियो को राशन में सिर्फ चावल गेहूँ ही नही बल्कि तेल साबुन सब्जी चिन्नी चायपत्ती वगैरा जरुरत की चीजे भी देने का वचन दिया है | जिस निश्चय को पुरा किया गया तो निश्चित रुप से कुपोषण भी दुर हो जायेगी | सभी गरिब बेघरो को सिर्फ दो कमरे वाला घर नही बल्कि तीन कमरे वाला घर जिसमे बिजली पानी और घर के अंदर ही शौचालय की भी सुविधा हो , ऐसा घर देने का भी निश्चय लिया गया है | इतना ही नही किसी भी नागरिक को सरकारी दफ्तरो की चक्कर लगाना न पड़े इसके लिये अधिकारी खुद घर जाकर जमिन रसिद वगैरा काटेंगे इसका भी चलन कार्यालय बनाने का वचन लिया गया है | और किसानो की कर्ज फाफी होगी व जिन किसानो की जमिने लेकर वहाँ पर पाँच सालो तक कुछ नही किया गया है ,अथवा जमिन बेकार पड़ा हुआ है , उसे किसानो को वापस की जायेगी इसका भी निश्चय किया गया है | इसके अलावे भी ऐसा ऐसा निश्चय किया गया है कि यदि उसे पुरा किया गया तो झारखंड में कोई भी परिवार गरिबी भुखमरी जिवन जीना तो दुर बेघर और बेरोजगार भी नही रहेगा | जो निश्चय पुरे विश्व में आजतक न तो कोई राज्य ने लिया था , और न ही इतिहास में आजतक किसी देश ने लिया है | जिसके चलते अमेरिका जैसे देश में भी अबतक गरिबी भुखमरी और बेघर की समस्या है | बाकि तो खुद कल्पना किया जा सकता है कि गरिबी भुखमरी पुरी दुनियाँ में किस तरह उस समय भी कायम है , जब इंसान की पहुँच मंगल तक भी हो गयी है | लेकिन गरिबी भुखमरी को पुरी तरह से दुर किया जा सके ऐसा तरक्की आजतक किसी भी देश ने नही किया है | बल्कि गरिबी भुखमरी को आजतक न तो किसी अवतार ने दुर करने का निश्चय कर सका है , और न ही किसी शासक ने गरिबी भुखमरी को दुर कर सका है | हलांकि यह देश जब सोने की चिड़ियाँ वाली समृद्धी हालात में मौजुद थी , उस समय मुमकिन है इस देश में गरिबी भुखमरी नही रही होगी | अभी तो 30-40% नागरिक गरिबी रेखा से भी निचे का जिवन जी रहे हैं | जाहिर है गरिबी में कितने लोग जिवन यापन कर रहे हैं ये खुद ही जाना समझा जा सकता है | दुसरी तरफ इस देश में मुठीभर ऐसे धन्ना कुबेर भी मौजुद हैं , जो पुरी दुनियाँ के सबसे अमिर लोगो कि टॉप 10 लिस्ट में आते हैं | बल्कि कभी तो दुनियाँ का सबसे अमिर परिवार का भी खिताब इस देश के ही किसी धन्ना कुबेर का परिवार को मिल चुका है | जिसके पास दुनियाँ का सबसे महंगा ऐसा महल है , जिसे यदि बेचकर उस रकम से बेघरो के लिये घर बनाया जाय तो पुरे झारखंड में एक भी परिवार बेघर नही रहेगा | इतना महंगा घर सिर्फ एक अमिर परिवार का है | हलांकि उतनी किमत की माफी और छुट भी किसी धन्ना कुबेर को इस आर्थिक बदहाली झेल रहे देश की सरकार देती आ रही है ऐ भी अमिरी इतिहास रचा जा रहा है | खैर आज शपथ ले रही झारखंड की सरकार एक नया इतिहास वाकई में रच सकती है यदि उसने अपने निश्चय को पुरा कर लिया | और चूँकि मेरा मानना है कि गरिबी भुखमरी ही इंसान के जिवन में 90% दुःख देनेवाली समस्या पैदा करती है , इसलिये मैने अपने पोस्ट में बार बार पुरी दुनियाँ से सबसे पहले गरिबी भुखमरी को दुर किया जाय इसपर ज्यादे विचार किया है | जिसे गरिबी भुखमरी देने वाले भ्रष्ट लोग कभी भी दुर नही करना चाहते ये भी कड़वी सच्चाई है | क्योंकि जैसा कि मैने बतलाया कि गरिबी भुखमरी यदि दुर हो गयी तो इंसानो में मौजुद सबसे अधिक दुःख का कारन बनने वाली समस्याओ का अंत हो जायेगा | जिससे पहले चाहे जितना धर्म परिवर्तन करो या सरकार परिवर्तन करो 90% दुःख का अंत कभी नही होगा !
बुद्ध ने कहा था दुःख का कारन है ! जो 90% कारन मैं गरिबी भुखमरी को मानता हुँ !
बौद्ध धर्म वाले इसपर कितना सहमत होंगे यह तो मैं नही जानता , पर यकिन के साथ कह सकता हूँ कि बौद्ध धर्म तो क्या कोई भी धर्म 90% दुःख को दुर बिना गरिबी भुखमरी दुर करने पर जोर दिये , चाहे पुरी सागर को स्याही बनाकर भी धार्मिक बाते दुःख दुर करने की लिखता और बताता रहे , पर जबतक गरिबी भुखमरी दुर नही कि जायेगी तबतक चाहे इंसान की दुःख दुर करने और सुख शांती प्रेम लाने के लिए हिन्दू , बौद्ध , जैन , मुस्लिम , सिख , ईसाई ,यहूदि वगैरा चाहे जितना धर्म आगे भी और क्यों न बनता चला जाय , और चाहे धरती पर जितना अवतार और महात्माओ का जन्म होता रहे , मेरा दावा है कि बिना गरिबी भुखमरी दुर किये अमिर भी इतना दुःखी रहेगा कि दौलतमंद होकर भी दुःखी होकर आत्महत्या तक करने की नौबत उसे आती रहेगी | क्योंकि गरिबी भुखमरी के रहते दुनियाँ में अमिरी मौजुद रहना भी मानो वह श्राप या पाप है , जिसमे गरिबी भुखमरी जिवन जी रहे लोगो की जब गरिबी भुखमरी से मौत होती है , तो अमिरो को वह श्राप और पाप अपनेआप लग जाता है , जिससे उसकी अमिरी को भी इतना सारा दुःख घिर आता है कि कोई अमिर आत्महत्या तक कर डालता है | मानो प्राकृति ने अमिरी गरिबी को लेकर वह श्राप दिया है कि जबतक किसी को गरिबी भुखमरी से मरते हुए देखकर दुनियाँ में अमिर लोग पेटभर खाकर सबसे अधिक धन खर्च करते हुए अपनी अमिरी शान में डुबकर गरिबी भुखमरी से मरते हुए देखता पढ़ता सुनता रहेगा , तबतक अमिरी में लगा श्राप कभी नही मिटेगा | जिसके चलते सबसे अमिर देशो में भी जैसे कि जापान में दुनियाँ की सबसे अधिक आत्महत्या की जाती है | क्या वे सिर्फ गरिबी भुखमरी से आत्महत्या कर रहे हैं ? बिल्कुल नही ! निश्चित रुप से वहाँ भी गरिबी भुखमरी और बेघर समस्या जरुर होगा ! जैसे कि इस देश में और अमेरिका में भी गरिबी भुखमरी और बेघर समस्या मौजुद है | जबकि पुरी दुनियाँ में आर्थिक असंतुलन के चलते मुठीभर लोगो के पास इधना धन जमा हो गया है कि उनकी आनेवाली सात पुस्ते भी यदि बिना कुछ किये भी बेरोजगार और गरिबी भुखमरी जिवन जी रहे लोगो के बिच खुद भी बेरोजगार होकर जिवन जियेगी तो भी वह अमिरी जिवन जिते हुए मरेगी ! लेकिन चूँकि पुरी दुनियाँ में जबतक गरिबी भुखमरी मौजुद है , तबतक ऐसे धन्ना कुबेरो को भी मानो वह श्राप पिच्छा नही छोड़ेगा जिससे की उनके जिवन में भी ऐसे दुःख का अंबार लगता रहेगा , जिससे की अमिर भी दुःखी होकर आत्महत्या तक करता रहेगा | जाहिर है फिर से मैं पुरी दुनियाँ से यही कहुँगा कि गरिबी भुखमरी को दुर करो तो पुरी दुनियाँ से 90% दुःख की समस्याओ का खात्मा हो जायेगा | क्योंकि गरिबी भुखमरी दुर होने के बाद अमिर गरिब की बुद्धी नही बल्कि दुनियाँ के सभी इंसानो की बुद्धी दुःख देनेवाली समस्याओ का समाधान के लिए एकजुट होकर काम करेगी |
जिसका वचन आज शपथ लेनेवाली झारखंड सरकार ने लिया है | जो सरकार भी यदि जुमला निकला तो मैं खुद भी चाहुँगा की प्रजा अगली चुनाव में जुमलाबाज ठग और झुठे वादे , झुठे निश्चय और वचन लेकर आई आज के दिन शपथ लेनेवाली झारखंड सरकार को भी उखाड़ फैके ! और यदि अपने निश्चय पत्र में किये गए वचन को सरकार पुरा करती है तो 2024 ई० में झारखंड में बनी सरकार को ही पुरे देश की प्रजा देश की सरकार चुनकर इस देश को गरिबी भुखमरी मुक्त करने का निश्चय कर ले | पर चूँकि मुझे पता है कि आजतक किसी भी सरकार में गरिबी भुखमरी को दुर करने की ताकत पैदा नही हो पाई है , इसलिए निश्चित तौर पर आज शपथ लेनेवाली सरकार में भी वह ताकत पैदा नही हो सकेगी , जिससे की वह अपने किये गए निश्चय को पुरा कर सकेगी ! क्योंकि मैं एक काल्पनिक फिल्म अजुबा में बताई गई एक बात से सहमत हूँ कि जिसके हाथो जो होने को होना तय रहता है , उसी के हाथो ही पहले से तय रहता है ! जिसे कोई दुसरा चाहे जितनी कोशिष करे नही कर सकता | जिस फिल्म में एक चमत्कारी तलवार एक दिवार के खंभे पर घुसी रहती है , जिसे सिर्फ वही निकाल सकता था जिसके द्वारा निकलने की तय थी | गरिबी भुखमरी को भी दुर वही करेगा जिसके हाथो पहले से तय है | जो तय किसके हाथो है , उस एक चमत्कारी इंसान की तलास पुरी दुनियाँ के गरिबो को है | जिसे मैं सारे अवतर और महात्मा व महान लोगो से भी ज्यादे बड़कर मानता हूँ ! जिसमे पुरी दुनियाँ की गरिबी भुखमरी दुर करने की चमत्कारी सोच और हुनर मौजुद होगी !
खैर आज शपथ लेनेवाली झारखंड सरकार को मेरी सुभकामनाएँ है कि वह अपने निश्चय पत्र पर खरा उतरे !
जिसका वचन आज शपथ लेनेवाली झारखंड सरकार ने लिया है | जो सरकार भी यदि जुमला निकला तो मैं खुद भी चाहुँगा की प्रजा अगली चुनाव में जुमलाबाज ठग और झुठे वादे , झुठे निश्चय और वचन लेकर आई आज के दिन शपथ लेनेवाली झारखंड सरकार को भी उखाड़ फैके ! और यदि अपने निश्चय पत्र में किये गए वचन को सरकार पुरा करती है तो 2024 ई० में झारखंड में बनी सरकार को ही पुरे देश की प्रजा देश की सरकार चुनकर इस देश को गरिबी भुखमरी मुक्त करने का निश्चय कर ले | पर चूँकि मुझे पता है कि आजतक किसी भी सरकार में गरिबी भुखमरी को दुर करने की ताकत पैदा नही हो पाई है , इसलिए निश्चित तौर पर आज शपथ लेनेवाली सरकार में भी वह ताकत पैदा नही हो सकेगी , जिससे की वह अपने किये गए निश्चय को पुरा कर सकेगी ! क्योंकि मैं एक काल्पनिक फिल्म अजुबा में बताई गई एक बात से सहमत हूँ कि जिसके हाथो जो होने को होना तय रहता है , उसी के हाथो ही पहले से तय रहता है ! जिसे कोई दुसरा चाहे जितनी कोशिष करे नही कर सकता | जिस फिल्म में एक चमत्कारी तलवार एक दिवार के खंभे पर घुसी रहती है , जिसे सिर्फ वही निकाल सकता था जिसके द्वारा निकलने की तय थी | गरिबी भुखमरी को भी दुर वही करेगा जिसके हाथो पहले से तय है | जो तय किसके हाथो है , उस एक चमत्कारी इंसान की तलास पुरी दुनियाँ के गरिबो को है | जिसे मैं सारे अवतर और महात्मा व महान लोगो से भी ज्यादे बड़कर मानता हूँ ! जिसमे पुरी दुनियाँ की गरिबी भुखमरी दुर करने की चमत्कारी सोच और हुनर मौजुद होगी !
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