काल्पनिक फिल्म नायक का नायक मनुवादि मीडिया क्या कभी बन पायेगी ?

काल्पनिक फिल्म नायक का नायक मनुवादि मीडिया क्या कभी बन पायेगी ? 
 Nayak khoj123


काल्पनिक फिल्म नायक  में डरा धमकाकर बल्कि जान माल का नुकसान करके जिस प्रकार की गुंडागर्दी राजनिती काल्पनिक बिलेनो द्वारा कि जा रही थी , उससे भी खराब बुरे हालात मनुवादि शासन में चारो तरफ असल जिवन में मौजुद है | क्योंकि काल्पनिक फिल्म में तो लातो का भुत बातो से नही मानते का पालन करके गुंडागर्दी करने वाले भ्रष्ट नेताओ की जमकर पिटाई भी हो रही थी , और पिटते समय तालियाँ भी बज रही थी पर असल जिवन में गुंडागर्दी राजनिती करने वाले बहुत से भ्रष्ट नेता उल्टे गुंडागर्दी करके मनुवादि मीडिया से तालियाँ बजवा रहे हैं | बल्कि असल गुंडागर्दी राजनिती करने वालो को तो पिड़ित प्रजा द्वारा उन्हे शारिरिक रुप से एक खरोंच तक भी नही आ रही है | हाँ पिड़ित प्रजा दुःखी होकर गुंडागर्दी राजनिती करने वाले भ्रष्ट लोगो को दिन रात बद्दुआ देने के साथ साथ इतनी तो गालियाँ जरुर दे रही है कि यदि गुंडागर्दी की राजनिती कर रहे भ्रष्ट लोगो के भितर की सेवा भावना जिते जी सचमुच का जग जाय तो वे शर्म से या तो गुंडागर्दी करना छोड़ देंगे या फिर चूलूभर पानी में डूब मरेंगे | न कि जिवनभर अपनी गुंडागर्दी की राजनिती से पिड़ित प्रजा को डराते धमकाते बल्कि मारते मरवाते रहेंगे | हलांकि यदि गुंडागर्दी करते समय उन्हे सचमुच में शर्म आ जाय और अपने द्वारा किये गए कुकर्मो को स्वीकारके आत्म समर्पन कर दे तो मेरे विचार से तो उन्हे सुधारने के लिए सुधार घर अथवा जेल में भी डालने की जरुरत नही पड़ेगी और वे खुद ही खुशी खुशी या फिर पछतावा करके रो रोकर अंगुलीमार डाकू कि तरह अपनी गुंडागर्दी छोड़कर मानवता कायम करने में विशेष योगदान देकर गुंडागर्दी को भुलाकर अपनी ऐसी खास पहचान कायम करेंगे जिसमे कि उन्हे जिते जी भी दुःखी पिड़ित प्रजा बद्दुआ नही दुवा देगी और साथ साथ सुधरकर मरने के बाद भी दिन रात गाली देने के बजाय अँगुलीमार डाकू की तरह याद करेगी | पर सर्त है गुनेहगार ने किसी निर्दोश की हत्या बलात्कार जैसे गंभीर अपराध न किया हो | पर फिलहाल तो दुःखी पिड़ित प्रजा द्वारा हर रोज गुंडागर्दी की राजनिती करने वालो के लिये ये दुआ की जा रही है कि ऐ लोग कब जेल जायेंगे और उन्हे कब सजा मिलेगी | क्योंकि ऐसे गुंडागर्दी की राजनिती करने वाले मानो अँगुलीमार डाकू कि तरह कटी उँगली न सही बल्कि शोषित पिड़ित एकलव्यो की हक अधिकारो की उँगली के साथ साथ कई बड़े बड़े अपराधो का केश और आरोप लटकाये हुए बेशर्म होकर खुदको महान सेवक बताकर लंगटा राजा की तरह सिना तानकर पिड़ित प्रजा के बिच से महंगी सुरक्षा की काफिला लेकर निकलते हैं | जिन काफिला में निकले वैसे सेवको की बात नही हो रही है , जो गुंडागर्दी की राजनिती नही करते हैं , बल्कि उनकी बात हो रही है , जिनकी गुंडागर्दी का इतिहास दर्ज होते जा रही है | जिस तरह के बेशर्म लोग बड़े बड़े अपराध करने के बाद भी यदि बिना सजा काटे गुंडागर्दी करके मर भी जाते हैं तो भी उनके मरने के बाद उनकी गुंडागर्दी के बारे में जानकर उनसे पिड़ित प्रजा की नई पिड़ि उनके मरने के बाद भी गालियाँ देती रहती है | क्योंकि उनके मरने के बाद भी उनके द्वारा किये गये कुकर्मो का इतिहास किसी परमाणु कचड़ा की तरह पड़ा रहता है | हलांकि गुंडागर्दी की राजनिती जबतक चलती रहेगी तबतक ऐसी गुंडागर्दी राजनिती करने वालो के मरने के बाद भी उनके कुकर्मो को छुपाकर शैतान को महान बताकर प्रचारित प्रसारित किये जाने की भी गुंडागर्दी भी चलती रहेगी | जैसे की लुटपाट शोषण अत्याचार करने वाले शैतान सिकंदर को आज भी बहुत से लोगो द्वारा महान बताया जाता है | जो शैतान सिकंदर यदि सिकंदर को महान बतलाने वालो के परिवार में फारस में हमला करने के जैसा हमला करके उनके बहू बेटियो के साथ जोर जबरजस्ती विवाह करता या अपने लुटेरे गिरोह के सदस्यो से विवाह करवाता , साथ साथ उनकी जमा पुंजी को लुटकर अपने साथ भर भरकर ले जाता तो सायद उनके दिमाक में ये सत्यबुद्धी आ जाती कि मान सम्मान और धन संपदा लुटपाट करने वालो को महान नही बल्कि शैतान कहना चाहिए | और वह भी ऐसा शैतान जिसने एक नही बल्कि कई देशो को लुटा था | जिसके जैसे एक शैतान ही पहले पुरी दुनियाँ में लुटमार करने के लिये काफी होते थे | बस उन्हे कोई शैतान बनाने वाला ढोंगी पाखंडि अथवा उसकी बुद्धी को भ्रष्ट करने वाले की जरुरत होती थी | जो मिलते ही सिकंदर जैसे लोगो की बुद्धी बल का गलत उपयोग होता था | गलत उपयोग करने के लिये उनकी बुद्धी को सबसे पहले भ्रष्ट कर दी जाती थी | और यह झुठ पढ़ा दिया जाता था कि जितने बड़े लुटेरा बनोगे उतना ही महान कहलाओगे | जिसके बाद ब्रेनवाश हुए लोगो में सबसे बड़ा लुटेरा बनने का धुन सवार हो जाता है | जैसे कि शैतान सिकंदर में पुरी दुनियाँ को लुटने का धुन सवार हो गया था | जिसकी यदि बहुत पहले इस देश में लुटपाट करते समय हाफ मडर नही होती तो उसने तो पुरी दुनियाँ को गुलाम बनाकर सायद खुदको भगवान भी घोषित करने में कामयाबी हासिल कर लेता | अभी तो सिर्फ शैतान से महान कहलाता है उन लोगो की नजरो में जिनके आँखो में ऐसी झुठ का चस्मा पहनाई गई है , जिससे उन्हे लुटपाट शोषण अत्याचार करने वाला शैतान सिकंदर महान सिकंदर नजर आता है | जिसके जैसा शैतान वे अपने बच्चो को भी बनाने की गलती न करें और अपने दिमाक से असत्य का चस्मा उतार फैंके और अपने बच्चो को सत्य बाते बतायें कि सिकंदर महान नही बल्कि पुरे विश्व को लुटनेवाला शैतान था | जो अखंड सोने की चिड़ियाँ को भी लुटने आया था पर  वीर पुरु राजा द्वारा हाफ मडर होकर अखंड सोने की चिड़ियाँ के किनारे हिस्से से ही अपनी जान बचाकर भाग गया था | जिसके जैसा शैतान बनने की कोई सोचकर यदि वर्तमान के समय में लुटपाट शोषण अत्याचार करना महान काम है कहकर खुलेआम घोड़े पर सवार होकर लुटने मारने दुनियाँ के किसी भी देश में जायेगा तो भारत ही नही बल्कि दुनियाँ के किसी भी देश की बॉर्डर आज इतनी तो शक्तिशाली और जागरुक हो चूकि है कि ऐसे लुटेरे लुटपाट के लिये घोड़े पर सवार होकर घुसपैठ करने से पहले ही मारे जायेंगे | क्योंकि आज के समय में शैतान सिकंदर बनकर खुलेआम घोड़े पर सवार होकर लुटपाट करना मुमकिन नही है | इसलिये तो खुलेआम लुटपाट न करके आज के अपडेट लुटेरे गुंडागर्दी की राजनिती के माध्यम से लुटपाट के तरिको को अपडेट कर लिये हैं | जैसे की लुटेरे आज घोड़े में सवार होकर लुटपाट नही बल्कि कुर्सी में सवार होकर कुर्सी में बैठे बैठे ही अपने आदेशो से अपने खास चुने हुए गुंडो को भेजकर जान माल का लुटपाट करा सकते हैं | और लुटपाट करके घोड़े से नही बल्कि जहाज से भाग सकते हैं | यानी लुटपाट आज भी जारी है | जो यदि समाप्त हुई रहती तो शैतान सिकंदर के मरने के बाद चारो तरफ सुख शांती और समृद्धी न आ जाती ! हलांकि ऐसे गुंडागर्दी की राजनिती करने वाले भ्रष्ट नेताओ को भी उनके कुकर्मो का फल प्राकृति और समय जरुर देती है | वे भी एकदिन जरुर मरते हैं , चाहे गुंडागर्दी करते करते किसी दर्दनाक घटना में मारे जाय , या फिर अपने अंतिम समय में किसी गंभिर बिमारी से तड़प तड़पकर मरे | मरते तो वे भी हैं | हाँ पिड़ित प्रजा मुलता उन्हे मारना तो दुर खरोंच भी नही लगा सकती | क्योंकि उन्हे कड़ी और महंगी सुरक्षा रहती है , चाहे वे उस कड़ी और महंगी सुरक्षा को लेकर गुंडागर्दी की राजनिती ही क्यों न कर रहे हो |

 पर यहाँ पर सवाल उठता है ऐसे भ्रष्ट लोगो को सजा देने में न्यायालय क्या कर रहा है ? गुंडा गर्दी की नंगा नाच करने वालो की केश की फाईलो की भारी बस्ता तो लंबे समय से जमा होते होते मानो डायनासोर की कंकालो में तब्दील हो गई है | लेकिन भी न्यायालय कुंभकर्ण की नींद क्यों सोया हुआ है ? क्योंकि न्यायालय में न्याय करने के लिए बैठे लोग भी तो आखिर उसी गुंडा गर्दी राजनिती के बिच रहते हैं | क्या उनको नही पता की बड़े बड़े भ्रष्टाचारियो को सजा न मिलने से प्रजा कितनी त्राही त्राही कर रही है ? या फिर न्यायालय में बैठे लोग भी गुंडागर्दी करने वालो से त्राही त्राही कर रहे हैं ! जिसके चलते अबतक एक प्रतिशत भी बड़े बड़े गुंडागर्दी की राजनिती करने वाले भ्रष्ट नेता और बड़े बड़े धन्ना बने भ्रष्टाचारियो , जिनपर कई बड़े बड़े लुट की अपराधिक केश और आरोप दर्ज है , उन्हे सजा मिलने के बजाय बड़े बड़े उच्च पद और मानो लाड प्यार मिल रही है | बल्कि अक्सर ये सुनने पढ़ने देखने को मिलती रहती है कि एक बड़ा गुंडा गर्दी राजनिती करने वाला नेता यह कहकर अपने से छोटा गुंडा को चुनाव लड़वाता है कि हमारे साथ आ जाओ तो तुमपर चल रहे सारे केश ठंडे बस्ते में डाल दिये जायेंगे | और साथ नही आए तो जेल में डलवा दिये जाओगे | यानी सजा दिलवाने और सजा मुक्त करने का काम जब कोई गुंडागर्दी की राजनिति करने वाला कर रहा है तो फिर न्यायालय क्या कर रहा है उन गुंडा गर्दी राजनिती करने वालो के खिलाफ जो छोटे मोटे गुंडो को भी डरा धमकाकर छोटे से बड़े गुंडे बनाने में प्रमोशन करने कि भुमिका निभा रहे हैं ! 

जब छोटे गुंडो का ये हाल है तो भले लोगो को किस तरह से डराया धमकाया जा रहा है यह तो वही लोग जान सकते हैं जिनके साथ इस तरह की घटना घट रही है | जिस तरह के भले लोग डराने धमकाने से भी जब गुंडागर्दी राजनिती करने वालो का साथ नही देना चाहते हैं तो ऐसे गुंडागर्दी राजनिती करने वाले केश रफा दफा करने की बाते करके छोटे मोटे गुंडो को अपनी झांसे में लाकर उन्हे मानो अपने जेब में रखकर बड़ा गुंडा बना रहे हैं | करोड़ो रुपये खर्च करके समर्थन खरिदना भी तो एक प्रकार का गुंडागर्दी राजनिती का ही अंग बन गया है | शराब पिलाकर गुंडागर्दी में सहयोग लेना तो आम बात है | जिस तरह का गुंडागर्दी कौन सबसे अधिक कर रहा है इसे यदि जाननी हो तो यह तय कर लिया जाय कि जो पार्टी फर्जी तरिके से चुनाव जितने के लिये या फिर समर्थन खरिदने के लिए सबसे अधिक धन खर्च करने के लिये जाना जाता है , वह सबसे बड़ा गुंडागर्दी करने वाला पार्टि है | और करोड़ो लेकर बिकने वाले वैसे लोग मंझले या छोटे गुंडे हैं , जिन्हे डरा धमकाकर या भेड़ बकरी की तरह खरिदकर गुंडागर्दी की राजनिती चलाई जा रही है |

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