लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा के साथ केले की गुच्छे की तरह दो दर्जन पार्टियाँ क्या कांग्रेस की डर की वजह से एकजुट हुई थी
मोदी के डर से सभी विपक्षी दल एक साथ आए कहने वाले अमित शाह क्या ये बतायेंगे कि पिछली लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा का जो दो दर्जन केला के गुच्छे जितनी पार्टियो का गठबंधन हुआ था वह किसके डर से एकजुट हुए थे?या फिर तब मोदी नही थे भारत के जनता के बिच?वह मोदी जो कि जवानी से बुढ़ापा तक भाजपा रथ की सवारी कर रहे हैं|जो कि उसी समय से भाजपा के लिए काम कर रहे हैं जब आज के बहुत से युवा जन्म भी नही लिये होंगे|जिनमे से बहुत से युवा तो अजादी के उम्र जितने उम्र के मोदी के मुँह से पिछली लोकसभा चुनाव 2014 में युवा भारत सुनकर और नौकरी मिली सवाल मोदी के मुँह से अनगिनत बार सुनकर नही मिली जवाब देकर पिछली लोकसभा चुनाव प्रचार में मोदी मोदी करके चिल्लाने का रोजगार मुफ्त में किये थे|जो सायद साईनिंग इंडिया की हार दर्ज होते समय मोदी मोदी करके नही चिलाये होंगे इसलिये साईनिंग इंडिया की बुरी तरह से हार हुई थी!जो क्यों नही चिल्ला रहे थे साईनिंग इंडिया के समय?क्योंकि तब भी तो मोदी भाजपा के लिये वोट मांग रहे थे|पर असल में मोदी का जलवा 2014 में जो दिखी है वह दरसल कांग्रेस को हटाने का जलवा था,जो कि अब धिरे धिरे भाजपा को हटाने का जलवा में परिवर्तन हो रहा है|जो बात अमित शाह को भी पता हैे और उन युवा बेरोजगारो को भी पता है जो डीजिटल इंडिया की नारा से आर्कषित होकर पिछली लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा को भारी बहुमत से जिताये,लेकिन अब भी बेरोजगार होकर सिर्फ मोदी मोदी करने का रोजगार मुफ्त में कर रहे हैं|क्योंकि भाजपा हर साल दो करोड़ को रोजगार देने की भाषन अश्वासन देकर अबतक भी अपना वादा पुरा नही की गई है|और अब अगले साल यानी 2019 में फिर से लोकसभा चुनाव होनेवाले हैं|भाजपा ने जो साठ साल बनाम साठ महिने का समय मांगी थी वह अगले साल पुरा होने जा रहा है|हलांकि साठ महिना डीजिटल इंडिया की सरकार से पहले साठ महिना साईनिंग इंडिया के रुप में भाजपा की ही सरकार केन्द्र में पहले भी शासन कर चुकि है|जिसके बाद सबके अच्छे दिन लाने का जो अवसर फिर से साठ महिने का मांगा गया था वह अगले साल पुरा होकर बहुत जल्द अच्छे दिन नही बल्कि लोकसभा चुनाव आनेवाले हैं|जिसमे भी क्या पिछली लोकसभा चुनाव की तरह मोदी सभी बेरोजगार नौजवानो से पुछने वाले हैं कि हर साल दो करोड़ को रोजगार मिली?जो सवाल यदि सचमुच में पुछी भी जायेगी तो फिर जवाब में क्या आयेगा युवा बेरोजगारो की ओर से?
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