सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश के खिलाफ महाभियोग के बारे में ये कहा जा रहा है कि ये फैशला हताशा में लिया जा रहा है!और ये भी कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के बाद और अब क्या बचेगा देश में?जो सवाल करने वालो को ये अच्छी तरह से पता होनी चाहिए कि इस देश में सुप्रीम कोर्ट से भी उपर अजाद भारत का संविधान है|बल्कि न्यायालय को तो अंग्रेजो ने बनाया है,पर उससे पहले हजारो साल पहले से ही इस कृषी प्रधान देश में गणतंत्र ग्राम पंचायत मौजुद है,जो कि अब भी मौजुद है,पंचायत राज समाप्त नही हो गया है|बल्कि जब पंचायत का फैशला इस देश में सबसे अधिक मान्य थी उस समय ही इस देश को सोने कि चिड़ियाँ और विश्वगुरु कहलाने का गौरव प्राप्त हुआ है,न कि वर्तमान की न्याय व्यवस्था की वजह से ये देश सोने कि चिड़ियाँ और विश्वगुरु कहलाया है|जिस सोने कि चिड़ियाँ और विश्वगुरु का गौरव प्राप्त करने के लिए ही तो गोरो से अजादी के इतने सालो बाद सही न्याय हासिल करने के लिये पहलीबार सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्याधीश के खिलाफ महाभियोग का फैशला लिया गया है|ताकि सही फैशला सुनाने वालो की मौजुदगी उस न्यायालय में मौजुद हो जिसे अजाद भारत का संविधान की रक्षा और उसका ठीक से पालन कराने कि जिम्मेवारी दी गई है|जिस कुर्सी पर सबसे अधिक विश्वशनीय लोगो को बैठाने के लिए इस तरह कि महाभियोग लाने कि जरुरत मेरे ख्याल से तबतक जरुर पड़ते रहनी चाहिए,जबतक कि जजो के खिलाफ शिकायत आना बंद न हो जाय जो कि कभी बंद भी नही होनेवाली है,क्योंकि जज का फैशला किसी चमत्कारी इंसान का चमत्कारी फैशला नही होता है,बल्कि एक इंसान ही जज की कुर्सी में बैठकर फैशला सुनाता है|जिनको भी इस बात का जरुर यहसाश होना चाहिए कि वे भी जज से पहले इस देश के नागरिक हैं न कि जज कोई खास तरह के चमत्कारी इंसान हैं,जिसे संविधान कि रक्षा के लिए तैनात किया गया है|क्योंकि जज और सारे जजो के प्रमुख से भी गलती हो सकती है|सिर्फ जज की कुर्सी पर बैठकर कोई न्याय का पर्यावाची नही हो जाता है|क्योंकि न्यायालय पर बैठने वाले जज यदि न्याय की कुर्सी पर बैठते ही न्याय का पर्यावाची बनते तो फिर तो अंग्रेज कभी भी न्यायालय का जज बनकर कई देशो को गुलाम करने का फैशला नही सुनाते|क्योंकि वे भी तो न्याय करने के लिए ही तो जज बनते थे,जिसके चलते गाँधी जैसे और भी कई वकिल इत्यादि इसी देश के भी लोग अंग्रेज जजो की न्याय पर भी भरोषा करके न्याय फैशला सुनने के लिए कोर्ट आते जाते थे|बल्कि आज भी भरोषा करके अंग्रेज समय के हजारो कानून देश में लागू है|इसका मतलब ये नही कि उन अंग्रेजो के खिलाफ तब कोई विरोध में आवाज नही उठती थी!और वैसे भी तो अंग्रेजो से अजाद देश में सिर्फ न्यायपालिका सवैधानिक संस्था नही है,बल्कि कार्यपालिका भी है|जहाँ पर यदि उच्च पदो में बैठे लोगो पर बड़े बड़े आरोप लगाये जा सकते हैं,तो फिर न्यायालय पर बैठे लोगो पर क्यों नही लगानी चाहिए?आखिर में दोनो जगहो के उच्च पदो पर बैठने वालो को वही नागरिकता और वही वोट देने का अधिकार प्राप्त है,जो कि संविधान में बाकि नागरिको को भी प्राप्त है|जिस नागरिक और देश को बेहत्तर न्याय दिलाने के लिए यदि महाभियोग लाई जा रही है सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख के खिलाफ तो फिर इसमे हर्ज क्या है?बल्कि यदि ये गलत है तो फिर तो मेरी राय में न्यायालय को ही समाप्त करके पंचायत को अपडेट करनी चाहिए|और अजाद भारत का संविधान की रक्षा और उसे ठीक से लागू करने कि जिम्मेवारी ग्राम पंचायत और शहरी वार्डो को अपडेट करके सौंप देनी चाहिए|जो पंचायत भी यदि गलती करे तो उसके खिलाफ भी महाभियोग संसद बल्कि विधान सभाओ में भी लाने की प्रक्रिया संविधान में संशोधित करनी चाहिए|मुझे पुरा विश्वास है कि अपडेट ग्राम पंचायत और शहरी वार्ड का फैशला किसी न्यायालय का फैशला से ज्यादे बेहत्तर और कम खर्चिली व जल्दी भी होगी|बल्कि निर्दोश नागरिको को कम तकलिफ देय भी केश लड़ना होगी|जबकि अभी ज्यादेतर निर्दोश लोग भी कोर्ट कचहरी के नाम से ऐसे डरे सहमे रहते हैं,जैसे वे न्याय सुनवाई के लिए नही सजा सुनवाई के लिए जा रहे हैं!जिसका ताजा उदाहरन यदि वर्तमान में जिसके खिलाफ महाभियोग लाने जाने की तैयारी चल रही है,उसके समर्थन में सामने आने वाले कुछ लोग ऐसे बौखलाये हुए हैं,जैसे उनके खिलाफ अब बहुत बड़ी सजा की सुनवाई होने वाली है|पर उल्टे हताशा में महाभियोग लाया जा रहा है कहकर यैसे सीना तानकर तर्क दे रहे हैं,जैसे वे कभी हतास हुए ही न हो!जो खुद अपने लिये गए कई राजनैतिक फैशले से सायद डरे सहमे हैं|जिसके चलते मेरे ख्याल सेे वे किसी भी हालत में महाभियोग को गलत साबित करने कि कोशिष करते रहेंगे,क्योंकि उनके पास बचने का इससे उपर और कोई उपाय नही बचा है|जिससे उपर संविधान है,जिसे नष्ट करने की भष्म मनुस्मृती का भुत वर्तमान की सरकार पर हावी है,ऐसी भी बाते की जा रही है|लेकिन भी वर्तमान की भाजपा सरकार अहंकार में चूर होकर दुसरो को हताशा की परिभाषा बतला रही हैं|जो डीजिटल इंडिया की सरकार साईनिंग इंडिया की हताशा भुल गए है क्या?जिसे यदि सचमुच में भुलकर हताशा वाली तर्क दे रहे हैं तो डीजिटल इंडिया की अति आत्मविश्वास एकबार फिर से भाजपा की टाईटनिक को निश्चित रुप से ले डुबेगी इसकी संकेत वैसे तो बहुत पहले ही आने लगे हैं,पर चार साल भाजपा सरकार के पुरा होने को है उस समय कुछ ज्यादे ही खदुको ही डुबाने वाली झटके लग रहे हैं|क्योंकि महाभियोग यदि लाई गई और उसके बाद गलती साबित भी हो गई तो बाद में जनता सिधे भाजपा कि टाईटेनिक को डुबोने वाली है|जो बात लिखकर मैं कोई कांग्रेस का समर्थन नही कर रहा हुँ,बल्कि महाभियोग लाने का समर्थन कर रहा हुँ|कांग्रेस भाजपा को तो मैं एक दुसरे का पूरक पार्टी मानता हुँ|इसके आगे मैं क्या लिखू कि मैं भाजपा और कांग्रेस दोनो को ही समर्थन करता हुँ कि नही करता हुँ?बल्कि मुझे तो अफसोस इस बात कि है कि ये महाभियोग फहल कांग्रेस छोड़कर कोई दुसरी पार्टी क्यों नही कि?सायद वे सभी आजतक प्रमुख विपक्ष पार्टी भी नही बन पाई है,इसलिए उनके पास ऐसी महाभियोग लाने का नेतृत्व करने का मौका हि नही मिल सका है,बल्कि किसी सरकार के खिलाफ प्रमुख विपक्ष पार्टी बनने का भी अवसर नही मिला है|जो जल्द ही मिलना चाहिए यदि संविधान में सभी को अवसर देने की बातो को बार बार भाजपा कांग्रेस की सरकार अदला बदली करके चुनने वाली जनता को सिरियश लेकर इन दोनो ही पार्टी को भारी बहुमत से मौका देकर अब किसी तीसरी पार्टी को भारी बहुमत से सरकार बनाने का अवसर 2019 की लोकसभा चुनाव में जनता देगी!जिससे पहले महाभियोग लाने के बाद गलती साबित भी हो और सुप्रीम कोर्ट का प्रमुख अबतक का सबसे बेहत्तर प्रमुख कोई ऐसा बने जो कि मानो भाजपा के सारे बड़े बड़े अपराधो जिसका कि सिर्फ अबतक आरोप ही साबित हो रही है,भले ही क्यों न उससे कम और छोटे आरोपो में बाकि दुसरे पार्टी के लोग जेल भी जा रहे हैं,और सीबीआई और कोर्ट के फैशले के जरिये भी बार बार ज्यादे परेशान किये जा रहे हैं,जिनके खिलाफ भेदभाव का कारवाई और न्याय सुनवाई फैशला साबित न लगे इसके लिए ये बहुत जरुरी हो गया है कि भाजपा सरकार के सारे बड़े बड़े गुनाहो जिसका सिर्फ अभी तक आरोप ही लगते जा रहे हैं,उसे सच साबित करके ऐतिहासिक फैशला सुनाने वाले पावरफुल जज और सारे जजो का प्रमुख भी जल्द ही 2019 का चुनाव से पहले ही न्यायालय पर काबिज हो ऐसी दुवा मैं भगवान से भी करता हुँ|क्योंकि मुझे सौ प्रतिशत विश्वाश है कि बड़े बड़े अपराध का जो आरोप भाजपा सरकार पर लगे हैं,जिसमे कि अपने पावर का गलत इस्तेमाल करके EVM(वोटिंग अथवा मतदान मशिन) यंत्र के साथ छेड़छाड़ कराकर लोकतंत्र की हत्या कराने कि साजिश जैसे गंभिर आरोप भी हैं,बल्कि इससे पहले कि कांग्रेस सरकार पर भी इस तरह के बड़े बड़े गंभिर आरोप लगे हैं,जिसका कि कांग्रेस भाजपा में भ्रष्टाचार गुगल सर्च मारने पर इन दोनो ही पार्टियो का सबसे बड़ी भ्रष्ट पार्टी के रुप में सबसे बड़े बड़े भ्रष्ट लिस्टो का अंबार भरे पड़े मिल जाते हैं,उनमे बहुत सारे आरोप अथवा सचमुच में बड़े बड़े अपराध भाजपा कांग्रेस सरकार के द्वारा जरुर किये गए हैं,ऐसा मुझे सौ प्रतिशत यकिन है|यू ही कांग्रेस भाजपा दोनो ही सरकार के खिलाफ लाखो करोड़ो जनता इनके शासन काल में सड़को पर नही उतरते रही है!जो यू ही सिर्फ शौक से सड़को पर नही उतरती रही है!जिसके बारे में भी गुगल सर्च करने में जानकारी भरे पड़े हैं|भले क्यों न मेरे पोस्ट के बारे में बार बार गुगल सर्च करने पर भी सामने न आता हो,या सायद जनता को मेरा पोस्ट किसी तकनिकि कारन से सर्च करने के बावजुद भी सामने न मिलता हो,जिसके चलते ही इतने ज्यादे पोस्ट डालने के बावजुद भी न के बराबर ही मेरा पोस्ट पढ़ने वाले अबतक न आ पा रहे हैं|जो तकनिकि सुधार गुगल मेहरबानी करके खुद क्यों नही कर देता है?या फिर ऐसी तकनिक अपने तकनिक में क्यों नही शामिल कर पा रहा है,जिससे की इस तरह कि तकनिकि खराबी का सामना किसी भी पोस्ट लिखने वाले के साथ दुबारा न हो!जिसके चलते मैं अपना पोस्ट आजतक ऑनलाईन हजार लोगो को भी पढ़ाना तो दुर सायद सब पोस्ट का हेडलाई भी दिखाने में कामयाब नही हो पाया हुँ|जबकि इसी पोस्ट को यदि ऑफलाईन किसी फ्री का किताब प्रकाशित करके पढ़ाना चाहुँ तो सायद लाखो लोग इसे जरुर पढ़ लेंगे|जिसके बारे में भी मैं विचार कर रहा हुँ कि अब मैं ज्यादेतर पोस्ट लिखने के बजाय फ्री का ऑनलाईन किताब ही लिखना सुरु कर दुँ|हाँ थोड़ा बहुत बिच बिच में उम्मिदो का दिया चूँकि हजार विजिटर भी प्रवेश क्यों नही कर पा रहे हैं इसके प्रति विश्वाश और आशा बिल्कुल से नही बुझी है,इसलिए अबतक सायद पुरे का पुरा एक मोटा किताब बन जाय इतना पोस्ट लिखने के बावजुद भी अबतक एक हजार विजिट भी नही किए हैं,लेकिन भी बिच बिच में एक दो पोस्ट जरुर डालता रहुँगा|क्या पता कहीं पर बाँध कि तरह मेरा इस ज्ञान को बंटने से किसी ने रोक रखा है,जो एकदिन अचानक से फुटकर लाखो करोड़ो लोगो में ऑनलाईन बंटने लगे|तबतक जितने लोग भी सायद गलती से मेरा पोस्ट तक ऑनलाईन पहुँच पा रहे होंगे,जिनमे से जिन्हे भी मेरा पोस्ट में जरा सी भी बाते अच्छी लगी हो तो कृपया करके इसे अपने करिबियो को बांटना न भुलें|क्योंकि भले मेरा पोस्ट गुगल सर्च में ठीक से नही आ पा रहा हो,पर पढ़ने वाले तो इसका सिधा लिंक को ही ज्यादे से ज्यादे लोगो को जरुर बांट सकते हैं,खासकर यदि उनके मन में इसे बांटने का विचार हो,जिसे मैं और कोई भी दुसरा व्यक्ती अपने मन से हैंडिल नही कर सकता है|क्योंकि विजिटर अपना मन का मालिक हैं,जिनके उपर निर्भर करता है कि वे किसे पसंद करके पढ़े और किसे उसे पढ़ायें भी?जैसे कि लोकसभा चुनाव के समय सभी वोटरो के मन पर निर्भर करता है कि वे किसे चुने और किसे न चुने?जैसा कि मेरा मन भाजपा कांग्रेस दोनो को ही 2019 में हराकर इन दोनो ही पार्टि को अब विपक्ष में बैठना चाहिए यैसा मन भाजपा कांग्रेस दोनो का ही भ्रष्ट रुप अपनी जिवन में देखकर बार बार के चुनाव में करता है!पर अफशोष आजतक भी मेरा मन का चयन से मेरी पसंद की सरकार नही बन पाई है,हलांकि मैं भी तो नागरिक हुँ,बल्कि मेरे जैसे करोड़ो नागरिक होंगे जो कि भाजपा कांग्रेस के बजाय किसी तीसरी पार्टी की भारी बहुमत की सरकार बनने का मन बनाकर बार बार अपने मन मुताबिक सरकार बनने कि उम्मीद करके वोट करने जाते होंगे!पर चुनाव परिणाम के दिन भाजपा या फिर कांग्रेस कि ही सरकार बनने कि रिजल्ट सुनते होंगे!जिन सभी लोगो का दुःख को मैं सबसे बेहत्तर तरिके से प्रयोगिक तौर पर समझ सकता हुँ|जिस दुःख को भाजपा कांग्रेस कि अदला बदली सरकार चुनने वाले क्या जाने!इसलिए कम से कम ऐसे लोगो तक भी तो मेरा पोस्ट जरुर पहुँच सके जो कि भाजपा कांग्रेस दोनो को ही 2019 का लोकसभा चुनाव में हारते हुए देखने की मन बना लिये हैं,इसकी भी उम्मीद जरुर कर रहा हुँ!"धन्यवाद"!
In order to bring about a balanced change in the humanity and environment of the whole world, I have given my views about politics, religion, Chunav Vagaira. पूरी दुनिया की मानवता और पर्यावरण में एक संतुलित बदलाव लाने के लिए, मैंने राजनीति, धर्म, सरकार चूनाव वगैरा के बारे में अपने विचार दिए हैं। pooree duniya kee maanavata aur paryaavaran mein ek santulit badalaav laane ke lie, mainne raajaneeti, dharm, choonav vagaira ke baare mein apane vichaar die hain.
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