ब्रह्मण लोग हिन्दूओ को क्या हिन्दू बनायेंगे जो खुद यहूदि DNA के होते हुए भी हिन्दू का नकाब लगाये हुए हैं !

ब्रह्मण लोग हिन्दूओ को क्या हिन्दू बनायेंगे जो खुद यहूदि DNA के होते हुए भी हिन्दू का नकाब लगाये हुए हैं !

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" भारत में जो भी मुसलमान है , वो सारे के सारे भारतीय लोग हैं | लखनऊ में रिसर्च हुआ DNA का तो भारतीय लोगो का DNA से मिल गया | ब्रह्मण का DNA यहूदि से मिल गया | मुसलमानो को यहूदियो के बारे में बताने की जरुरत नही है | ध्यान रखना ! यहूदियो ने मोहम्मद साहब को नही बक्सा तुमको बक्स देंगे ? " 


                                                          वामन मेश्राम

खुद वामन मेश्राम के ही इस जानकारी से साफ हो जाता है कि ब्रह्मण DNA के आधार पर भी यहूदि है | न कि हिन्दू है | फिर क्यों जिस तरह कभी ब्रह्मण लोग इस देश के मुलनिवासियो को हिन्दू मानने से इंकार करते थे , उसी तरह वामन मेश्राम जैसे लोगो द्वारा भी यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि इस देश के दलित आदिवासी पिछड़ी मुलनिवासी हिन्दू नही हैं | क्या वामन मेश्राम ये कहना चाहते हैं कि मुस्लिम , ईसाई , बौद्ध , जैन वगैरा दुसरे धर्मो में मौजुद दलित आदिवासी पिछड़ी मुलनिवासी लोग मुस्लिम , ईसाई , बौद्ध , जैन , नही हैं ? जैसे कि हिन्दू परिवार में जन्मे अंबेडकर बौद्ध नही बल्कि दलित थे ! जिस जानकारी को अपडेट किया जाना चाहिए क्या इतिहास में ? क्योंकि वामन मेश्राम ही नही पुरी दुनियाँ जानती है कि अंबेडकर का जन्म हिन्दू परिवार में हुआ था | जिन्होने हिन्दू परिवार में ही जन्म लेकर देश विदेश में कई उच्च डिग्री हासिल करके अजाद भारत का संविधान रचना के साथ साथ हिन्दू कोड बिल की रचना करने के बाद बौद्ध धर्म को अपनाया | जिस अंबेडकर को अपना पिता मानते हुए भी वामन मेश्राम ऐसा क्यों बोल रहे हैं कि अंबेडकर DNA के sc , st , obc हिन्दू नही हैं ? जबकि दलित अंबेडकर की तरह करोड़ो दलित आदिवासी पिछड़ी मुलनिवासि हिन्दू परिवार में ही जन्म लिये हैं | जिन्होने अपना धर्म परिवर्तन नही किया है | जो होली दिवाली और मकर संक्रांति जैसे प्राकृति पर्व त्योहार मनाते हैं | जो पर्व त्योहार यूरेशिया से मनुवादी नही लाए हैं | यह सब कुछ जानते हुए भी दलित आदिवासी पिछड़ी को हिन्दू नही हैं क्यों कहा जा रहा है ? जबकि अब तो DNA रिपोर्ट से भी पता चल चूका है कि यहूदि DNA के ब्रह्मण यूरेशिया से आए हुए लोग हैं | जो लोग हिन्दूओ को क्या हिन्दू बनायेंगे जो खुद यहूदि DNA के होते हुए भी हिन्दू का नकाब लगाये हुए हैं ! ताकि वे हिन्दू धर्म की ठिकेदारी करके हिन्दूओ के उन हक अधिकारो पर कब्जा कर सके जो हिन्दूओ की मुल विरासत और सभ्यता संस्कृति है | क्योंकि यहूदि DNA का ब्रह्मण यदि खुदको हिन्दू नही कहा तो उसकी हाथ से सत्ता भी चली जायेगी और हिन्दू धर्म की वह ठिकेदारी भी चली जायेगी जिसे प्राप्त कर वह मंदिरो में धन संपदा जमा करके रखा हुआ है | जिस बात पर वामन मेश्राम समेत किसी भी मुलनिवासी को यदि यकिन नही हो रहा हो तो वामन मेश्राम के ही मुताबिक किसी ब्रह्मण को यहूदि होने का सार्टिपिकेट से नागरिकता देकर चुनाव लड़ाया जाय , और हिन्दू धर्म का पुजारी भी बनाया जाय , प्रयोगिक सत्य पता चल जायेगा कि मैं जो ज्ञान बांट रहा हूँ वह सत्य है कि इस देश के दलित आदिवासी पिछड़ी मुलनिवासी हिन्दू नही हैं यह सत्य है ? इस देश के तमाम मुलनिवासी जिनके पुर्वज धर्म परिवर्तन से पहले हिन्दू जन्मे लेकिन बाद में अपना धर्म परिवर्तन करके दुसरे धर्मो में चले गए है , वे सभी मेरा यह सत्य बात हमेशा याद रखें की धर्म बदलने के बाद भले हिन्दू धर्म के प्रति विचारो में भी भारी परिवर्तन हो गया है , पर DNA में परिवर्तन नही हुआ है | क्योंकि DNA तो उन्ही मुलनिवासी पुर्वजो का है जो हिन्दू जन्मे थे | जिनका डीएनए यहूदि DNA नही है | जो चाहे जितनी बार अपना धर्म बदल लें , आखिर में कहलायेंगे तो धर्म परिवर्तन करने वाले sc,st,obc | जिस तरह कहलाने के लिए ही यदि किसी के द्वारा sc,st,obc लोग हिन्दू नही है यह झुठ बांटकर परिवर्तन यात्रा के साथ साथ धर्म परिवर्तन यात्रा चलाया जा रहा है , तो निश्चित तौर पर इस धर्म परिवर्तन यात्रा में यहूदि DNA के मनुवादियो को मुल हिन्दू मानकर शामिल किया जाना चाहिए | जिसके बाद सबसे पहले उनका धर्म परिवर्तन कराया जाना चाहिए | क्योंकि यदि sc,st,obc का कोई धर्म ही नही है तो उन्हे तुम हिन्दू नही हो कहकर धर्म परिवर्तन क्यों कराया जा रहा है ? बल्कि क्यों कहा जाता है हिन्दू अंबेडकर अपना धर्म परिवर्तन करके बौद्ध धर्म को अपनाया था ? हद है इतना बड़ा झुठ बांटा जा रहा है कि तुम हिन्दू नही हो ! वह भी क्या सिर्फ इसलिए ताकि यह देश हिन्दू राष्ट्र न बन जाय ! भले धर्म परिवर्तन कराकर इस हिन्दूस्तान से टुकड़ा टुकड़ा करके पाकिस्तान श्रीलंका जैसे दुसरे धर्मो के राष्ट्र बनता जाय | बल्कि पुरे विश्व में सभी देश खुदको मुस्लिम राष्ट्र , ईसाई राष्ट्र , यहूदि राष्ट्र बौद्ध राष्ट्र बनाते रहे , पर यह देश हिन्दू राष्ट्र कभी न बने | वह भी सिर्फ क्या इसलिए क्योंकि यहूदि DNA का ब्रह्मण मुल हिन्दू नही है | जो यदि यहूदि DNA का न होकर sc,st,obc मुलनिवासियो का ही DNA का होता तो सायद हिन्दू राष्ट्र बनने से एतराज न होता | तो इसमे दिक्कत क्या है ? इस देश के मुलनिवासि जो चाहे जिस धर्म में मौजुद हैं , वे सभी मिलकर DNA के आधार पर NRC आंदोलन जो चलाया जायेगा 29 जनवरी 2020 ई० से उसके सफल होने के बाद DNA के आधार पर NRC लागू होते ही यहूदि DNA का ब्रह्मण क्षत्रिय वैश्य को यहूदि के आधार पर नागरिकता देकर उन्हे घर वापसी कराकर सभी मुल हिन्दू जिन्होने यहूदि DNA का ब्रह्मण को मुल हिन्दू समझकर अपने पुर्वजो का धर्म को छोड़ा है , वे भी अपना घर वापसी करके इस देश को छुवा छुत मुक्त हिन्दू राष्ट्र बना दिया जाय | क्योंकि छुवा छुत नही करने वाले अंबेडकर हिन्दू जन्मे तो निश्चित तौर पर उसके ही DNA के वे सभी मुलनिवासी भी धर्म परिवर्तन से पहले सभी हिन्दू ही थे | जो सभी छुवा छुत नही करते हैं | क्योंकि मुल हिन्दू छुवा छुत नही करता चाहे जिस धर्म में गए हो | जो यदि अपना हिन्दू  धर्म परिवर्तन करके दुसरे धर्मो में कभी गए ही नही होते तो पुरे राष्ट्र में DNA के आधार पर कितने प्रतिशत गैर हिन्दू बाहर से आए हैं जिसकी वजह से इस देश को आजतक हिन्दू राष्ट्र नही बनाया जा सका है ? किस वजह से हिन्दू राष्ट्र बनने से रुकावट आ रही थी और आ रही है ? जबकि यह देश हिन्दू राष्ट्र भले अबतक न बन पा रहा हो , पर दुसरे धर्मो की यदि इतनी अबादी होती तो यह देश दुसरे धर्म के नाम से कबका राष्ट्र बन गया होता | बल्कि हिन्दू नही बनने देंगे कहते कहते धर्म के नाम से पाकिस्तान और श्रीलंका बंग्लादेश वगैरा राष्ट्र बन भी गया है | और अगर भविष्य में इसी तरह धर्म परिवर्तन यात्रा चलता रहा तो फिर याद रखना मुलनिवासियों यह सोने की चिड़ियाँ कहलाने वाला देश जो कि यहूदि DNA के ब्रह्मणो की छुवा छुत ढोंग पाखंड बुद्धी की वजह से विश्वगुरु नही कहलाता है , उसे दुसरे धर्म के नाम से सागर जैसा विशाल कृषि प्रधान देश को खंड खंड करके छोटे छोटे कबिलई देशो की तरह बांट दिया जायेगा | हिन्दू राष्ट्र बनाने का सिर्फ विवाद ही इसलिए खड़ा किया जाता आ रहा है ताकि यह देश हिन्दू राष्ट्र कभी बने ही नही | भले अरब यूरेशिया में मौजुद छोटे छोटे टुकड़े में बंटे धार्मिक राष्ट्र बने | क्योंकि यदि दुनियाँ से गरिबी भुखमरी अशिक्षा जैसी मुल समस्याओं का समाधान सभी धर्मो द्वारा मिल जुलकर किया जाय इसे ज्यादा महत्व देने के बजाय यदि धर्म के नाम से ज्यादे से ज्यादे राष्ट्र बनाने के लिए विश्वभर में धर्म परिवर्तन यात्रा चलाया जा रहा हैं तो कम से कम गिनती में एक तो हिन्दू राष्ट्र बने इसका मैं समर्थन जरुर करता हूँ ! पर इस सर्त पर कि ब्रह्मण क्षत्रिय वैश्य को यहूदि DNA के आधार पर नागरिकता देकर बने ! जो बन जाने पर बाकि सभी धर्मो के लोग हिन्दू राष्ट्र में सुख चैन से नही रह पायेंगे और इस समय यहूदि DNA के ब्रह्मणो का शासन में सुख चैन से रह रहे हैं , यह कहना चाहते हैं क्या वे लोग जो ये मानते हैं कि इस देश को हिन्दू राष्ट्र नही बनना चाहिए ? जिन्हे यदि बाकि धर्मो के नाम से दुनियाभर में राष्ट्र बनते रहने पर एतराज नही है तो एक हिन्दू राष्ट्र बनने से क्यों एतराज है ? मुझे तो धर्म के नाम से राष्ट्र बनने से ही एतराज है , पर फिर भी मेरे और मेरे जैसे करोड़ो हिन्दूओ के एतराज करने के बावजुद भी यदि धर्म के नाम से दुसरे धर्मो का कई कई राष्ट्र बनाया जा रहा है तो क्या हिन्दू को इतनी हिन भावना से पुरे विश्व में भेदभाव किया जाता रहे कि उसे एक भी हिन्दू राष्ट्र कभी बनाने ही न दिया जाय ! ये तो अन्याय अत्याचार और पाप है ! जिसका न्याय सायद उस एक प्राकृति भगवान के पास मौजुद है , जिसने सभी धर्मो को नही बनाया है , बल्कि सभी धर्मो को बनाने वाले इंसान कितने कितने राष्ट्र अपना अपना धर्म के हिस्से में बांटकर हक अधिकार बांटा जा रहा है , इसका न्याय दुनियाँ के सभी अदालतो से भी उपर की अदालत में सुनाया जायेगा ! तब हिन्दू धर्म का एक भी राष्ट्र क्यों नही बनने दिया गया था इसके बारे में जवाब देना होगा | जो हिसाब हो या न हो पर इतिहास में तो हिसाब दर्ज हो रहा है | बल्कि धर्म परिवर्तन कराकर प्राकृति के साथ भारी परिवर्तन कराने का असंतुलित हालात पैदा कराकर प्राकृति का विनाशलीला भी दर्ज हो रहा है | क्योंकि विश्व के सभी अदालतो से उपर की अदालत में हिन्दू धर्म के लोगो को प्राकृति खनिज संपदा से संपन्न समृद्ध राष्ट्र स्थापित करने का आशीर्वाद देकर यदि सिन्धु नदी और सिन्धु घाटी सभ्यता संस्कृति का निर्माण करने का बुद्धी बल दिया है तो निश्चित तौर पर उन हिन्दूओ का धर्म परिवर्तन कराकर कई दुसरे धर्मो का राष्ट्र बनाया जाय पर प्राकृति की पुजा और प्राकृति पर्व त्योहार मनाने वाले मुल हिन्दूओ को एक भी हिन्दू राष्ट्र बनने नही दिया जाय इतनी भेदभाव करने वालो को हिसाब तो जरुर देना होगा !

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