छुवाछुत मूल हिन्दू करता है कि यहूदी DNA का मनुवादी करता है ?

छुवाछुत मूल हिन्दू करता है कि यहूदी DNA का मनुवादी करता है ?
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मुल हिन्दू छुवा छुत नही करता | जैसे कि हिन्दू अंबेडकर ने छुवा छुत कभी नही किया  | और न ही वेद पुराण की रचना करने वाले हमारे पुर्वजो ने छुवा छुत करने को कहा है | लेकिन भी हिन्दू धर्म के प्रति हिन भावना उत्पन्न करने के लिए हिन्दू धर्म में छुवा छुत होता है भाषण प्रवचन ऐसा दिया जाता है जैसे सभी हिन्दू छुवा छुत करते हैं | जिस तरह की भ्रम फैलाने वालो को इतनी तो बुद्धी जरुर होगी कि अंबेडकर ने हिन्दू रहते देश विदेश में कई उच्च डिग्री हासिल करके अजाद भारत का संविधान और हिन्दू कोड बिल की रचना छुवा छुत करते हुए नही किया है | बल्कि मनुवादियो ने छुवा छुत करते हुए हिन्दू वेद पुराणो में छुवा छुत ढोंग पाखंड की मिलावट किया है | भले अंबेडकर ने यह कहा है कि वे हिन्दू जन्म लिये हैं , पर हिन्दू रहकर मरना नही चाहते हैं | जिस तरह कि बाते भी वे नही करते यदि हिन्दू धर्म में मनुवादियो का संक्रमण न होता | जिन मनुवादियो द्वारा हिन्दू धर्म में संक्रमण की वजह से अंबेडकर ने हिन्दूओ को बिमार तक कहा | तो क्या वे खुदको अथवा हिन्दू परिवार में जन्म लेकर देश विदेश में करिब 36 डिग्री लेकर करीब 9 जानकर अजाद भारत का संविधान और हिन्दू कोड बिल की रचना करने वाले  अंबेडकर को बिमार कह रहे थे ? बिल्कुल नही बल्कि वे मुल रुप से उन मनुवादियो को बिमार कह रहे थे , जिन्होने हिन्दू धर्म का नकाब लगाकर हिन्दू वेद पुराणो को संक्रमित किया है | जाहिर है मनुवादियो द्वारा छुवा छुत ढोंग पाखंड की मिलावट करके हिन्दू धर्म को बदनाम किया गया है | हलांकि बदनाम करने वाले बाकि धर्मो में भी मौजुद हैं | इसलिए यह कभी नही कहा जा सकता कि सिर्फ हिन्दू धर्म में छुवा छुत ढोंग पाखंड जैसी गंदी सोच का संक्रमण मौजुद है | जिसके बारे में अंबेडकर ने भी जानकारी इकठा जरुर किया होगा कि सभी धर्मो में धर्म को बदनाम करने वाले ऐसे ऐसे गंदी सोच रखने वाले मौजुद हैं , जिन्होने किसी न किसी धर्म से जुड़कर बड़े बड़े अपराध को अंजाम दिया हैं | जैसे कि यहूदि धर्म से जुड़कर यीशु को सुली पर चड़ाने वाले , ईसाई धर्म से जुड़कर कई देशो को गुलाम करने वाले , उसी तरह मुस्लिम धर्म को भी बदनाम करने वाले मोहम्मद गजनी जैसे खुन खराबा लुटमार कारनामा इतिहास रचने वालो के बारे में जानकारी भरे पड़े हैं | जिस तरह के बड़े बड़े अपराधिक कारनामे रचने वाले लोग किसी न किसी धर्म से जुड़े हुए इतिहास में मिल जायेंगे | जो की जिस धर्म से जुड़े हुए हैं उस धर्म को बदनाम किये हैं | जिस तरह की ऐतिहासिक कारनामे रचने वालो के बारे में अंबेडकर को भी जरुर पता होगा | जिन्होने सभी धर्मो के बारे में विचार करके कभी नही कहा कि बौद्ध छोड़ बाकि धर्मो को समाप्त कर देनी चाहिए ! क्योंकि उन्हे पता था कि बाकि धर्मो की तरह बौद्ध धर्म में भी बदनाम करने वाले लोग मौजुद हैं | जिसकी वजह से बौद्ध धर्म में भी भेदभाव होता है |

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