India भारत बंद पर हिन्दूवाद मुर्दाबाद का नारा लगाना गलत था
India भारत बंद पर हिन्दूवाद मुर्दाबाद का नारा लगाना गलत था
DNA के आधार पर NRC हो इसकी मांग पर भारत बंद में धर्म के नाम से आपस में लड़ाने और बांटने वाले लोग भी मौजुद थे | जिनके बारे में पता करनी चाहिए कि कहीं वे भारत बंद का समर्थक नकाब पहनकर इस देश के मुलनिवासियों से हिन्दूवाद मुर्दाबाद का नारा मनुवादियो से सुपारी लेकर तो नही लगवा रहे थे | क्योंकि उनके द्वारा हिन्दू धर्म के प्रति जो गंदी भावना देखा सुना उसके बारे में मंथन करके यही कह सकता हूँ कि ऐसे नारा दिलवाने वाले लोग यहूदि डीएनए के मनुवादियों का ही भेजे गये वे गुप्त एजेंट हो सकते हैं , जिन्हे दिल्ली चुनाव को देखते हुए धर्म के नाम से वोट बटोरवाने के लिये सुपारी दिया गया है | ताकि धर्म के नाम से नफरत फैलवाकर आपस में फुट डालकर ज्यादे से ज्यादे वोट बटोरा जा सके | क्योंकि दिल्ली में भी हिन्दू वोट सबसे अधिक है | क्योंकि ऐसे नारा लगवाने वाले दुसरो के धर्म के प्रति ऐसी हिन भावना और नफरत पैदा इसलिए नही करवाते हैं , क्योंकि उन्हे दुसरे धर्मो से कम वोट मिलेंगे | और अगर वाकई में ऐसा नारा वोट के लिये नही लगवाया जा रहा था तो निश्चित तौर पर हिन्दूवाद मुर्दाबाद का नारा लगवाने वाला हो सकता है खुदको यहूदि डीएनए का मनुवादियो की तरह ही उस विदेशी डीएनए का मानता है , जो डीएनए हिन्दू डीएनए नही है | इसलिए उसको हिन्दू धर्म और हिन्दूओ से नफरत है | जो नफरत वे दुसरे धर्म के प्रति नही दिखला सकता , चाहे क्यों न इस देश का टुकड़ा टुकड़ा करके उन धर्मो के नाम से अलग से कई राष्ट्र बन जाय | जबकि आजतक एक भी हिन्दू राष्ट्र बना नही है , और इतनी नफरत मानो जिसदिन यह देश हिन्दू राष्ट् बन गया उसदिन इस देश में बाकि धर्मो के लोग रहेंगे ही नही ! जबकि चाहे अरब हो या यूरोप धर्म के नाम से दर्जनो राष्ट्र बने हुए हैं , तो क्या वहाँ दुसरे धर्मो के लोग नही रहते हैं ? बिना वजह मानो भागो भेड़िया आया भेड़िया आया चिलाकर भ्रम फैलाया जा रहा है कि हिन्दू राष्ट्र बन गया तो मनुस्मृति लागू हो जायेगा और मनुवादि अपने परिवार के पढ़े लिखे लोगो को छोड़कर सबके कान में गर्म लोहा पीघलाकर डालना सुरु कर देंगे और और जीभ काटना अँगुठा काटना सुरु कर देंगे | बल्कि सबका धन लुटना भी सुरु कर देंगे क्योंकि मनुस्मृति अनुसार उच्च जाति छोड़कर बाकि सभी लोगो को धन रखना मना है | जबकि अभी भी तो ब्रह्मणो का राज चल रहा है | कया फिर मुस्लिम ईसाई बौद्ध का राज चल रहा है ? हाँ हिन्दू धर्म छोड़कर दुसरे धर्मो के दर्जनो राष्ट्र पुरी दुनियाँ में जरुर बने हैं | बल्कि इस देश का भी धर्म के नाम से कई बंटवारा होकर बौद्ध राष्ट्र मुस्लिम राष्ट्र बने हैं | पर भारत पाकिस्तान बंटवारा करके हिन्दू परिवार में जन्मे अंबेडकर के डीएनए के दरसल मुल हिन्दूओ का राज आया क्या ? जो हिन्दूवाद मुर्दाबाद का नारा लगवाया जा रहा है ! जिसका राज आया है वह ब्रह्मण तो यूरेशिया से आया यहूदि डीएनए का विदेशी मुल का शासक है | न कि मुल हिन्दू है कि हिन्दूवाद मुर्दाबाद का नारा लगाने से उसके मुल भावनाओं पर भारी प्रभाव पड़ने वाला है | बल्कि बहुसंख्यक 85 मुलनिवासी मुल हिन्दू है | जो चाहे जिस धर्म को अपनाये हो उनके अंदर जो हिन्दू पुर्वजो का डीएनए है उसमे परिवर्तन नही होनेवाला है | जैसे कि मनुवादियो के भितर जो यहूदि डीएनए है , उसमे भी परिवर्तन नही होनेवाला है | चाहे जितनी बार उसे हिन्दू मानकर हिन्दूवाद मुर्दाबाद का नारा लगवाओ | मुल हिन्दू इस देश के मुलनिवासी हैं , जो होली दिवाली और मकर संक्रांति जैसे पर्व त्योहार बाकि धर्मो के साथ भी मिल जुलकर मनाते हैं | जिनकी भावनाओं को काफी ठेस पहुँचती है जब हिन्दूवाद मुर्दाबाद कहकर हिन्दू धर्म के प्रति हिन भावना और नफरत फैलाई जाती है | जिससे मनुवादियो को ही लाभ होता है | क्योंकि ऐसा नारा लगाकर बहुसंख्यक हिन्दूओ को नाराज करके हिन्दू जब एकजुट होकर वोट करता है तो निश्चित तौर पर भाजपा और कांग्रेस भारी बहुमत से जीतकर दरसल उन नासमझो को तमाचा मारती है जो मनुवादियों की साजिश में मनुवादियों की मदत करते हैं हिन्दू धर्म की बुराई करके | जिसके चलते खुदको RSS का सबसे बड़ा विरोधी बतलाने वाले वामन मेश्राम जैसे लोगो के बारे में Rss के ब्रह्मणो के मुँह से खुशी के फुल झड़ते हुए यह सुना जाता है कि वामन मेश्राम दरसल भाजपा का मदत कर रहा है | जो स्वभाविक है ! क्योंकि वामन मेश्राम के ही नेतृत्व में डीएनए के आधार पर NRC हो की मांग पर भारत बंद तो बुलाया गया था | पर भारत बंद में कुछ लोग हिन्दूवाद मुर्दाबाद नारा दिलवाकर मनुवादियों को लाभ पहुँचाने की रास्ते ख रहे थे | जिसके बारे में वामन मेश्राम को सायद पता भी न हो | वो तो शुक्र है कि बहुसंख्यक अबादी हिन्दू मुस्लिम और बाकि भी धर्मो के के बिच भाईचारा पैदा करके एकजुट होकर आंदोलन कर रहे हैं | नही तो ये मुठीभर भिड़ लगाकर हिन्दूवाद मुर्दाबाद लगाने वाले तो मनुवादी सत्ता का पेड़ हिलना तो दुर पत्ता भी नही हिला नही पायेंगे | क्योंकि धर्म के नाम से जब वोट पड़ने लगती है तो ऐसे नारा लगवाने वालो की नफरत के जवाब में ही सबसे अधिक वोट धर्म के नाम से पड़ती है | इसलिए यदि मनुवाद के खिलाफ आंदोलन न होकर अगर राजनिती के लिए भी आंदोलन करने की सोच से हिन्दूवाद मुर्दाबाद का नारा दिलवाया जा रहा था तो राजनिती लाभ के लिए भी हिन्दूवाद मुर्दाबाद नारा लगवाने वालो को तो मैं मनुवादियों को लाभ पहुँचाने वाला हि कहूँगा भले वे अनजाने में लाभ पहुँचवा रहे हो | जो वाकई में लाभ पहुँचा भी रहे हैं | क्योंकि यदि मेरी बातो पर उनको यकिन न आ रहा हो तो जिन देशो में हिन्दू अबादी अल्पसंख्यक है , वहाँ पर हिन्दूवाद मुर्दाबाद का नारा देनेवाले मुस्लिमवाद मुर्दाबाद,ईसाईवाद मुर्दाबाद ,बौद्धवाद मुर्दाबाद,जैनवाद मुर्दाबाद,यहूदिवाद मुर्दाबाद का नारा दिलवाकर दिखलाये पता चल जायेगा उन धर्मो के प्रति हिन भावना और नफरत फैलाकर उन धर्मो का नेतृत्व कर रहे लोगो को लाभ होगा कि नारा लगाने वाले को लाभ होगा | और याद रखना यहूदि डीएनए का मनुवादि हिन्दू धर्म की ठिकेदारी चूँकि कर रहा है इसलिए हिन्दू धर्म के प्रति जितनी नफरत फैलाओगे उतना ही ज्यादा लाभ मनुवादियो को ही होगा | इसलिए तो मैं बार बार कह रहा हूँ कि जब मनुवादि यूरेशिया से आया है और यहूदि डीएनए का है तो फिर क्यों उसे हिन्दू मानकर हिन्दूवाद मुर्दाबाद का नारा लगवाया जा रहा है | उसे हिन्दू मानना बंद करो क्योंकि होली दिवाली मकर संक्रांति को वह यूरेशिया से नही लाया है | बल्कि हिन्दूवाद मुर्दाबाद का नारा लगाने के बजाय मनुवाद मुर्दाबाद का नारा लगाया जाता ! दरसल ऐसे नारा लगवाने वाले नासमझ लोग उस हिन्दूवाद को क्या समझेंगे जो बच्चा नारी योनी से नही पुरुष मँह से भी हो सकता है ऐसी अप्राकृति बातो को मानने वाले मनुवाद को हिन्दूवाद समझते हैं | क्योंकि उनको अबतक पता ही नही कि मुल हिन्दूवाद प्राकृतिवाद है | जो मुल रुप से प्राकृति भगवान की पुजा करता है | जिसे नुकसान पहुँचाना प्राकृति को भी नाराज करना है | प्राकृतिवाद और मनुवाद को बराबर समझने वाले लोगो को दरसल मनुवाद के बारे सायद पता ही नही है कि जिसदिन मनुवादीयों का हिन्दू खाल उतर जायेगा उसदिन हिन्दू धर्म की ठिकेदारी जाने के बाद हिन्दूवाद को बदनाम करने वाला मनुवादी किस धर्म की ठिकेदारी करेगा | क्योंकि यहूदि धर्म में घर वापसी उसकी तभी हो सकेगी जब वह मनुस्मृति सोच को पुरी तरह से मल मुत्र की तरह त्याग देगा | क्योंकि सिर्फ हिन्दू धर्म ही फिलहाल एक मात्र धर्म पुरे विश्व में है जो मनुवादियो को इतने हजारो सालो से सुधरने का इंतजार कर सकता है | बाकि धर्मो में तो मनुवादी इतना ज्यादे भेदभाव शोषण अत्याचार करके हजारो साल टिकना तो दुर एक पिड़ी तक भी नही टिक पायेगा | जिसके बावजुद भी मनुवादीयों को ताड़ने के बजाय उल्टे हिन्दूवाद मुर्दाबाद का नारा लगवाकर मुल रुप से उन वीर मुल हिन्दूओं को क्यों ताड़ा जाता है जो हजारो सालो से मैला ढोकर भी मनुवादीयों को सुधारने में लगे हुए हैं | इतना ही नही एक धर्म प्रचारक के मुँह से हिन्दूओ के बारे में बुराई करते सुन देख रहा था कि वह sc,st,obc हिन्दूओं को " कुत्ते का दुम हैं कभी नही सुधरने वाले हैं , जिन्हे ब्रह्मण लोग इसी तरह पिटाई करो , जिसदिन हिन्दू धर्म को छोड़ेंगे फूल माला पहनाकर ब्रह्मणो की आरती उतारेंगे " इस तरह का भाषण प्रवचन करने वाले छुवा छुत करने वाले ब्रह्मणो को सुधरा हुआ और छुवाछुत का शिकार होनेवाले शोषित पिड़ितो को कभी नही सुधरेंगे कहकर क्या अपने धर्म को बदनाम नही कर रहे हैं ? ये तो सिर्फ झांकी है , इस तरह की ताड़नहार भाषण प्रवचन करने वालो के बारे में ऑडियो विडियो और लेख गुगल सर्च मारने पर भरे पड़े हैं , जिन्होने ढोल ,गंवार ,शूद्र ,पशु ,नारी सकल ताड़न के अधिकारी को अपना आदर्श मानकर ताड़ने वाले मनुवादीयों को ताड़ने के बजाय हजारो सालो से शारिरिक और मांसिक पीड़ा देकर ताड़े जा रहे सहनशील वीर मूल हिन्दूओं को यहूदि डीएनए के मनुवादियों की तरह ताड़ते आ रहे हैं | जिसे देख सुन और पढ़कर पता किया जा सकता है कि कौन किस धर्म को बदनाम कर रहा है ! हो सकता है मैं भी उनको बारे में इस तरह की कड़वी ज्ञान बांटकर उनकी नजरो में अपने हिन्दू धर्म को बदनाम कर रहा हूँ | पर मुझे पता है कि धर्म की बदनामी कौन लोग सबसे अधिक कर रहे हैं | क्योंकि ध्यान रहे यहूदि डीएनए का मनुवादि मुल हिन्दू नही है !
और हाँ मुल हिन्दू मेरा इस ज्ञान को कम से कम दस लोगो तक जरुर बांटे , ताकि मुल हिन्दू किसे कहा जाता है , और हिन्दू धर्म में भगवान पुजा क्या होता है , इसकी सत्य जानकारी सभी उन हिन्दूओं तक फैल सके जिन्हे अबतक मनुवादियो ने यह बतलाया है कि हिन्दू का मतलब जो मनुवादियो के पुर्वज देवताओ की पुजा करता है , उसे कहा जाता है | क्योंकि कई उच्च डिग्री प्राप्त किये भष्मासुरो की कमी नही है जो सायद झुठ बोलते हुए भष्मासुर की तरह नाच नाचकर अपनी ज्ञान वरदान का गलत उपयोग करते हुए मरते दम तक सायद यही झुठ बांटने वाले हैं कि यहूदि डीएनए का मनुवादि हिन्दू है | और भगवान पुजा मनुवादियो के पुर्वज देवताओ की पुजा है | जो दिमाक से अँधे और बहरे दोनो हैं | जिन्हे अबतक इस कृषि प्रधान देश में मौजुद हिन्दू कलैंडर के अनुसार बारह माह मनाई जानेवाली प्राकृति पर्व त्योहार और अन्न जल धरती सूर्य वगैरा प्राकृति पुजा दिखाई और सुनाई नही दे रही है | बल्कि इस ज्ञान को लेकर कम से कम दस लोगो तक न बांटने वालो को भी मैं दिमाक से अँधे और बहरे मानूँगा |
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