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मंगलवार, 28 जनवरी 2020

sc,st,obc हिन्दू नही हैं , और यदि धर्म परिवर्तन कर दे तो sc,st,obc मुस्लिम , बौद्ध , जैन , ईसाई हैं ! हद है !!

sc,st,obc हिन्दू नही हैं , और यदि धर्म परिवर्तन कर दे तो sc,st,obc मुस्लिम , बौद्ध , जैन , ईसाई हैं ! हद है !!
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एक तो मनुवादि खुदको जन्म से उच्च और इस देश के मुलनिवासियों को निच घोषित करके ढोल ,गंवार ,शूद्र ,पशु ,नारी सकल ताड़न के अधिकारी कहते हुए हजारो सालो से ताड़ते आ रहे हैं , उपर से मनुवादियों द्वारा शोषण अत्याचार किए जा रहे दलित आदिवासी पिछड़ी को ताड़ते हुए देखकर धर्म परिवर्तन कराने के लिए जले पर नमक छिड़ककर यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि होली दिवाली मकर संक्रांती जैसे पर्व त्योहार मनाने वाले इस देश के मुलनिवासी लोग हिन्दू नही हैं | जिनके मुताबिक होली दिवाली मकर संक्रांति मनाने वाले sc,st,obc हिन्दू नही हैं , और यदि धर्म परिवर्तन कर दे तो sc,st,obc मुस्लिम , बौद्ध , जैन ईसाई हैं ! हद है !! ये तो जैसे कभी मनुवादि इस देश के मुलनिवासियों को हिन्दू मानने से इंकार करते थे , उसी तरह धर्म परिवर्तन कराने के लिए इस देश के मुलनिवासियों को हिन्दू मानने से इनकार किया जा रहा है | जिनका तर्क है कि इस देश के मुलनिवासी जिन्होने अपना धर्म परिवर्तन नही किया है , वे दलित आदिवासी और पिछड़ी हैं | जबकि वही लोग ये भी स्वीकार कर रहे हैं कि मनुवादि युरेशिया से आए हुए यहूदि DNA के लोग हैं | यहूदि और मनुवादि दोनो भाई भाई हैं | फिर भी मनुवादियो को हिन्दू क्यों कहा जा रहा है ? क्या हिन्दू परिवार में जन्मे sc अंबेडकर भी बौद्ध धर्म अपनाने से पहले हिन्दू नही थे ? जिन्होने हिन्दू परिवार में ही जन्म लेकर हिन्दू रहते देश विदेश में कई उच्च डिग्री हासिल करके भारत का संविधान रचना और हिन्दू कोड बिल रचना जैसे ऐतिहासिक उपल्धि हासिल किया है | जो उपलब्धि सायद तब नही हासिल कर पाते यदि वे बचपन में ही अपना धर्म परिवर्तन किये होते | पर उनकी उपलब्धियो के बारे में भी धर्म परिवर्तन कराने वाले ऐसे बतलाते हैं , जैसे की अंबेडकर यदि बौद्ध नही बनते तो न देश विदेश में कई उच्च डिग्री हासिल कर पाते , और न ही भारत का संविधान रचना व हिन्दू कोड बिल रचना जैसे ऐतिहासिक उपल्धि हासिल कर पाते | जबकि मुल हिन्दूओं ने हजारो साल पहले उस समय ही सिन्धु घाटी सभ्यता संस्कृती का निर्माण जैसे प्राचिन उपलब्धि को भी हासिल कर लिया था जब इस कृषि प्रधान देश में यहूदि DNA के मनुवादियो का आगमन भी नही हुआ था | जिसका राखीगड़ DNA रिपोर्ट भी आ चुका है कि ढाई से तीन हजार साल दपहले तक इस देश में मनुवादियो का मौजुदिगी का DNA प्रमाण नही मिला है | जबकि उससे पहले ही इस कृषि प्रधान देश में आधुनिक सभ्यता संस्कृती और गणतंत्र का निर्माण सिन्धु नदी के किनारे हो चुका था | जिसे फारस और अरब के लोगो ने सिन्धु को हिन्दू कहकर इस देश को हिन्दूस्तान कहा , और  यूनान के लोगो ने सिन्धु को इंडु कहकर इस देश को इंडिया कहा | जो इंडिया शब्द संविधान में भी लिखा हुआ है | जिस इंडिया शब्द को अपनी भाषा बोली के आधार पर विदेशियो ने दिया है | जैसे कि हम अपनी हिन्दी भाषा बोली में English को अंग्रेजी कहते हैं | इसका मतलब ये नही कि English और अंग्रेजी का मतलब अलग होता है | उसी तरह इंडिया और हिन्दूस्तान का मतलब सिन्धु से ही जुड़ा हुआ शब्द है | न कि यूरेशिया से जुड़ा हआ है कि मनुवादियो को मुल हिन्दू मान लिया जाय और हिन्दू परिवार समाज में जन्मे sc,st,obc को हिन्दू माना ही न जाय | जो sc,st,obc चाहे धर्म बदलकर जिस धर्म में भी मौजुद हो उन सभी के पुर्वज मुल हिन्दू ही थे | जिसके चलते अंबेडकर को भी स्वीकार करना पड़ा कि उनका जन्म हिन्दू परिवार में हुआ है | दरसल sc,st,obc को तुम हिन्दू नही हो कहकर भ्रमित इसलिए किया जा रहा है , ताकि किसी भी तरह से भ्रमित करके अपने धर्म के प्रति हिन भावना उत्पन्न करके उनसे धर्म परिवर्तन कराया जा सके | जिसकी कोशिष में ही तो भ्रम फैलाने वाले सिर्फ हिन्दू धर्म में मौजुद sc,st,obc को तुम हिन्दू नही हो ये भ्रम फैलाकर दिन रात लार टपकाते फिरते हैं | बजाय इसके कि वे अपने धर्मो के साथ साथ बाकि भी सभी धर्मो के लोगो को यह बतलाते कि इस देश के मुलनिवासी ही मुल हिन्दू हैं | जो छुवा छुत नही करते हैं | जैसे कि अंबेडकर ने भी कभी भी छुवा छुत नही किया | जिन्होने अपना हिन्दू धर्म परिवर्तन जिवन के अंतिम पड़ाव में तब किया जब यहूदि DNA के मनुवादियो द्वारा भारी भेदभाव शोषण अत्याचार किये जाने की वजह से उन्हे लगा कि मुल हिन्दू मनुवादि लोग हैं | जो लोग ऐसे मांसिक बिमार लोग हैं , जिनकी छुवा छुत बिमारी से दुर ले जाने के लिए अपना धर्म परिवर्तन करने का फैशला किया | क्योंकि उनके लिए सभी धर्मो के बारे में मंथन करने के बाद मनुवादियो से छुटकारा पाने का बेहत्तर मार्ग बौद्ध धर्म अपनाना लगा | न कि उन्होने कभी भितर से ये कहा है कि चूँकि खुद भी वे हिन्दू परिवार में जन्म लेकर देश विदेश की कई उच्च डिग्री हासिल करके हिन्दू रहते ऐतिहासिक जिवन जीया है , इसलिए उन्होने बिमार होकर अजाद देश का संविधान और हिन्दू कोड बिल की रचना किया है | जो वे कभी कह भी नही सकते थे , क्योंकि मुल हिन्दू साथ में मिल जुलकर आपस में जोड़ाकर नाच गान करते और प्राकृतिक पर्व त्योहार मनाते हुए खुशियो का मेला लगाता है | जो खुशियों का मेला लगाने के लिए मनुवादि मनुस्मृति रचना किये हैं क्या ? क्योंकि सच्चाई ये है कि मनुवादि लोग मुल हिन्दू नही हैं | बस हिन्दू नकाब लगाकर इस देश के मुल हिन्दूओ को मानो रामराज का वानर सेना बनाकर मनुस्मृति को फिर से अपडेट करना चाहते हैं | ताकि राजा राम की तरह खुदकी भी पुजा कराते हुए शंभुक प्रजा को दुःख पीड़ा देकर ढोल ,गंवार ,शूद्र ,पशु ,नारी सकल ताड़न के अधिकारी का पालन करते हुए सीता को धरती में समवाकर , खुद भी जिते जी सरयू नदी में डूबकर अपनी अपडेट मनुवादी शासन समाप्त कर सके | लेकिन इसबार का अपडेट मनुवादी शासन रामराज की तरह खुद ही समाप्त नही होगा | बल्कि अपने पुर्वजो के द्वारा रचे वेद पुराणो का ज्ञान हासिल शंभुक प्रजा द्वारा करके वेद पुराणो में की गई छुवा छुत ढोंग पाखंड मिलावट को दुर करते हुए कड़ी संघर्ष करके मनुवादी शासन समाप्त होगा |

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